दहेज प्रथा पर‌ निबंध | Essay on Dowry System in Hindi

नमस्कार दोस्तों! आप सभी का स्वागत है हमारे लेख में, आज के लेख में हम दहेज प्रथा पर‌ निबंध के बारे में चर्चा करेंगे, और इसमें आपको दहेज प्रथा से जुड़ी सारी जानकारियां मिलेंगी,जो आपके निबंध लेखन और प्रोजेक्ट वर्क में सहायक हो सकता है।

इस लेख में हम आपको दहेज प्रथा से जुड़ी जानकारियों के बारे में बताएंगे, दहेज प्रथा हमारे समाज में सदियों से प्रचलित है और वर्तमान में भी कई क्षेत्रों में चल रही है, जो गरीबों के लिए सबसे ज्यादा समस्या बन चुकी है।

दहेज प्रथा पर‌ निबंध 1

प्रस्तावना ‌

दहेज प्रथा के बारे में वर्तमान में सभी लोग परिचित हैं अर्थात इसके बारे में सभी लोगों को पता है, यह प्रथा हमारे देश में प्राचीन समय से प्रचलित है, यह समाज में चल रही बुराइयों में से एक है जो मनुष्य के द्वारा बनाई गई है और यह दुनिया भर के प्रत्येक क्षेत्र में विद्यमान है।

दहेज प्रथा लड़के और लड़की के शादी के समय लड़की पक्ष के द्वारा लड़के को दिए जाने वाले रुपए, आभूषण, धन संपत्ति आदि को दहेज कहा जाता है, आप सभी ने अक्सर देखा और सुना होगा शादी के दौरान लड़के पक्ष के अर्थात लड़के के माता-पिता के द्वारा दहेज का मांग किया जाता है, और लड़की पक्ष‌ के द्वारा मना करने पर शादी से इंकार कर दिया जाता है।

दहेज लेना और देना कानूनी रूप से अपराध है परंतु वर्तमान समय में भी दहेज का मांग किया जाता है, हमारे देश में आज भी ऐसे लोग हैं दो दहेज प्रथा को आगे बढ़ाना उचित समझते हैं और सदियों से चली आ रही दहेज प्रथा को आगे बढ़ाते हैं तथा कई लोगों का मानना होता है कि दहेज से दुल्हन को बहुत सारा लाभ प्राप्त होता है।

दहेज प्रथा से लाभ

माता पिता अपनी बेटी के शादी के दौरान दहेज देना उचित समझते हैं ताकि उनकी बेटी को ससुराल में किसी भी प्रकार का कष्ट ना दिया जाए और बेटी हमेशा सुख में जीवन व्यतीत करें। दहेज प्रथा से कई महिलाएं अपना जीवन खुशी से व्यतीत कर पाती हैं, और दहेज प्रथा से महिलाओं से ज्यादा मारपीट भी नहीं किया जाता है।

दहेज प्रथा में दिए गए उपहार के द्वारा दूल्हा और दुल्हन अपना नया व्यवसाय चला सकते हैं परंतु दूल्हे के माता-पिता अगर और लालची होते गए तो दुल्हन का सर्वनाश कर देते हैं और बात बात पर दुल्हन के माता-पिता से मोटी रकम मांगते हैं नहीं देने पर दुल्हन को मारने पीटने लग जाते हैं।

दहेज का दुष्परिणाम

दहेज के कारण एक अच्छा परिवार भी नष्ट हो जाता है, दहेज प्रथा के कारण समाज में लड़की के माता-पिता को जीवन में बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, दहेज ना देने पर माता पिता को कई प्रकार के समस्याओं को झेलना पड़ता है और कई लोग बहुत गरीब होते हैं जो दहेज के कारण अपनी बेटियों को जन्म देना ही नहीं चाहते हैं।

दहेज प्रथा के कारण हमारे देश में कई महिलाओं की जान जा चुकी है और वर्तमान में भी कई महिलाओं को प्रताड़ित किया जाता है, आज के आधुनिक समय में लोगों की सोच इस प्रकार है कि लोग शादी के दौरान लड़की के माता-पिता से मोटी रकम वसूल करते हैं, और यदि लड़की के माता पिता दहेज देने में असमर्थ होते हैं तो लड़की से शादी भी नहीं किया जाता है।

लाखों परिवारों की शांति नष्ट हो जाती है इस प्रथा के कारण और कई मां-बाप दहेज ना दे पाने के कारण आत्महत्या कर लेते हैं, हमारे देश में भ्रूण हत्या भी दहेज प्रथा के कारण ही होता है क्योंकि गरीब व्यक्ति अपनी बेटी को दहेज नहीं दे पाते हैं इसलिए उनका पेट में ही हत्या करवा देते हैं।

दहेज का वर्तमान स्वरूप

हमारे समाज और देश में दहेज का वर्तमान स्वरूप बहुत घातक और गंभीर हो चुका है, इस प्रथा के कारण महिलाओं को बहुत अधिक प्रताड़ित किया जा रहा है। आज के वर्तमान समय में यदि लड़की के परिवार के द्वारा दहेज नहीं दिया जाता है तो लड़का और उसके परिवार के लोग लड़की के परिवार का जीना हराम कर देते हैं।

यदि लड़की के माता-पिता के द्वारा लड़के के माता पिता के बोलने के अनुसार दहेज नहीं दिया गया तो लड़की को भी बहुत मारा पीटा जाता है जिससे कभी-कभी लड़की की जान भी चली जाती है, और लड़की इन सभी कारणों से आत्महत्या भी कर लेती हैं तथा कई बार ऐसा केस भी सामने आता है जब लड़की को मार दिया जाता है और उसे आत्महत्या बताया जाता है।

समस्या का समाधान

दहेज की समस्या से मुक्ति पाने के लिए हमारे जनता और कानून को सख्त होना चाहिए और दहेज मांगने तथा दहेज देने वाले पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। सरकार के द्वारा कानून बनाकर इस प्रथा को समाप्त किया जा सकता है परंतु बिना जनता के सहयोग के इस प्रथा को समाप्त करना बहुत मुश्किल है , इसलिए देश की महिलाओं और बेटियों को खुद पर आत्मनिर्भर होना चाहिए और दहेज लेने वाले का विरोध करना चाहिए।

दहेज प्रथा का विरोध करने के लिए लड़कियों को शिक्षित होना बहुत जरूरी है यदि लड़कियां शिक्षित है तो आत्मनिर्भर बन सकती है और दहेज प्रथा का विरोध कर सकती हैं तथा लड़कियां शिक्षित होकर समाज में लड़कियों पर होने वाले प्रताड़ना को भी रोक सकती हैं।

उपसंहार

हमारे देश के सरकार के द्वारा दहेज प्रथा के विरोध में कानून बनाया गया है जिससे दहेज प्रथा को रोका जा सके, परंतु आज के समय में भी दहेज लिया जा रहा है, लड़कियों को ऐसे घरों में शादी करने से मना करना चाहिए जहां लड़कियों को केवल धन प्राप्त करने का साधन समझा जाता है।

सरकार को दहेज लेने वाले और दहेज देने वाले के खिलाफ कठोर कानून बनाना चाहिए तथा ऐसे करने वाले पर सख्त कार्यवाही करना चाहिए, और हम सभी को भी इस प्रथा का विरोध करना चाहिए तभी हमारे समाज में लड़कियां सुरक्षित रह सकती हैं।

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दहेज प्रथा पर‌ निबंध 2

प्रस्तावना

हमारे भारत देश में सदियों पुरानी यह प्रथा चली आ रही हैं, जिसके कारण लड़कियों को बोझ समझा जाता है और लड़कियों को लड़कों के सम्मान मान सम्मान भी नहीं दिया जाता है, हमारा भारत देश एक पुरुष प्रधान देश है जहां पुरुषों को महिलाओं की अपेक्षा अधिक अधिकार दिए जाते हैं जो दहेज प्रथा का प्रमुख कारण हो सकता है।

दहेज प्रथा के अंतर्गत लड़की पक्ष के द्वारा लड़के को सोने चांदी के आभूषण, नगदी पैसे, बहुमूल्य उपहार तथा कीमती वस्तुओं को दिया जाता है, जिससे दूल्हे का परिवार बहुत खुश होता है परंतु लड़की के परिवार को यह सारे उपहार देने के लिए बहुत कष्ट करना पड़ता है।

दहेज प्रथा का इतिहास

प्राचीन समय में माता-पिता अपनी बेटियों को शादी में आवश्यक और घरेलू चीजों का उपहार देते थे ताकि उनके बेटी को कोई परेशानी ना हो और कई परिवार के द्वारा सोना और चांदी भी दिया जाता था तथा यह सभी माता-पिता के द्वारा बेटी की सुरक्षा के लिए दिया जाता था।

वर्तमान में यह धीरे-धीरे एक प्रथा बन गया और दूल्हे के परिवार के द्वारा जो मांग किया जाता है उसे दहेज प्रथा के नाम से जाना जाता है, शादी में लड़की के परिवार से बहुत भारी रकम मांगा जाता है फिर चाहे उसके लिए लड़की के परिवार को कर्ज ही क्यों ना लेना पड़े, और कई परिवार के लोग तो बेटी की शादी के लिए अपना घर भी गिरवी रख देते हैं।

दहेज प्रथा कानून

दहेज प्रणाली भारतीय समाज में सबसे गंभीर बुराइयों में से एक है जो हमारे देश में कई महिलाओं के जीवन को बर्बाद कर देता है, इसलिए दहेज प्रथा का कानून बनाया गया है ताकि बेटियों को दहेज प्रथा, कन्या भ्रूण हत्या आदि से बचाया जा सके।

दहेज प्रथा को रोकने के लिए सरकार के द्वारा दहेज को दंडनीय अधिनियम बनाया गया है और दहेज प्रथा को कानूनन अपराध माना जाता है, यदि कोई व्यक्ति दहेज लेता या दहेज देता है तो उस पर कार्यवाही की जाती है।

दहेज प्रथा के कारण

हमारा भारत देश पुरुष प्रधान देश है जहां पुरुषों को ज्यादा सम्मान दिया जाता है और पुरुष प्रधान देश यानी हमारा देश ऐसा देश है जहां महिला को अपना बात रखने का कोई अधिकार नहीं होता है परंतु पुरुष कुछ भी कर सकता है, और ऐसे समाज में महिलाओं का मानसिक तथा शारीरिक रूप से शोषण किया जाता है।

हमारे देश में अधिकतर लोग अशिक्षित हैं जिससे दहेज प्रथा आगे बढ़ता जाता है, भारत के बहुत से लोग गरीब और अशिक्षित है और ऐसे में गरीब और अशिक्षित लोगों के साथ धोखा भी किया जाता है। अनपढ़ लोगों के द्वारा सोचा जाता है कि बिना दहेज के हमारी बेटियों का शादी कैसे होगा और इसी कारण कई माता-पिता लड़की होने पर उनका भ्रूण हत्या करवा देते हैं।

वर्तमान समय में भी भारत के कई क्षेत्रों में दहेज को एक सम्मान के रूप में बताया जाता है, अर्थात जो व्यक्ति जितना ज्यादा दहेज देता है उसका मान सम्मान उतना ही अधिक बढ़ता है।

उपसंहार

दहेज प्रथा को हम सभी को समाज और देश से नष्ट करने के लिए एक साथ मिलकर प्रयास करना चाहिए, और शादी के दौरान दहेज बिल्कुल भी नहीं देना चाहिए क्योंकि इससे इस प्रथा को और अधिक बढ़ावा मिलता है, तथा लड़कियों को भी शादी के दौरान यदि लड़के के परिवार से दहेज का मांग किया जाता है तो उसका विरोध करना चाहिए।

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निष्कर्ष

उम्मीद करते हैं दोस्तों आप सभी को यह लेख पसंद आएगी, तथा आपके निबंध लेखन के लिए भी मददगार होगी।

अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

दहेज प्रथा के दुष्परिणाम बताइए ?

दहेज प्रथा के कारण महिलाओं को बहुत प्रताड़ित किया जाता है और कई लोगों के द्वारा दो शादी से भी इंकार कर दिया जाता है।

दहेज प्रथा के कारण बताइए?

दहेज प्रथा का प्रमुख कारण अशिक्षा है लोग अशिक्षित होने के कारण सही गलत में अंतर नहीं कर पाते हैं और लोगों के द्वारा चलाए जा रहे प्रथा को आगे बढ़ाते रहते हैं, हमारा भारत देश पुरुष प्रधान देश है इसलिए भी इस देश में दहेज प्रथा को बढ़ावा मिलता है।

दहेज प्रथा को समाप्त करने का उपाय ?

दहेज प्रथा को समाप्त करने के लिए हम सभी को सरकार का साथ देना चाहिए और सरकार को दहेज लेने और देने वाले पर कठोर कार्यवाही करना चाहिए।

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