जयपुर में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगह | Best places To Visit In Jaipur In Hindi

नमस्कार दोस्तों! इस लेख में जयपुर में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगह के बारे में जानकारी दी गई हैं। जयपुर भारत का सबसे खूबसूरत और पुराना शहर है जो प्रमुख पर्यटक स्थल है, यदि आप सभी भी जयपुर में घूमने के प्लान बना रहे हैं तो उससे पहले आपको जयपुर में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगह के बारे में जानना आवश्यक है।

हमारे इस आर्टिकल के माध्यम से जयपुर में घूमने के सभी अच्छे स्थानों के बारे में बताया गया है जो बहुत खूबसूरत शहर है, इसके के द्वारा हम जयपुर के इतिहास के बारे में भी जानेंगे।

जयपुर (Jaipur)

जयपुर गुलाबी शहर के नाम से मशहूर है और यह भारत का पुराना शहर है तथा इसकी सुंदरता भी मोहित करने वाली है। जयपुर समृद्ध वास्तु कला विरासत का एक अद्भुत नमूना है, यदि आप सभी जयपुर में घूमने जाएंगे तो आपको यहां पुरानी इमारतें और वीरता के लड़ाइयों के किस्से तथा शानदार किले देखने को मिलेंगे।

जयपुर शहर यात्रा करने तथा घूमने के लिए सबसे खूबसूरत स्थल है यहां घूमने के लिए दो चार जगह ही नहीं बल्कि कई जगह हैं यहां जाकर हम मनोरंजन कर सकते हैं और ऐतिहासिक इमारतों के बारे में भी जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं।

अल्बर्ट हॉल संग्रहालय (place to visit in Jaipur Albert hall museum)

अल्बर्ट हॉल संग्रहालय जयपुर का एक प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल है, यह रामनिवास उद्यान में स्थित है। अल्बर्ट हॉल संग्रहालय राजस्थान का सबसे पुराना संग्रहालय है जिसे आदर्श का प्रतीक माना जाता है। अल्बर्ट हॉल संग्रहालय एक अद्भुत इमारत है और इस इमारत को प्रिंस ऑफ वेल्स अर्थात अल्बर्ट एडवर्ड के नाम से भी जाना जाता है।

अल्बर्ट हॉल संग्रहालय को सरकारी केंद्रीय संग्रहालय भी कहा जाता जाता है इस संग्रहालय में दुनिया के विभिन्न क्षेत्र के लाए गए कलाकृतियों का संग्रह है। अल्बर्ट हॉल संग्रहालय हरे-भरे बाग बगीचों से सुशोभित होता हुआ बहुत खूबसूरत दिखाई देता है।

यह संग्रहालय प्राचीन वस्तुओं और कलाकृतियों का एक संग्रह है जो अद्भुत है इस संग्रहालय की कलाकृतियां सभी पर्यटकों को हैरान कर देती है। अल्बर्ट हॉल संग्रहालय में मिट्टी के बर्तन, संगमरमर की कला और प्राचीन सिक्के तथा इनके अलावा इतिहास से जुड़ी विभिन्न प्रकार की वस्तुएं मिलते हैं।

आमेर का किला (Amer fort Jaipur)

आमेर किला जयपुर का सबसे बड़ा किला है यहां हर साल भारत वासियों के अलावा विदेशी लोग भी बड़ी संख्या में पहुंचते हैं। आमेर का किला जयपुर से लगभग 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जिसका निर्माण गुलाबी और पीले बलुआ पत्थरों से किया गया है।

यह एक छोटा सा शहर है जिसका क्षेत्रफल लगभग 4 वर्ग किलोमीटर है, यह एक समय में राजस्थान की राजधानी के रूप में जाना जाता था और वर्तमान में पूरे विश्व में आने वाले पर्यटकों के लिए एक प्रमुख पर्यटक का आकर्षण केंद्र है।

यहां घूमने के साथ-साथ आप सभी 7बजे से लेकर 8 बजे के बीच में अंग्रेजी और हिंदी लाइट शो का आनंद भी ले सकते हैं।

नाहरगढ़ किला (Nahargarh fort)

यह किला जयपुर के गुलाबी शहर में स्थित है जो सुंदर होने के साथ-साथ ऐतिहासिक इमारतों में से भी एक है। इस इमारत की नाजुक नक्काशी और पत्थरों की नक्काशी के साथ नाहरगढ़ किले का सुंदरता अद्भुत है जो अपने आसपास के 2 पड़ोसी किलें अर्थात आमेर किले और जयगढ़ किले के साथ मिलकर जयपुर शहर की खूबसूरती को और अधिक आकर्षक बनाता है।

यह किला जयपुर शहर की रक्षा करता है, यह अरावली पहाड़ियों पर स्थित किला महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय द्वारा सन 1734 में बनाया गया था जिसे मुख्य रूप से सुदर्शन गढ़ किला कहा जाता था।

इस किले का निर्माण मुख्य रूप से साहिब घराने की महिलाओं के लिए बनवाया गया था यहां के किले एक प्रसिद्ध और आकर्षण के केंद्र हैं जो बायोलॉजिकल पार्क और राज्य के जानवरों के लिए आश्रय स्थल का कार्य करते हैं।

बिरला मंदिर (Birla temple)

बिरला टेंपल जयपुर का प्रसिद्ध मंदिर है, जयपुर का यह मंदिर बहुत शानदार और हिंदुओं का प्रसिद्ध मंदिर है जो देश में व्याप्त कई बिरला मंदिरों में से एक है। इस मंदिर में भगवान विष्णु संरक्षक और उनकी पत्नी लक्ष्मी समर्पित है। बिरला मंदिर लक्ष्मी नारायण मंदिर के रूप में विश्व में प्रसिद्ध है।

इस मंदिर का निर्माण प्राचीन हिंदू वास्तुकला शैली और आधुनिक डिजाइनों के आधार पर बनाया गया है। यह मंदिर जन्माष्टमी के त्यौहार के अवसर पर बहुत खूबसूरत दिखाई देता है क्योंकि इन दिनों इस मंदिर को बहुत अच्छे से सजाया जाता है।

जयगढ़ किला (jaigarh kila)

जयगढ़ किला जयपुर शहर का सबसे प्रमुख और खूबसूरत पर्यटन स्थल है, जयपुर के गुलाबी शहर में यह किला पहाड़ियों पर स्थित है जिसकी संरचना भव्य है। यह किला शानदार इमारत है जो सवाई जयसिंह द्वितीय द्वारा 1726 में आमेर किले की सुरक्षा के लिए बनाई गई थी।

इस किले को विजय के रूप में जाना जाता है जयपुर शहर का यह किला शानदार दृश्य प्रस्तुत करता है। यह किला समृद्ध शहर के अतीत को दर्शाता है और इस शहर का नाम शासक के नाम पर रखा गया है जिसने इसे बनवाया था।

जयपुर का इतिहास (history of Jaipur)

जयपुर शहर में सत्ता में रहने के लिए कई सालों तक कठिन संघर्ष किया है और 1948 तक जयपुर एक रियासत के रूप में रहा है। जयपुर का सबसे पहला शासन सवाई जयसिंह ने किया था तथा इसके बाद ईश्वरी सिंह और कछवाहा वंश से संबंधित विभिन्न शासकों ने जयपुर की सत्ता को संभाला था।

जयपुर शहर 7 अप्रैल 1949 को भारतीय स्वरूप का हिस्सा बना था, तथा इस शहर का निर्माण आमेर के राजा महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय के द्वारा कराया गया था। यह भारत देश का एक ऐसा शहर है जो विशाल शास्त्रों के अनुसार योजनाबद्ध के रूप में तैयार किया गया था।

जयपुर शहर वास्तु कला का एक शानदार उदाहरण है जिसका निर्माण 8 भाग मंडला के रूप में किया गया है तथा बताया जाता है कि राजा सवाई सिंह को खगोल विज्ञान का अच्छा ज्ञान था।

स्वामीनारायण मंदिर (Swaminarayan Temple)

स्वामीनारायण मंदिर हिंदू भगवान को समर्पित है यह मंदिर अपनी सुंदर वास्तुकला और शानदार मूर्तियों के कारण पूरे देश में जाना जाता है। इस मंदिर के चारों ओर हरे भरे पेड़ पौधे और शांत वातावरण की सुंदरता इस मंदिर के सुंदरता को और अधिक बढ़ा देती है।

स्वामीनारायण मंदिर के चारों ओर के सुंदर वातावरण को देखकर पर्यटक इसकी ओर आकर्षित होते हैं अर्थात यह मंदिर आकर्षण का केंद्र है जो अपनी सुंदरता और प्रसिद्धि के कारण प्रसिद्ध तीर्थ स्थल के रूप में मशहूर है।

चांदपोल (chandpol Jaipur)

यदि आप सभी घूमने जाने के दौरान मार्केटिंग करना पसंद करते हैं तो आपको यह मार्केटिंग का सुविधा देता है यहां आप सभी को जरूर जाना चाहिए। जयपुर में राजपूत वास्तुकला की बेहतरीन नमूनों में से एक चांदपोल प्रसिद्ध पुराना बाजार है जो राजस्थानी संस्कृति की झलक प्रस्तुत करता है।

पतंग महोत्सव (attraction kite festival Jaipur)

यह एक प्रकार का अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव है जो प्रत्येक वर्ष आयोजित किया जाता है। पतंग महोत्सव का आयोजन मकर संक्रांति के त्यौहार पर आयोजित किया जाता है इन दिनों आप यहां घूमने जाने पर पतंगबाजी का आनंद ले सकते हैं और पतंग को उड़ा कर मनोरंजन भी कर सकते हैं।

मकर संक्रांति त्यौहार के अवसर पर आयोजित किए जाने वाला पतंग महोत्सव पूरे विश्व में प्रसिद्ध है जिसे देखने और पतंगबाजी में भाग लेने के लिए दुनिया भर के लोग आते हैं तथा पतंग उड़ाने का आनंद लेते हैं।

राज मंदिर सिनेमा (Raj Mandir cinema)

राज मंदिर सिनेमा जयपुर का प्रमुख आकर्षण केंद्र है जहां भगवान दास रोड पर स्थित एक पुराने दिनों का फिल्म थिएटर है। राजमंदिर सिनेमा को इमारत के रूप में मेरिंग्यू के आकार में बनाया गया है। राजमंदिर शहर में एक लोकप्रिय स्थल के रूप में प्रसिद्ध है जिसे सन 1976 में खोला गया है।

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल (Jaipur literature festival)

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल सबसे बड़ा साहित्यिक समारोह में से एक है जो आप सभी पर्यटकों को दुनियाभर के प्रसिद्ध लेखकों, नेताओं और मनोरंजन करता है तथा प्रतिष्ठित व्यक्तियों के विविध मिश्रण के साथ बातचीत करने का अवसर देता है।

भारत के गुलाबी शहर अर्थात जयपुर में प्रत्येक वर्ष जनवरी के महीने में प्रमुख साहित्य उत्सव आयोजित किया जाता है। सन 2006 में जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल की शुरुआत की गई थी और वर्तमान में भी प्रत्येक वर्ष इस फेस्टिवल को देखने के लिए लाखों की संख्या में लोग उपस्थित होते हैं।

निष्कर्ष

यदि आप सभी भी घूमने में रुचि रखते हैं अर्थात आप सभी को जयपुर और अन्य जगहों पर घूमने का शौक है तो आप सभी हमारे आर्टिकल को पढ़कर सभी सुंदर और ऐतिहासिक तथा धार्मिक पर्यटन स्थलों के बारे में जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं।

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अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

जयपुर भारतीय स्वरूप का हिस्सा कब बना था ?

जयपुर शहर 7 अप्रैल 1949 को भारतीय स्वरूप का हिस्सा बना था, और इस शहर का निर्माण आमेर के राजा महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय के द्वारा कराया गया था।

जयगढ़ किला को क्यों बनाया गया है?

जयगढ़ किले को आमेर किले की सुरक्षा के लिए बनवाया गया था, इसके लिए को 1726 में सवाई जयसिंह द्वितीय के द्वारा बनाया गया था।

राजस्थान का सबसे पुराना संग्रहालय किसे कहा जाता है?

अल्बर्ट हॉल संग्रहालय को राजस्थान का सबसे पुराना संग्रहालय कहा जाता है और यह संग्रहालय आदर्श का प्रतीक भी माना जाता है।

गुलाबी शहर के नाम से कौनसा शहर मशहूर है ?

जयपुर शहर गुलाबी शहर के नाम से मशहूर है यह भारत का पुराना शहर है और यह बहुत खूबसूरत शहर है।

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