लॉकडाउन पर निबंध | Essay on Lockdown in Hindi

हेलो दोस्तों आप सभी का स्वागत है हमारे लेख में, हम आज आपके लिए लॉकडाउन पर निबंध लिखकर प्रस्तुत हुए हैं, यह टॉपिक बहुत जाना मना है इसके बारे में अक्सर आप सभी लोगों ने सुना है।

लॉकडाउन कोरोनावायरस के दौरान लगाया गया था इन दिनों कहीं भी आना जाना मरा था, क्योंकि कोरोनावायरस का प्रकोप लगातार बढ़ता ही जा रहा था इस बढ़ते वायरस को कम करने के लिए ही सरकार ने लॉकडाउन लगाने का आदेश दिया था। तो चलिए हम हमारे आज के लेख को शुरू करते हैं और लॉकडाउन पर निबंध के बारे में विस्तार पूर्वक चर्चा करते हैं –

लॉकडाउन पर निबंध 1

प्रस्तावना

लॉकडाउन एक प्रकार का आपातकाल है जिसे लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए सरकार के द्वारा उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। हमारे भारत देश के अलावा कई अन्य देशों में भी महामारी के रोकथाम के लिए लॉकडाउन को अपनाया गया और इसके जरिए सामाजिक दूरी बनाने की कोशिश की गई ताकि कोरोनावायरस को हटाया जा सके।

लॉन्ग टाउन एक ऐसी आपातकालीन स्थिति को कहते हैं जब हम अपने घरों से बाहर कहीं भी नहीं जा सकते, अर्थात लॉकडाउन लगने के बाद हम जहां हैं वहीं रहना होगा ना, हम कहीं भी बाहर नहीं जा सकते, सरकार के द्वारा लॉकडाउन जैसे महत्वपूर्ण कदम को उठाने के बाद कोरोना महामारी में बहुत कमी आई।

भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने मार्च के महीने में लॉकडाउन की घोषणा की थी और लॉकडाउन मोदी जी के द्वारा उठाया गया एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक कदम था। मोदी जी ने देश में लॉकडाउन लगाने घोषणा कोरोनावायरस से देश को बचाने के लिए किया था।

लॉकडाउन का प्रभाव

लॉकडाउन के कारण बहुत गहरा प्रभाव पड़ा, क्योंकि इससे पूरे देश में अर्थव्यवस्था की कार्य बंद हो गई थी और जिसके कारण अर्थव्यवस्था डगमगा गई। जब देश के लोगों को काम करने के लिए जाते हैं तभी देश को आगे बढ़ाया जा सकता है और लॉकडाउन के दौरान पूरा देश बंद करने का आदेश दिया गया था जिसके कारण फैक्ट्री आदि सभी संस्थान बंद थे।

लॉकडाउन के कारण सभी अपने कार्य को छोड़कर घर में बैठे हुए थे, यदि सभी लोग घर पर बैठ जाएंगे तो देश का विकास रुक जाएगा, लॉकडाउन के कारण हमारी अर्थव्यवस्था की भारी मात्रा क्षति हुई हैं।

हमारा देश दूसरे देशों के अपेक्षा कई गुना तेजी से नीचे गिरते जा रहा है, जिसके कारण देश में पेट्रोल की कीमतों में काफी वृद्धि हुई है। छोटे मजदूर और महिलाएं तथा सभी मजदूर लॉकडाउन से सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं । लॉकडाउन के दौरान बहुत से लोगों की नौकरी भी प्रभावित हुई तथा कई लोगों की नौकरियां चली गई जिसके कारण कंपनियों को भी काफी नुकसान का सामना करना पड़ा।

लॉक डाउन की घोषणा करने का उद्देश्य

हमारे भारत देश के साथ-साथ अन्य देशों में भी लॉकडाउन लगाने का आदेश दिया गया ताकि देश की जनता को कोरोनावायरस महामारी से बचाया जा सके। कोरोनावायरस से भयंकर महामारी से कई लोगों की जान चली गई और यह तेजी से सभी लोगों में फैल रहा था जिसके कारण देश में लॉकडाउन लगाने की घोषणा की गई।

कोरोनावायरस न केवल भारत देश में बल्कि पूरे विश्व में फैलते जा रहा था जिसके कारण देश के सभी लोग परेशान थे इन सभी परेशानियों को देखते हुए नरेंद्र मोदी जी ने लॉकडाउन लगाने का घोषणा किया ,ताकि कोई भी घर से बाहर ना जा सके और कोरोनावायरस के महामारी को रोका जा सके।

लॉकडाउन के स्थिति में सभी प्रकार के परिवहनों का आवागमन बंद कर दिया गया था, तथा सभी दुकानें भी बंद कर दी गई थी इनके अलावा फैक्ट्री, कंपनी आदि सभी बंद थी।

लॉकडाउन के सकारात्मक प्रभाव

लॉकडाउन कोरोनावायरस जैसे महामारी पर काबू पाने के लिए काफी मददगार साबित हुआ, तथा रोज के काम से छूट्टी मिली और पर्यावरण को भी साफ करने का अवसर प्राप्त हुआ।

कई परिवारों में समय की कमी होने के कारण उनके बीच में अच्छे संबंध नहीं थे जो योगदान के दौरान काफी हद तक ठीक हो गए, जिससे परिवार में दूरियां खत्म हुई। लॉकडाउन के दौरान लोगों ने ऑनलाइन मार्केटिंग करना सीख लिया जिससे ऑनलाइन मार्केटिंग में वृद्धि आई।

लॉकडाउन के फायदे

लॉकडाउन के मदद से कोरोनावायरस को रोकने में काफी मदद मिला, तथा इससे प्रकृति को स्वच्छ बनाने में भी काफी समय मिला ,इनके अलावा अपराधिक गतिविधियों में भी कमी आई।

लॉकडाउन लगने के कारण लोगों ने ऑनलाइन माध्यम से काम करना सीख लिया जो काफी हद तक अच्छा साबित हुआ है, इससे बहुत से कार्य डिजिटल रूप में सफल हो रहे हैं।

लोगों ने अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय व्यतीत किए और उनके बारे में जान सके, यह सभी लोगों के लिए बेहतरीन पल था।

लॉकडाउन के नुकसान

लॉकडाउन के कारण देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से बंद हो गई थी जिससे बहुत सी चीजों की कीमतों में काफी वृद्धि हुई है। लॉकडाउन के कारण मजदूरों को काफी नुकसान हुआ तथा मजदूरों को उनके जीवन यापन में भी काफी परेशानियां उठानी पड़ी।

मजदूरों के अलावा बड़े-बड़े कंपनियों को भी काफी नुकसान हुआ, तथा बाजार और दुकानें भी बंद थी जिसके कारण किसानों की फसलें ली नहीं बिक पाई।

उपसंहार

लॉकडाउन के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रभाव देखने को मिले, परंतु लॉकडाउन का उद्देश्य केवल कोरोना महामारी को रोकना था, क्योंकि कोरोना महामारी लगातार पूरे विश्व में बढ़ती जा रही थी जिसे रोकना बहुत मुश्किल हो गया था, इन मुश्किलों को देखते हुए ही हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने लॉकडाउन लगाने का निर्णय लिया।

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लॉकडाउन पर निबन्ध 2

प्रस्तावना

लॉक डाउन की स्थिति में पूरे देश को बंद कर दिया जाता है, ना कोई कहीं जा सकता है और ना ही आ सकता है इन स्थितियों को लॉकडाउन कहा जाता है। लॉक डाउन की स्थिति में सभी लोग अपने घरों में रहते थे जिसके कारण कोरोना महामारी के फैसले से काफी मुक्ति मिली।

यह एक प्रकार का आपातकालीन स्थिति था और इस स्थिति में अर्थव्यवस्था का काफी नुकसान हुआ। लॉकडाउन के कारण मजदूरों का सबसे अधिक नुकसान हुआ उन्हें लॉकडाउन की स्थिति में अपने रोजी-रोटी के लिए भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

लॉकडाउन के पर्यावरणीय फायदे

लॉकडाउन के दौरान सभी अपने घरों में रहते थे इस दौरान लोग अपने आसपास के जंगलों में घूमने भी चले जाते थे जिससे लोगों को विभिन्न प्रकार के जानवरों को देखने का अनुभव प्राप्त हुआ।

लॉकडाउन के वजह से गाड़ियों का आवागमन भी बंद हुआ जिसके कारण वायु और ध्वनि प्रदूषण में कमी आई, इनके अलावा हमारा वातावरण भी स्वच्छ और साफ हुआ।

पहले की अपेक्षा वर्तमान में ओजोन परत को भी कम क्षति पहुंचा है यह वैज्ञानिकों के द्वारा अक्सर खबरों में बताया जाता है, तथा मनुष्य के द्वारा किए जा रहे हैं गंदगी से पृथ्वी को भी थोड़ी छुटकारा मिली।

लॉकडाउन से हानि

लॉकडाउन के दौरान बड़े-बड़े कार्यालय और कल कारखानों को बंद कर दिया गया था जिसके कारण मजदूरों को बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ा और लॉक डाउन की वजह से कंपनियों को भी काफी नुकसान हुआ।

मजदूर बड़े कार्यालयों और कल कारखानों में काम करने जाते हैं लॉकडाउन के दौरान सारी कंपनियां बंद कर दी गई थी जिसके वजह से मजदूरों के घरों में कई दिनों तक चूल्हे भी नहीं जले।

लॉकडाउन के कारण बच्चों की पढ़ाई भी काफी हद तक प्रभावित हुई, हालांकि बच्चों को ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाया जाता था परंतु इससे बच्चों को कुछ ज्यादा लाभ नहीं हुआ। लॉक डाउन का सबसे ज्यादा असर गरीब परिवारों पर पड़ा क्योंकि उनका जीवन यापन मजदूरी करके व्यतीत होता है।

उपसंहार

भारत देश में कोरोना के प्रकोप को कम करने के लिए हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा लॉकडाउन लगाने का घोषणा किया गया था। हमारे देश में लॉकडाउन तीन चरणों में लगाई गई थी जिसका पालन करना सभी के लिए अनिवार्य था।

लॉकडाउन के दौरान सभी लोगों का बाहर जाना बंद था किसी को भी कहीं जाने की अनुमति नहीं थी, तथा हिंदी में परिवहनों का भी आवागमन बंद था। लॉकडाउन के दौरान देश एक दयनीय स्थिति से गुजर रहा था, इसके कई प्रभाव पड़े।

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अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

लॉकडाउन से देश को क्या नुकसान हुआ?

लॉकडाउन अर्थव्यवस्था डगमगा गई जिसके कारण हमारे देश में गरीबी बढ़ गई।

लॉकडाउन से प्रकृति को क्या फायदा हुआ ?

लॉकडाउन से सभी गाड़ियों का आवागमन बंद था तथा इनके अलावा फैक्ट्री भी बंद कर दिए गए थे, इससे वातावरण में वायु और ध्वनि प्रदूषण काफी हद तक कम हो गया।

लॉकडाउन के बाद किन व्यापारियों के व्यापार को ज्यादा नुकसान हुआ?

लॉकडाउन के कारण कपड़ा व्यापारियों को बहुत नुकसान हुआ, आज भी कब्जा व्यापारियों की दुकानें उतनी अच्छी नहीं चलती तथा इनके अलावा ग्रामीण इलाके के किराने दुकानें भी बहुत प्रभावित हुई।

लॉकडाउन के बाद किन कंपनियों को सबसे ज्यादा फायदा हुआ?

लॉकडाउन के बाद मोबाइल नेटवर्क कंपनियों को सबसे ज्यादा फायदा हुआ, क्योंकि लॉकडाउन के दौरान बच्चों का पढ़ाई भी ऑनलाइन माध्यम से कराया जा रहा था जिसके कारण मोबाइल अत्यधिक मात्रा में खरीदा गया और इंटरनेट के द्वारा सभी कार्य किया जा रहा था।

निष्कर्ष

उम्मीद है दोस्तों हमारे द्वारा लिखित लॉकडाउन पर निबंध लेख आप सभी को पसंद आएगी तथा सभी विद्यार्थियों के लिए भी उपयोगी होगी और आप सभी विद्यार्थी इस लेख के जरिए अपना प्रोजेक्ट वर्क कर सकेंगे तथा निबंध आसानी से लिख सकेंगे।

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