मेरा बचपन पर निबंध | Essay on My Childhood in Hindi

हेलो दोस्तों! हमारा आज का लेख मेरा बचपन पर निबंध आप सभी के लिए बहुत रोमांचक होने वाला है क्योंकि हम सभी का बचपन बहुत खुशनुमा होता है बचपन की यादें बहुत अच्छी होती हैं जो सभी को बेहद पसंद आता है।

आप सभी को अपने बचपन के बारे में पता होगा, और यह विषय बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि विद्यालयों में बच्चों को मेरा बचपन पर निबंध लिखने के लिए दिया जाता है जिससे यह परीक्षा की दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण है।

आप सभी को यदि मेरा बचपन पर निबंध लिखना नहीं आता है तो आप हमारे इस लेख के माध्यम से आसानी से निबंध को समझ कर अपने बचपन के बारे में लिख सकेंगे और इसलिए को आप समझ जाते हैं तो आपको परीक्षा में भी बहुत मदद करेगा।

मेरा बचपन पर निबंध 1

प्रस्तावना

मेरा बचपन बहुत अच्छे से बीता है आज भी मैं अपने बचपन को याद करके बहुत खुश होती हूं, सभी को बचपन का बहुत याद आता है क्योंकि हम सभी का बचपन हमारे लिए सबसे बेहतरीन लम्हा होता है ।बचपन में बिताए गई दिन हमें खुशियां देती हैं। बचपन में हमें किसी भी प्रकार का चिंता नहीं होता है पढ़ने के लिए कोई चिंता नहीं होती हम अपना बचपन केवल हस खेलकर बिताते हैं।

बचपन हमारे पूरे जीवन का सबसे खूबसूरत पल होता है जिसको हम जिंदगी भर कभी भी भुल नहीं पाते, बचपन की यादें हमारे साथ सदैव रहती हैं। जब हम बचपन में छोटे थे तब हम सपने देखते थे यह हम बड़े कब होंगे और अब बड़े हो चुके हैं तो हम सोचते हैं हमारा बचपन कितना खूबसूरत हुआ करता था।

बचपन में हमें हमारे पिताजी कन्धें पर बैठाकर मेले ले जाया करते थे घुमाने, तब हम बहुत आनंद में रहते थे आज उन सभी यादों को याद करके हम बहुत खुश हो जाते हैं। बचपन हमारा सबसे सुनहरा पल होता है जब हमें जीवन में किसी भी चीज की चिंता नहीं होती है।

मेरे बचपन की कुछ यादें

मेरा बचपन मुझे बहुत प्रिय है, क्योंकि मैं अपने घर में सबसे छोटी हूं जिसके कारण मुझे सबसे ज्यादा प्यार मिलता था। मैं बचपन में बहुत शरारती और जिद्दी हुआ करती थी जिसके कारण मैं जो भी चीज मांग लेती थी वह चीज मुझे देना ही पड़ता था। आज भी मेरे पापा मम्मी मुझसे उतना ही प्यार करते हैं परंतु बचपन का याद कुछ खास होता है।

बचपन में मेरी सभी गलतियों को मेरे मां पापा नजरअंदाज कर देते थे और मैं कभी कभी घर के कुछ सामानों को भी छिपा दिया करती थी ताकि उसे मम्मी पापा जाकर ढूंढें, बचपन में लोगों को परेशान करने में जितना आनंद होता है उतना आनंद तो किसी भी चीज में नहीं होता।

मेरे स्कूल की यादें

मैं बचपन से ही गांव में रहती हूं, मेरा स्कूल मेरे घर से कुछ दूरी पर हुआ करता था मैं छोटी थी जिसके कारण मेरे दोस्त मुझे अपने साथ हाथ पकड़कर ले जाया करते थे। मैं बचपन में स्कूल जाने से बहुत डरती थी जिससे कभी-कभी घर में छिप जाती थी परंतु मुझे मेरी मां प्यार से स्कूल भेज देती थी।

स्कूल जाते समय हम सारे दोस्त मस्ती करते हुए जाते थे और स्कूल का छुट्टी हो जाने पर भी हम खेलते हुए घर पहुंचते थे। स्कूल जाते समय हम सड़क पर बहुत शोर मचाते थे और विभिन्न प्रकार के खेल खेलते थे।

मुझे मेरा बचपन आज भी बहुत अच्छे से याद है और मैं अपने बचपन को याद करके बहुत खुश होती हूं मुझे मेरे बचपन की सारी यादें बहुत खुशियां देती है। हमारा बचपन इतना खुशनुमा होता ही है कि हम उसे भुला नहीं सकते।

मेरे बचपन का पसंदीदा खेल

मुझे बचपन में लुकाछिपी खेलना बहुत पसंद था मैं अपने दोस्तों के साथ लुका छुपी खेल खेलती थी, तथा हमारे गांव में बकरियां और गाय भी होती थी जिससे मैं उनके बच्चों के साथ भी खेला करती थी मुझे बकरियों के बच्चे और गाय के बच्चों के साथ खेलना बहुत पसंद था।

मेरा बचपन बहुत मस्ती में बीता मैं अपने दोस्तों के साथ मिट्टी में खेलने लग जाती थी और मेरे सारे कपड़े गंदे हो जाते थे जिसके कारण कभी-कभी मम्मी की डांट भी सुने नहीं पड़ती थी।

मेरे बचपन का सबसे अच्छा दोस्त

बचपन हम सभी का बहुत खूबसूरत दिन होता है उन दिनों की दोस्ती बहुत खास होती है, क्योंकि दोस्त परिवार के सदस्यों से भी बढ़कर होते हैं हमारे दोस्त सभी मोड़ पर साथ देते हैं चाहे परिस्थिति कैसी भी हो दोस्त कभी भी छोड़कर नहीं जाते हैं।

मेरे बचपन का सबसे प्रिय दोस्त अमृत है, हम दोनों बचपन में एक साथ बहुत खेलते थे जो हमारा बहुत खुशनुमा और बेहतरीन दिन हुआ करता था। वह बहुत प्यारा और मासूम सा हुआ करता था, मुझे कभी-कभी साइकल पर बैठा कर भी घुमाया करता था।

उपसंहार

हम सभी का बचपन बहुत खुशनुमा होता है, बचपन में किए गए शरारत हो और विभिन्न प्रकार के खेल आदि को हम कभी भी नहीं भूल पाते हैं क्योंकि बचपन की यादें हम सभी के लिए बहुत खास होती हैं। मेरा बचपन भी बहुत खास है मैं बचपन में विभिन्न प्रकार के खेल खेला करती थी और अपने मम्मी पापा को भी काफी परेशान किया करती थी।

बचपन में कभी मां का डांट सुनना पड़ता था तो कभी प्यार, परंतु बचपन सभी के जीवन का सबसे खास दिन होता है, मैं आज भी सोचती हूं कि मेरा बचपन वापस आ जाए तो वह जिंदगी का सबसे खास दिन होगा, हमारी बचपन चली जाती है परंतु उसकी यादें हमारे साथ हमेशा रहती हैं।

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मेरा बचपन पर निबंध 2

प्रस्तावना

दुनिया के सभी लोगों का बचपन सबसे खास होता है, प्रत्येक व्यक्ति को अपने बचपन की यादें आज भी याद होती हैं क्योंकि बचपन सबसे खास दिन होता है। मैं अपने बचपन को कभी भी नहीं भूल सकती हूं मैंने बचपन में जो समय गुजारा है वह मेरे जीवन का सबसे खास और बेहतरीन दिन हुआ करता था।

मैं बचपन से गांव में पली तथा बड़ी हुई हूं, हम बचपन में सभी दोस्त साथ मिलकर खेतों में चले जाया करते थे और हमारे घर में बकरियां भी हुआ करती थी जिन पर हम बैठ जाते थे तथा बकरियों के बच्चे को हम पकड़कर घूमते रहते थे।

बचपन में हमारा समय कब निकल जाता था पता भी नहीं चलता था और हम स्कूल जाते थे तब भी बहुत मस्ती करते थे, हमारा बचपन का स्कूल भी बहुत यादगार होता है क्योंकि हम स्कूल में दोस्तों के साथ मिलकर मस्ती करते हैं।

बचपन का जीवन बहुत अच्छा होता है क्योंकि हमारे बचपन में हम बहुत चंचल और शरारती होते हैं तथा बहुत सी मिठास भरी यादें होती है । हर कोई अपने बचपन को वापस लाने कुछ सोचते हैं, हम बचपन में तोतलापन से बात करते थे और लड़खड़ा कर चलते थे और हमारे गिरने पर हम रोने भी लगते थे तब हमारी मां हमें आकर चुप करा देती थी।

बचपन में हम कभी-कभी अपने दोस्तों के साथ झगड़े ने भी लगते हैं मैं भी अपने दोस्त के साथ बाल पकड़कर झगड़ने लगती थी, तब मेरी मम्मी आकर मुझे पकड़ती थी। हम सभी बचपन में अपने दोस्तों के साथ कभी खेलते हैं तो कभी झगड़ते हैं परंतु हमारे बचपन की सभी यादें हमें बहुत खुशी देती है।

मुझे बचपन में मेरे पापा गाड़ी पर बैठा कर घुमाया करते थे जिससे मैं बहुत खुश हो जाती थी, और बचपन में पापा के साथ में ले जाया करती थी जहां विभिन्न प्रकार के खिलौने हुआ करते थे, मैं उन खिलौनों को लेने के लिए जिद करने लगती थी और मेरे पापा खिलौनों को मुझे दिलाते थे तो मैं बहुत खुश हो जाती थी।

उपसंहार

बचपन मानव जीवन का सबसे खूबसूरत दिन होता है, बचपन में हम चिंता रहित जीवन, स्वतंत्र जीवन एवं भय बिन कहीं भी घूमने चले जाते थे, मेरे परिवार में मां, पापा, और दीदी है सभी मेरा बहुत ख्याल रखते थे और मुझे बचपन में सबसे ज्यादा प्यार मिला है क्योंकि मैं घर में सबसे छोटी हुआ करती थी।

बचपन की कई यादें मुझे आज भी बहुत याद आती है, मैं बचपन को याद करके आज भी अपने मां के पास बैठ जाती हूं। आज भी हम सारे दोस्त अपने बचपन के बारे में याद करके एक दूसरे को बताने लगते हैं और हम सभी का बचपन बहुत खुशनुमा हुआ करता था इन सभी चीजों को सोच कर बहुत खुश होते हैं।

बचपन सभी के जीवन का सबसे खास दिनों में से एक होता है, जब हम दोस्तों के साथ खेलने के लिए चले जाते हैं और हमें किसी भी चीज का कोई चिंता नहीं होता है, हमें घर से जब स्कूल भेजा जाता है तब भी हम अपने दोस्तों के साथ मस्ती करते हुए जाते हैं और स्कूल में भी मस्ती करने लग जाते हैं।

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निष्कर्ष

उम्मीद करते हैं दोस्तों आपको मेरा बचपन पर निबंध पढ़कर बहुत अच्छा लगा होगा, क्योंकि इस लेख में मैंने अपने बचपन के बारे में बताया है।

इस लेख में मैंने अपने बचपन के अनुभव को आपके समक्ष शेयर किया है यदि आपको मेरा यह लेख पसंद आए तो इसे आप अपने दोस्तों के साथ ही शेयर करें।

अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

बचपन की यादें कैसी होती है ?

हम सभी के बचपन की यादें बहुत खुशनुमा होती हैं, हम सभी को बचपन में किसी भी चीज का चिंता नहीं होता है जिससे हम अपने दोस्तों के साथ बहुत मस्ती करते हैं।

मेरे बचपन का प्रिय खेल क्या है ?

मेरे बचपन का सबसे प्रिय खेल लुकाछिपी और कबड्डी , मैं अपने बचपन में लुकाछिपी और कबड्डी खेलना बहुत पसंद करती थी।

बचपन में हमारे लिए सबसे प्रिय कौन होता है ?

बचपन में हमारे लिए सबसे प्रिय हमारे मम्मी पापा और दोस्त होते हैं जिनके साथ हम अपना बचपन हस खेलकर बिताते हैं।

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