पर्यावरण दिवस पर निबंध | Essay on Environment Day in Hindi

हेलो दोस्तों , आज के आर्टिकल में मैं पर्यावरण दिवस पर निबंध लेकर आई हूं। पर्यावरण प्रदूषण क्या है? इससे होने वाले हानियों से कैसे बचना है और क्या क्या उपाय है जिससे पर्यावरण को सुरक्षित कर सकते हैं।

पर्यावरण दिवस पर निबंध 1:-

प्रस्तावना

पर्यावरण दो शब्दों से मिलकर बना है, परि+आवरण, इसका अर्थ होता है हमारे चारों ओर का वातावरण, जैसे हवा, पानी, मृदा, वन, पेड़ पौधे इत्यादि सभी पर्यावरण के अंतर्गत आते है।

पृथ्वी पर जीवन के लिए पर्यावरण बहुत आवश्यक है क्योंकि पृथ्वी पर पर्यावरण के बिना जीवन असंभव है, वातावरण से हमें जल, वायु, सूर्य के प्रकाश, वनस्पति खनिज आदि कारक प्राप्त होते हैं, पर्यावरण जलवायु में संतुलन बनाए रखता है तथा जीवन के लिए सभी आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराता है।

पर्यावरण प्रदूषण:-पर्यावरण प्रदूषण मानवीय क्रियाओं से जल, वायु एवं मृदा की भौतिक, रासायनिक एवं जैविक विशेषताओं में होने वाला वह अवांछनीय परिवर्तन है, जो मनुष्य, पौधे तथा अन्य वातावरण आदि को ना केवल हानि पहुंचाता है बल्कि उनके अस्तित्व को भी संकट में डाल देता है।

पर्यावरण दिवस मनाने का उद्देश्य:-

पर्यावरण दिवस एक अभियान है जो प्रत्येक वर्ष 5 जून को विश्व भर में पर्यावरण के नकारात्मक प्रभाव को रोकने के लिए मनाया जाता है, इस अभियान की शुरुआत करने का उद्देश्य वातावरण की स्थितियों पर ध्यान केंद्रित करने और हमारे पृथ्वी को सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित कराने के लिए पर्यावरण में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए लोगों को प्रेरित करना है।

पर्यावरण दिवस का इतिहास:-

पर्यावरण दिवस की घोषणा संयुक्त राष्ट्र के द्वारा मानव पर्यावरण के संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के अवसर पर 1972 में हुई थी, हालांकि यह अभियान सबसे पहले 5 जून 1973 को मनाया गया था, यह प्रत्येक वर्ष 5 जून को मनाया जाता है और इसका कार्यक्रम विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित किए गए वार्षिक विषय पर आधारित होता है। यह कार्यक्रम एक शहर के द्वारा आयोजित किया जाता है जहां पर्यावरण से संबंधित विषयों पर चर्चा की जाती है, जिसमें बहुत सी गतिविधियों को शामिल किया जाता है।

हमारी वातावरण की सुरक्षा के लिए विश्व भर में लोगों को सकारात्मक गतिविधियों के लिए प्रोत्साहित और जागरूक करने के लिए यह दिन संयुक्त राष्ट्र के लिए सबसे महत्वपूर्ण दिन है।

विश्व पर्यावरण दिवस पर आयोजित की जाने वाली गतिविधियां:-

विश्व पर्यावरण दिवस कार्यक्रम भारत में विशेष रूप से शिक्षा संस्थानों स्कूल, कॉलेज में विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से मनाया जाता है, विद्यार्थियों को जागरूक करने के लिए शिक्षकों के द्वारा कुछ प्रभावी कार्यक्रमों के आयोजन की योजना बनाई जाती है। जैसे निबंध लेखन, भाषण, शिक्षा, स्लाइड शो, क्विज प्रतियोगिता, संबंधित विषय पर चित्रकला, आदि गतिविधियों के द्वारा विद्यार्थियों को पर्यावरण दिवस के बारे में जागरूक किया जाता है।

पर्यावरण का महत्व:-

पृथ्वी का संपूर्ण जीवन पर्यावरण पर आधारित है, पूरे विश्व में पृथ्वी ही एकमात्र जीवन प्रदान करने वाला ग्रह है जिसमें प्रकृति का संपूर्ण सहयोगहै। पर्यावरण पृथ्वी का एक अभिन्न अंग है, बिना प्रकृति या पर्यावरण के पृथ्वी पर जीवन संभव नहीं है।

पर्यावरण के अंतर्गत हमारे वातावरण में चारों ओर उपस्थित पेड़ पौधे, जीव जंतु, आदि आते हैं। पृथ्वी पर जीवन संभव होने का एकमात्र कारण पर्यावरण है, क्योंकि प्रकृति ही हमें शुद्ध और स्वच्छ पर्यावरण प्रदान करता है।

पर्यावरण का हमारे जीवन में बहुत महत्व है, एक अच्छा और स्वच्छ पर्यावरण हमें स्वस्थ और बेहतर जीवन जीने में मदद करता है, हमें सांस लेने के लिए ऑक्सीजन पेड़ पौधों से प्राप्त होता है जो हमारे पर्यावरण के अंतर्गत आता है, तथा हमारे द्वारा छोड़ा जाने वाला कार्बन डाइऑक्साइड गैस पेड़ पौधों के द्वारा ग्रहण किया जाता है।

निष्कर्ष:-

पर्यावरण से हमें स्वच्छ हवा मिलती है जिससे हम सांस लेते हैं, पर्यावरण से ही हमें स्वच्छ जल प्राप्त होती हैं, पर्यावरण मानव, पशु, पक्षी तथा सभी जीव जंतुओं के लिए आवश्यक होता है। पर्यावरण मानव जीवन का अभिन्न अंग है पर्यावरण की रक्षा के लिए हमें हमेशा तत्पर रहना चाहिए, क्योंकि स्वच्छ पर्यावरण के कारण ही हम जीवित रह सकते हैं, हम सभी को पर्यावरण को प्रदूषित होने से रोकना चाहिए।

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पर्यावरण दिवस पर निबंध 2:-

प्रस्तावना

पर्यावरण दिवस प्रत्येक वर्ष 5 जून को बेहतर भविष्य के लिए, पर्यावरण को सुरक्षित और स्वस्थ बनाने के लिए, तथा पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए मनाया जाता है, पर्यावरण जलवायु, स्वच्छता, जीव जंतु, पेड़ पौधे, सभी से मिलकर बनता है और यह सभी चीजें अर्थात पर्यावरण हमारे दैनिक जीवन के लिए आवश्यक होता है।

विश्व पर्यावरण दिवस:-

पर्यावरण दिवस का शुरुआत 1972 में 5 जून से 16 जून तक संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा आयोजित विश्व पर्यावरण सम्मेलन में हुआ, 5 जून 1973 को पहला विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया, तथा प्रत्येक वर्ष 5 जून को पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया जाता है।

पर्यावरण क्या है?:-

हमारे चारों ओर के वातावरण में उपस्थित, जीव जंतु, पेड़ पौधे, वायु, जल, मिट्टी आदि सभी सजीव और निर्जीव दोनों चीजें पर्यावरण का निर्माण करती हैं, तथा हमारे चारों तरफ का वह प्राकृतिक आवरण जो हमें सरलता पूर्वक जीवन यापन करने में सहायता प्रदान करता है पर्यावरण कहलाता है।

पर्यावरण का महत्व:-

मानव के स्वस्थ जीवन में पर्यावरण की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, पर्यावरण से ही मानव को वायु, जल, वनस्पति, आदि आवश्यक चीजें प्राप्त होती है, मानव के अलावा पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीव जंतुओं को पर्यावरण से आवश्यक वस्तुएं प्राप्त होते हैं, पर्यावरण हमारे चारों ओर के वातावरण को कहा जाता है, जो प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों रूप से प्रभावित होते हैं।

पर्यावरण जीवन के लिए महत्वपूर्ण होती है, जो सभी जीवो को सुरक्षा प्रदान करती है, पर्यावरण पारिस्थितिक संतुलन को बनाए रखता है, तथा सभी जीव जंतुओं को स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

पर्यावरण मानव को सभी आवश्यक चीजें प्राप्त कराता है, मनुष्य का संपूर्ण जीवन पर्यावरणीय कारकों पर पूरी तरह से निर्भर करता है, तथा मनुष्य के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए स्वच्छ पर्यावरण आवश्यक होता है।

पर्यावरण जीवन का अहम हिस्सा और अभिन्न अंग है, प्रकृति के बिना मानव जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। जल, वायु, अग्नि, आकाश, थल इन पांच तत्वों से ही मनुष्य का जीवन संभव होता है, पर्यावरण सभी जीव जंतुओं के लिए महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि पृथ्वी पर जीवन पर्यावरण से ही संभव होता है।

सभी जीव जंतु, मनुष्य, प्राकृतिक वनस्पतियां, जलवायु, मौसम सभी पर्यावरण के अंतर्गत निहित होते हैं, पर्यावरण ना सिर्फ जलवायु में संतुलन बनाए रखने का कार्य करता है बल्कि जीवन के लिए सभी आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराता है।

पर्यावरण से लाभ:-

पर्यावरण हमारे लिए बहुत लाभदायक होता है, पर्यावरण से हमें स्वच्छ हवा मिलती है जिससे हम ऑक्सीजन के रूप में सांस लेते हैं, पानी जिसके बिना हम जी नहीं सकते पर्यावरण का ही हिस्सा है, पेड़ पौधे हमारे लिए बहुत लाभदायक होते हैं क्योंकि इनसे ही हमें स्वच्छ हवा अर्थात ऑक्सीजन और हरियाली मिलती है। पेड़-पौधों की हरियाली से मन का तनाव दूर होता है और दिमाग को शांति मिलती है।

पर्यावरण मनुष्य, पशुओं तथा सभी जीव जंतुओं के विकास के लिए सहायक होता है। मनुष्य भी पर्यावरण के महत्वपूर्ण भाग है, पर्यावरण के घटक होने के नाते हमें भी पर्यावरण का संरक्षण करना चाहिए।

पर्यावरण पर मानव प्रभाव:-

पर्यावरण पर पड़ने वाले मानव प्रभावों में ग्लोबल वार्मिंग सबसे प्रमुख है, मानव ने आज साइंस के विकास और औद्योगीकरण के माध्यम से पर्यावरण को प्रदूषित कर दिया है, आज प्रदूषण की समस्या एक गंभीर रूप ले चुकी है, जिससे मानव तथा जीव जंतु कई प्रकार की बीमारियों से पीड़ित हो रहे हैं, इसके साथ ही जनसंख्या विस्फोट और वनों की अंधाधुंध कटाई जैसी मानव गतिविधियों के कारण भी पर्यावरण का क्षति हो रहा है।

पर्यावरण संरक्षण के उपाय:-

मानव जीवन को स्वच्छ, स्वस्थ और उज्जवल बनाने के लिए पर्यावरण का संरक्षण करना अत्यंत आवश्यक है, इसके लिए हमें उद्योगों से निकलने वाले दूषित पदार्थ और धुएं का सही तरीके से निस्तारण करना चाहिए।

पर्यावरण की साफ सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए, ज्यादा से ज्यादा वृक्षारोपण करना चाहिए, वृक्षों की अंधाधुंध कटाई पर रोक लगाना चाहिए, वाहनों का इस्तेमाल कम करना चाहिए, इसके अलावा लोगों को पर्यावरण के महत्व को समझाने और इसके प्रति जागरूक फैलाने के लिए 5 जून से लेकर 16 जून के बीच में विश्व पर्यावरण दिवस आयोजित करना चाहिए।

निष्कर्ष:-

पर्यावरण ना सिर्फ हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है बल्कि हमें मानसिक रूप से भी सुख शांति की उपलब्धि करवाता है, पर्यावरण मानव जीवन का अभिन्न अंग है अर्थात पर्यावरण से ही हम जीवित है, हम सभी को पर्यावरण की रक्षा करने के लिए हमें तत्पर रहना चाहिए, और पर्यावरण संरक्षण पर सभी लोगों को जागरूक करना चाहिए।

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अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

United States ने 5 जून से विश्व पर्यावरण दिवस मनाने की घोषणा किस वर्ष की थी?

1972

विश्व पर्यावरण दिवस का विषय “जैव विविधता” किस वर्ष था?

2020

वर्ष 1972 में आयोजित प्रथम पर्यावरण सम्मेलन में लगभग कितने देशों ने भाग लिया था?

वर्ष 1972 में आयोजित प्रथम पर्यावरण सम्मेलन में लगभग 119 देशों ने भाग लिया था।

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