नमस्कार दोस्तों! स्वागत है आप सभी का हमारे लेख में, आज हम आपके लिए मेरा प्रिय खिलौना पर निबंध, यह निबंध सभी स्कूल और कॉलेज में विद्यार्थियों को लिखने के लिए दिया जा सकता है क्योंकि यह लेख हमारा एक तरह का हॉबी है, अर्थात प्रिय खिलौना है जो बहुत महत्वपूर्ण विषय है।
स्कूल में अक्सर विद्यार्थियों को प्रिय चीजों के बारे में लिखने के लिए दिया जाता है और हमारा आज का लेख मेरा प्रिय खिलौना पर है जो सभी विद्यार्थियों के परीक्षाओं की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है जिसके लिए हमारा यह लेख बहुत सहायक है।
मेरा प्रिय खिलौना पर निबंध 1
प्रस्तावना
प्रत्येक बच्चों का अपना एक प्रिय खिलौना होता है, जिसके साथ बच्चे खेलते हैं और बच्चों को खेलने में बहुत आनंद आता है। मैं भी जब छोटी थी तो मुझे विभिन्न प्रकार का खिलौना लाकर दिया जाता था मम्मी पापा के द्वारा, जिसे देखकर मैं बहुत खुश होती थी, मेरा सबसे पसंदीदा खिलौना टेडी बीयर है। मैं टेडी बीयर के साथ करना बहुत पसंद करती हूं,।
मुझे बचपन में मेरे जन्मदिन के दिवस के अवसर पर अधिकतर लोग खिलौने देते थे जिनके साथ मैं खेलती थी, मेरे दादा दादी जी कहीं भी घूमने जाते तो मेरे लिए खिलौना लेकर आते थे जिससे मैं बहुत खुश हो जाती थी और हमेशा अपने खिलौनों के साथ खेलती रहती थी।
खिलौना हम सभी बच्चों का बहुत प्रिय होता है हम सभी खिलौने के साथ बहुत मनोरंजन करते हैं तथा हमें बचपन में किसी भी प्रकार का कोई चिंता नहीं होता जिससे हम अपने खिलौनों के साथ व्यस्त रहते हैं।
जब मैं छोटी थी तो मुझे खिलौनों के साथ खेलना बहुत पसंद था, और मुझे आज भी खिलौनों के साथ खेलना पसंद है तथा मैं आज भी खिलौनों के साथ खेलती हूं। बचपन में जब मेरा जन्म दिवस आने वाला रहता था तो मेरे चेहरे पर एक अलग मुस्कान आ जाता था क्योंकि मुझे विभिन्न प्रकार के खिलौने मिलते थे।
खिलौने हमारे दोस्त के समान होते हैं हम खिलौनों से बातें करते हैं और खिलौनों के साथ हमेशा खुश रहते हैं, हमारा बचपन खिलौनों के साथ आनंद से बितता है, आज के वर्तमान समय में भी बच्चों के लिए विभिन्न प्रकार के खिलौने मिलते हैं जिन्हें देखकर बच्चे बहुत खुश होते हैं।
मैं अब बड़ी हो चुकी हूं फिर भी मुझे जब समय मिलता है तो मैं अपने खिलौनों के साथ खेलने लग जाती हूं, और मुझे मेरा बचपन बहुत याद आता है जो मैंने बहुत आनंद और मनोरंजन में बिताया है।
मैं बचपन में कार और बस जैसे खिलौनों को भी बहुत पसंद करती थी और कार तथा बस रिमोट के माध्यम से चलाने वाला रहता था जो मुझे और भी पसंद आता था। मैं छोटे-छोटे बच्चों के साथ अभी तक छोटी बच्ची बन के खेलने लग जाती हूं जिसके कारण मेरी मम्मी मुझे कभी-कभी डांट भी देती है पर मैं अपनी मम्मी की बातों को अनसुना कर देती हूं।
उपसंहार
खेल बच्चों को बहुत पसंद होता है और बच्चों का अपना एक प्रिय खिलौना होता है जिसके साथ बच्चे अपना समय बिताते हैं और खिलौनों के साथ खेल कर मनोरंजन करते हैं तथा खेलते खेलते खिलौनों के साथ ही सो जाते हैं।
खेल हम सभी के लिए उपयोगी भी होता है, बचपन में जिस प्रकार हमारा कुछ प्रिय खिलौना होता है उसी प्रकार हमें बचपन के बाद भी खेल खेलना चाहिए क्योंकि हमें खेल से विभिन्न प्रकार के लाभ मिलते हैं जिससे हमारा सेहत भी स्वस्थ और मस्त रहता है।
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प्रस्तावना
मेरा सबसे प्यारा खिलौना डोरेमोन और टेडी बीयर है, मुझे बचपन में मेरे दादी दादा ने टेडी बीयर दिया था, जो मुझे बेहद पसंद था मैं टेडी बीयर के साथ ही सोती थी, बचपन में हमेशा टेडी बीयर से बात करती थी, मुझे गुलाबी रंग बहुत पसंद है जिसके कारण मेरी दादी दादा ने गुलाबी रंग का टेडी बीयर लाया था। मेरा टेडी मेरा सबसे अच्छा दोस्त होता था और आज भी है जिसे लेकर मैं अपने साथ सोती हूं।
टेडी बीयर के अलावा मुझे वर्तमान में बॉस्केटबॉल खेलना बहुत पसंद है और बॉस्केटबॉल मेरा प्रिय खेल आना है जिसके कारण मैं अपने दोस्तों के साथ प्रतिदिन बास्केटबॉल खेलती हूं। बास्केटबॉल खेलने से मेरे शरीर में हमेशा फूर्ति बना रहता है मैं हमेशा खेल खेलना पसंद करती हूं क्योंकि खेल खेलने से हमारे शरीर को विभिन्न प्रकार की लाभ मिलती हैं।
खिलौनों से लाभ
हम सभी का कोई ना कोई प्रिय खिलौना होता है जिससे हम खेलना पसंद करते हैं, और हम सभी के जीवन में खिलौनों का विशेष महत्व होता है क्योंकि खिलौनों से खेलकर हम हमेशा स्वस्थ रहते हैं, तथा हमारे शरीर में फुर्ती आती है और हमारे अंदर अनुशासन की भावना भी उत्पन्न होती है।
खेल खेलकर हम विभिन्न प्रकार के रोगों से बच सकते हैं तथा खेल हम सभी के लिए व्यायाम के समान होता है इसलिए हम सभी को खेल करना चाहिए। यदि हम सभी अपने प्रिय खिलौने से खेलते हैं तो हमें आनंद की भी प्राप्ति होती है जिससे हम और मनोरंजन के साथ खेलते हैं और हमारा मन भी खुश और शांत रहता है।
खिलौने से हमारे मन को खुशी मिलता है, अर्थात खिलौनों से तनाव को दूर कर सकते हैं और खुश रह सकते हैं तथा खिलौने हमारे दोस्त के समान होते हैं हम खिलौनों को दोस्त मानते हैं और उनके साथी हमेशा अपना समय व्यतीत करते हैं।
उपसंहार
खिलौनों के माध्यम से बच्चों के जिज्ञासा का विकास होता है तथा खिलौनों के माध्यम से बच्चों को दुनिया के भावना के बारे में भी पता चलता है, और खिलौने व्यवसायों के प्रतीक के रूप में भी सेवा करते हैं।
मैं अपना बचपन में रविवार के दिन अपने प्रिय खिलौने टेडी के साथ बहुत खेलती थी, और मुझे रविवार के दिन रात भी नहीं सुनना पड़ता था मम्मी से क्योंकि रविवार के दिन हमारे स्कूलों की छुट्टी होती है जिसके कारण हम रविवार के दिन पूरे टाइम खेल सकते हैं।
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प्रस्तावना
जब मैं 2 साल की थी तो मुझे मेरे पापा ने मेरे जन्म दिवस पर कार उपहार में दिया था, मैं उस कार को देखकर इतनी भी खुश नहीं हुई थी परंतु जब मैं बाद में उस कार को चलाकर देखी तो मुझे बहुत पसंद आया क्योंकि मेरे पापा ने जो मुझे कार दिया था वह रिमोट कंट्रोल के माध्यम से चलता था जो मुझे बहुत पसंद आया।
मैं रिमोट कंट्रोल कार को जलाकर बहुत खुश होती थी और वह मेरा प्रिय खिलौना बन गया था, इस खिलौने के प्रिय होने के कारण मैं बचपन से कार पसंद करती हैं और मैं वर्तमान में भी कार चलाना बहुत पसंद करती हूं। मेरे बचपन का खिलौना कार प्लास्टिक से बना हुआ था जो एक सामान्य कार था परंतु मैं उससे खेल कर बहुत खुश होती थी।
वर्तमान में में कार का व्यवसाय करना चाहती हूं, और मैं बचपन से ही कार के व्यवसाय के लिए प्रेरित हूई हूं, हम सभी बच्चों का अपने प्रिय खिलौने के प्रति बहुत लगाव होता है जिसके कारण हम बड़े होते हैं तब भी वह खिलौना हमारा प्रिय रहता है और हम उन्हीं के क्षेत्रों में कैरियर बनाने की भी सोचते हैं।
मेरा प्रिय खिलौने का महत्व
हम सभी बच्चों के प्रिय खिलौनों का विशेष महत्व होता है क्योंकि हमें जो खिलाना सबसे प्रिय लगता है हम उसी खिलौने के साथ खेलना पसंद करते हैं। मुझे बचपन में गुड़िया, टेडी और कार के साथ खेलना पसंद था परंतु मेरी मम्मी मुझे हमेशा इन चीजों से खेलने से रोकती रहती थी परंतु मैं अपनी मम्मी की बातों को अनसुना कर देती थी।
मम्मी की बातों को अनसुना करके मैं अपने प्रिय खिलौनों के साथ ही खेलती थी, और पढ़ाई के समय में अपना पढ़ाई मन लगाकर करती थी तथा रविवार के दिन मेरे स्कूल का छुट्टी रहता था जिसके कारण मैं पूरे दिन अपने खिलौनों के साथ व्यस्त रहती थी।
हम सभी को अपने प्रिय खिलौनों को महत्व देना चाहिए और हमें जिस खिलौने के प्रति ज्यादा जिज्ञासा और उत्सुकता हो हमें खुशी खिलौने के साथ खेलना चाहिए क्योंकि हमें इससे बहुत खुशी मिलती है जो हमारे अंदर बौद्धिक क्षमताओं का विकास भी करता हैं।
उपसंहार
हम सभी को अपने प्रिय खिलौने के प्रति बहुत लगाव होता है, और हम बचपन में अपने प्रिय खिलौने को किसी को भी नहीं देते हैं, यदि हमारा खिलौना कोई ले लेता है तो हम रोने लगते हैं। आप सभी ने वर्तमान में भी कई बच्चों को देखा होगा जो अपने खिलौनों से बहुत प्यार करते हैं और उनके साथ खेलना बहुत पसंद करते हैं।
बच्चों को खिलौनों से विभिन्न प्रकार के सीख मिलते हैं, बच्चों का खिलौना बच्चों के मनोरंजन के लिए बनाया गया रहता है और बच्चे अपने खिलौनों के साथ खेलकर बहुत मनोरंजन करते हैं। बच्चे अपने खिलौनों के साथ पूरे दिन इधर-उधर खेलते रहते हैं जिससे उनका स्वास्थ्य भी सही बना रहता है।
खेल हम सभी के जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है चाहे हम बचपन के खिलौनों की बात करें या फिर आज के वर्तमान खिलौनों की बात दोनों हम सभी के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं, हम खिलौनों के माध्यम से खेल कर बीमारियों से भी दूर रहते हैं और हमारे शरीर में फुर्ती आती है तथा हमारा आलस्य भी दूर होता है।
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निष्कर्ष
उम्मीद करती हूं दोस्तों, आप सभी को मेरा लिखा हुआ यह निबंध लेख मेरा प्रिय खिलौना पर निबंध पसंद आएगा तथा आप सभी के लिए मददगार भी होगा, यदि आप सभी को हमारा लेख अच्छा लगे और पसंद आए तो इसे आप अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें।
अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
खिलौनों का महत्व बताइए ?
खिलौनों के माध्यम से बच्चे खेलते हैं और मनोरंजन करते हैं तथा खिलौने बच्चों को खुश करने के साथ-साथ बच्चों के शारीरिक और बौद्धिक विकास में भी सहायक होते हैं।
खिलौनों को बनाने का उद्देश्य क्या होता है?
खिलौनों को बनाने का उद्देश्य बच्चों को आनंद प्रदान करना और बच्चों को शिक्षा प्राप्त कराना तथा बच्चों के रचनात्मकता का विकास करना भी होता है।
खिलौनों से हमें क्या सीख मिलती है?
खिलौने समस्या समाधान कौशल विकसित करने में मदद करते हैं तथा खिलौनों के माध्यम से संघर्ष समाधान के बारे में भी सीखा जा सकता है।
खिलौना क्या है?
खिलौना एक वस्तु होता है तथा खिलौने को गतिविधि का एक निश्चित रूप माना जाता है और खिलौने के साथ लोग खेल खेलते हैं। खेल एक ऐसी प्रणाली होती है जिसमें खिलौने होते हैं।
नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम अमृत यादव है और पेशे से मैं एक ब्लॉगर और लेखक हूं, जो लेख आप अभी पढ़ रहे हैं वह मेरे द्वारा लिखा गया है, मैं अभी बीकॉम फाइनल ईयर की पढ़ाई कर रहा हूं।