कृषि पर निबंध | Essay on Farmer In Hindi

नमस्कार दोस्तों! आप सभी का स्वागत है हमारे इस लेख में, इस लेख में हम कृषि पर निबंध के बारे में चर्चा करेंगे, यह लेख सभी स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए उपयोगी है तथा इसके साथ ही किसानों के लिए भी ज्ञानवर्धक है।

इस निबंध लेख के माध्यम से कृषि के बारे में जानकारियां प्राप्त होंगी, भारत की अधिकतर आबादी कृषि पर आधारित है तथा भारत के अधिकतर लोग कृषि कार्य करते हैं जिसके बारे में हम इस लेख के माध्यम से विस्तार पूर्वक जानेंगे।

यह लेख स्कूल कॉलेज में प्रोजेक्ट वर्क के लिए भी उपयोगी साबित हो सकता है क्योंकि कृषि आज का अहम विषय बन चुका है जिसके बारे में प्रोजेक्ट वर्क में देखने के लिए दिया जा सकता है।

तो चलिए हम कृषि पर निबंध को शुरू करते हैं और कृषि के बारे में जानने की कोशिश करते हैं –

कृषि पर निबंध 1

प्रस्तावना

हमारे भारत देश में अधिकतर लोगों के द्वारा कृषि कार्य किया जाता है और कृषि के द्वारा ही अन्न का उत्पादन होता है जिससे पूरे देश के लोगों का भोजन उपलब्ध हो पाता है। कृषि कार्य कृषक के द्वारा फसल उत्पादन के लिए किया जाता है।

कृषि के अन्तर्गत फल, सब्जी, धान, गेहूं, फूलों की खेती, मत्स्य पालन, पशुपालन आदि आते हैं यह सभी कार्य कृषक के द्वारा किया जाता है, इन सभी का उत्पादन कृषक के बिना नहीं किया जा सकता इस कारण किसान कृषि के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं।

बाजारों में जो सब्जी और अनाज मौजूद होते हैं वह सभी कृषक के द्वारा ही कठिन परिश्रम करके उगाए जाते हैं परंतु किसानों को कभी-कभी फसलों का सही दाम ना मिलने के कारण किसानों की स्थिति काफी खराब हो जाती है।

हमारा भारत देश कृषि प्रधान देश है, भोज्य पदार्थों का उत्पादन करना मूल रूप से कृषि कहलाता है तथा कृषि को अंग्रेजी में एग्रीकल्चर कहा जाता है।

एग्रीकल्चर दो शब्दों से मिलकर बना है अर्थात जमीन के एक हिस्से में फसल उगाना कृषि कहलाता है। किसान सुबह उठकर खाना खाकर खेतों में निकल पड़ते हैं कृषि कार्य करने के लिए, और किसानों का पूरा समय खेतों में ही व्यतीत होता है तब जाकर वे फसल का उत्पादन कर पाते हैं।

कृषि कार्य हमारे भारत देश का प्रमुख व्यवसाय है तथा भारत के कृषि मानसून की बारिश पर निर्भर होती है हालांकि वर्तमान में कृषि कार्य ट्यूबवेल के पानी के द्वारा भी किए जाते हैं ‌ परंतु यह सभी किसानों के पास उपलब्ध नहीं होता है।

प्राचीन कृषि

प्राचीन कृषि पुरानी पद्धति के द्वारा की जाती है, जिसमें ईशान अपनी फसल बातें हैं और अपनी जरूरतों के लिए भोजन का उत्पादन करते हैं ना कि बेचने के लिए, हमारे भारत देश में इस तरह की कृषि तटीय आंध्र प्रदेश, तमिल नाडु और पश्चिम बंगाल तथा केरल जैसे राज्यों में की जाती हैं।

इन्हीं स्थानों में कृषि कार्य केवल भोजन की उपलब्धि के लिए किया जाता है और कृषि में उत्पादित किए गए फसलों को बेचा नहीं जाता है।

मिश्रित कृषि

इस प्रकार की कृषि में पशुपालन और खेती दोनों एक साथ किया जाता है अर्थात पशुओं का पालन भी कर सकते हैं और खेतों में कृषि कार्य भी कर सकते हैं इस तरह के कृषि को मिश्रित कृषि के नाम से जाना जाता है।

वर्तमान युग में भी इस प्रकार के कृषि की जाती हैं जिसमें लोग मुर्गी पालन, गाय, बकरी आदि का पालन करते हैं और उनसे मिलने वाले वस्तुओं को बेचते हैं,तथा कृषि का कार्य भी करते हैं अर्थात खेतों में फसल भी उड़ाते हैं।

झूमिंग कृषि

झूमिंग कृषि में जंगल तथा पेड़ पौधों को जलाकर कृषि किया जाता है, इस प्रकार की कृषि में पृथ्वी को साफ करके दो तीन वर्ष तक कृषि कार्य किया जाता है और उसके बाद दूसरे स्थानों पर कृषि की जाती हैं।

इस तरह की कृषि में चाय, रबड़ आदि फसलें उगाई जाती है तथा इन फसलों को रोपण कृषि भी कहा जाता है तथा इस तरह के कृषि में जब एक खेत में 1 साल में चार फसलें उगाई जाती है तो उसे रिले क्रॉपिंग कहा जाता है।

कृषि की परिभाषा

कृषि को प्राथमिक आर्थिक गतिविधि के रूप में परिभाषित किया जाता है, कृषि खेती का विज्ञान की पद्धति है और इसके अंतर्गत फसलों का उत्पादन किया जाता है। फसलों के उत्पादन के लिए खेतों की जुताई की जाती है तथा भोजन और अन्य उत्पादों को प्राप्त करने के लिए पशुपालन को भी शामिल किया जाता है।

उपसंहार

कृषि भारत देश के मुख्य व्यवसाय है, और यहां के अधिकतर लोग कृषि पर आधारित है। कृषि के द्वारा ही भारत के लोग अपना जीवन यापन करते हैं। कृषि रोजगार करने का आवश्यक माध्यम होता है क्योंकि इसके द्वारा ही किसानों का जीवन चलता है और किसान इसके द्वारा ही अपनी जरूरतों को भी पूरा करते हैं।

कभी-कभी वर्षा ऋतु में भी बारिश नहीं होती है जिसके कारण कृषि कार्य नहीं किया जा सकता है क्योंकि भारत के अत्यधिक कृषक मानसून की वर्षा के सिंचाई पर आधारित है। मानसून में वर्षा ना होने के कारण किसानों को खाली बैठना पड़ता है जिसके कारण किसान बेरोजगार हो जाते हैं और उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

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कृषि पर निबंध 2

प्रस्तावना

वर्तमान समय में भारत देश में कृषि के क्षेत्र में अनेक उपलब्धियां हासिल की है, भारत देश दूग्ध का सबसे बड़ा उत्पादक देश है तथा इसके अलावा यहां चावल, गेहूं, सब्जी आदि भी उगाए जाते हैं। हमारा भारत देश कृषि प्रधान देश है जो दूसरा सबसे बड़ा सब्जी और फलों का उत्पादक देश है।

भारत देश में पशुओं की कृषि भी की जाती है, यहां चलवासी पशु चारण के अंतर्गत पशुपालन आधारित कृषि कार्य भी किया जाता हैं। चलवासी पशुचारण कृषि अर्ध शुष्क और शुष्क क्षेत्रों में वहां के निवासियों के द्वारा की जाती है।

कृषि का महत्व

कृषि का हम सभी के जीवन में विशेष महत्व होता है, कृषि के माध्यम से ही हमें खाने के लिए भोजन की उपलब्धि होती है। कृषि का पूरे देश में महत्त्व है तथा कृषि कार्य के लिए किसान अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हैं, किसानों के द्वारा ही कठिन परिश्रम करके फसलों को उगाया जाता है और फसलों को मार्केट में उतारा जाता है जिसके बाद हम सभी को भोजन उपलब्ध हो पाता है।

कृषि एक ऐसा क्षेत्र है जो हमारे देश में अत्यधिक लोगों को रोजगार का अवसर देता है, कृषि का अर्थ केवल खेती करना ही नहीं बल्कि इसमें पशुपालन भी शामिल होते हैं। भारत की अर्थव्यवस्था के लिए कृषि का महत्वपूर्ण भूमिका है इसलिए भारत देश के विकास के लिए कृषि क्षेत्र का विकास होना बहुत महत्वपूर्ण है।

कृषि के लाभ

कृषि के माध्यम से हम भोजन का उत्पादन कर पाते हैं जो सभी लोगों के पेट भरने के लिए बहुत आवश्यक है। कृषि उद्योगों की वृद्धि भी करता है जिससे हम अपने आवश्यकता की चीजों को खरीद पाते हैं। कृषि दुनिया भर के हजारों लोगों को रोजगार का अवसर देता है, तथा कृषि घरेलू उत्पादन में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है।

कृषि के प्रकार

मिश्रित खेती, गहन जीविका कृषि, सिंचित कृषि, बागवानी कृषि, रोपण कृषि, स्थानांतरण कृषि, एकल और बहू फसल के कृषि, व्यापारिक कृषि, वाणिज्य कृषि तथा इनके अलावा और भी कई प्रकार की कृषि की जाती है।

उपसंहार

देश की उन्नति और अर्थव्यवस्था के सुधार के लिए कृषि कार्य बहुत आवश्यक है, कृषि कार्य के द्वारा कई किसान अपने जीवन यापन करते हैं। कृषि हमारे भारत देश का प्रमुख व्यवसाय है जिसके द्वारा यहां के लोगों का जीवन यापन होता है।

देश के प्रत्येक लोगों के भोजन के लिए कृषि कार्य बहुत आवश्यक है, तथा कृषि के द्वारा किसानों की आर्थिक दशा में भी सुधार होता है। कृषि के द्वारा ही देश के प्रत्येक क्षेत्र में लोगों को भोजन प्राप्त होता है और इन फसलों उगाने का प्रमुख श्रेय किसानों को जाता है जिनके द्वारा अथक प्रयास करके किसी भी परिस्थिति में फसलों के उत्पादन की जाती है।

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निष्कर्ष –

उम्मीद है दोस्तों हमारे द्वारा लिखी गई लेख आप सभी को पसंद आएगी और आपके लिए उपयोगी साबित होगी, यह लेख विद्यार्थियों के लिए उपयोगी है।

इस लेख के माध्यम से आप सभी कृषि से जुड़े जानकारियां प्राप्त होगी , यदि आप सभी को हमारे द्वारा दी गई जानकारी पसंद आए तो आप सभी इस लेख को अपने दोस्तों के साथ भी शेयर कर सकते हैं।

अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

कृषि क्यों जरूरी है ?

कृषि हमारे देश की अर्थव्यवस्था में सुधार लाने और भोज्य पदार्थों की उपलब्धि के लिए बहुत आवश्यक है।

भारत देश का प्रमुख व्यवसाय क्या है ?

भारत देश का प्रमुख व्यवसाय कृषि कार्य है जिसके अंतर्गत फसलें उगाई जाती है तथा पशुपालन की जाती हैं।

भारत में बागान कृषि किन राज्यों में की जाती है ?

भारत में बागान कृषि ज्यादातर तमिल नाडु, कर्नाटक, हरियाणा और बिहार आदि क्षेत्र में बहुत लोकप्रिय है।

कृषि क्या है ?

खेती और वानिकी के माध्यम से खाद्य पदार्थों का उत्पादन करना कृषि कहलाता है और संपूर्ण मानव जाति के लोग कृषि पर ही आधारित होते हैं।

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