गौतम बुद्ध पर 10 लाइन निबंध

आप सभी ने गौतम बुद्ध का नाम तो सुना ही होगा । उन्होने बौद्ध धर्म कि स्थापना कि थी । आज हम इस लेख में गौतम बुद्ध के बारे में 10 लाइन में बताएँगे । गौतम बुद्ध के बारे में सारी जानकारी प्राप्त करने के लिए इस लेख को अंत तक ज़रूर पढे ।

10 Lines On Gautam Buddha In Hindi

गौतम बुद्ध प्राचीन भारत के श्रमण थे (563 ईसा पूर्व – निर्वाण 483 ईसा पूर्व) । उनका जन्म 563 ईसा पूर्व को लुम्बिनी क्षेत्र में क्षत्रिय शाक्य कुल के राजा शुद्धोदन के घर में हुआ था । उनकी माता कोलिय वंश से थी, जिनका नाम महामाया था । गौतम बुद्ध का नाम सिद्धार्थ रखा गया था । उनके जन्म के 7 दिन पश्चात ही रानी महामाया का निधन हो गया था । वे अपनी मौसी महाप्रजापति गौतमी के पास बड़े हुए ।

सिद्धार्थ के नामकरण विधि में राजा सुद्धोधन ने 8 महान पंडितो को बुलवाया था । सभी पंडितो ने यह भविष्यवाणी कि थी के यह बालक बड़ा होकर या तो बहुत बड़ा राजा बनेगा या फिर कोई महान पवित्र प्रदर्शक बनेगा । सिद्धार्थ कि शादी 16 साल कि उम्र में यशोधरा से हुई थी और उनका एक बेटा भी हुआ जिसका नाम राहुल था । नवजात शिशु और पत्नी को छोड़कर सिद्धार्थ ने संसार त्याग दिया था । उन्होने इस जन्म-मरण के चक्र का निवारण लाने के लिए संसार को त्याग दिया था ।

संसार छोड़ने के बाद वे भिक्षा मांग कर अपना गुजारा करते थे । पहले तो वह केवल तिल-चावल खा कर अपना गुजारा करते थे । बाद में वह लेना भी बांध कर दिया था । 6 साल बाद भी उन्हे उनकी तपस्या का फल प्राप्त नहीं हुआ था । तब उन्हे विचार आया कि किसी भी प्राप्ति हासिल करने के लिए कठोर तपस्या करनी पड़ती है ।

कठोर तपस्या के बाद उन्हे एक दिन बोध गया बिहार में बौद्ध वृक्ष के नीचे बैठ कर ज्ञान कि प्राप्ति हुई और उन्हे बौद्ध कहलाया गया । वे अपने धर्म का प्रचार पाली भाषा में करते थे । उनके सीधे और सरल धर्म कि वजह से तेजी से लोकप्रियता बढ्ने लगी । 

आषाढ़ महीने की पुर्णिमा को गौतम बुद्ध सारनाथ पाहुचे और वही से उन्होने बुद्ध धर्म का प्रचार करना शुरू किया था । वह उन्होने अपने 5 मित्रो को अपना अनुदाई बनाया था और उन्हे भी प्रचार करने के लिए भेज दिया था । जब गौतम बुद्ध सन्यासी के रूप में  लुम्बिनी वापिस गए तो उनकी पत्नी यशोधरा ने उनके पुत्र राहुल को ही भिक्षा में दे दिया । गौतम बुद्ध की मौसी महारानी गौतमी बौद्ध संघ कि सबसे पहली सदस्य बनी । आनंद गौतम बुद्ध का सबसे प्रिय शिष्य था ।

गौतम बुद्ध के धर्म प्रचार से उनके शिष्य बढ्ने लगे । कही राजा महाराजा भी उनकी शरण में आए । 80 साल कि उम्र में गौतम बुद्ध का निधन हो गया । उनके पार्थिव शरीर को 8 भागो में विभाजित किया गया जो 8 अलग-अलग स्तूप में सुरक्शित रखा गया है।

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  1. गौतम बुद्ध को बुद्ध, भगवान बुद्ध, सिद्धत्था गोतम, सिद्धहार्थ गौतम और बुद्ध शक्यमुनी के नाम से भी जाना जाता है ।
  2. गौतम बुद्ध ने बचपन में गुरु विश्वमात्र से वेद और उपनिषद कि सिद्धि हासिल कि । इसके पश्चात उन्होने कुश्ती, घुड़दौड़, तीर-कमान, रथ कि तालिम भी ली थी ।
  3. गौतम बुद्ध बौद्ध धर्म के स्थापक है जो नेपाल, चाइना, थायलैंड और पड़ोसी देशो में काफी प्रचलित धर्म है ।
  4. 29 वर्ष कि आयु में गौतम बुद्ध ने अपनी पत्नी एवं नवजात शिशु को छोड़कर संसार कि मोह माया से मुक्त हो चुके थे ।
  5. गौतम बुद्ध ने कई वर्षो कि कठोर  तपस्या के बाद बौद्ध गया बिहार में बोधि वृक्ष के नीचे ज्ञान कि प्राप्ति हुई और वही उन्होने बौद्ध धर्मा कि स्थापना कि ।
  6. गौतम बुद्ध 80 साल कि उम्र में अपने धर्म का प्रचार संस्कृत भाषा के बदले उस समय कि प्रचलित भाषा पाली में करते थे ।
  7. आषाढ़ महीने की पुर्णिमा को गौतम बुद्ध सारनाथ पाहुचे और वही से उन्होने बुद्ध धर्म का प्रचार करना शुरू किया था ।
  8. वह उन्होने अपने 5 मित्रो को अपना अनुदाई बनाया था और उन्हे भी प्रचार करने के लिए भेज दिया था ।
  9. जब गौतम बुद्ध सन्यासी के रूप में  लुम्बिनी वापिस गए तो उनकी पत्नी यशोधरा ने उनके पुत्र राहुल को ही भिक्षा में दे दिया । 
  10. गौतम बुद्ध को एशिया के ज्योति पुंज के नाम से भी माना जाता है ।

FAQ

गौतम बुद्ध कोन थे?

गौतम बुद्ध बौद्ध धर्म के स्थापक है ।

गौतम बुद्ध का जन्म कब और कहा हुआ?

गौतम बुद्ध का जन्म 563 ईसा पूर्व को लुम्बिनी क्षेत्र में क्षत्रिय शाक्य कुल के राजा शुद्धोदन के घर में हुआ था ।

गौतम बुद्ध ने बौद्ध धर्म की स्थापना कहा कि?

गौतम बुद्ध ने कई वर्षो कि कठोर  तपस्या के बाद बौद्ध गया बिहार में बोधि वृक्ष के नीचे ज्ञान कि प्राप्ति हुई और वही उन्होने बौद्ध धर्मा कि स्थापना कि ।

गौतम बुद्ध ने बौद्ध धर्म से लोगो को क्या उपदेश देते है?

गौतम बुद्ध ने बौद्ध धर्म से लोगो को माध्यम मार्ग का, दुख के कारण और उसके निवारण के लिए अष्टांगिक मार्ग का, अहिंसा का उपदेश दिया । उन्होने यज्ञ एवं पशु बाली की निंदा भी कि । 

गौतम बुद्ध को क्या माना जाता है?

गौतम बुद्ध को एशिया के ज्योति पुंज के नाम से भी माना जाता है ।

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निष्कर्ष – इस लेख से हमने यह जाना कि महात्मा गौतम बुद्ध बड़े ही वीध्वान, परोपकारी और गरीबो के हितकारी थे । उन्होने बौद्ध धर्म कि स्थापना करके लोगो को उनके मार्ग पर चलने का रास्ता दिखाया । उम्मीद है आपको यह लेख पसंद आया होगा । कुछ सवाल या अन्य कोई जानकारी के लिए आप नीचे कमेंट करके ज़रूर बताए ।

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