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भारतीय अर्थव्यवस्था पर निबंध 1
प्रस्तावना
भारत देश एक कृषि प्रधान देश है जहां लगभग 50% भूमि पर कृषि कार्य किया जाता है और भारत देश की आबादी कृषि अर्थव्यवस्था पर आधारित है । भारत देश को आजादी से पहले अर्थात जब हमारा देश अंग्रेजों का गुलाम था तो इसे सोने का चिड़िया कहा जाता था और वर्तमान में भारत देश अर्थव्यवस्था के नाम से विकासशील देशों की श्रेणी में तीसरे नंबर पर आता है।
भारत देश के आजादी के बाद यहां सभी प्रकार के उद्योगों को बढ़ावा मिला तथा यहां पर सभी प्रकार के रोजगार उपलब्ध होने लगे थे परंतु अंग्रेजों ने भारत वासियों पर अपना अत्याचार करके सब कुछ लूट लिया और अंग्रेजों ने भारत देश पर बहुत समय तक राज किया जिसके कारण भारत देश को बहुत सारे आर्थिक संकटों का सामना करना पड़ा।
भारत देश की अर्थव्यवस्था के अंतर्गत आर्थिक रूप से सबसे अधिक नुकसान गरीब और बेसहारा लोगों को होता है क्योंकि गरीब और बेसहारा लोगों के पास आजीवन का एक मात्र सहारा होता है और वह कृषि अर्थव्यवस्था होता है। भारत देश की अर्थव्यवस्था को अच्छा और मजबूत बनाने के लिए बहुत से घरेलू व्यवसाय को बढ़ावा दिया गया,
तथा साथ ही मुर्गी पालन, मत्स्य पालन, पशुपालन फल तथा सब्जी के बिक्री आदि को भी बढ़ावा दिया गया जिसके जरिए गरीब परिवार और बेसहारा लोगों को इधर-उधर घूमना ना पड़े और इन उद्योगों के माध्यम से गरीब तथा बेसहारा लोगों को काफी आराम मिला लोग कम पैसे में उद्योगों को करके अपने घर परिवार के आजीवन को आसानी से चला पा रहे थे।
उद्योग को बढ़ावा अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए
हमारे देश के अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए औद्योगिक क्षेत्र सबसे पहले आता है और जब से भारत देश में औद्योगिक क्रांति हुई है उसके बाद से हमारे देश में बहुत से उद्योगों को बढ़ावा मिला है। पहले कुछ समय के अपेक्षा वर्तमान में औद्योगिक क्षेत्र में काफी तेजी देखने को मिली है उसे देखने से महसूस होता है कि हमारे देश में बहुत बड़े पैमाने पर उद्योग धंधा विकसित हुआ है।
उद्योग विकसित होने से लोहा, इस्पात, रसायन, चीनी, सीमेंट, जहाज निर्माण, इन सभी उद्योगों के माध्यम से अर्थव्यवस्था के सुधार में बहुत बड़ा योगदान मिला है और इन सभी उद्योगों के जरिए लोगों को रोजगार का अवसर भी प्राप्त हुआ है जिससे बेरोजगारी में कमी आई है।
हमारे देश में लघु उद्योग भी चलाए जा रहे हैं जिनमें कपड़ा उद्योग, प्लास्टिक उत्पादक उद्योग, कागज का उद्योग, खाद निर्माण उद्योग और इनके अलावा खिलौना बनाने का उद्योग आदि इन सभी छोटे लघु उद्योगों को बढ़ावा देकर भारत देश के अर्थव्यवस्था को सुधारने में सहयोग मिला है।
आर्थिक व्यवस्था सुधार में सरकार का योगदान
हमारे देश का आर्थिक व्यवस्था सबसे अधिक कृषि पर निर्भर है क्योंकि भारत देश के आधे से भी ज्यादा जनसंख्या कृषि कार्य करती है और कृषि कार्य करके ही अपना आजीवन चलाते हैं। भारत सरकार ने कृषि नीति को आगे बढ़ाने के लिए नए-नए तकनीकों को चलाया है जिसके कारण मुर्गी पालन, पशुपालन और मत्स्य पालन में भी आधुनिकीकरण आई है और इनका विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
सभी प्रकार के कृषि कार्यों के लिए कुछ नए कानून और नियम बनाए गए हैं जिसके द्वारा किसानों को काफी मदद मिल रहे हैं सरकार किसानों की समस्या को दूर करने के लिए कृषि के तरीकों को बहुत एक्सपर्ट बनाते जा रहा है और उनके द्वारा कृषि कार्य में आने वाली समस्याओं को हल करने के लिए जनता के समक्ष कुछ नंबर भी शेयर किया है जिसमें कॉल करके कृषि के बारे में सलाह लिया जा सकता है।
सरकार के द्वारा समय-समय पर किसानों के लिए नया नया कार्यक्रम चलाया जाता है और उसमें कृषि कार्य के नए-नए तकनीकों के बारे में बताया जाता है तथा किसानों के समक्ष इनके नई नीतियों को बताया जाता है जिसके मदद से किसान अपनी समस्याओं का समाधान कर सकते है। इनके अलावा सरकार घरेलू कुटीर उद्योग, हस्तशिल्प उद्योग आदि को भी बढ़ावा दे रही है।
इन सभी छोटे बड़े उद्योगों के माध्यम से गरीब और निम्न स्तर के लोगों को रोजगार मिल रहा है जिससे गरीबों की स्थिति में सुधार आ रहा है और सरकार समय-समय पर भारत देश की अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए तथा जनता के हित के लिए जरूरी कार्य करती रहती है।
कोरोना महामारी के कारण आम जनता पर आर्थिक संकट
कोरोना महामारी ने संपूर्ण विश्व के हर एक क्षेत्र को परेशान किया है कोरोना के कारण हमारे देश के अर्थव्यवस्था पर भी बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है हमारे देश में कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन लगा दिया गया था जिससे देश में बेरोजगारी की समस्या काफी हद तक बढ़ गई थी।
कोरोना महामारी के कारण हमारे देश में सभी छोटे बड़े उद्योगों पर गहरा प्रभाव पड़ा कोरोना महामारी के वजह से बेरोजगारी दर काफी स्तर तक बढ़ चुकी थी और वर्तमान में भारत देश में सभी लोगों के रोजगार की इकाई छोटी-छोटी उद्योग है।
देश में लॉकडाउन लग जाने के कारण सभी लोगों को अपने घर पर रहना पड़ता था जिसके कारण गरीब और निम्न स्तर के लोग दो वक्त की रोटी के लिए भी कार्य नहीं कर पा रहे थे तथा इसके अलावा फल, सब्जी आदि व्यापारियों को भी इसके कारण बहुत नुकसान उठाना पड़ा और वर्तमान समय तक आर्थिक अर्थव्यवस्था में हुए नुकसान की भरपाई अभी तक नहीं हो पाई है।
उपसंहार
भारत देश की अर्थव्यवस्था पर कोरोनावायरस के समय बहुत गहरा प्रभाव पड़ा इस समय हमारे औद्योगिक क्षेत्र के सभी मजदूरों को अपना काम छोड़कर घर पर रहना पड़ा जिसके कारण उत्पादन की दर में बहुत गिरावट आई और भारतीय बाजारों में भी उत्पादन की मांग बढ़ी थी जिसका आपूर्ति कर पाना बहुत मुश्किल हुआ।
भारत के अर्थव्यवस्था में नोटबंदी के दौरान भी बहुत बुरा प्रभाव देखने को मिला इसके कारण हमारे देश में नकारात्मक और सकारात्मक दोनों प्रकार का प्रभाव लोगों पर पड़ा। विमुद्रीकरण के दौरान आम जनता को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ा परंतु वर्तमान समय में इसका फायदा भी लोगों में देखने को मिल रहा है।
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भारतीय अर्थव्यवस्था पर निबंध 2
प्रस्तावना
भारत देश मुख्य रूप से एक कृषि प्रधान देश है और यह कृषि अर्थव्यवस्था पर आधारित है यहां के लोग कृषि गतिविधियों में ही निर्भर होते हैं। भारत देश के लोग कृषि कार्य करके फसलों को उगाते हैं और उन्हें बेचते हैं जिससे उनका आजीवन चलता है तथा इसके साथ-साथ यहां के लोग मुर्गी पालन, मछली पालन और पशु पालन आदि भी करते हैं।
कृषि कार्य हमारे भारत देश की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत महत्वपूर्ण है पिछले कुछ वर्षों में भारत देश की अर्थव्यवस्था में काफी वृद्धि देखने को मिली है और कुछ कारणों से अर्थव्यवस्था में काफी नकारात्मक प्रभाव भी पड़ा है। हमारे देश में विभिन्न प्रकार के छोटे-बड़े उद्योग स्थापित किए जा रहे हैं जिससे अर्थव्यवस्था में काफी वृद्धि हुई है।
आर्थिक विकास में सरकार की भूमिका
भारतीय आबादी का अधिकांश हिस्सा कृषि क्षेत्र का है यहां के लोग वर्तमान समय में भी कृषि के क्षेत्र में कार्य करते हैं और आजीवन कमाते हैं तथा यहां कृषि के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के छोटे उद्योगों को भी चलाया जाता है जिसमें पशुपालन और मत्स्य पालन जैसे कार्य शामिल होते हैं।
भारत सरकार भारतीय लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए विभिन्न प्रकार का प्रयास कर रही है जिससे लोगों के आर्थिक स्तर में सुधार लाया जा सके और किसानों को विभिन्न प्रकार के नई नीतियों को प्रदान किया जा रहा है जिसके माध्यम से हर छोटे-बड़े किसान अपने आर्थिक स्थिति में सुधार कर सकें।
हमारे देश में वस्तुओं की मांग लगातार बढ़ने लगी है जिससे सरकार ने इन समस्याओं को देश के आर्थिक विकास में बाधा के रूप में पहचान करते हुए इन पर अंकुश लगाने के नीतियों को स्थापित किया है और कुटीर उद्योग को बढ़ावा दिया जिससे मजदूरों को उचित मजदूरी प्रदान की जाए और लोगों को आजीविका की पर्याप्त साधन उपलब्ध कराई जाए।
औद्योगिक क्षेत्र का उदय
भारत सरकार ने सभी छोटे-बड़े पैमाने के उद्योगों का विकास किया है क्योंकि भारत देश के सरकार को यह समझ आ चुका है कि अकेले कृषि देश आर्थिक विकास नहीं कर पाएगा, आजादी के बाद हमारे देश में कई उद्योग स्थापित किए गए हैं और उन्हें बेहतर बनाने के लिए अनेकों प्रकार से प्रयास किए जा रहे है।
वर्तमान समय में हमारे पास बड़े मात्रा में कच्चे माल के साथ साथ कई प्रकार के उद्योग हैं जैसे लोहा उद्योग, इस्पात उद्योग, कपड़ा उद्योग, कागज उद्योग आदि जिन्होंने हमारे आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। सेवा के क्षेत्र में भी भारत देश ने अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दिया है जिसके कारण इस क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों से विकास देखने को मिल रहा है।
भारत सरकार की भूमिका
भारत देश की ज्यादातर आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है इसलिए हमारे देश में वर्तमान समय में भी ज्यादा लोग अपनी आजीविका के लिए कृषि क्षेत्र पर निर्भर रहते हैं और इनमें से कुछ लोग मछली पालन तथा मुर्गी पालन और पशुपालन जैसे कार्य के माध्यम से भी अपना आजीविका चलाते हैं। भारत सरकार ने बड़े पैमाने पर लघु उद्योग के विकास को भी काफी बढ़ावा दिया है क्योंकि केवल कृषि क्षेत्र के माध्यम से ही भारत देश के अर्थव्यवस्था में सुधार नहीं लाया जा सकता है।
उपसंहार
भारत देश के अर्थव्यवस्था में आजादी के बाद बहुत सुधार हुआ है और भारत देश का विकास भी हुआ है परंतु वर्तमान में भी भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि क्षेत्र का 50% ही योगदान है परंतु भारत देश की आबादी जहां 50% योगदान दे रही है उस क्षेत्र का आज भी विकास नहीं हो पाया है।
भारत देश मुख्य रूप से कृषि अर्थव्यवस्था पर आधारित है कृषि में फसल उगाना, मुर्गी पालन, पशुपालन और कपड़ा उद्योग आदि शामिल है और भारत देश के लोग इन गतिविधियों को करके अपना आजीविका कमाते हैं।
भारत देश के अर्थव्यवस्था में स्वतंत्रता के बाद कई सकारात्मक बदलाव आई है और यह भारत देश की अर्थव्यवस्था के स्तर को बढ़ाने में काफी अच्छा साबित हुआ है परंतु हमारे देश के ग्रामीण क्षेत्र अभी भी विकसित नहीं हो पाए हैं और सरकार को इस क्षेत्र के सुधार के लिए कार्य करना चाहिए ताकि इनके आर्थिक स्थिति में सुधार किया जा सके।
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निष्कर्ष
उम्मीद है आप सभी को यह निबंध पसंद आएगी तथा आपके लिए ज्ञानवर्धक और उपयोग ही भी साबित होगी।
अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
भारत देश की अर्थव्यवस्था किस पर आधारित है?
भारत देश की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि अर्थव्यवस्था पर आधारित है भारत देश के लोग कृषि गतिविधियों पर ही आधारित होते हैं।
भारत देश के कितने प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है?
भारत देश की 50% आबादी कृषि पर निर्भर है और भारत देश के लोग विभिन्न प्रकार के कृषि कार्य करके अपना आजीवन कमाते हैं।
भारत देश के लोगों की आजीविका के साधन के नाम बताइए?
भारत देश के लोगों के आजीविका के साधन निम्न है मछली पालन, मुर्गी पालन, पशुपालन तथा इनके अलावा विभिन्न प्रकार के छोटे कुटीर के माध्यम से लोग अपना आजीविका चलाते हैं।
भारत देश में सार्वजनिक उद्योगों को ज्यादा बढ़ावा कब दिया गया था?
भारत देश के आजादी के बाद यहां पर सार्वजनिक उद्योगों को बहुत ज्यादा बढ़ावा दिया गया था और यहां पर सभी प्रकार के रोजगार उपलब्ध हुआ करते थे।

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम अमृत यादव है और पेशे से मैं एक ब्लॉगर और लेखक हूं, जो लेख आप अभी पढ़ रहे हैं वह मेरे द्वारा लिखा गया है, मैं अभी बीकॉम फाइनल ईयर की पढ़ाई कर रहा हूं।