हेलो दोस्तों स्वागत है आप सभी का हमारे वेबसाइट में, आज के लेख में हम आपदा प्रबंधन पर निबंध लेकर आए हैं, जैसा कि आप सभी जानते हैं कि विश्व के आर्थिक और सामाजिक क्षेत्र में कई बदलाव होते रहते हैं, जैसे जनसंख्या तीव्र गति से बढ़ी है।
जनसंख्या वृद्धि के कारण औद्योगिक एवं तकनीकी क्षेत्र में अत्यधिक विकास हुआ है जिसने मानव जीवन को सुखी और समृद्ध बना दिया है, परंतु इसके बाद मानव जीवन पर अनेक संकट प्रकट हुए हैं, आपदाएं मानव जीवन को बहुत प्रभावित करती हैं।
हमारे आज के निबंध लेखन में हम आपदा प्रबंधन के बारे में जानेंगे, यह सभी विद्यार्थियों के लिए उपयोगी है, इससे आप सभी विद्यार्थी परीक्षाओं में दिए गए आपदा प्रबंधन पर निबंध प्रश्न को लिख सकते हैं तथा इस टॉपिक पर प्रोजेक्ट वर्क भी लिख सकते हैं, यह लेख आप सभी के लिए बहुत ही उपयोगी साबित होगा, चलिए आज के लेख को शुरू करते हैं,

आपदा प्रबंधन पर निबंध 1
प्रस्तावना:-
आपदा एक प्रकार की संकट है जिसे रोक पाना बहुत ही मुश्किल होता है, यह कुछ समय के लिए होती है लेकिन कुछ समय में ही जीवन को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाती है। सूखा बाढ़, तूफान, भूकंप, भूस्खलन, वनों में लगने वाली आग, ओलावृष्टि, ज्वालामुखी जैसे विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं का पहले से अनुमान लगाया जा सकता है, तथा इनके प्रभाव को कुछ सीमा तक कम किया जा सकता है।
आपदा प्रबंधन के प्रकार:-
आपदा प्रबंधन दो प्रकार की होती है प्राकृतिक आपदा और मानव निर्मित आपदा,
प्राकृतिक आपदा:-
प्राकृतिक आपदा प्रकृति के द्वारा पृथ्वी पर रहने वाले समस्त जीवो को क्षति पहुंचाती है। जैसे बाढ़ आने से लोगों के फसल का नुकसान होना, तथा बाढ़ आने से वहां रह रहे जीव-जंतुओं को भी खतरा रहता है। जिस तरह से हमारे देश में विकास हो रहा है उसी तरह से विभिन्न प्रकार के प्रदूषण गैस कार्बन डाइऑक्साइड, मिथेन हीलियम इत्यादि गैस निकल रहे हैं और हमारे वातावरण में जाकर फैल रही है जिससे पृथ्वी का तापमान बढ़ता जा रहा है।
मानव निर्मित आपदा:-
यह आपदा मानव के क्रियाओं द्वारा निर्मित होता है, वर्तमान समय में मानव पृथ्वी के बारे में ना सोचते हुए अपने लाभ के लिए पर्यावरण को प्रदूषित करते जा रहा है जिसके कारण सारे जीव जंतुओं और वस्तुओं को नुकसान पहुंचता है।
मानव अपने लाभ के लिए पेड़ों को काटता है, अवैधानिक तरीके से खुदाई करता है, नदियों और समुद्रों में प्रदूषण फैलाता है, इत्यादि सभी कार्य मानव द्वारा किया जाता है, जिससे पृथ्वी पर रहने वाले जीव जंतु बहुत प्रभावित होते हैं।
सूखा आपदा:-
किसी भी क्षेत्र में होने वाली सामान्य वर्षा से 25% या उससे ज्यादा वर्षा में कमी होना सूखा आपदा की स्थिति में आता है।
सूखा आपदा का प्रबंधन व उपाय:-
1. जल का बहुत बड़ा हिस्सा सिंचाई के काम में आता है, सिंचाई जल का उचित प्रबंधन करके जल में बचत की जा सकती है जिससे सूखे आपदा को रोका जा सकता है।
2. नहरके माध्यम से हमें ज्यादा सिंचाई करने से बचना चाहिए ताकि जल स्तर के नीचे होने वाले मिट्टी में लवण और क्षार की बढ़ने की समस्या पैदा ना हो।
3. देश के प्रमुख नदियों को आपस में जोड़कर एक ग्रिड बना देना चाहिए ताकि शुष्क तथा अनावृष्टि क्षेत्रों में जल की आपूर्ति होते रहे।
4. शुष्क प्रदेशों में शुष्क कृषि प्रणाली तथा बौछारी सिंचाई, टपका सिंचाई, की व्यवस्था करनी चाहिए जिससे सूखे आपदा को रोका जा सकता है।
आकस्मिक आपदा:-
यह एक ऐसी आपदा होती है जिसमें मानव तथा वे जीव जंतु आते हैं जो कुछ कर नहीं सकते यह आकस्मिक हो जाती है, अर्थात इसके बारे में किसी को अनुभव नहीं होता है, आधुनिक युग में आकस्मिक आपदा को पता लगाने के लिए कोई भी यंत्र नहीं बना है, इस आपदा मेंज्वालामुखी विस्फोट, भूकंप, बादल फटना, जैसी घटनाएं होती हैं।
अनाकस्मिक आपदा:-
इस आपदा में ऐसी घटनाएं आती हैं जिनके बारे में मानव पहले से कुछ अनुमान लगा लेता है और उससे होने वाले नुकसान से बच सकता है। इस आपदा में जलवायु एवं मौसम के बारे में पहले से ज्ञात होना, तथा कृषि में होने वाले कीड़ों से हानि जैसी समस्याओं का समाधान वैज्ञानिक कर सकते हैं यह सब अनाकस्मिक आपदा से संबंधित घटनाएं हैं।
बाढ़ आपदा:-
जब नदी का जल तूफान के समय जल वाहिकाओं को तोड़ता हुआ मानव बस्तियों और आसपास के जमीन पर पहुंच जाता है और बाढ़ की स्थिति पैदा कर देता है तो इसे बाढ़ आपदा कहते हैं। बाढ़ कुछ विशेष क्षेत्रों में वर्षा ऋतुके मौसम में आता है, बाढ़ आने की स्थिति तब बनती है जब नदियों तथा समुद्रों में पानी की अत्यधिक मात्रा हो जाती है और उनका अत्यधिक जल बहाव होता है , और जल से मैदान के निचले हिस्सों में जल बाढ़ के रूप में भर जाता है।
बाढ़ आपदा का प्रबंधन एवं उपाय:-
बाढ़ के समस्या से बचने के लिए अनेक उपाय किए जा सकते हैं जिनमें वृक्षारोपण प्रमुख रूप से होता है, जल निकायों का प्रबंधन करने से भी बाढ़ आपदा को रोका जा सकता है तथा जलाशयों का निर्माण नदियों के प्रवाहक्षमता में विस्तार,औरनदी में जल के प्रवाह को नदी के किनारे पर ऊंचे बांध बनाकर बीच में बनाए रखना चाहिए ताकि पानी दूर तक ना फैल सके, इस प्रकार से बाढ़ आपदा का प्रबंधन किया जा सकता है।
भूकंप आपदा:-
भूकंप एक ऐसा अद्भुत घटना है जो बिना किसी चेतावनी के आता है और यह जमीन के भूस्तर को हिला देता है और इसमें जमीन तथा इसके ऊपर मौजूद संरचनाओं का बुरी तरह से नाश कर देता है। भूकंप आपदा बहुत ही खतरनाक होता है इन सब से बचने के लिए हमें वातावरण को प्रदूषित होने से रोकना चाहिए।
भूकंप आपदा का प्रबंधन एवं उपाय:-
भूकंप आने पर घर के अंदर होने पर घबराना नहीं चाहिए, भूकंप आने की स्थिति में जिस सामान के गिरने की संभावना हो उससे दूर रहना चाहिए, यदि भूकंप आने की स्थिति में घर से बाहर है तो पेड़ और भूस्खलन वाले क्षेत्रों से दूर रहना चाहिए। भूकंप आपदा पृथ्वी पर वायुमंडल में प्रदूषण के कारण होता है हमें प्रदूषण को रोकने के लिए लोगों को जागरूक करना चाहिए।
जंगल की आग:-
जंगल की आग उस घटना को कहा जाता है ,जब किसी वन के एक भाग में या पूरे वन में आग लग जाती है और उस वन के सभी पेड़ पौधे तथा जीव जंतु इत्यादि जलने लगते हैं। जंगलों में आग लगने की स्थिति जब वनस्पतियां और मिट्टी सूख जाती हैं तब उत्पन्न होता हैं, इससे जंगल में जितने भी पेड़ पौधे होते हैं और जो जीव जंतु होते हैं वे सभी जलकर नष्ट हो जाते हैं।
जंगल की आग का प्रबंधन एवं उपाय:-
जंगलों में आग लगने से बचाने के लिए, तथा इसकी देखरेख करने के लिए सरकार को पर्याप्त संख्या में कर्मचारियों की नियुक्ति करनी चाहिए, जंगल में पेड़ पौधे से गिरी पतियों को साफ करवाना चाहिए जिससे आग लगने की संभावना कम हो, तथा जंगल के आसपास आग नहीं लगाना चाहिए।
आपदा के प्रभाव:-
बाढ़ आपदा के कारण उपजाऊ मिट्टी बह जाती है, और इसके कारण लोगों की मौत भी हो जातीहै, सूखा के कारण लोग पानी के लिए तरसने लगते हैं और किसानों की फसलें नष्ट हो जाती हैं। भूकंप एक ऐसी प्राकृतिक आपदा है जिसके कारण लोगों की जान तो जाती ही है साथ ही बड़े-बड़े इमारत भी गिरजाते हैं। आग एक ऐसीआपदा है जो फैलती चली जाती है इस पर काबू पाना बहुत मुश्किल हो जाता है, जिसके कारण बस्तियां, कारखाने आदि जलकर खाक हो जाते हैं और जानवरों को भी इससे बहुत ज्यादा नुकसान होता है।
उपसंहार:-
देश के प्रत्येक नागरिक एवं सरकार की जिम्मेदारी होती है पर्यावरण को कम से कम प्रदूषित करना, प्राकृतिक आपदा को कम करने के लिए सभी नागरिकों को जागरूक होना चाहिए और वायुमंडल को प्रदूषित होने से रोकने चाहिए, यह घातक समस्या है इस समस्या से बचने के लिए वायुमंडल को प्रदूषण से मुक्त करना आवश्यक है तथा पेड़ पौधों को अत्यधिक मात्रा में लगाना चाहिए ।
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