
Bhairav Chalisa PDF download in Hindi : पुराणों के अनुसार श्री भैरव चालीसा का विशेष महत्व है। भैरव कलयुग के जागृत देवता हैं। जीवन के हर संकट से मुक्ति पाने के लिए भैरव चालीसा का पाठ करना बहुत चमत्कारिक साबित होता है। बाबा भैरव को माता वैष्णो देवी का वरदान प्राप्त है इसलिए शिव पुराण में भैरव को महादेव का पूर्ण रूप बताया गया है। पुराणों में भैरव का एक संस्करण मिलता है इस संस्करण में देवता और असुरों के बीच युद्ध हुआ था। असुरों का नाश करने के लिए भगवान शिव ने काल भैरव की रचना अष्टांग भैरव की उत्पत्ति के रूप में की थी।
Bhairav Chalisa PDF download in Hindi से भैरव चालीसा प्राप्त की जा सकती है जिसके लिए आपको पैसे खर्च करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। आप इस चालीसा को फ्री में अपने मोबाइल में डाउनलोड करके प्रतिदिन भैरव चालीसा का पाठ कर सकते हैं। पुराणों में कुछ ऐसी मान्यता है कि काल भैरव के रूप में भगवान शिव प्रत्येक शक्तिपीठ की रक्षा करते हैं। भगवान शिव ने स्वयं भैरव की रचना की है। बाबा भैरव की पूजा करने का सबसे अच्छा और शुभ समय रविवार को शाम 4:30 से 6:00 के बीच का राहु काल होता है।
Book Name | Bhairav Chalisa PDF download in Hindi |
Type | |
Language | Hindi |
Part | Complete |
Downloads | 950+ |
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Bhairav Chalisa PDF download in Hindi
Bhairav Chalisa PDF download कर नियमित रूप से भैरव बाबा की चालीसा पाठ की जा सकती है। भगवान भैरव को नारियल, सिंदूर, फूल और सरसों का तेल चढ़ाकर प्रसन्न किया जा सकता है। भैरव बाबा शक्तिपीठ की रक्षा करते हैं। सफलता, स्वास्थ्य और बाधा निवारण के लिए विशेष रूप से भैरव बाबा की पूजा अर्चना की जाती है। मान्यता है कि भैरव अष्टमी का व्रत करने से भक्त पाप और मृत्यु के भय से मुक्त हो जाते है।
Bhairav Chalisa Hindi PDF के माध्यम से भैरव चालीसा हिंदी पीडीएफ डाउनलोड की जा सकती है जिसके लिए पैसा खर्च करने का आवश्यकता नहीं पड़ेगा। श्री भैरव चालीसा का पाठ नियमित रूप से सच्चे श्रद्धा भाव और सच्चे मन से करने पर इसके प्रभाव से मनुष्य के जीवन में चमत्कारिक परिवर्तन देखने को मिलता है। धर्म ग्रंथ के अनुसार भगवान शिव के रक्त से भैरव देव की उत्पत्ति हुई थी। भैरव के दो प्रकार होते हैं बटुक भैरव और काल भैरव।
Bhairav Chalisa Hindi PDF से भैरव चालीसा में बाबा भैरव से संबंधित विभिन्न जानकारियां प्राप्त की जा सकती है। हमारे देश में काल भैरव का सबसे जागृत और प्रसिद्ध मंदिर उज्जैन और काशी में है, तथा बटुक भैरव का प्रसिद्ध मंदिर लखनऊ में हैं। भैरव देव का स्वरूप दिखने में बहुत भयानक होता है लेकिन सच्चे मन से जो भी भैरव देव की पूजा और चालीसा पाठ करता है ,उनकी सुरक्षा का भार भैरव जी स्वयं उठाते हैं। अपने भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं और जीवन में आए हुए सभी संकट तथा विपत्तियों को दूर करते हैं। जीवन में मंगल और शुभ कार्य की वृद्धि के लिए भैरव देव की पूजा की जाती है जिससे घर परिवार में खुशियां आती है।
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निष्कर्ष
भैरव चालीसा के पाठ से भय से मुक्ति मिलती है। आत्मविश्वास बढ़ता है और जीवन में साहस तथा निडरता की अनुभूति होती है। बाबा भैरव को सुख का दाता माना जाता है इनकी भैरव चालीसा करने से सारी कठिनाइयां दूर होती है और जीवन में सुख शांति तथा समृद्धि आती है। भैरव चालीसा के पाठ से शारीरिक कष्ट दूर होते है। भूत प्रेत से निडरता और भय घबराहट से मुक्ति मिलती है।

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम अमृत यादव है और पेशे से मैं एक ब्लॉगर और लेखक हूं, जो लेख आप अभी पढ़ रहे हैं वह मेरे द्वारा लिखा गया है, मैं अभी बीकॉम फाइनल ईयर की पढ़ाई कर रहा हूं।