नमस्कार दोस्तों आप सभी का स्वागत है हमारे वेबसाइट में, आज के लेख में हम आपके लिए अंगदान पर निबंध लेकर आए हैं, इस लेख में आपको अंगदान पर निबंध से संबंधित जानकारी प्रदान की जाएगी।
यदि आप सभी अंगदान पर निबंध से संबंधित जानकारी की तलाश कर रहे हैं तो आप हमारे इस लेख को पढ़कर आसानी से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, आप सभी विद्यार्थियों के लिए यह लेख बहुत महत्वपूर्ण है।
अंगदान पर निबंध आप सभी विद्यार्थियों को स्कूल में लिखने को दिया जा सकता है तथा यह निबंध लेख प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी उपयोगी है, अर्थात जो लोग प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे है उनके लिए भी यह बहुत मददगार साबित होगा।
अंगदान पर निबंध 1
प्रस्तावना
अंगदान एक अत्यंत नेक और सम्मानजनक कार्य है जो समाज में कई तरह के लाभ देता है और अंगदान के माध्यम से एक व्यक्ति का अंग निकाल कर दूसरे व्यक्ति के शरीर में लगाया जाता है। अंगदान दुनिया का सबसे बड़ा दान होता है, जिसके कारण अंगदान को महादान भी कहा जाता है और अंगदान मनुष्य के मृत्यु के बाद दिया जाता है।
अंगदान कभी-कभी जीवित लोगों के द्वारा भी दिया जाता है, कई बार कुछ ऐसा परिस्थिति आ जाता है जिससे जीवित लोगों को अपने अंग का दान करना पड़ता है लेकिन जीवित रहते समय व्यक्ति सीमित अंगो को ही दान कर सकता है।
अंगदान का अर्थ किसी व्यक्ति के शरीर के अंगों को निकालकर किसी अन्य व्यक्ति के शरीर में डालना होता है, अंगदान बहुत पुण्य का कार्य होता है अंगदान करने से कई लोगों को एक नया जीवन मिल जाता है।
अक्सर आप सब ने देखा होगा दोस्तों कई बार कई लोग दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं जिससे उनका कई अंग खराब हो जाता है या बीमारियों के कारण कोई अंग खराब हो जाता है जैसे किडनी, ऐसे स्थिति में किसी व्यक्ति के अंगदान द्वारा अपने शरीर के अंग को दिया जाता है और उस अंग को दूसरे व्यक्ति में लगाया जाता है जिससे व्यक्ति जीवित रह सकता है।
अंगदान का महत्व
यदि किसी व्यक्ति के शरीर का कोई अंग खराब हो जाता है जैसे किडनी, या शरीर का अन्य अंग तो उनके लिए अंगदान बहुत महत्वपूर्ण साबित होता है क्योंकि अंगदान के माध्यम से जरूरतमंद व्यक्ति को अंग मिल जाता है, जिससे व्यक्ति अपना जीवन बिना परेशानी के व्यतीत कर सकता है।
हमारे विश्व में कई हजारों लाखों लोग हैं जिनके पास आंखें नहीं है, अर्थात जो देख नहीं पाते हैं ऐसे लोगों को आंखें दान देने से उनके जीवन में रोशनी आ सकती हैं और व्यक्ति अपनी आंखों से देख सकता है। अंग दान का महत्व केवल वही व्यक्ति समझ सकते हैं जिनके पास किसी अंग की कमी होती है।
वर्तमान समय में आप सब ने देखा होगा सड़कों पर रोजाना दुर्घटनाएं होती रहती है, जिसमें मनुष्य अपने कई अंगों को खो देता है या फिर कई प्रकार की बीमारियां ऐसी होती हैं जो मनुष्य के शरीर के अंगों को खराब कर देती है जिससे व्यक्ति की कभी-कभी मृत्यु भी हो जाती है या व्यक्ति लंबे समय तक जीवित नहीं रह पाता है।
हम सभी लोगों को मृत्यु के बाद अंग दान कर देना चाहिए ताकि हमारे अंग के माध्यम से कोई अन्य व्यक्ति जीवित रह सके, यह बहुत पुण्य का कार्य होता है।
जो व्यक्ति अंधा होता है उस व्यक्ति को आंखें मिल जाती है तथा हमारे देश में कई ऐसे व्यक्ति हैं जिनके कई अंग नहीं है यदि हम सभी मृत्यु के पश्चात अपना अंग दान कर देते हैं तो लोगों को अंग मिल जाएगा जिससे लोग खुशी से जीवन व्यतीत कर सकते हैं।
अंगदान में समस्या
वर्तमान समय में भी लोग जागरुक नहीं है जिसके कारण अंगदान में समस्या हो रहा है, लोग आज भी अंगदान करने के प्रति जागरूक नहीं हुए हैं, हमारे देश में आज के तकनीकी युग में भी व्यक्ति की मृत्यु के पश्चात शरीर को जला दिया जाता है लोगों को अंगदान करना गलत लगता है।
यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो भी उनके परिवार के सदस्यों के द्वारा अंगदान के लिए अनुमति नहीं दिया जाता है परिवार के लोग अंग दान करने से मना कर देते हैं, देश में कितने लोग सड़क दुर्घटना के कारण अपना जान गवा देते हैं ऐसे लोगों के अंगों को निकालकर किसी अन्य व्यक्ति के शरीर में लगाया जा सकता है,
परंतु मृत व्यक्ति के परिवार वालों के द्वारा अंगदान नहीं करने दिया जाता है, मनुष्य के उन्हीं अंगों को दान किया जा सकता है जो पूरी तरह से स्वस्थ हो, और मनुष्य की मृत्यु के पश्चात केवल 72 घंटे के अंदर ही अंग दान किया जा सकता है क्योंकि व्यक्ति के मृत्यु के पश्चात केवल 72 घंटे तक ही शरीर के अंग जीवित रहते हैं।
अंगदान करने की प्रक्रिया
अंगदान जीवित और मृत दोनों व्यक्तियों का किया जा सकता है, जीवित और मृत व्यक्ति के अंग को दान करने का प्रक्रिया अलग अलग होता है-
जीवित अवस्था में अंगदान
जो व्यक्ति जीवित होता है यदि उस व्यक्ति का अंग दान किया जा रहा है तो व्यक्ति का पहले शारीरिक परीक्षण किया जाता है तथा सुनिश्चित किया जाता है कि अंगदान करने के बाद व्यक्ति को किसी प्रकार की खतरा होगी या नहीं,
व्यक्ति का मनोवैज्ञानिक परीक्षण भी किया जाता है ताकि यह पता लगाया जा सके कि व्यक्ति अंगदान के परिणाम से अवगत है या नहीं और व्यक्ति अंगदान करने के लिए पूरी तरह से सहमत हैं या नहीं।
मृत्यु के पश्चात अंगदान
अंगदान करने के लिए व्यक्ति को पहले जीवित अवस्था में ही पंजीकरण कराना होता है या फिर व्यक्ति का मृत्यु हो जाने पर व्यक्ति के परिवार के द्वारा भी अंगदान करने की सहमति दी जा सकती है।
मृत्यु के पश्चात अंगदान के लिए सबसे पहले यह सुनिश्चित किया जाता है कि व्यक्ति की मृत्यु हो चुकी है या नहीं, मृत्यु हुई है या नहीं पता लगाने के लिए विभिन्न प्रकार का परीक्षण किया जाता है, मृत व्यक्ति के शरीर को यांत्रिक वेंटिलेटर पर रखा जाता है ताकि इससे पता लगाया जा सके कि व्यक्ति का अंग पूरी तरह से ठीक है अथवा नहीं।
इन सभी बातों का पता लगाने के बाद व्यक्ति के शरीर से अंग को निकाल कर तुरंत दूसरे व्यक्ति के शरीर में लगा दिया जाता है क्योंकि मृत व्यक्ति के शरीर का अंग ज्यादा समय तक जीवित नहीं रहता है।
उपसंहार
जब किसी व्यक्ति के शरीर के अंग को शल्य चिकित्सा के सहायता से किसी दूसरे व्यक्ति के शरीर में डाला जाता है तो उसे अंगदान कहा जाता है। अंगदान व्यक्ति की अनुमति या उसके परिवारजनों के सहमति पर ही किया जा सकता है। अंगदान करने के लिए लोगों में जागरूकता फैलाना चाहिए।
यदि लोग अंगदान के प्रति जागरूक होंगे तो जरूरतमंद लोगों को अंग उपलब्ध होगा, जिससे कई लोगों को नया जीवन मिलेगा, अंगदान करने पर कई अपराध कम होंगे, वर्तमान समय में आप सभी लोग अक्सर सुनते होंगे कई लोग ऐसे होते हैं जो लोगों का अपहरण करके उनके अंग निकालकर तस्करी करते हैं।
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अंगदान पर निबंध 2
प्रस्तावना
अंगदान के माध्यम से व्यक्ति के संपूर्ण अंग को दान किया जा सकता है, अंगदान करने के लिए व्यक्ति के द्वारा जीवन काल में ही घोषणा कर दिया जाता है तथा जब व्यक्ति की मृत्यु हो जाती हैं तत्पश्चात उनके अंगों को निकाल कर दूसरे व्यक्ति के शरीर में डाल दिया जाता है।
हमारे देश में कई ऐसे लोग होते हैं जिन्हें कई अंगों की जरूरत होती है, अंगदान से कई ऐसे लोगों का भला हो सकता है जो लोग विभिन्न प्रकार के परेशानियों का सामना कर रहे हैं, कई लोगों की आंखें नहीं होती तथा कुछ लोगों का किडनी खराब हो जाता है और कई ऐसे लोग होते हैं जिनका ह्रदय काम करना बंद कर देता है हमें ऐसे लोगों का मदद करना चाहिए।
अंगदान के माध्यम से हम कई लोगों की मदद कर सकते हैं, अंगदान के माध्यम से कई लोगों को उजाला दिया जा सकता है अर्थात कई व्यक्ति ऐसे होते हैं जिनका आंख नहीं दिखता और उन्हें अंगदान के माध्यम से रोशनी दिया जा सकता है।
वर्तमान समय में हमारे देश में बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो अपने अंगों को दूसरों को दान कर देते हैं परंतु इसके बाद भी हमारे देश में अंगों की कमी की समस्या आती है, कई लोगों के अंग किसी बीमारी के कारण खराब हो जाते हैं जिससे व्यक्ति को जीवन में बहुत सारे परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
उपसंहार
हमारे देश में प्रत्येक वर्ष अंगदान दिवस मनाया जाता है ताकि लोगों में अंगदान के लिए जागरूकता फैलाया जा सके, और अधिक से अधिक लोग अपना अंग दान करें ताकि कई व्यक्तियों को जीवन मिल सके। अंगदान करने के लिए कोई निश्चित उम्र सीमा नहीं होती दान कभी भी किया जा सकता है।
अंगदान करना बहुत पुण्य का काम होता है तथा यह किसी भी धर्म या जाति के लोगों के द्वारा किया जा सकता है, हम सभी लोगों को मृत्यु के पश्चात अंग दान कर देना चाहिए ताकि हमारे अंग के माध्यम से दूसरे व्यक्ति जीवित रह सके।
अंगदान करने के लिए लोगों को जीवन काल में ही पंजीकरण कराना होता है तथा मृत्यु के पश्चात भी मृत व्यक्ति के अंग को दान किया जा सकता है इसके लिए मृत व्यक्ति के परिवार के सदस्यों की सहमति ज़रूरी होती हैं।
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निष्कर्ष –
उम्मीद करते हैं आप सभी को यह निबंध लेख पसंद आएगा, तथा आप सभी को भी अंगदान के प्रति प्रेरित करेगा, अंगदान पर निबंध सभी विद्यार्थियों के लिए उपयोगी तथा प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी मददगार साबित हो सकता है।
अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
अंगदान क्या है ?
अंगदान घातक बीमारियों को ठीक करने का एक अत्यंत उन्नत और असाधारण तरीका है, इसके माध्यम से कई लोगों को नया जीवन मिलता है।
क्या किसी व्यक्ति को किडनी दान किया जा सकता है?
हां किसी भी व्यक्ति को किडनी दान किया जा सकता है क्योंकि मनुष्य का शरीर एक किडनी से भी काम कर सकता है, जिन व्यक्तियों का किडनी खराब हो जाता है उन्हें कई व्यक्तियों के द्वारा एक किडनी दे दिया जाता है जिसके माध्यम से व्यक्ति जीवित रह सकता है।
अंगदान के माध्यम से किन किन अंगो का दान किया जा सकता है?
अंगदान में मनुष्य अपने शरीर के ह्रदय, छोटी आंत, किडनी, आंखें आदि अंगों को दान कर सकते है।

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम अमृत यादव है और पेशे से मैं एक ब्लॉगर और लेखक हूं, जो लेख आप अभी पढ़ रहे हैं वह मेरे द्वारा लिखा गया है, मैं अभी बीकॉम फाइनल ईयर की पढ़ाई कर रहा हूं।