नमस्कार दोस्तों! आप सभी का स्वागत है हमारे वेबसाइट में आज हम आपके लिए भारत की प्रमुख समस्याएं पर निबंध लेकर आए हैं जो सभी विद्यार्थियों के लिए उपयोगी है।
स्कूल और कॉलेज में विद्यार्थियों को विभिन्न विषय पर निबंध लिखने को दिए जाते हैं यदि आप हमारे इस निबंध को पढ़ते हैं तो आसानी से निबंध लिख सकेंगे, तथा इस निबंध के माध्यम से आपको भारत के प्रमुख समस्याओं के बारे में जानकारी भी प्राप्त होगा।
भारत की प्रमुख समस्याएं पर निबंध 1
प्रस्तावना
भारत देश एक विशाल देश है जहां विभिन्न प्रकार की समस्याएं उत्पन्न होती है और भारत देश समस्या प्रधान देश है जहां आजादी के समय से ही कई समस्याएं चली आ रही है जो वर्तमान में लगातार बढ़ती ही जा रही है। भारत देश एक धर्मनिरपेक्ष देश है जहां के लोग विभिन्न प्रकार के भाषा बोलते हैं तथा उनका रहन-सहन भी अलग-अलग होता है और अलग-अलग संस्कृतियों को मानते हैं।
भारत देश में विभिन्न जाति, धर्म संप्रदाय और संस्कृति का अनुसरण करने वाले लोग एक साथ रहते हैं परंतु आज इनकी एकता लुप्त होती जा रही है क्योंकि सभी धर्म और जाति के लोगों में भाषा तथा समुदाय के नाम पर दंगे फसाद किए जा रहे हैं। हमारे देश में कई ऐसी समस्याएं है जिनसे देश की एकता खत्म होती जा रही है और गरीबी तथा भ्रष्टाचार भी बढ़ती जा रही है।
हमारे देश की जनसंख्या लगातार बढ़ती जा रही हैं जो एक प्रमुख समस्या बन चुकी है भारत देश में जनसंख्या वृद्धि के कारण बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न हो रही है अर्थात भारत देश का प्रमुख समस्या बेरोजगारी और जनसंख्या वृद्धि भी है। जनसंख्या वृद्धि के कारण लोगों के शिक्षा पर भी प्रभाव पड़ रहा है और लोग निरक्षर होते जा रहे हैं जिससे अंधविश्वास, बाल विवाह तथा बाल श्रम जैसी विभिन्न प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो रही है।
भारत देश की प्रमुख समस्याएं
भारत देश में विभिन्न प्रकार की समस्याएं हैं जिससे हमारा भारत देश आगे नहीं बढ़ पा रहा है अर्थात भारत देश की समस्याएं ही देश के विकास में बाधा उत्पन्न कर रही हैं। चलिए हम हमारे भारत देश के प्रमुख समस्याओं के बारे में विस्तार पूर्वक जानते हैं-
भाषा वाद, संप्रदायवाद एवं प्रांत वाद
भाषावाद और संप्रदायवाद तथा प्रांत वाद के कारण हमारे भारत देश में विभिन्न समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं यह तीनों समस्याएं एक ऐसी समस्या है जो देश के लोकतंत्र को कमजोर बना रहे हैं जिसके कारण हमारे देश के एकता में कमी आ रही हैं अर्थात देश के लोगों की एकता लुप्त होती जा रही है।
भाषावाद संप्रदायवाद तथा प्रांत वाद के कारण हमारे देश में एकता खतरे में पड़ी है जिसके प्रमुख कारण राजनीति दल और नेता हैं क्योंकि इनके द्वारा ही इस समस्या को बढ़ावा दिया जा रहा है। हमारे देश के सभी धर्म और जाति के लोग अपने अपने धर्म और जाति का विकास करना चाहते हैं और इस समस्या के कारण हमारा देश विकास नहीं कर पा रहा है।
गरीबी और बेरोजगारी
गरीबी तथा बेरोजगारी भारत देश की सबसे बड़ी समस्या है और गरीबी तथा बेरोजगारी की समस्या भारत देश के आजादी के समय से ही चली आ रही है और वर्तमान समय तक हमारे देश में व्याप्त है। देश में गरीबी और बेरोजगारी का प्रमुख कारण जनसंख्या वृद्धि है हमारे देश का लगातार विकास हो रहा है परंतु विकास के बाद भी भारत देश में लगभग 40% लोग गरीबी रेखा के नीचे अपना जीवन यापन करते हैं।
हमारे देश में लाखों लोग रोजगार की तलाश में इधर-उधर भटक रहे हैं और काम नहीं मिलने के कारण अधिकतर लोग रोटी, कपड़ा तथा मकान जैसी जरूरतों को भी पूरा नहीं कर पा रहे हैं। सभी लोगों को खाने के लिए रोटी अर्थात भोजन तथा रहने के लिए मकान और पहनने के लिए कपड़े की आवश्यकता होती है जिन्हें लोग पूरा नहीं कर पा रहे हैं और इससे गरीबी बढ़ती जा रही हैं।
बढ़ती जनसंख्या
देश के प्रमुख समस्याओं में बढ़ती जनसंख्या भी आती है भारत देश की आबादी लगातार बढ़ती जा रही है और वर्तमान में भारत देश का जनसंख्या लगभग 140 करोड हो चुका है जो हमारे देश के लिए एक चिंताजनक और गंभीर समस्या बन चुका है। भारत देश एक विकासशील देश है और ऐसे में यहां बढ़ती जनसंख्या सरकार तथा देश के लिए बहुत चिंताजनक समस्या बन चुकी है।
भारत देश की सरकार इतने लोगों के जरूरी आवश्यकता और संसाधनों को प्रदान करने में समक्ष नहीं है क्योंकि यहां लोगों की आबादी बढ़ती ही जा रही है जिससे आवश्यकताएं भी बढ़ रही है तथा भारत देश के अधिकतर लोग शिक्षा से भी वंचित हैं। बढ़ती जनसंख्या के कारण देश में विभिन्न प्रकार के प्रदूषण जैसी समस्याएं भी उत्पन्न हो रही हैं जो देश के विकास में भी बाधा उत्पन्न कर रही हैं।
भारत देश में बढ़ते समस्याओं के प्रभाव
भारत देश में बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, बाल विवाह तथा बाल श्रम जैसी समस्याएं बढ़ती जा रही हैं जिससे हम सभी के जीवन पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ रहा है। बाल विवाह के कारण छोटे-छोटे बच्चों का शादी कर दिया जाता है जिससे जनसंख्या में वृद्धि होती है और लोक शिक्षा से भी वंचित रह जाते हैं क्योंकि बचपन अर्थात शिक्षा ग्रहण करने के समय में बच्चों का विवाह कर दिया जाता है।
भारत देश के लोग गरीब और बेरोजगार होते हैं जिससे बच्चों को मजबूरी में शिक्षा अर्थात पढ़ाई को छोड़कर काम करना पड़ता है क्योंकि गरीबों के पास अपने आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए कोई भी रोजगार प्राप्त नहीं होता है। भारत देश में जनसंख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है जिसके कारण देश में विभिन्न प्रकार की समस्याएं भी उत्पन्न हो रही है जो भारत देश के प्रमुख समस्याओं का प्रभाव है।
भारत देश के अधिकतर लोग निरक्षर है और निरक्षरता एक अभिशाप है जो देश के विकास के स्तर को कम कर देता है। अशिक्षा के कारण लोगों का विकास नहीं हो पाता है जिसके कारण भारत देश में अंधविश्वास, जादू टोना, नशाखोरी तथा दहेज प्रथा जैसी विभिन्न समस्याएं उत्पन्न होती हैं जिसका हम सभी पर बहुत नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
भारत देश की बढ़ती समस्याओं का निवारण
भारत देश में विभिन्न प्रकार की उत्पन्न हो रही समस्याओं का निवारण करना बहुत आवश्यक है क्योंकि यदि इन समस्याओं का निवारण नहीं किया गया तो हमारे देश का विकास नहीं हो पाएगा। देश में उत्पन्न हो रहे बेरोजगारी, गरीबी, दहेज प्रथा, बाल विवाह जैसी अनेक समस्याएं देश के विकास में बाधा उत्पन्न करते हैं तथा देश के लोगों में भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
देश के बढ़ते समस्याओं को रोकने के लिए सरकार को शिक्षा के स्तर को बढ़ावा देना चाहिए तथा लोगों को रोजगार उपलब्ध कराना चाहिए जिससे लोग रोजगार के लिए इधर-उधर ना भटके और अपनी शिक्षा प्राप्त कर सके इनके अलावा सरकार को बाल विवाह और बाल मजदूरी रोकने के लिए कठोर कदम उठाना चाहिए।
सरकार के द्वारा कार्य करने के साथ-साथ माता-पिता को भी अपने बच्चों को शिक्षा के प्रति बढ़ावा देने का कार्य करना चाहिए और बच्चों को बाल श्रम नहीं करवाना चाहिए तथा शिक्षा के स्तर को आगे बढ़ाने के लिए लोगों में जागरूकता लाना चाहिए क्योंकि सक्षम और सुदृढ़ समाज का स्थापना करने के लिए शिक्षा बहुत आवश्यक होता है।
उपसंहार
भारत देश में इतनी समस्याएं उत्पन्न हो चुकी है कि इन्हें हल करना बहुत मुश्किल होता जा रहा है परंतु यदि हम सभी मिलकर इन समस्याओं को दूर करने का प्रयास करते हैं तो भारत में उत्पन्न समस्याओं को हल किया जा सकता है। भारत देश की सबसे बड़ी समस्याएं जनसंख्या वृद्धि और गरीबी तथा बेरोजगारी है इन सभी समस्याओं के कारण ही देश में विभिन्न प्रकार की समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
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प्रस्तावना
भारत देश में कई समस्याएं उत्पन्न है जो देश के विकास में बाधा उत्पन्न कर रही हैं तथा इससे देश और समाज में कई नकारात्मक प्रभाव पड़ रही हैं। भारत देश में लोगों में निरक्षरता भी बढ़ती जा रही हैं और अशिक्षा के कारण लोगों का सही तरीके से विकास नहीं हो पाता है जिसके कारण देश में आतंकवाद, नशाखोरी आदि समस्याएं उत्पन्न होती है जो देश के विकास में बाधक होती है।
भारत देश की प्रमुख समस्याएं
भारत देश में हिंदी, अंग्रेजी, पंजाबी, राजस्थानी, मराठी, तेलुगू, उर्दू तथा मलयालम जैसी कई भाषाएं बोली जाती हैं तथा विभिन्न प्रकार के धर्म और संस्कृति को मानने वाले लोग रहते हैं इस प्रकार से हमारा देश बहुभाषी देश है और इन भाषाओं के कारण लोगों के बीच समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं क्योंकि सभी लोगों को सभी भाषाओं के बारे में ज्ञान नहीं होता है।
विकास में वृद्धि की समस्या
भारत देश में जनसंख्या वृद्धि की समस्या बहुत गंभीर हो चुकी हैं क्योंकि भारत देश में लगातार जनसंख्या बढ़ता जा रहा है और भारत देश जनसंख्या के अलावा विभिन्न प्रकार के समस्याओं से पीड़ित है यहां की आबादी बहुत तेजी से बढ़ती जा रही हैं। आबादी बढ़ने के कारण लोगों की आवश्यकता में भी वृद्धि होती है और लोगों की आवश्यकता की पूर्ति नहीं होने पर विभिन्न प्रकार की समस्याएं आने लगती है।
बेरोजगारी की समस्या
भारत देश में बेरोजगारी की समस्या बहुत दर्दनाक और चिंताजनक समस्या बनी हुई है क्योंकि हमारे देश में अधिकतर लोग बेरोजगार हैं। हमारे देश में लोगों की अत्यधिक आबादी है जिन्हें रोजगार दे पाना सरकार के लिए बहुत बड़ा समस्या है अर्थात हमारे शिक्षा प्रणाली को भी नियोजित नहीं किया गया है और बढ़ती आबादी के कारण समस्याएं बढ़ती ही जा रही हैं जिससे बेरोजगारी को बढ़ावा मिल रहा है।
बेरोजगारी के कारण भ्रष्टाचार भी उत्पन्न होते हैं जिससे लोगों से रिश्वत और वस्तुओं का ज्यादा कीमत लिया जाता है। भारत देश के अंतर्गत आने वाले कई ग्रामीण क्षेत्रों में अशिक्षा, अंधविश्वास, दहेज प्रथा जैसी समस्याएं भी देखने को मिलती है जो देश की प्रमुख समस्या है ।
भारत देश की समस्या बहुत भयंकर समस्या है जो हमारे देश के विकास के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों को भी प्रभावित करती हैं देश में समस्याओं के कारण देश के सभी नागरिकों को भी नुकसान होता है। भारत देश के लोग विभिन्न प्रकार के डिग्रियों को प्राप्त करके इधर उधर भटकते हुए नजर आते हैं क्योंकि उन्हें नौकरियां नहीं मिल रही हैं जिसके कारण युवाओं का विश्वास खत्म होता जा रहा है।
जाति का भेदभाव
भारत में विभिन्न धर्म और विचारधारा के लोग रहते हैं जहां संप्रदायवाद और जातिवाद के बीच भेदभाव किया जाता है जिसके कारण देश में विभिन्न प्रकार का समस्या और दुष्परिणाम उत्पन्न होता है। भारत देश में वर्तमान में भी कहीं कहीं जाति में भेदभाव किया जाता है जिससे लोगों के बीच में दंगे फसाद होते रहते हैं और चोरी तथा लोकपाल जैसे समस्याएं भी सुनने को मिलती हैं।
उपसंहार
भारत देश की समस्याएं अत्यंत कष्ट दायक और विपत्ति जनक है यहां की जनसंख्या भी लगातार बढ़ती जा रही हैं जिसका समाधान करना बहुत मुश्किल होता जा रहा है। भारत देश के अधिकतर लोगों में अशिक्षा और निर्धनता की समस्या भी व्याप्त है जिससे देश का सही ढंग से विकास नहीं हो पा रहा है। भारत के समस्याओं को दूर करने के लिए हमें सबसे पहले जनसंख्या नियंत्रण करने के लिए कानून बनाने होंगे,
तथा देश में जगह-जगह पर साक्षरता अभियान चलाना चाहिए और लोगों को जागरूक करना चाहिए तभी लोगों के सोच को बदला जा सकता है और भारत देश में व्याप्त समस्याओं को कम किया जा सकता है। हमारे देश में दहेज प्रथा जैसी समस्याएं भी देखने को मिलती है जिससे महिलाओं को बहुत प्रताड़ित किया जाता है।
अर्थात हमारा भारत देश विभिन्न समस्याओं से घिरा हुआ है और यदि इन समस्याओं का निवारण नहीं किया गया तो निश्चित रूप से भारत देश का विकास नहीं हो सकता और देश में विभिन्न प्रकार की समस्याएं उत्पन्न होती रहेंगी।
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निष्कर्ष
उम्मीद करते हैं आपको यह निबंध पसंद आएगा तथा आपके लिए मददगार और ज्ञानवर्धक भी साबित होगा, हमारा यह निबंध सभी विद्यार्थियों के लिए उपयोगी है।
अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
भारत देश की प्रमुख समस्याएं क्या-क्या है?
भारत देश की विभिन्न समस्याएं प्रमुख है जैसे गरीबी और बेरोजगारी, अशिक्षा, बढ़ती जनसंख्या, दहेज प्रथा, भ्रष्टाचार, नारियों की दयनीय स्थिति तथा आतंकवादी समस्याएं आदि प्रमुख समस्याएं हैं।
भारत देश के समस्याओं का निवारण कैसे किया जा सकता है?
भारत देश के समस्याओं का निवारण शिक्षा को बढ़ावा देकर तथा लोगों में जागरूकता लाकर किया जा सकता है। देश में उत्पन्न समस्याओं को दूर करने के लिए एकजुटता के साथ प्रयास करना होगा तभी देश की समस्याओं को दूर किया जा सकता है।
दहेज प्रथा की समस्या के प्रभाव?
दहेज प्रथा के कारण नारियों को बहुत विवश होना पड़ता है तथा लड़कियों का स्थिति बहुत दयनीय हो जाता है और दहेज प्रथा के कारण समाज में भ्रष्टाचार तथा रिश्वतखोरी जैसी बुराइयां भी उत्पन्न होती हैं।

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम अमृत यादव है और पेशे से मैं एक ब्लॉगर और लेखक हूं, जो लेख आप अभी पढ़ रहे हैं वह मेरे द्वारा लिखा गया है, मैं अभी बीकॉम फाइनल ईयर की पढ़ाई कर रहा हूं।