हेलो दोस्तों !आप सभी का स्वागत है, आज के आर्टिकल में हम आपके लिए मनुष्य पर निबंध लेकर आए है, मनुष्य के बारे में तो आप सभी को पता होगा ही क्योंकि आप सभी भी मनुष्य है, यह निबंध आप सभी के लिए रोचक होने वाला है।
हम इस निबंध में जानेंगे कि मनुष्य या मानव प्रजातियां अस्तित्व में कैसी आई और मानव का विकास कैसे हुआ, आप सभी को पता होगा हम मानवों को पृथ्वी पर सबसे बुद्धिमान प्राणी कहा जाता है।
तो चलिए हम हमारे आज के निबंध के माध्यम से मनुष्य के बारे में चर्चा करते हैं, और इससे जुड़ी सारी जानकारियां भी प्राप्त करते हैं।

मनुष्य पर निबंध
प्रस्तावना :-
मनुष्य जाति प्राचीन समय से ही समूह में रहा है अर्थात पहले के लोग भी समूह में रहते थे जिसके कारण मानव जाति सुरक्षित महसूस करता था। भगवान ने सभी मनुष्य को एक समान रूप में बनाया है परंतु मनुष्य जाति अपने कद और अपने स्तर के लोगों के साथ मिलना जुलना पसंद करता है।
मनुष्य जाति के लोग बोलने, देखने और सोचने तथा समझने की क्षमता रखते हैं, जिससे मनुष्य जाति को सबसे बुद्धिमान जीव समझा जाता है इनके कई खास गुण भी होते हैं। मानव का विकास बंदरों से हुआ है, प्राचीन समय में मनुष्य बंदर के रूप में हुआ करते थे।
पुराने समय में मनुष्य जंगलों में रहा करते थे और बिना आग के भोजन करते थे धीरे-धीरे उनमें बदलाव आते गया और वे मनुष्य जाति को समझने लगे। मनुष्य सभी कार्य को समूहों में करना पसंद करते हैं उनमें सोचने समझने की क्षमता होती है।
अन्य पशुओं की तुलना में मनुष्य एक अलग प्राणी है, तथा मनुष्य के चलने के लिए मानव के पास दो पैर ,सुनने के लिए कान, हाथ, आंख सभी चीजों की उपलब्धि होती है जिसके कारण वे सभी कार्यों को आसानी से कर सकते हैं, इनके अलावा मनुष्य के पास मस्तिष्क भी होता है जिसके माध्यम से वे सोच समझकर कार्य कर सकते हैं।
मानव और संस्कृति :-
मानव की परवरिश में संस्कृति का बहुत प्रभाव होता है, संस्कृति हम सभी मानव के दिमाग और संपूर्ण व्यक्तित्व के आकार को प्रभावित करता है, जिसके कारण विभिन्न संस्कृतियों के लोगों की अलग अलग सोच होती है। हमारे भारत देश के मानव अपनी संस्कृति के लिए उचित सम्मान रखते हैं, तथा अपने बड़ों का आदर और आदेशों का पालन करने में विश्वास करते हैं।
भारतीय मानव दिल से सभी लोगों का स्वागत करते हैं और सभी धर्म और संस्कृति के लोगों के लिए समानता का भाव रखते हैं, हमारे भारत देश में विभिन्न धर्म और जाति के लोग एकजुट होकर शांति और सद्भाव से रहते हैं।
मनुष्य और पर्यावरण :-
मानव के जीवन में जहां सुधार हुआ है वहीं विभिन्न तरीकों से प्रगति भी हुई है लेकिन प्रगति के कई नकारात्मक नतीजे भी आए हैं, मानव के द्वारा ही पर्यावरण पर बुरा प्रभाव पड़ता है क्योंकि मानव अपने उपलब्धियां के लिए पर्यावरण का दुरुपयोग भी करता है।
कई लोग अपने कारोबार को चलाने के लिए उद्योग धंधे को स्थापित कर देते हैं, और उद्योग धंधों को स्थापित करने के लिए पेड़ पौधों को भी काट देते हैं जिसके कारण पर्यावरण को बहुत प्रभाव पड़ता है। उद्योगों में दिन प्रतिदिन वस्तुओं का उत्पादन करने के लिए पेड़ पौधों को काट दिया जा रहा तथा सभी जगहों पर उद्योग स्थापित किया जा रहा है जिससे हमारे पर्यावरण को हनियां भी हो सकती हैं।
मनुष्य एक सामाजिक सामाजिक पशु है :-
मानव जाति ने हमेशा से समूह में रहने को प्राथमिकता दी है, मनुष्य को अकेला छोड़ देने से वह अकेलेपन से पीड़ित होकर शारीरिक और मानसिक रूप से बीमार हो जाएगा, मानव के लिए अकेले रहना संभव नहीं है क्योंकि मनुष्य पुराने समय से ही सामाजिक पशु रहा है।
मानव आसपास के लोगों से प्यार करता है और अपने दोस्तों और परिवार के सदस्यों के साथ विचार विमर्श साझा करना पसंद करता है, मानव दोस्तों के साथ समय व्यतीत करना तथा विभिन्न प्रकार की गतिविधियों में शामिल होकर अच्छा महसूस करता है। पुराने समय में हमारे भारत देश के लोग संयुक्त परिवारों में रहते थे जिनके कई फायदे होते थे।
संयुक्त परिवार बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए अच्छा था तथा इससे बुजुर्गों का भी अच्छे से देखभाल हो जाता था और वर्तमान में इन सभी संस्कृतियों में बहुत बदलाव हुआ है। वर्तमान में युवा वर्ग के लोग स्वतंत्र रूप से अलग रहना चाहते हैं।
मनुष्य जीवन:-
मनुष्य एक दूसरे के साथ एकजुट होकर रहते हैं, तथा पहले के जमाने में भी मानव जाति के लोग एक साथ मिलजुल कर रहते थे जिसका मुख्य कारण उनके पास रहने के लिए घर नहीं था , जिसके वजह से मनुष्य जाति जंगलों में खतरनाक जानवरों के बीच में झूंड बना कर रहते थे।
आधुनिक युग का मानव:-
आधुनिक युग में युवा वर्ग के मानव अपने बातों को गोपनीय रखना पसंद करते हैं, अर्थात आज के मानव किसी से कोई मतलब नहीं रखना चाहते हैं, वर्तमान समय में सबसे ज्यादा युवा सोशल मीडिया पर रहना पसंद करते हैं जिसके कारण वह अपने परिवार के सदस्यों के साथ भी बातचीत करने तथा खाना खाने के लिए भी समय नहीं निकाल पाते।
आज के युवा वर्ग के मानव अपने काम में व्यस्त रहते हैं उन्हें अपने परिवार के सदस्यों से भी मतलब नहीं होता उनको सिर्फ पैसे से मतलब होता है, और खाली समय होने पर सोशल मीडिया या अपने मोबाइल फोन में व्यस्त रहते हैं जिसके कारण संयुक्त परिवार खत्म होते चला जा रहा है और लोग अकेला रहना ही पसंद करने लगे हैं।
मनुष्य का विकास :-
मनुष्य का विकास बंदरों से माना जाता है, ऐसी मान्यता है कि मनुष्य के पूर्वज बंदर थे, मानव जाति के पास पहले बड़े कान, तेज दांत और मोटी त्वचा थी परंतु वर्तमान में वैसा बिल्कुल भी नहीं है, वर्तमान में मनुष्य का विकास शारीरिक और मानसिक दोनों रूपों में हो गया है, तथा अभी भी विकास हो रहा है।
मानव का इतिहास :-
मानवता का विकास पुरापाषाण युग से हुआ था, इसके बाद नियोलिथिक युग आया, जिसमें 10,000 और 5000 ईसा पूर्व के बीच निकट पूर्व के उपजाऊ वर्तमान में कृषि क्रांति शुरू हुई। इस अवधि के दौरान मनुष्य ने पौधों और जानवरों का व्यवस्थित पालन करना शुरू किया। जैसे-जैसे कृषि उन्नत हुई अधिकांश मानव स्थाई बस्तियों में किसानों के रूप में एक व्यवस्थित जीवन शैली में परिवर्तित हो गए।
मानव की अनुवांशिक विशेषताएं :-
मानव जाति का लिंग मां के गर्भ में निषेचन के समय निर्धारित होता है, एक पुरुष भ्रूण का उत्पादन तब होता है जब Y गुणसूत्र वाला एक शुक्राणु को दूसरी तरफ अंडे को निषेचित करता है, तथा जब एक गुणसूत्र, X गुणसूत्र के जाने पर एक मादा उत्पन्न होती है।
गुणसूत्रों का संयोजन XY पुरुषों के शारीरिक और व्यवहार संबंधी विशेषताओं के आधार पर बनता है, पुरुषों में महिलाओं की तुलना में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का अधिक निर्माण होता है, जिसके कारण पुरुषों में दाढ़ी आदि आते हैं।
मानव जाति का अन्य प्रजातियों पर लाभ :-
मनुष्य प्रकृति के सबसे अद्भुत रचनाओं में से एक है जिनके पास सोचने और कार्य करने की विशेष क्षमता होती है तथा मानव के पास मस्तिष्क भी होता है जिसके कारण मनुष्य बहुत ही बुद्धिमान होते हैं।
मानव को मस्तिष्क और हाथों ने विज्ञान और विकास में लगातार प्रगति करने में मदद किया है, मानव में अन्य प्रजातियों को विलुप्त होने या खतरों से बचाने की शक्ति भी होती है। मानव जिज्ञासा को संतुष्ट करने में भी विशेष क्षमता रखता है।
उपसंहार:-
मानव जाति ईश्वर की सबसे अनमोल रचना है, मनुष्य के पास सोचने समझने के लिए मस्तिष्क होता है जिसके कारण मनुष्य अन्य जीवों की तुलना में अधिक बुद्धिमान माने जाते है। मनुष्य अपने परिवार के साथ साथ अन्य प्रजातियों की भी सुरक्षा कर सकते है और अपनी जिम्मेदारियों को भी निभा सकते है।
प्राचीन समय से लेकर वर्तमान समय तक मनुष्य की सोच में काफी बदलाव देखने को मिला है, पहले के मनुष्य कच्चे मांस, फल, फूल और पत्थर को खाते थे परंतु इसमें धीरे-धीरे बदलाव आया और मनुष्यों ने आग जलाना भी सीख लिया तथा अपना भोजन भी पकाना शुरू कर दिया।
मानव जाति आज प्रगति के सबसे ऊंचे स्तर पर है, मनुष्य ने अपने दिमाग का प्रयोग करना सीख लिया है और अपने दिमाग के माध्यम से कई क्षेत्रों में बड़े से बड़े कार्य कर रहा है वर्तमान युग में मानव के लिए कोई भी कार्य असंभव नहीं है।
निष्कर्ष –
उम्मीद करते हैं दोस्तों आप सभी को यह आर्टिकल पसंद आएगा तथा यह निबंध लेखन आप सभी के लिए उपयोगी साबित होगा।
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नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम अमृत यादव है और पेशे से मैं एक ब्लॉगर और लेखक हूं, जो लेख आप अभी पढ़ रहे हैं वह मेरे द्वारा लिखा गया है, मैं अभी बीकॉम फाइनल ईयर की पढ़ाई कर रहा हूं।