भ्रष्टाचार पर निबंध | Corruption Essay in Hindi

स्वागत है दोस्तों आपका अपने वेबसाइट में, आज के आर्टिकल में हम भ्रष्टाचार पर निबंध लेकर आए हैं, भ्रष्टाचार हमारे देश का एक बहुत बड़ा मुद्दा है इसके बारे में आप सभी को जानकारी प्राप्त होने चाहिए, हमारे आज के आर्टिकल के माध्यम से आप भ्रष्टाचार पर निबंध लेखन कर सकते हैं तथा भ्रष्टाचार के बारे में जान सकते हैं,

हम सभी जानते हैं कि हमारे समाज में या देश में कई ऐसे व्यक्ति मौजूद हैं जो भ्रष्टाचारी है, पूरी दुनिया में आज भ्रष्टाचार एक बहुत बड़ी मुद्दा बन चुकी है, आज हम भ्रष्टाचार के बारे में आपको सारी जानकारियां देने का कोशिश करेंगे, भ्रष्टाचार पर जानकारी प्राप्त करने के लिए और स्कूल तथा कॉलेज में परीक्षा में भ्रष्टाचार पर निबंध का प्रश्न आने पर आप इस आर्टिकल के मदद से भ्रष्टाचार पर निबंध लेखन का कार्य कर सकते हैं, तो चलिए शुरू करते हैं.

Corruption Essay in Hindi

भ्रष्टाचार पर निबंध 1

प्रस्तावना:-

भ्रष्टाचार एक ऐसा समस्या है जो देश संप्रदाय ,समाज और परिवार के कुछ लोगों के दिमाग में बैठ गया है, भ्रष्टाचार दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है जिसके कारण हमारे देश की आर्थिक स्थिति खराब होती जा रही है, भ्रष्टाचार आज के युग में सबसे बड़ा समस्या है, यह हर क्षेत्र में फैला हुआ है जिसके कारण सभी लोगों को जीवन व्यतीत करने में समस्याएं आ रही है।

भ्रष्टाचार भारत के प्रत्येक क्षेत्र में व्याप्त है, जब कोई व्यक्ति अपने व्यक्तिगत उद्देश्य की पूर्ति करने के लिए अपने सामर्थ्य का दुरुपयोग करता है तो उसे भ्रष्टाचार कहते हैं।

भ्रष्टाचार का शाब्दिक अर्थ भ्रष्ट और आचरण है, जिसमें भ्रष्ट का अर्थ बुरा ,बिगड़ा हुआआचरण होता है, अर्थात वह आचरण जो किसी भी प्रकार से अनैतिक और अनुचित हो उसे भ्रष्टाचार कहते हैं।

भ्रष्टाचार हमारे देश में दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है यह हमारे समाज और राष्ट्र के सभी अंगों को बहुत गंभीरता पूर्वक प्रभावित किए जा रहा है, समाज, देश, संप्रदाय आदि सभी क्षेत्र में व्याप्त है।

भ्रष्टाचार का कारण:-

भ्रष्टाचार कई कारणों से हो सकता है, भ्रष्टाचार मेंअसंतोष एक बहुत ही बड़ा कारण है जब किसी व्यक्ति को कुछ प्राप्त करने की अभाव होती है और उसे वह जल्दी प्राप्त करने की इच्छा करने लगता है तब वह भ्रष्ट आचरण को अपनाने के लिए विवश हो जाता है, तथा भ्रष्टाचार लोभ, लालच, अन्याय और निष्पक्षता के अभाव में भी जन्म लेता है।

  1. चुनाव प्रणाली का दोष युक्त होना
  2. शिक्षा में कमी होना
  3. भ्रष्ट मंत्री एवं शासक
  4. उच्च जीवन स्तर की लालसा।

भ्रष्टाचार का अर्थ:-

भ्रष्टाचार का अर्थ आचरण से होता है अर्थात जब कोई व्यक्ति अपने स्वार्थ के लिए झूठी बातों के द्वारा लोगों को धोखा देता है तो ऐसे व्यक्तियों को भ्रष्ट व्यक्ति कहा जाता है, भ्रष्टाचार से देश में कई समस्याएं आ जाती हैं, भ्रष्टाचार से कम कीमत पर खरीदे वस्तुओं को अधिक कीमत में बेचा जाता है।

भारत में बढ़ता भ्रष्टाचार:-

भारत में भ्रष्टाचार एक बहुत बड़ा गंभीर मुद्दा बन चुका है, यह बहुत अधिक मात्रा में बढ़ चुका है ,लगभग हर क्षेत्र में भ्रष्टाचार बढ़ता ही जा रहा है और इससे देश के विकास में रुकावट आ रही है, और भ्रष्टाचार अग्रसर होते जा रहा हैं।

भ्रष्टाचार दूर करने का उपाय:-

भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए हम सभी को अपनी शिक्षा प्रणाली को उच्च रखना चाहिए, जिससे सही गलत के प्रति सोचने समझने की क्षमता में विस्तार हो सके। भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सभी को शिक्षित होना चाहिए और लोगों को भी शिक्षा के प्रति जागरूक करना चाहिए।

भ्रष्टाचार को रोकने के लिए समाज कल्याण की संस्थाओं पर बल देना चाहिए, तथा प्रशासकीय सुधार करना चाहिए , जो लोग रिश्वत लेते हैं उन्हें तुरंत नौकरी से निकाल देना चाहिए तथा भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए दंड व्यवस्था में सुधार करना चाहिए जो व्यक्ति भ्रष्टाचार करे उनके लिए कड़ी से कड़ी सजा का प्रावधान करना चाहिए।

उपसंहार:-

भ्रष्टाचार एक बहुत ही गंभीर समस्या है इसे दूर करने के लिए कठोर से कठोर कदम उठाने की आवश्यकता होती है, तथा हम सभी को भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए शिक्षा पर बढ़ावा देना चाहिए और लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक करना चाहिए जिससे सभी लोग सही, गलत का विचार कर सके।

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भ्रष्टाचार पर निबंध 2

प्रस्तावना:-

9 दिसंबर को देश में भ्रष्टाचार के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोध दिवस मनाया जाता है, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 31 अक्टूबर 2003 को एक प्रस्ताव पारित कर अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस मनाए जाने की घोषणा की जिसमें भ्रष्टाचार के खिलाफ संपूर्ण राष्ट्र एवं दुनिया इसमें शामिल है। भ्रष्टाचार केवल हमारे समाज में ही नहीं बल्कि संपूर्ण विश्व की समस्या है, और यह भ्रष्टाचार दिन प्रतिदिन बढ़ते ही जा रहा है।

भ्रष्टाचार के कारण:-

  1. मानवीय संवेदनाओं की कमी एवं गरीबी, भुखमरी तथा बढ़ती महंगाई बेरोजगारी जनसंख्या वृद्धि तथा व्यक्तिगत स्वार्थ की वजह से भ्रष्टाचार बढ़ताहै।
  2. कानून व्यवस्था लचीला होने के कारण ही भ्रष्टाचार बढ़ता है।
  3. कुछ लोगों में उच्च पद की आकांक्षा होती है, जिससे वे कुछ धन में संतुष्ट नहीं होते हैं, ऐसे असंतोष और धन लोलुपता व्यक्ति केन्याय अन्याय में अंतर नहीं कर पाते हैं जिससे भ्रष्टाचार की ओर उन्मुख हो जाते हैं।

भ्रष्टाचार के प्रभाव:-

भ्रष्टाचार के कारण अमीर लोग और अमीर हो जाते हैं और गरीब की समस्या बढ़ जातीहैं, भ्रष्टाचार के वजह से बहुत से किसान आज आत्महत्या कर रहे हैं, भुखमरी और बेरोजगारी की समस्या बढ़ती ही जा रही है, और इसके साथ ही मूल्यों और राष्ट्रीय चरित्र का हनन हो रहा है।

भ्रष्टाचार रोकने के उपाय:-

  1. हम सभी को भ्रष्टाचार का विरोध करना चाहिए।
  2. भ्रष्टाचार को रोकने के लिए भ्रष्टाचार करने वालों को कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए।
  3. रिश्वत लेकर या रिश्वत देकर किसी भी कार्यों को करने वाले व्यक्ति को सजा दी जानी चाहिए।
  4. भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार को कड़ी से कड़ी कानून बनाने चाहिए एवं उनका पालन होना चाहिए।

भ्रष्टाचार विरोधी दिवस:-

दुनिया भर में भ्रष्टाचार के खिलाफ लोगों में जागरूकता लाने के लिए 9 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस के रूप में मनाया जाता है, हम सभी को भ्रष्टाचार के खिलाफ विरोध करना चाहिए, औरलोगों में जागरूकता लानी चाहिए।

भ्रष्टाचार के दुष्परिणाम:-

भ्रष्टाचार हर क्षेत्र में व्याप्त है, यह हमारे देश की उन्नति में सबसे बड़ा बाधक होता है इसके कारण गरीब और गरीब होता जाता है और अमीर और अमीर बन जाता है, देश में बेरोजगारी, भूखमरी, घूसखोरी, और अपराध की समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ते ही जा रही हैं, भ्रष्टाचार के कारण कम मूल्यों के सामान को अधिक कीमतों में बेचा जाता है, यह विश्व की सबसे बड़ी समस्या है जिसके कारण गरीब, विवश व्यक्ति आत्महत्या भी कर लेते हैं।

भ्रष्टाचार का इतिहास:-

भ्रष्टाचार वर्तमान युग में उत्पन्न होने वाली समस्या नहीं है, बल्कि यह बहुत वर्षों पहले से दुनिया भर में व्याप्त है। ब्रिटेन द्वारा विश्व के 90% देशों को अपने अधीन कर लेना इस बात का सबसे बड़ा गवाह है, कि व्यक्ति अपने स्वार्थ के लिए देश की सौदा कर सकता है, यह देश की गंभीर समस्या है और बढ़ती ही जा रही है।

उपसंहार:-

भ्रष्टाचार एक वैश्विक गंभीर समस्या बन चुका है, भ्रष्टाचार देश के विकास का सबसे बड़ा रुकावट है, हम सभी को अपने देश को भ्रष्टाचार मुक्त करने का संभव प्रयास करना चाहिए यह हम सभी देशवासी का कर्तव्य है, हमें भ्रष्टाचार के विरुद्ध लोगों को जागरूक करना चाहिए और लोगों को भ्रष्टाचार के नुकसान से अवगत करवाना चाहिए।

भ्रष्टाचार को रोकने के लिए केवल सरकार ही नहीं बल्कि सामाजिक, धार्मिक एवं स्वयंसेवी सभी संस्थाओं को एकजुट होना चाहिए , सभी को संयुक्त रूप से भ्रष्टाचार को प्रोत्साहित करनेवाले व्यक्ति या तत्वों का विरोध करना चाहिए।

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