दशहरा पर निबंध | Essay on Dussehra in Hindi

स्वागत है दोस्तों आपका अपने वेबसाइट में, आज के आर्टिकल में हम दशहरा पर निबंध लेकर आए हैं, दशहरा हिन्दुओं का प्रमुख त्यौहार है, यह भारत के लोकप्रिय त्यौहारों में से एक है जिसे हिंदू धर्म में बहुत ही उत्साह के साथ मनाया जाता है, हम सभी इस त्यौहार का बेसब्री से इंतजार करते रहते हैं, दशहरा के अवसर पर सभी विद्यार्थियों को छुट्टी दिया जाता है, जिससे हम सभी विद्यार्थी इस त्यौहार को आनंद के साथ मनातेहैं।

स्कूल में विद्यार्थियों को दशहरा पर निबंध लिखने को दिया जाता है, जिससे उनकी दशहरा के प्रति उत्सुकता बनी रहे और दशहरा के बारे में जानकारियां भी प्राप्त हो, हमारे आज के आर्टिकल में हम दशहरा के बारे मेंनिबंध लेखन लेकर आए हैं, जो आप सभी विद्यार्थियों के लिए निबंध लेखन में सहायक होगा, तो चलिए शुरू करते हैं-

दशहरा पर निबंध 1

प्रस्तावना:-

दशहरा भारत का एक प्रसिद्ध और लोकप्रिय त्यौहार होता है, दशहरा को विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है, दशहरा त्यौहार प्रत्येक वर्ष अश्विन माह के शुक्ल पक्ष में दशमी को मनाया जाता है। त्यौहार हमारे जीवन में अनेक खुशियां लेकर आता हैं, इसलिए हमारे देश में विभिन्न प्रकार के त्यौहारों को मनाया जाता है उन्हीं त्यौहारों में से विजयादशमी भी एक धार्मिक त्यौहार है।

यह हिंदुओं का प्रमुख त्यौहार होता है इस पर्व का महत्व पारंपरिक और धार्मिक रूप से बहुत ज्यादा होता है, भारत के सभी हिंदुओं के द्वारा यह पर्व बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है, यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।

दशहरा मनाने का कारण:-

इस त्यौहार को मनाने के पीछे कुछ विद्वानों का मानना है कि इस दिन श्री रामचंद्र जी ने लंका के राजा रावण को मारकर लंका पर विजय प्राप्त किया था, इस शुभ अवसर के उपलक्ष पर इस त्यौहार को मनाया जाता है। बंगाल और असम में यह त्यौहार आसुरी शक्तियों पर दुर्गा की विजय के रूप में मनाया जाता है, बंगाल में इसे दुर्गा पूजा उत्सव कहा जाता है।

दुर्गा पूजा का उत्सव जगह जगह, पंडालों में दुर्गा मां की मूर्ति स्थापित करके हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

जब भगवान राम को 14 साल के लिए वनवास हुआ था, तो भगवान राम ,माता सीता और लक्ष्मण जी के साथ जंगलों में अपना वनवास काट रहे थे तभी आखिरी समय में रावण ने सीता माता का हरण कर लिया, जिसके कारण श्री राम ने सुग्रीव, हनुमान और उनके मित्रों की सहायता से लंका पर आक्रमण किया और रावण को मारकर लंका पर विजय प्राप्त की थी, श्री राम ने अत्याचारी रावण को मारकर पाप पर पुण्य, अधर्म पर धर्म और असत्य पर सत्य की जीत प्राप्त की थी, इसी दिन से यह विजयादशमी के रूप में मनाया जाता है।

पुराणों के अनुसार मां दुर्गा ने इसी दिन महिषासुर राक्षस का वध किया और मां दुर्गा ने महिषासुर मर्दिनी का रूप धारण करके चंड मुंड राक्षसों का वध किया, इसे असत्य पर सत्य के विजय के रूप में मनाया जाता है।

दशहरा मनाने का समय:-

विजयादशमी हमारे देश का एक धार्मिक पर्व होता है, यह आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है, यह त्यौहार 10 दिन तक चलता है, 9 दिन तक दुर्गा मां का पूजा किया जाता है तथा दसवे दिन रावण दहन का प्रोग्राम किया जाता है, दुर्गा मां का दसवीं अर्थात दशहरा के दिन विसर्जन किया जाता है।

इस त्यौहार के अवसर पर जगह जगह पर रामलीला का आयोजन किया जाता है, जिसमें श्री राम के संपूर्ण जीवनकी घटनाओं को बहुत ही सुंदर ढंग से सभी लोगों के सामने प्रकट किया जाता है। बच्चे ,बूढ़े ,जवान सभी के द्वारा रामलीला को बड़े उत्साह के साथ देखा जाता है।

दशहरे के दिन बड़ी धूमधाम से रावण का पुतला बनाकर वध किया जाता है, दशहरा के दिन क्षत्रिय लोग अपने अस्त्र-शस्त्र की पूजा करते हैं।

दशहरे को विजयादशमी क्यों कहते हैं:-

भगवान राम ने लंका विजय के समय समुद्र तट पर 9 दिन तक भगवती दुर्गा की आराधना की थी, दसवे दिन भगवती की कृपा से राम ने दुष्ट रावण का वध किया और विजय प्राप्त की इसलिए दशहरा को विजयादशमी भी कहा जाता है।

दशहरा का महत्व:-

दशहरा पर्व हम सभी के जीवन में बहुत महत्व रखता है, दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है इसलिए यह त्यौहार हमें बुराई पर अच्छाई की जीत सिखाता है। यह पर्व बहुत ही शुभ और पवित्र माना जाता है। दशहरा का त्यौहार राम के द्वारा रावण का वध करके विजय प्राप्त करने के अवसर पर मनाया जाता है, दशहरे का त्यौहार सभी ग्रामीण तथा शहरी इलाकों में मनाया जाता है, हम सभी लोग इस त्यौहार को बहुत ही उत्साह और आनंद के साथ मनाते हैं, दशहरे के अवसर पर विद्यालय और कार्यालयों में अवकाश रहता है जिससे लोग इस पर्व को उत्साह के साथ मनाते हैं।

उपसंहार:-

दशहरे का त्यौहार सभी हिंदुओं में उत्साह से मनाया जाता है, दशहरे का पर्व असत्य पर सत्य एवं बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक माना जाता है, इस दिन भगवान श्रीराम ने बुराई के प्रतीक रावण का वध किया था। हम सभी को अपनी बुराइयों को त्याग कर अच्छाइयों को ग्रहण करना चाहिए।

अन्य निबंध लेख :-

दशहरा पर निबंध 2

प्रस्तावना:-

दशहरा का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक होता है, इस त्यौहार को विजयादशमी के रूप में भी जाना जाता है, यह त्यौहार हमें बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देता है, दशहरा का त्यौहार पूरे भारत में बड़े उत्साह और धूमधाम से मनाया जाता है। दशहरा त्यौहार के अवसर पर रामलीला का आयोजन किया जाता है जिसमें भगवान राम के संपूर्ण घटनाओं को प्रकट किया जाता है।

इस त्यौहार का हिंदू धर्म में बहुत महत्व होता है, यह त्यौहार लोगों में एकजुटता लाता है, दशहरा ना केवल हिंदुओं द्वारा मनाया जाता है बल्कि देश के सभी धर्मों के द्वारा मनाया जाता है। यह त्यौहार 10 दिनों तक चलने वाला पर्व होता है, दशहरा पर्व को मनाने के लिए जगह-जगह पर बड़े मेलों का आयोजन किया जाता है।

दशहरा का इतिहास:-

गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित राम चरित्र मानस के अनुसार लंकापति राक्षस रावण ने वनवास के दौरान भगवान श्री राम की पत्नी सीता का अपहरण कर लिया था, वह उन्हें अपने राज्य लंका ले गया और बंदी बनाकर रखा, भगवान राम ने लक्ष्मण जी के साथ सीता जी की खोज शुरू की रास्ते में उन्हें जटायु ने बताया कि रावण सीता जी का हरण करके लंका ले गया है, इसके उपरांत श्री राम जी सुग्रीव, हनुमान, जामवंत और अन्य वानर सेना के साथ रावण के लंकापर आक्रमण किया और 10 सिर वाले दशानन कहे जाने वाले राक्षस रावण को युद्ध के दसवे दिन मार दिया, तभी से दशमी को विजयदशमी के रूप में मनाया जाता है।

दशहरा के अवसर पर 10 सिर वाले रावण के पुतले का दहन किया जाता है, रावण दहन के अलावा इसी दिन देवी दुर्गा ने राक्षस महिषासुर का वध भी किया था, मां दुर्गा ने आश्विन शुक्ल की दशमी तिथि को महिषासुर का वध किया था, इसके बाद सभी देवताओं ने मां दुर्गा की विजय पर उनकी पूजा-अर्चना की थी,

इसलिए इस तिथि को विजयदशमी भी कहते हैं, दशहरा के दिन ही मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया और श्री राम ने रावण पर जीत हासिल किया, इसलिए इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व कहा जाता है, श्री राम मर्यादा और आदर्श के प्रतीक है वही मां दुर्गा शक्ति की प्रतीक है।

उपसंहार:-

यह पर्व दस दिनों तक चलने वाला पर्व होता हैं,यह त्यौहार हम सभी के लिए महत्वपूर्ण है, यह त्यौहार बहुत हर्षोल्लास के साथ मनाया है,यह 10 दिनों तक चलने वाला लम्बा त्यौहार होता है। यह पाप पर पुण्य की विजय का प्रतीक होता है, यह लोगों के मन में नई ऊर्जा ,बुराई पर अच्छाई की जीत और लोगों के मन में नई चाहत लेकर आता है।

अन्य निबंध लेख :-

अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

दशहरा कब मनाया जाता है?

दशहरा हर साल अक्टूबर के महीने में मनाया जाता है और इस साल दशहरा 5 अक्टूबर 2022 को मनाया जाएगा जिसमें हम रावण को जलाकर इसका जश्न मनाएंगे।

दशहरा क्यों मनाया जाता है?

दशहरा इसलिए मनाया जाता है ताकि लोग अच्छाई के राह पर चल सकें और रावण को इसलिए जलाया जाता है क्योंकि इसे असत्य पर सत्य का विजय दिखा सके।

दशहरा कौन से दिन मनाया जाता है?

दशहरा दुर्गा पूजा के दसवें दिन मनाया जाता है। इसे मनाने का कारण असत्य पर सत्य की जीत है। रावण ने सीता का हरण किया था, इसलिए भगवान राम ने रावण का वध किया और असत्य पर सत्य की जीत हासिल की।

Leave a Comment