आज के आर्टिकल में हम कोरोना काल में शिक्षा और छात्रों पर निबंध लेखन लेकर आए हैं, कोरोना काल के दौरान हम सभी विद्यार्थियों का शिक्षा बहुत ही प्रभावित हुआ है, आप सभी विद्यार्थियों को पता होगा कि कोरोना काल के दौरान हमारे स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए थे ताकि हम सभी विद्यार्थी और शिक्षक इस भयंकर बीमारी से संक्रमित ना हो, हमारा यह निबंध लेखन, सभी विद्यार्थियों के निबंध लेखन में सहायक होगा तथा इससे सभी विद्यार्थियों को कोरोना काल में शिक्षा और छात्र पर जानकारी प्राप्त होगा,
अक्सर सभी विद्यालयों में परीक्षाओं में कोरोना जैसे संक्रामक रोग के बारे में निबंध लेखन का प्रश्न दिया जाता है, ताकि इससे विद्यार्थी कोरोना काल में शिक्षा और छात्र पर जानकारी प्राप्त कर सकें और यह जानना हम सभी के लिए आवश्यक है, क्योंकि इस दौरान हम सभी का शिक्षा बहुत प्रभावित हुआ है, हमारे स्कूल कॉलेज बंद हो गए जिसके वजह से हमें ऑनलाइन मोड पर घर पर रहकर अध्ययन कराया गया और विद्यार्थियों का परीक्षा लिए बिना ही पास कर दिया गया, जो विद्यार्थियों के लिए बहुत ही गलत है।
तो चलिए आज के आर्टिकल को शुरू करते हैं और कोरोना काल में हमारा शिक्षा कैसे प्रभावित हुआ, छात्रों को इस दौरान किस तरह से शिक्षा दिया गया आदि सभी जानकारियों के बारे में विस्तार पूर्वक जानते हैं.

कोरोना काल में शिक्षा और छात्र पर निबंध
प्रस्तावना:-
कोरोनावायरस आज संपूर्ण विश्व में फैल चुका है, इस वायरस में विश्व के अर्थव्यवस्था, शैक्षणिक व्यवस्था, तथा सामाजिक व्यवस्था को भी प्रभावित किया है, इस वायरस के कारण विश्व में लाखों लोगों की जान जा चुकी है, वर्तमान में कई देश कोरोनावायरस के प्रभाव को कम करने में काफी हद तक सफल हुए हैं, कोरोनावायरस के कारण हमारे शिक्षा के क्षेत्र में बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है यह बहुत ही चिंताजनक है क्योंकि शिक्षा से जुड़े सभी विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए यह समय बहुत ही नकारात्मक और नाजुक समय रहा है।
कोरोना काल में शिक्षा व्यवस्था:-
कोरोनावायरस के कारण हमारे शिक्षा संस्थानों को बंद कर दिया गया था तथा पूरे देश को लॉकडाउन किया गया था जिससे लोगों का आवागमन कम है और इस वायरस को कम किया जा सके, और इससे काफी हद तक कोरोनावायरस को कम किया जा चुका है, कोरोनावायरस के प्रभाव को कम करने के लिए सरकार ने समय-समय पर लॉक डाउन की व्यवस्था की थी, जिसके कारण सभी क्षेत्र की प्रगति पर रोक लग गई थी और इससे शिक्षा के क्षेत्र में भी काफी परिवर्तन हुआ, देश में लॉकडाउन के कारण समस्त कॉलेज और विद्यालय तथा कोचिंग संस्थान पूर्ण रूप से बंद कर दिए गए थे, और विद्यार्थियों के शिक्षा को ऑनलाइन के रूप में लिया जाने लगा, विद्यार्थियों को ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से नोट्स तथा प्रोजेक्ट उपलब्ध कराए जा रहे थे।
विभिन्न प्रकार के ऐप के माध्यम से छात्रों को पढ़ाया जा रहा था, कोरोना महामारी के कारण देश में होने वाली सभी परीक्षाओं पर रोक लगा दिया गया था, इसके साथ ही 10वीं 12वीं के परीक्षाओं पर रोक लगा दिया गया था, इस स्थिति में विद्यार्थियों का अध्ययन केप्रति उत्साह पर बहुत ही नकारात्मक प्रभाव पड़ा, तथा सत्र 2020- 21 में कॉलेज की प्रथम तथा द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों को बिना परीक्षा के प्रमोट किया गया था, तथा वर्तमान में भी विश्वविद्यालय के परीक्षाओं को ऑनलाइन मोड में संचालित किया जा रहा है, जिससे विद्यार्थियों का अध्ययन करने के प्रति रुचि कम होते जा रहा है।
करोना काल में छात्रों पर प्रभाव:-
कोविड-19 अर्थात 2019 में चीन से फैलते हुए इस कोरोनावायरस का प्रकोप सभी जगह पर फैल चुका, भारत में 2020 में इस वायरसने पहुंचकर कई व्यक्तियों के परिवार तथा जीवन को नष्ट कर दिया, किसी भी विद्यार्थी के जीवन का मुख्य उद्देश्य शिक्षा प्राप्त करना होता है, कोरोनावायरस के कारण प्रत्येक विद्यार्थी निराशाजनक से गुजर रहे हैं, जो छात्र नई कक्षाओं में प्रवेश लेना चाहते हैं उन्हें पिछले सत्र के परिणाम ना मिलने के कारण प्रवेश नहीं मिल पा रही हैं जिससे विद्यार्थियों को विभिन्न प्रकार की समस्याओं को झेलना पड़ रहा है।
विद्यार्थियों को ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली का उपयोग करके शिक्षा से जोड़ा जा रहा है परंतु गांव में रहने वाले गरीब परिवार के विद्यार्थियों के पास ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली का लाभ प्राप्त कर पाना बहुत ही मुश्किल हो जाता है क्योंकि गांव में इंटरनेट और ऑनलाइन माध्यम से पढ़ने के लिए मोबाइल, कंप्यूटर, लैपटॉप आदि की व्यवस्था कर पाना मुश्किल होता है।
कुछ विद्यार्थी ऐसे होते हैं जो साल के शुरुआत से अच्छे अंक लाने के लिए बहुत ज्यादा मेहनत करते हैं, जिससे विद्यार्थियों को मानसिक रूप से तनाव हो जाता है, इससे विद्यार्थियों के खेल तथा अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी रुकावटें आती है। इसके अतिरिक्त इंटरनेट पर शिक्षा से संबंधित संपूर्ण विषय वस्तु संबंधी ज्ञान अर्जित किया जा सकता है किंतु ग्रामीण क्षेत्र में इंटरनेट की सुविधा अच्छी ना होने के कारण ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों को बहुत से चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
कोरोना से छात्रों की शिक्षा का हानि:-
1. कोरोनावायरस के कारण देश के प्रत्येक छात्रों का पढ़ाई बहुत वंचित हुआ है, इसके कारण विद्यार्थियों तथा अध्यापकों के बीच अच्छी सामंजस्य स्थापित नहीं हो पाती है।
2. इस वायरस में छात्रों के शिक्षा के प्रति रुचि को कम कर दिया तथा इस वायरस ने छात्रों पर बहुत ही नकारात्मक प्रभाव डाला है।
3. कोरोनावायरस के कारण स्कूल कॉलेज बंद हो गए और छात्रों को ऑनलाइन माध्यम से शिक्षा दिया जाने लगा जिससे विद्यार्थी का पढ़ाई के प्रति भय कम हुआ और छात्रों ने मन लगाकर पढ़ाई करना काफी हद तक छोड़ दिया।
4. कोरोनावायरस ने हमारी पूरे शिक्षा पद्धति को परिवर्तित करके रख दिया जिससे हमारे अध्ययन में बहुत सी रुकावटें और समस्याएं आई है।
5. विद्यार्थियों की अन्य गतिविधियों के प्रति रुचि का काम होना, इसी कोरोनावायरस के कारण हुआ इस वायरस ने विद्यार्थी जीवन को बहुत ज्यादा प्रभावित किया।
कोरोना काल के दौरान छात्र और शिक्षा को लाभ:-
कोरोना महामारी के दौरान छात्रों को घर पर रहकर शिक्षा प्राप्त कराया गया जिससे छात्रों ने शिक्षा के साथ-साथ अन्य गतिविधियों में भी शिक्षा प्राप्त किया, कोरोनावायरसके समय शिक्षा ऑनलाइन माध्यम से कराया गया जिससे छात्रों के फीस में कम खर्च हुआ और छात्रों की शिक्षा भी वंचित नहीं हुई, इस दौरान सभी विद्यार्थियों ने अपने घर पर रहकर पढ़ाई किया जिसके कारण उनके स्वास्थ्य भी अच्छे रहे, तथा उन्हें कोरोना जैसे गंभीर बीमारी से संक्रमित नहीं होना पड़ा, यह कुछ हद तक सभी विद्यार्थियों के लिए लाभप्रद रहा तथा कुछ विद्यार्थियों के लिए चुनौतीपूर्ण भी रहा है।
उपसंहार:-
कोरोनावायरस ने हम सभी विद्यार्थियों के शिक्षा को बहुत प्रभावित किया तथा शिक्षा में बहुत ज्यादा परिवर्तन लाया, इस वायरस के कारण बहुत से विद्यार्थियों के शिक्षा में सुविधाएं मिली और बहुत से विद्यार्थियों को नुकसान भी सहना पड़ा, जिन विद्यार्थियों ने टॉप करने को सोचा था उन सभी विद्यार्थियों को इस शिक्षा पद्धति ने नकारात्मक रूप से प्रभावित किया, कोरोनावायरस के महामारी के दौरान सभी स्कूल कॉलेज बंद कर दिए गए थे जिसके कारण विद्यार्थियों को घर पर रहकर शिक्षा ग्रहण करना पड़ा इससे विद्यार्थियों की शिक्षा में काफी कम रुचि रहा, और शिक्षकों के संपर्क में ना रहने पर विद्यार्थियों में पढ़ाई के प्रति भय समाप्त हो गया, जिससे विद्यार्थियों ने मन लगाकर पढ़ाई करना छोड़ दिया,
कोरोना काल में शिक्षा और छात्र दोनों पर काफी बुरा प्रभाव पड़ा, इस वायरस के प्रभाव से सभी विद्यार्थियों ने पढ़ाई को ज्यादा महत्व नहीं दिया, कोरोना महामारी के कारण विद्यार्थियों के जीवन में बहुत बुरा प्रभाव पड़ा, इससे हम सभी विद्यार्थियों के ज्ञान में अच्छे से विकास नहीं हो पा रहा , इनके अलावा हमें स्कूल में बहुत से गतिविधियों को सीखने का अवसर प्राप्त होता है, जो इस कोरोना कालके दौरान उन सभी विद्यार्थियों को प्राप्त नहीं हो पाया जिससे हमारे गतिविधियों में कमीआई।

हेल्लो दोस्तों मेरा नाम प्रवीन कुमार है . और में इस ब्लॉग का Owner हूँ. मुझे हिंदी में लेख लिखना पसंद है. और में आपके लिए सरल भाषा में लेख लिखता हूँ.