मेरे प्रिय अध्यापक पर निबंध | Essay on My Favorite Teacher in Hindi

नमस्कार दोस्तों आप सभी का स्वागत है, आज के लेख में हम मेरे प्रिय अध्यापक पर निबंध लेकर आए हैं। यह लेख सभी विद्यार्थियों के लिए बहुत उपयोगी है, क्योंकि हम सभी के जीवन में शिक्षकों का महत्वपूर्ण स्थान होता है।

सभी विद्यार्थियों के कोई न कोई शिक्षक प्रिय अवश्य होते हैं, आप सभी के स्कूलों में अक्सर निबंध प्रतियोगिता यात्रा परीक्षा में मेरे प्रिय अध्यापक पर निबंध लिखने को दिया जाता होगा , और यदि आप मेरे प्रिय अध्यापक पर निबंध की तलाश कर रहे हैं तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए हैं।

हम यहां मेरे प्रिय अध्यापक पर निबंध के जरिए शिक्षकों के बारे में जानेंगे और इससे जुड़ी जानकारियों के बारे में भी चर्चा करेंगे तो चलिए हम हमारे इस लेख को शुरू करते हैं –

मेरे प्रिय अध्यापक पर निबंध 1

प्रस्तावना

अध्यापक संसार में ज्ञान के प्रकाश फैलाते हैं, अध्यापक हम सभी विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करते हैं। सुशिक्षित और अच्छा मार्गदर्शन देने वाले शिक्षकों की पूरी दुनिया सराहना करती है, हम सभी के जीवन में कुछ ऐसे शिक्षक होते हैं जो हमें सबसे प्रिय लगते हैं और हम उनसे अपनी सारी बातें भी बता सकते हैं।

शिक्षक हमारे ऐसे मित्र रहते हैं जो हमें परेशानियों में भी अकेला नहीं छोड़ते हमेशा हमारा साथ देते हैं। हमें पढ़ने में कुछ परेशानियां आती हैं जैसे गणित या विज्ञान जो हमें थोड़ा कठिन लगता है और बहुत से विद्यार्थी इन सभी विषयों का नाम सुनते ही घबराने लगते हैं परंतु हमारे कुछ शिक्षक और शिक्षिका ऐसे होते हैं जो इन विषयों के भय को दूर कर देते हैं।

मेरे प्रिय अध्यापक श्यामलाल सर हैं जिन्होंने मुझे जीवन के प्रत्येक क्षण में आगे बढ़ने की सीख दी है और मुझे हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए मोटिवेट किया है। मेरे प्रिय सर श्यामलाल एक ऐसे शिक्षक हैं जो विद्यार्थियों के भय को दूर करते हैं और उन्हें जो विषय पढ़ने में समझ नहीं आती उसके बारे में प्यार से समझाते हैं।

मेरे प्रिय अध्यापक

मेरे प्रिय अध्यापक श्री श्याम लाल मानसर है जिन्होंने मुझे मेरे छात्र जीवन में बहुत अच्छा मार्गदर्शन दिया है। मुझे विद्यार्थी जीवन में अनेक अध्यापकों से स्नेह और मार्गदर्शन मिला है परंतु इन सभी शिक्षकों में मुझे श्यामलाल महंत सर मेरे प्रिय अध्यापक रहे हैं।

मेरे प्रिय अध्यापक में ज्ञान का भंडार है उन्होंने केवल मुझे ही नहीं बल्कि मेरे सभी सहपाठियों को बहुत अच्छा मार्गदर्शन दिया है और उन्होंने हमेशा हमें आगे बढ़ने के लिए कठिन परिश्रम कराई है। मेरे प्रिय शिक्षक के समान मुझे आज तक कोई भी अध्यापक नहीं मिले हैं जिन्होंने मेरा इतना ख्याल रखा और मुझे हर एक मोड़ में मार्गदर्शन दिया हो।

मेरे प्रिय अध्यापक का व्यक्तित्व

मेरे प्रिय अध्यापक थोड़े कम हाइट और सांवले रंग के हैं और उनकी आंखें गोल गोल चमकती हुई दिखती है तथा उनका आवाज गंभीर और स्पष्ट तथा प्रभावशाली है। उनका शरीर थोड़ा मोटा और बिल्कुल स्वस्थ है। वह हमेशा तेज गति से चलते हैं और प्रतिदिन विद्यालय में उपस्थित रहते हैं।

मेरे प्रिय अध्यापक के अंदर का ज्ञान

मेरे प्रिय अध्यापक के अंदर विशाल ज्ञान का भंडार है, उनके अंदर का ज्ञान ही उन्हें हम सभी छात्रों का प्रिय अध्यापक बनाता है। मेरे अध्यापक को गणित, विज्ञान, इतिहास, मानव शास्त्र, समाजशास्त्र, संस्कृत आदि सभी विषयों में रूचि है जिसके कारण भी हमें समय-समय पर सभी विषयों के बारे में जानकारियां देते हैं।

मेरे प्रिय अध्यापक को अंग्रेजी व्याकरण के बारे में भी अच्छे ज्ञान है वे हम सभी विद्यार्थियों को अच्छे से व्याकरण सिखाते हैं जिससे हमें आसानी से समझ आ जाते हैं और हम अंग्रेजी भाषा से नहीं डरते हैं। मेरे प्रिय अध्यापक इस प्रकार से पढ़ाते हैं कि हमें उनके किसी भी बात को समझने में कोई कठिनाई नहीं होती है।

मेरे प्रिय अध्यापक से हम सभी विद्यार्थी बिना किसी शंका और भय से प्रश्न पूछ सकते हैं हमारे प्रिय शिक्षक हमें हमेशा हमारे द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर देते हैं हमें हमारे सारे प्रश्नों का समाधान मिलता है।

मेरे प्रिय अध्यापक का खेलकूद में दिलचस्पी

महंत‌ सर‌ खेलकूद में भी काफी रुचि रखते हैं वे हम सभी विद्यार्थियों के साथ हमेशा खेल में भाग लेते हैं। हम सभी विद्यार्थियों को चित्र प्रतियोगिता, निबंध प्रतियोगिता, वाद विवाद प्रतियोगिता, नाटक, नृत्य, आदि सभी गतिविधियों के बारे में हमें मार्गदर्शन करते हैं और समय-समय पर हमें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित भी करते हैं।

मेरे प्रिय अध्यापक महंत सर हमेशा हमारे साथ खेल के टाइम खेलते हैं जिससे हम सभी विद्यार्थी भी पूरे मनोरंजन के साथ खेलते हैं और पढ़ाई भी अच्छे से करते हैं मेरे सर सभी शिक्षकों से प्रिय और अच्छे हैं।

मेरे प्रिय अध्यापक का स्नेह पूर्ण व्यवहार

महंत सर विद्यालय को अपने परिवार के समान मानते हैं, वे हमेशा हम सभी विद्यार्थियों का अपने बच्चों के समान ख्याल रखते हैं। महंत सर को गुस्सा आने पर भी वे हम बच्चों पर गुस्सा नहीं दिखाते हैं हमें प्यार से समझाते हैं।

महंत सर बहुत अनुशासित व्यक्ति हैं, वे हमेशा अनुशासन का पालन करते हैं और हमें भी अनुशासन का पालन करना सिखाते हैं। पढ़ाई में कमजोर बच्चों को प्यार से समझाते हैं और परीक्षा में अनुत्तीर्ण होने वाले छात्रों को भी प्यार से समझाते हैं।

उपसंहार

महंत सर में दोस्ताना की स्वभाव है, वे सभी विद्यार्थियों के साथ हंसते खेलते रहते हैं और हमें गलत राह पर जाने से रोकते हैं तथा सही मार्गदर्शन देते हैं। महंत सर हमेशा परिस्थितियों के अनुसार खुद को ढाल लेते हैं और एक अच्छे अध्यापक के रूप में सभी बच्चों का ख्याल रखते हैं।

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मेरे प्रिय अध्यापक पर निबंध 2

प्रस्तावना

मेरे प्रिय अध्यापक छत्रपाल सर हैं जिन्होंने मेरा हर परेशानियों में साथ दिया और जीवन में आगे बढ़ने के लिए अच्छा मार्गदर्शन किया, छत्रपाल सर बच्चे क्या सोच रहे हैं और क्या चाहते हैं आदि सभी चीजों को समझ लेते हैं और छात्रों को समझाते हैं।

छत्रपाल सर प्रत्येक दिन स्कूल जाते हैं और हमारे कक्षा में प्रतिदिन पढ़ाने के लिए आते हैं जिसके कारण छत्रपाल से स्कूल के सबसे अच्छे सर माने जाते हैं और सभी बच्चों के प्रिय हैं। छत्रपाल सर हमेशा से बच्चों के साथ प्यार से पेश आते हैं।

मेरे प्रिय अध्यापक मृदुभाषी हैं, उनकी बोली बहुत मधुर है जिससे चलिए विद्यार्थी उनके सहयोग से प्रभावित होते हैं और हमेशा अध्यापक की बातों का अनुसरण करते हैं। जब हमें स्कूल से शैक्षणिक भ्रमण के लिए पिकनिक पर ले जाया जा रहा था तो उनकी उपस्थिति मात्र से सभी बच्चे खुशी से उछल उठे।

हम सभी बच्चे कई गलतियां करते हैं जिसके लिए मेरे प्रिय अध्यापक हमें किसी भी प्रकार की शारीरिक दंड नहीं देते हैं और हमें स्नेह से समझाते हैं और हमें हमारी गलतियों के लिए हमेशा माफ करते हैं, तथा गलतियों को बार-बार ना दोहराओं बोल के हमें हमारे गलतियों का प्यार से एहसास कराते हैं।

मेरे प्रिय अध्यापक का आदर्श जीवन

छत्रपाल सर कभी भी अपने ज्ञान पर घमंड नहीं करते हैं, और उनके चेहरे पर हमेशा परेशान था और आत्मविश्वास रहती है। छत्रपाल सर के रहन-सहन सादगी और अनुशासित स्वभाव प्रकट करती हैं। छत्रपाल सर हमेशा झूठ, लोग, घमंड और रिश्वत जैसे बुराइयों से कोसों दूर रहते हैं।

मेरे प्रिय अध्यापक बहुत शांत स्वभाव के अनुशासित व्यक्ति हैं जो किसी को भी गुस्सा नहीं दिखाते हमेशा अपने गुस्से पर कंट्रोल करते हैं, तथा शिक्षक और विद्यार्थी सभी के साथ स्नेह और बिना किसी ईष्या की भावना से रहते हैं। मेरे अध्यापक का जीवन हमेशा आदर्श जीवन रहा है।

उपसंहार

मेरे प्रिय शिक्षक आज्ञाकारी शिक्षकों में से एक हैं जो सभी विद्यार्थियों को आज्ञाकारी और अनुशासित बनाते हैं तथा उन्हें बुराइयों की राह पर जाने से रखते हैं और हमेशा एक सच्चा मार्गदर्शन करते हैं। मेरे प्रिय सर हमेशा उत्साहित रहते हैं जिससे उन्हें देखकर हम भी उत्साहित और अनुशासित रहते हैं।

मेरे प्रिय सर ने हमें हमेशा अनुशासन में रहने को सिखाया है, जिससे हम कहीं भी जाते हैं हमेशा अनुशासन का पालन करते हैं और इसके लिए हमारा तारीफ भी किया जाता है अन्य शिक्षकों के द्वारा, हम सभी विद्यार्थियों को भी हमारे शिक्षकों का सम्मान और आदर करना चाहिए।

निष्कर्ष –

हमेशा दोस्तों आप सभी को मेरे प्रिय अध्यापक पर निबंध पसंद आएगी, और आप सभी के जीवन में भी शिक्षकों का बहुत महत्व होगा तथा आपके भी कोई प्रिय अध्यापक होंगे।

आप सभी को अपने प्रिय अध्यापक और अन्य अध्यापकों की बातें माननी चाहिए तथा उनका सदैव मान सम्मान करना चाहिए क्योंकि हमारे शिक्षक हमेशा से हमें एक अच्छा मार्गदर्शन देते हैं।

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अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

शिक्षक का व्यवहार कैसा होना चाहिए ?

शिक्षक का स्वभाव स्नेह पूर्ण होना चाहिए शिक्षक को विद्यार्थी को हमेशा प्यार से समझाना चाहिए और विद्यार्थियों पर गुस्सा नहीं करना चाहिए।

अध्यापकों का हमारे जीवन में महत्व क्या है?

अध्यापकों का हम सभी के जीवन में सबसे अधिक महत्व होता है। अध्यापक हमारे जीवन में एक ऐसे व्यक्ति होते हैं जो हमें अच्छी शिक्षा के साथ-साथ बहुत सी चीजों के बारे में भी ज्ञान देते हैं।

प्रिय शिक्षकों का स्वभाव कैसा होता है ?

प्रिया शिक्षकों का स्वभाव हमेशा से अनुशासित और स्नेह तथा दोस्ताना होता है जिससे विद्यार्थी शिक्षकों के साथ दोस्तों की तरह रहते हैं।

विद्यार्थी जीवन को सच्चा मार्गदर्शन कौन देता है?

विद्यार्थी जीवन को सच्चा मार्गदर्शन केवल शिक्षक ही दे सकता है इसलिए शिक्षक को विद्यार्थी जीवन का सबसे बड़ा गुरु माना जाता है।

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