नमस्कार दोस्तों!आप सभी का स्वागत करते हमारे वेबसाइट में,आज के आर्टिकल में हम मेला पर निबंध के बारे में जानकारी देंगे, हमारा यह लेख आप सभी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
मेला के बारे में अधिकतर लोगों को पता होगा, और यदि आप मेला पर निबंध की तलाश कर रहे हैं तो आप सही जगह पर आए हैं, यहां आपको मेले से जुड़ी सारी जानकारियां प्राप्त होंगी, तथा यह लेख सभी विद्यार्थियों के परीक्षाओं के लिए भी उपयोगी है।
मेला पर निबंध 1
प्रस्तावना
हमारे भारत देश में विभिन्न प्रकार के त्यौहार मनाए जाते हैं, तथा कई देवी-देवताओं की जन्म तिथि पर मेले का आयोजन किया जाता है। हमारे भारत देश में विभिन्न जगहों पर मेरे लगते हैं जहां जाने से बहुत आनंद आता है तथा अधिकतर लोग मेले में घूमने जाना पसंद करते हैं और मेला बच्चों का सबसे पसंदीदा जगह होता है।।
मेले का कार्यक्रम बहुत आकर्षक होता है जिसे देखने के लिए लोगों की भीड़ रहती है तथा मेले के अवसर पर मंदिरों को भी सुंदर सजाया जाता है जहां लोग देवी देवताओं की दर्शन के लिए भी भारी मात्रा में जाते हैं। मेले का आयोजन गांव तथा शहर दोनों इलाकों में किया जाता है परंतु अधिकतर शहरों में किया जाता है।
मेले का आयोजन ऐसे जगह पर किया जाता है जहां पर जगह बड़ा हो, क्योंकि मेला में बहुत बड़ी संख्या में लोग आते हैं और मेले में विभिन्न प्रकार की दुकानें लगती हैं तथा झूला लगता है और विभिन्न प्रकार के भोज्य पदार्थों के दुकान भी लगाए जाते हैं।
हमारे देश में त्यौहारों का भरपूर आनंद लिया जाता है, तथा मेले का भी बहुत आनंद लिया जाता है और मेला बच्चों के लिए तो बहुत खास जगह होता है क्योंकि बच्चे मेले में बहुत मनोरंजन करते हैं तथा मेले में बच्चों के पसंद का बहुत सारा चीज आता है जिसे लेकर बच्चे खुश हो जाते हैं।
मेला में आसपास के लोग तथा दूर-दूर से भी लोग आते हैं, मेला हमारे जीवन में बहुत खुशी और आनंद ले कर आता है तथा मेले के नाम से ही बच्चों के चेहरे पर मुस्कान आ जाता है और बच्चे मेला देखने जाने के लिए उत्साहित हो जाते हैं।
बच्चों का मेला में बहुत मनोरंजन होता है क्योंकि मेला में बच्चों के लिए बहुत सारे साधन आते हैं जहां बच्चे आनंद लेते हैं, मेले में सर्कस, जादू के खेल और बच्चों के खाने पीने के लिए विभिन्न प्रकार की चीजें उपलब्ध होती है।
उपसंहार
मेले का आयोजन कई जगहों पर देवी-देवताओं के जन्म तिथि पर किया जाता है तथा कई जगहों पर अन्य त्यौहारों के अवसर पर किया जाता है, मेले का आयोजन गांव में भी बहुत अधिक मात्रा में किया जाता है जहां ग्रामीण लोग बहुत अधिक मात्रा में देखने के तथा दूर-दूर से लोग ग्रामीण क्षेत्रों में भी मेले का आनंद लेने आते हैं।
मेले की सुंदरता मन को लुभाने वाली होती है तथा मेले का दृश्य बहुत मनमोहक होता है जिससे बच्चे काफी खुश होते हैं। मेले में बच्चों के लिए झूले भी उपलब्ध होते हैं जहां बच्चे अपने दोस्तों के साथ झूला झूलते हैं और आनंद लेते हैं तथा इसके साथ ही साथ बच्चे विभिन्न प्रकार के खाने खाते हैं।
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मेला पर निबंध 2
प्रस्तावना
हमारे भारत देश की भूमि पर मेलों का आयोजन भी बहुत अधिक मात्रा में किया जाता है, और साल के पूरे दिन किसी ना किसी स्थान पर मेले का आयोजन किया ही जाता है जहां लोग मेले का आनंद लेने के लिए जाते हैं।
वर्तमान में सभी मनुष्य अपने काम में व्यस्त रहते हैं, मेले का आयोजन होने पर काम में व्यस्त लोग भी अपनी थकान को दूर करने तथा परिवार और बच्चों के साथ मेला घूमने जाते हैं, मेले में जाकर सभी व्यक्ति अपनी थकान को दूर कर सकते हैं और मेले का भरपूर आनंद ले सकते हैं।
मेले में धार्मिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है तथा विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है, मेला हम सभी के जीवन में खुशियां लेकर आता है और मेले में हम सभी अपने काम से थोड़ा विराम लेकर घूमने जाते हैं जिससे हमारा मन भी खुश होता है।
जीवन में मेले का महत्व
मेले में मनुष्य को बहुत राहत मिलता है तथा मेले में सभी ओर चहल-पहल होती है जो लोगों के तनाव को दूर करने में सहायक होता है। मेले में व्यक्ति को अपनी दैनिक दिनचर्या से विराम अर्थात छुट्टी मिली होती है जिसे लोग तनाव से मुक्त होते हैं और मेले का आनंद लेते हैं।
मेला हम सभी को बहुत अच्छा लगता है तथा लोग मेले में अपने परिवार और बच्चों को घुमाने ले जाते हैं जिससे परिवार में रिश्ता अच्छा बना रहता है क्योंकि परिवार में कभी-कभी व्यक्ति के पत्नी और बच्चों का घूमने का मन होता है जिससे उनको बहुत खुशी होती है।
मेले का हम सभी के जीवन में विशेष महत्व होता है मेला में हम विभिन्न प्रकार की वस्तुओं को देखते हैं और आनंद लेते हैं मेला हमें बहुत रोमांचक लगता है, तथा बच्चों के लिए मिला सबसे खास दिन होता है मेले में बच्चे सबसे ज्यादा मनोरंजन करते हैं क्योंकि मेले में बच्चों के मनोरंजन के सबसे अधिक साधन उपलब्ध होते हैं।
भारत देश का सबसे बड़ा मेला
हमारे भारत देश का सबसे बड़ा मेला कुंभ का मेला होता है, कुंभ का मेला धार्मिक मेला होता है जिसे देखने लाखों की संख्या में लोग इकट्ठा होते हैं। लोगों के द्वारा कुंभ मेला को बहुत धार्मिक और पवित्र माना जाता है तथा यह लोगों के लिए प्रमुख तीर्थ स्थल भी माना जाता है जहां लोग अत्यधिक मात्रा में मेले का आनंद लेने के लिए जाते हैं।
कुंभ के मेले में प्रत्येक वर्ष लाखों करोड़ों की संख्या में लोग जाते हैं और कुंभ के मेले का आयोजन हरिद्वार प्रयागराज इलाहाबाद जगह पर किया जाता है ,यह सबसे बड़ा मेला होता है जो कि प्रयागराज में लगता है।
शहर के मेले
हमारे देश में मेले को दो भागों में बांटा जाता है, एक शहरी मेला और दूसरा ग्रामीण मेला, शहरी मेले के अंतर्गत पूरे 1 साल में किसी भी निर्धारित तिथि पर मेले का आयोजन किया जाता है।
भारत देश के शहरों में लगने वाले मेले को ट्रेड फेयर के नाम से भी जाना जाता है। शहरों में विभिन्न प्रकार के मेले लगाए जाते हैं जहां विभिन्न प्रकार के कलाकृतियां, खिलौने, कपड़े और तरह-तरह की दुकानें लगाई जाती है जिससे व्यापार को बढ़ाने का अच्छा अवसर मिलता है।
शहर में कई तरह के मेले लगाए जाते हैं पशु मेला, किताबों का मेला, धार्मिक आयोजनों के लिए बड़े मेले और इनके अलावा विभिन्न प्रकार के मेले लगाए जाते हैं क्योंकि हमारे भारत देश में विभिन्न प्रकार के धर्म के लोग रहते हैं। शहरी मेलों में लोगों की सुरक्षा के लिए कड़े इंतजाम किए जाते हैं और मेलों के आयोजन के अवसर पर पुलिस का भी सहयोग लिया जाता है।
गांव के मेले
शहरों की अपेक्षा गांव में छोटे मेले लगते हैं क्योंकि ग्रामीण इलाकों के मेले में छोटी दुकानें लगाई जाती है। गांव के मेले में ज्यादातर खिलौने और मिठाइयों की दुकानें लगती है, तथा बच्चों के लिए विभिन्न प्रकार के झूले लगाए जाते हैं और खेल का आयोजन किया जाता है।
गांव का दशहरा मेला
आप सभी ने अक्सर देखा होगा दशहरे के अवसर पर गांव में मेला लगाई जाती है, दशहरे में मेले का आयोजन नवरात्र में शुरू हो जाता है और इस मेले में रामलीला का भी आयोजन किया जाता है जो सभी लोगों के मनोरंजन का अच्छा साधन होता है।
रावण दहन के दिन भारी मात्रा में लोग मेले का आनंद लेने और रावण दहन करने के लिए आते हैं, रावण दहन के अवसर पर बड़े-बड़े शहर और गांव में बहुत भीड़ होती है । दशहरे के दिन पूरे देश में रावण और मेघनाथ तथा कुंभकर्ण के पुतले का दहन किया जाता है और बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाया जाता है।
मेले में सावधानी
जब भी किसी शहर या गांव में मेले का आयोजन किया जाता है तो लोगों की खुशी बहुत अधिक होती है जिससे कई लोगों के द्वारा गलत फायदा उठाया जाता है जैसे कि कई लोगों के सोने चांदी चोरी कर लिए जाते हैं, ज्यादातर मेलों में मोबाइल और पर्स तथा महंगे जूलरी आदि को चुरा लिया जाता है।
आप सभी को मेले जाने पर सावधानी बरतना चाहिए और मेले में सोने चांदी जैसे किमती आभूषणों को पहनकर नहीं जाना चाहिए क्योंकि कभी-कभी सोने चांदी के कारण व्यक्ति की जान भी चली जाती है।
उपसंहार
मेले हम सभी के मनोरंजन के प्रमुख साधन होते हैं हम सभी मेले का आनंद लेना पसंद करते हैं तथा मेले में जाना हम सभी के लिए बहुत रोमांचक होता है। मेले के अवसर पर लोग अपने बड़े बड़े कामों को छोड़कर अपने परिवार और बच्चों के साथ मेले का आनंद लेने जाते हैं।
मेले के कई सारे लाभ होते हैं जिसके कारण हमारे गांव और शहरों में मेले का आयोजन किया जाता है। मेले में कई रिश्तेदार आते हैं जो एक दूसरे से मिलते हैं जिससे रिश्तेदारों के बीच मेलजोल पड़ता है और मेले में कई ऐसे दोस्त भी मिलते हैं जो कई वर्षों तक नहीं मिले होते हैं।
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निष्कर्ष
उम्मीद करती हूं दोस्तों आप सभी को मेला पर निबंध पसंद आएगा, तथा यह निबंध लेख सभी लोगों के लिए मददगार होगा, हमारा आज का लेख मेला पर निबंध सभी विद्यार्थियों के लिए उपयोगी एवं मददगार है।
अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
सबसे बड़ा मेला कौन सा है ?
सबसे बड़ा मेला कुंभ का मेला होता है जहां लोग लाखों करोड़ों की संख्या में जाते हैं तथा कुंभ के मेले को धार्मिक और पवित्र स्थान माना जाता है जिससे यहां अत्यधिक मात्रा में श्रद्धालु इकट्ठे होते हैं।
राजस्थान में कब मेले लगते हैं ?
राजस्थान में कई अवसरों पर मेलों का आयोजन किया जाता है, दशहरे के अवसर पर राजस्थान में मेले का आयोजन किया जाता है जिसमें पुष्कर मेले, तेजाजी के मेले, रामदेवरा में लोक देवता रामदेव जी का प्रसिद्ध मेले आदि प्रमुख मेले होते हैं।
बच्चों को मेला सबसे ज्यादा पसंद क्यों होता है ?
मेले में बच्चों के मनोरंजन के विभिन्न प्रकार के साधन होते हैं जो बच्चों को अपनी और आकर्षित करते हैं तथा बच्चे विभिन्न प्रकार के मनोरंजन साधनों को देखने और उनका आनंद लेने के लिए मेले में जाने के लिए बहुत उत्सुक होते हैं।

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम अमृत यादव है और पेशे से मैं एक ब्लॉगर और लेखक हूं, जो लेख आप अभी पढ़ रहे हैं वह मेरे द्वारा लिखा गया है, मैं अभी बीकॉम फाइनल ईयर की पढ़ाई कर रहा हूं।