राष्ट्रभाषा हिंदी पर निबंध | Essay on National Language Hindi

स्वागत है दोस्तों आप सभी का हमारे वेबसाइट में आज के आर्टिकल में हम आपके लिए राष्ट्रभाषा हिंदी पर निबंध लेकर आए हैं, आप सभी को पता तो होगा है कि हमारी राष्ट्रभाषा हिंदी है और हमारे देश में अधिकतर लोगों के द्वारा हिंदी भाषा का ही प्रयोग किया जाता है।

हमारा आज का निबंध सभी विद्यार्थियों के लिए बहुत उपयोगी है क्योंकि इस विषय पर विद्यार्थियों को निबंध लिखने के लिए दिया जाता है और हिंदी दिवस के अवसर पर स्कूल या कॉलेज में भी निबंध प्रतियोगिता में इस विषय पर निबंध लिखने को दी जाती है।

यदि आप सभी राष्ट्रभाषा हिंदी के बारे में जानना चाहते हैं तो आप हमारे इस निबंध को पढ़कर आसानी से इसके बारे में समझ सकते हैं, और स्कूल में दिए जाने वाले निबंध के प्रश्न को भी आसानी से लिख सकते हैं, यह निबंध सभी विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण और काफी मददगार साबित हो सकता है।

राष्ट्रभाषा हिंदी पर निबंध 1

प्रस्तावना

हिंदी भाषा बहुत सरल भाषा होती है जिसे कोई भी आसानी से सीख सकता है, इसे सीखने में किसी को भी कोई परेशानी नहीं होती है। हम सभी को हिंदी भाषा को समृद्ध बनाने के लिए हिंदी भाषा का सबसे ज्यादा प्रयोग करना चाहिए। हम भारत के निवासी बचपन से ही हिंदी भाषा बोलना शुरू करते हैं।

भाषा एक ऐसी भाव होती हैं जिसकी मदद से हम अपने भावनाओं को दूसरों के समक्ष व्यक्त कर पाते हैं, हिंदी भाषा हमारी मातृभाषा है। हम सभी को हमारी मातृभाषा पर गर्व होता है परंतु कई लोग ऐसे होते हैं जिन्हें हिंदी भाषा बोलने में शर्म महसूस होता है।

दुनिया में विभिन्न प्रकार की भाषाएं बोली जाती हैं परंतु उन सभी भाषाओं में से एक भाषा हिंदी है जो बहुत सरल है इस भाषा के माध्यम से हम अपनी भावनाओं को आसानी से व्यक्त कर सकते हैं और हिंदी भाषा हमारी राष्ट्रभाषा कहलाती है।

हमारे देश में प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है, हिंदी दिवस के दिन सरकारी और गैर सरकारी स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किया जाता है और लोगों के द्वारा भाषण आदि दिया जाता है , हिंदी भाषण के माध्यम से हिंदी भाषा को मां का दर्जा भी दिया जाता है।

राष्ट्रभाषा

किसी भी देश में सबसे अधिक बोला जाने वाला भाषा तथा जो भाषा सबसे ज्यादा समझ आता है वही भाषा राष्ट्रभाषा होता है, प्रत्येक राष्ट्र का अपना अलग अलग भाषा होता है , प्रत्येक राष्ट्र में विभिन्न प्रकार के जाति और धर्म के लोग रहते हैं जो विभिन्न प्रकार के भाषाओं को बोलते हैं।

हमारे राष्ट्र एकता को सुदृढ़ बनाने के लिए हमें एक ऐसे भाषा की आवश्यकता होती है जिसका प्रयोग करके हम सभी नागरिक अपने भावनाओं को अच्छे से व्यक्त कर सकते हैं।

राष्ट्रभाषा की आवश्यकता

किसी भी मनुष्य के बौद्धिक और मानसिक विकास के लिए राष्ट्रभाषा आवश्यक होता है, मनुष्य चाहे कितनी भी भाषाओं का ज्ञान प्राप्त कर ले परंतु अपने भावनाओं को व्यक्त करने के लिए उसे राष्ट्रभाषा की आवश्यकता होती है। राष्ट्रभाषा से मानसिक संतुष्टि का अनुभव होता है और इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय एकता को बनाए रखने के लिए भी राष्ट्रभाषा की आवश्यकता होती है।

राष्ट्रभाषा की समस्या

हमारे भारत देश में स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद देश में विभिन्न प्रकार की समस्याएं आई है, और उन समस्याओं में से राष्ट्रभाषा की समस्या भी सामने आई क्योंकि राष्ट्रभाषा में आने वाली समस्या का समाधान कानून के द्वारा नहीं किया गया था।

हमारा भारत देश बहुत विशाल है और भारत देश में अनेक प्रकार की भाषाएं बोली जाती है जिसके कारण कानून द्वारा राष्ट्रभाषा की समस्या का समाधान नहीं किया जा सका है, भारत देश में विभिन्न प्रकार के भाषाओं को बोलने वाले लोग निवास करते हैं, जो किसी ना किसी प्रकार से राष्ट्रभाषा में विरोध या बाधा उत्पन्न करता है।

भारत देश में राष्ट्रभाषा की समस्या बहुत जटिल समस्या बन चुकी है इसलिए हम सभी को हिंदी भाषा के महत्व को समझना चाहिए क्योंकि यह एक ऐसी भाषा है जिसमें बहुत सरलता और सहजता होता है जो हम सभी के लिए बहुत आसान होता है हम इस भाषा को सीखकर आसानी से अपने किसी भी भावना को व्यक्त कर सकते हैं।

राष्ट्रभाषा के रूप में हिंदी भाषा को मान्यता

जब हमारे देश में संविधान का निर्माण किया जा रहा था उस समय राष्ट्रभाषा बनाने का प्रश्न उठा था, प्राचीन काल में संस्कृत भाषा राष्ट्रभाषा हुआ करता था और बाद में धीरे-धीरे अन्य भाषाओं की उन्नति हुई। अन्य भाषाओं के उन्नति के बाद संस्कृत भाषा ने अपने पूर्व स्थिति को खो दिया तथा मुगल काल में उर्दू का विकास हुआ और अंग्रेजों के शासन काल में संपूर्ण देश में अंग्रेजी भाषा बनी ।

अंग्रेजी भाषा इस प्रकार से हमारे देश में विद्यमान है कि अंग्रेजों के शासन काल के बाद भी यह भाषा कई क्षेत्रों में बोली जाती है अर्थात अंग्रेजों का शासन काल समाप्त हो जाने के बाद भी अंग्रेजी का अस्तित्व समाप्त नहीं किया जा सका है। इसी के प्रभाव स्वरूप भारतीय संविधान के द्वारा हिंदी को राष्ट्रभाषा घोषित किया गया है।

भारतीय संविधान के द्वारा हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा घोषित करने के बाद भी हिंदी भाषा का समुचित उपयोग नहीं किया जा रहा है। हिंदी एक सरल भाषा है और इस भाषा को अनेक विद्वानों ने राष्ट्रभाषा के रूप में समर्थन किया है। वर्तमान समय में हिंदी भाषा को धीरे धीरे गौरवपूर्ण स्थान प्राप्त हो रहा है।

राष्ट्रभाषा हिंदी के विकास में उत्पन्न बाधाएं

भारत देश के संविधान में हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिया गया है परंतु वर्तमान समय में भी देश के अनेक प्रांतों में हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा के रूप में नहीं स्वीकारा जा रहा है, यह भाषा पूरे विश्व के सरल, मधुर और वैज्ञानिक भाषा है इसके बाद भी इस भाषा का विरोध किया जा रहा है।

हिंदी भाषा के प्रगति और हिंदी भाषा के विकास की भावना का स्वतंत्र भारत में अभाव है, सरकार के द्वारा राष्ट्रभाषा के प्रगति के लिए बहुत प्रयास किया जा रहा है परंतु राष्ट्रभाषा के रूप में हिंदी की प्रगति के लिए केवल सरकारी प्रयास ही पर्याप्त नहीं है इसके लिए हम सभी को भी सहयोग करना बहुत आवश्यक है।

हमें हमारी मातृभाषा हिंदी का सम्मान करना चाहिए और हिंदी भाषा बोलने में शर्म नहीं करना चाहिए। हमें विदेशी भाषाओं को उच्च स्थान ना देकर हमारी मातृभाषा हिंदी को उचित स्थान देना चाहिए।

उपसंहार

हिंदी भारत के विस्तृत क्षेत्र में बोली जाने वाली भाषा है हमारे देश में लगभग एक अरब से भी अधिक व्यक्ति हिंदी बोलते हैं, हिंदी भाषा बहुत सरल और सुबोध होती है इसके लिपी को अभ्यास करके आसानी से सीखा जा सकता है।

हिंदी भाषा को कम पढ़े लिखे लोग भी आसानी से अभ्यास करके सीख सकते हैं परंतु हिंदी भाषा को वर्तमान समय में भी कई ऐसे वर्ग है जिनके द्वारा नहीं स्वीकारा जा रहा है, जो व्यक्ति अंग्रेजी के प्रति समर्थक है उन लोगों के द्वारा हिंदी भाषा को अधिकतर नहीं स्वीकारा जा रहा है।

हिंदी भाषा को केवल उत्तर भारत तक ही सीमित समझा जाता है, और इस वर्ग के लोगों की धारा है कि भारत का ज्ञान उन्हें प्रत्येक क्षेत्र में सफलता प्रदान नहीं कर सकता है और इन लोगों के द्वारा माना जाता है कि राष्ट्रीय भाषा अंग्रेजी को होना चाहिए।

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प्रस्तावना

राष्ट्रभाषा का अर्थ ऐसी भाषा से होता है जिसका प्रयोग देश के प्रत्येक लोग आसानी से कर सकते हो, देश के प्रत्येक लोग जिस भाषा को आसानी से बोल और लिख सकते हैं उसी भाषा को राष्ट्रभाषा कहा जा सकता है। जब हमारा देश आजाद नहीं था अर्थात अंग्रेजों का गुलाम था तब अंग्रेजी सरकार ने अंग्रेजों के माध्यम से अपना सारा काम चलाया था और अंग्रेजी भाषा बोला जाता था,

परंतु हमारे देश में हम सभी के लिए एक भाषा का होना बहुत आवश्यक है इससे देश की एकता बनी रहती है, हमें ऐसे भाषा का प्रयोग करना चाहिए जो हमारे देश का हो, और हमारे देश की भाषा केवल हिंदी भाषा है इसलिए हम सभी को हिंदी भाषा का प्रयोग करना चाहिए ना की किसी विदेशी भाषा का, हिंदी भाषा एक विशिष्ट भाषा है जो बहुत सरल और सुगम है जिसे समझना और लिखना बहुत आसान है।

राष्ट्रभाषा हिंदी की विशेषता

हिंदी भाषा को संस्कृत भाषा की बड़ी बेटी कहा जाता है, हिंदी भाषा बोलने , लिखने और पढ़ने में बहुत सरल होता है जिससे सभी वर्ग के लोग आसानी से पढ़ लिख सकते हैं। हिंदी भाषा के प्रसिद्ध विद्वान जॉर्ज ग्रियर्सन ने कहा है कि हिंदी व्याकरण के मोटे नियम केवल एक पोस्ट कार्ड पर लिखे जा सकते हैं।

संसार का हिंदी भाषा केवल एक ऐसा भाषा है जिसे किसी भी देश के व्यक्ति आसानी से अभ्यास करके सीख सकते हैं, और आसानी से इस भाषा को सीखकर अपने भावनाओं को व्यक्त कर सकते हैं। हिंदी भाषा लिपि के अनुसार चलती हैं, इसे जिस प्रकार से लिखा जाता है उसी प्रकार से बोला जाता है।

हिंदी भाषा को संसार के लगभग सभी भाषाओं में शामिल किया जा सकता है, जैसे कुर्सी, आलमारी, स्टेशन, पेंसिल आदि विभिन्न शब्द है जो विदेशी भाषा से बने हुए हैं, हिंदी भाषा में वर्तमान समय में प्रत्येक स्कूल में विद्यार्थियों को पढ़ाया जाता है।

उपसंहार

हम सभी भारतवासियों का कर्तव्य है कि हमें भारत की भाषाओं के विकास पर बल देना चाहिए और हिंदी भाषा का विकास करके सभी भाषाओं को जोड़ने का प्रयास करना चाहिए तभी हिंदी भाषा हमारी राष्ट्रभाषा बन सकती है।

हिंदी भाषा हमारे राष्ट्र की शान है भारत की संस्कृति और सभ्यता की मूल चेतना को शुद्धता से अभिव्यक्त करने का यह सबसे अच्छा माध्यम है। हिंदी भाषा हमारे भारतीय होने का प्रतीक है, राष्ट्रभाषा राष्ट्र के आत्मा का प्रतीक होता है और हमारे साथ स्वतंत्र होने वाले पाकिस्तान ने उर्दू भाषा को राष्ट्रभाषा घोषित किया था।

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निष्कर्ष

उम्मीद करती हूं दोस्तों आप सभी को मेरे द्वारा लिखा गया निबंध राष्ट्रभाषा हिंदी पर निबंध पसंद आएगा, और हमारा यह निबंध लेख सभी विद्यार्थियों के लिए भी मददगार साबित होगा।

अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

राष्ट्रभाषा हिंदी भाषा क्या है?

राष्ट्रभाषा हिंदी हमारे राष्ट्र की शान है, और यह भारत की संस्कृति तथा सभ्यता के मूल चेतना को शुद्धता से अभिव्यक्त करने का माध्यम है, तथा इसके अलावा राष्ट्रीय विचारों का कोश और भारतीय होने का प्रतीक भी है।

संविधान में हिंदी का स्थान बताइए?

संविधान में हिंदी को राष्ट्रभाषा माना जाता है, राष्ट्रभाषा राष्ट्र की आत्मा का प्रतीक होता है हमारे भारत देश में अधिकतर लोग हिंदी भाषा बोलते हैं और जो भाषा बोलने और लिखने में आसान होता है उसी भाषा को राष्ट्रभाषा बनाया जाता है।

हिंदी के प्रसिद्ध विद्वान का नाम बताइए?

हिंदी के प्रसिद्ध विद्वान का नाम जॉर्ज ग्रियर्सन है इन्होंने कहा है कि हिंदी व्याकरण के मोटे नियम केवल एक पोस्ट कार्ड पर लिखे जा सकते हैं।

हिंदी भाषा की विशेषताएं?

हिंदी भाषा बहुत आसान और सुगम होता है जिसे संसार के प्रत्येक व्यक्ति आसानी से पढ़ और लिख सकते हैं, हिंदी भाषा एक लिपि के अनुसार चलती है अर्थात जिस प्रकार से हिंदी को लिखा जाता है उसी प्रकार से बोला जाता है।

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