नारियल के पेड़ पर निबंध | Essay on Coconut Tree in Hindi

नमस्कार दोस्तों!आप सभी का स्वागत है हमारे वेबसाइट में, आज के आर्टिकल में हम आपके लिए नारियल के पेड़ पर निबंध लेखन लेकर आए हैं जो आपके परीक्षाओं के दृष्टि से तो महत्वपूर्ण है ही साथ ही यह लेख प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी महत्वपूर्ण है।

यदि आप सभी नारियल के पेड़ पर निबंध की तलाश कर रहे हैं तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए हैं ,आपको यहां सरल भाषा में नारियल के पेड़ पर निबंध प्राप्त होगा, जो आपके लिए बहुत मददगार साबित होगा।

इस लेख में हम नारियल के पेड़ पर निबंध से जुड़ी समस्त जानकारियों के बारे में जानेंगे, जो आप सभी के लिए निबंध लेखन और प्रोजेक्ट के लिए भी सहायक हो सकता है, तो चलिए हम हमारे आज के लेख को शुरू करते हैं-

नारियल के पेड़ पर निबंध 1

प्रस्तावना

नारियल को कोकोनट भी कहा जाता है और इसे पूजा के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है, तथा इनके अलावा नारियल को बहुत से कामों में उपयोग में लाया जाता है। नारियल पेड़ की लंबाई लगभग 20 से 30 मीटर की होती है, तथा नारियल के पेड़ अन्य पेड़ों की तुलना में ऊंचे और चौड़े दिखाई देते हैं।

नारियल पेड़ की कोई शाखा नहीं होती है और इसका तना काफी लंबा होता है। नारियल पेड़ का तना बहुत कठोर और मजबूत होता है तथा नारियल के तने में लचीलापन भी होता है और इस पेड़ को अधिकतर समुद्री स्थानों पर समुद्र के किनारे देखा जाता है।

नारियल का उत्पादन अधिकतर केरल, आंध्रप्रदेश और मद्रास में होता है। नारियल पेड़ की आयु 70 से 80 वर्ष तक की होती है, और नारियल का पेड़ लगाने के बाद लगभग 15 वर्ष पश्चात फल देना शुरू करता है।

नारियल पेड़ की बहुत सारी प्रजातियां पाई जाती हैं कुछ प्रजातियों में नारियल के पेड़ बहुत बड़े होते हैं तथा कुछ प्रजातियों के पेड़ छोटे आकार के होते हैं, नारियल की कुछ प्रजातियां ऐसी होती हैं जो 5 वर्ष में ही फल देना शुरू कर देते हैं तथा कुछ प्रजाति 15 वर्ष के बाद फल देते हैं।

नारियल के पेड़ को हम कभी भी लगा सकते हैं परंतु मार्च से जुलाई का महीना नारियल पेड़ लगाने का सबसे अच्छा समय होता है, नारियल के फल को सुखाकर तेल बनाया जाता है जो हमारे बालों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। नारियल का तेल लगाने से हमारा बाल लंबे समय तक काला रहता है, और हमारे बाल भी कम झड़ते हैं।

पूजा अर्चना के लिए नारियल फल को बहुत शुभ माना जाता है और नारियल को श्रीफल के नाम से भी जाना जाता है। नारियल सबसे अधिक हमारे भारत देश में पाया जाता है । हमारे देश में किसी भी शुभ कार्य को शुरू करने के लिए नारियल फल को फोड़ा जाता है जिसे भगवान शिव का प्रतीक भी माना जाता है।

नारियल फल का इस्तेमाल प्राचीन समय से ही किया जा रहा है, आप सभी ने अक्सर देखा होगा किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले नारियल फोड़ा जाता है और पूजा करने के समय भी नारियल फोड़ा जाता है। नारियल का वैज्ञानिक नाम कोकोनट न्यूशिफेरा है, इसकी उम्र कम से कम 100 साल की हो सकती है।

नारियल पेड़ का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व

नारियल पेड़ का नाम कल्पवृक्ष है तथा इसके फल को श्रीफल के नाम से भी जाना जाता है। पुराने समय से ही नारियल को बहुत महत्व दिया जाता है और हमारे हिंदू धर्म के अनुसार ऐसी मान्यता है कि नारियल का निर्माण ऋषि विश्वामित्र ने किया था जिसके कारण हमारे भारतीय संस्कृति और धर्म के अनुसार नारियल पेड़ को बहुत अधिक महत्व दिया जाता है।

हमारे द्वारा शुभ कार्य में सबसे पहले नारियल रखा जाता है, सभी धर्म,जाति के लोग अपने किसी भी कार्य को आरंभ करने से पहले नारियल फोड़ते हैं, काम आरंभ करने से पहले नारियल फोड़ना बहुत शुभ माना जाता है।

नारियल का फल बहुत कठोर होता है उसी प्रकार इंसानों में भी बहुत घमंड होता है जब घमंड टूटता है तो इंसान नरम दिल का बन जाता है, तथा लोगों की मान्यताएं है कि नारियल फोड़ने से इंसान का घमंड टूटता है। नारियल के फल में तीन छेद होता है जिसे भगवान शिव का तीन आंख माना जाता है तथा नारियल के रेशे को शिवजी का जटा माना जाता है।

नारियल का लाभ

नारियल में विटामिन बी और मिनरल की मात्रा पाई जाती हैं, तथा विटामिन ,पोटेशियम ,कैल्शियम और फाइबर की मात्रा भी पर्याप्त मात्रा में पाई जाती हैं। नारियल के पानी में बहुत सारे पोषक तत्व होते हैं जिससे नारियल सरलता से पच जाता है और इसमें कैलोरी भी उपलब्ध होता है।

नारियल का पानी हमारे शरीर के अंदर ग्लूकोज की पूर्ति करता है, नारियल में एंटीपैरासाइट और एंटीबैक्टीरियल का गुण भी पाया जाता है जिसके कारण हमारा शरीर संक्रमण से दूर रह सकता है और हमारे शरीर में बीमारियों से लड़ने की क्षमता भी बढ़ती है।

नारियल का पानी हमारे शरीर में ऊर्जा बढ़ाता है, तथा नारियल के पानी से उल्टी की समस्या भी खत्म होती है, तथा इसके पानी से ब्लड कोलेस्ट्रोल भी कम होता है जिससे दिल की बीमारियों का खतरा भी कम होता है। नारियल का सेवन करने से हमारी हड्डियां और दांत भी मजबूत होती है तथा पाचन तंत्र भी स्वस्थ रहता है।

नारियल के पेड़ का उपयोग

नारियल के पेड़ से हमें विभिन्न प्रकार का लाभ मिलता है, नारियल पेड़ के सभी हिस्सों को उपयोग में लाया जा सकता है। नारियल पेड़ के लकड़ियों से विभिन्न प्रकार का फर्नीचर और कागज़ तथा मकान तैयार किया जाता है, तथा इसके पत्तों को मकान के छत को ढकने के लिए भी उपयोग किया जाता है।

नारियल का तेल खाना बनाने के लिए भी बहुत फायदेमंद है तथा इसे बाल और शरीर में भी लगाया जाता है जिससे बहुत फायदा होता है। नारियल तेल को त्वचा पर लगाने से त्वचा मुलायम और चमकदार बनता है, तथा नारियल तेल लगाने से जले हुए घाव भी ठीक हो जाते हैं।

नारियल तेल बाल में लगाने से लंबे समय तक हमारा बाल काला रहता है और कम झड़ता है और मजबूत भी रहता है। यदि हम नारियल पानी पीते हैं तो हमें चुस्ती आती है तथा हमारा शरीर ताजगी महसूस करता है।

नारियल के पेड़ से चटाई, बॉक्स, झाड़ू और विभिन्न प्रकार का वस्तु बनाया जाता है, तथा नारियल के फल से विभिन्न प्रकार का मिठाई और चटनी भी बनाया जाता है जो बहुत स्वादिष्ट और फायदेमंद होता है। नारियल के फल को कच्चा खाने से ब्लड सरकुलेशन अच्छा बना रहता है और इससे हमारी त्वचा में भी निखार आती है।

उपसंहार

नारियल का पेड़ हम सभी के लिए बहुत फायदेमंद होता है यह बहुत सारे लोगों को रोजगार भी उपलब्ध कराता है। नारियल के फल को बहुत शुभ माना जाता है और इसका प्रयोग पूजा करने के लिए भी किया जाता है। नारियल के फल में विभिन्न प्रकार का पोषक तत्व और विटामिन होता है जो हमारे शरीर के लिए बहुत आवश्यक तथा फायदेमंद होता है।

नारियल खजूर की प्रजाति का वृक्ष है जिसमें डाल और टहनियां नहीं होती है नारियल के पेड़ अधिकतर समुद्री इलाकों में पाए जाते हैं तथा जहां का मिट्टी नमकयुक्त होता है वहां नारियल का पेड़ अधिक उगता है। मद्रास, आंध्र प्रदेश, उड़ीसा, दक्षिणी पूर्वी बंगाल का मिट्टी नमक युक्त होता है जिसके कारण इन क्षेत्रों में अधिक मात्रा में नारियल का पेड़ पाया जाता हैं।

अन्य निबंध लेख :-

नारियल के पेड़ पर निबंध 2

प्रस्तावना

नारियल का वृक्ष एक ऐसा वृक्ष होता है जिसके जड़, पत्ती, फल और रेशे सभी चीजों को उपयोग में लाया जाता है। नारियल का पेड़ लगभग 10 वर्ष के बाद फल देने लगता है, कच्चे नारियल के अंदर स्वादिष्ट जल रहता है जो हमारे लिए विभिन्न प्रकार से लाभप्रद होता है। नारियल के एक एक गुच्छे में लगभग 25 से 30 फल लगे हुए होते हैं।

नारियल का पेड़ बहुत सुंदर प्रतीत होता है तथा इसकी कई प्रजाति पाई जाती हैं कुछ प्रजाति के पेड़ लंबे और कुछ प्रजाति के पेड़ छोटे होते हैं। नारियल के पेड़ में शाखाएं नहीं होती है और इसके फल में प्रोटीन, कैल्शियम काफी मात्रा में पाया जाता है जो हमारे शरीर के लिए बहुत लाभप्रद होता है तथा इसके अलावा नारियल के पानी में पोषक तत्व भी भरपूर मात्रा में पाया जाता हैं।

नारियल के पेड़ की आयु लगभग 70 वर्ष की होती है, और इसे इंग्लिश में कोकोनट कहा जाता है। नारियल के पेड़ का तना बहुत कठोर और लचीला होता है इसके सभी हिस्सों को विभिन्न प्रकार से उपयोग में लाया जाता है।

नारियल का तेल हमारे शरीर और त्वचा को मुलायम तथा चमकदार बनाता है, तथा नारियल के तेल को त्वचा पर लगाने से बहुत से बीमारी भी दूर हो जाते हैं। नारियल का पानी पीने से हमारे शरीर में स्फूर्ति आता है तथा नारियल के पेड़ से विभिन्न प्रकार के वस्तुओं का निर्माण किया जाता है।

उपसंहार

नारियल पेड़ के पत्तों को सुखाकर चटाई, टोकरी, थैला और विभिन्न प्रकार का वस्तु बनाया जाता है। नारियल के लकड़ी का उपयोग विभिन्न प्रकार से किया जाता है इसके लकड़ियों का उपयोग कागज, मकान, फर्नीचर आदि बनाने के लिए भी किया जाता है। नारियल के पत्तों को छत ढकने के लिए भी उपयोग में लाया जाता है।

नारियल पानी पीने से हमारे शरीर में स्फूर्ति आती है और नारियल फल का सेवन करने से एनीमिया की बीमारी भी दूर हो जाती हैं तथा इसके अलावा आयरन की कमी भी काफी हद तक दूर हो जाती है। सूखे नारियल के भी विभिन्न प्रकार के फायदे होते हैं, सूखे नारियल में विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं जो हमारे शरीर के कनेक्टिव टिशु को बहुत मजबूत बनाते हैं।

नारियल का फल बहुत शुभ माना जाता है और इसे श्रीफल भी कहा जाता है। दक्षिण भारतीय क्षेत्रों में व्यंजन बनाने के लिए नारियल और नारियल के तेल का उपयोग किया जाता है, जो हमारे शरीर के लिए बहुत लाभदायक होता है।

अन्य निबंध लेख :-

निष्कर्ष

उम्मीद करती हूं दोस्तों, मेरे द्वारा लिखा गया यह लेख नारियल के पेड़ पर निबंध आप सभी को पसंद आया होगा तथा सभी विद्यार्थियों के लिए उपयोगी साबित हुआ होगा।

अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

हेल्थ और मेडिसिन में नारियल के फायदे बताइए ?

नारियल का पानी शुगर, फाइबर, प्रोटीन, एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन से भरपूर होता है जो प्यास बुझाता है तथा इसके अलावा थकान को भी दूर करता है और शरीर में स्फूर्ति लाता है।

नारियल तेल के फायदे बताइए?

नारियल का तेल शरीर में एड्स के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मददगार होता है, तथा यह बैक्टीरिया, फंगल और वायरस इनफेक्शन को रोकने में भी मददगार होता है। नारियल का तेल लगाने से हमारा त्वचा मुलायम और चमकदार बनता है तथा हमारे बाल लंबे समय तक काले और मजबूत रहते हैं।

मंदिर में नारियल क्यों फोड़ा जाता है?

नारियल तोड़ना अहंकार तोड़ने के समान माना जाता है, अर्थात नारियल को तोड़कर खुद को भगवान के सामने पेश करने से माना जाता है कि हमारा घमंड नष्ट होता है। नारियल का ऊपर का हिस्सा बहुत कठोर होता है जो घमंड का प्रतीक होता है तथा नारियल का अंदर का हिस्सा बहुत मुलायम होता है जो पवित्रता और चमकदार चरित्र का प्रतीक होता है।

नारियल का दूसरा नाम क्या है?

नारियल को श्रीफल के नाम से भी जाना जाता है तथा इसका वानस्पतिक नाम कोकोस न्यूशिफेरा है। नारियल हम सभी के लिए बहुत फायदेमंद होता है इसमें कई प्रकार के प्रोटीन और विटामिन पाए जाते हैं जो हमारे शरीर के लिए आवश्यक तथा फायदेमंद होते हैं।

नारियल के पेड़ की उपयोगिता ?

नारियल के पेड़ से विभिन्न प्रकार का वस्तुओं का निर्माण किया जाता है, नारियल का प्रत्येक भाग उपयोगी होता है नारियल पेड़ की लकड़ी को फर्नीचर, कागज और मकान आदि बनाने में उपयोग किया जाता है। नारियल के पत्तों का उपयोग छत को ढकने के लिए किया जाता है, तथा इसके तेल का उपयोग भोजन बनाने और त्वचा तथा बाल में लगाने के लिए किया जाता है।

Leave a Comment