शांति और सद्भाव पर‌ निबंध | Essay on Peace and Harmony in Hindi

नमस्कार दोस्तों आप सभी का स्वागत है हमारे वेबसाइट में आज हम आपके लिए शांति और सद्भाव पर‌ निबंध लेकर आए हैं इसलिए निबंध में आपको शांति और सद्भाव के बारे में जानकारी मिलेगा, तथा यह आपके निबंध लेखन में भी सहायक हो सकता है।

शांति और सद्भावना हमारे देश में शांति बनाए रखने के लिए बहुत आवश्यक होती हैं इसलिए हम सभी को इसके बारे में जानकारी प्राप्त होना चाहिए। यदि आप सभी विद्यार्थियों को शांति और सद्भावना के बारे में जानकारी प्राप्त करना है या स्कूल कॉलेज में शांति और सद्भाव पर निबंध लिखने के लिए दिया जाता है,

तो आप सभी हमारे इस निबंध को पढ़कर तथा समझकर आसानी से निबंध लिख सकते हैं,तो चलिए हम हमारे आज के आर्टिकल शांति और सद्भाव को शुरू करते हैं और विस्तार पूर्वक इसके बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं-

शांति और सद्भाव पर‌ निबंध

प्रस्तावना

किसी भी देश या समाज के निर्माण के लिए शांति तथा सद्भावना का आवश्यकता होता है क्योंकि शांति और सद्भाव के बिना एक अच्छे समाज का निर्माण नहीं हो सकता है। शांति और सद्भाव को हमारे समाज का आधार माना जाता है यदि देश में शांति नहीं होगी तो देश का विकास भी रुक जाएगा तथा देश के विकास के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यों को भी नहीं किया जा सकेगा।

हमारे देश के सरकार के द्वारा हमेशा देश में शांति और सद्भाव को सुनिश्चित करने के लिए प्रयास किया जाता है परंतु कई ऐसे कारण उत्पन्न हो जाते हैं जिसके कारण हमारे देश और समाज की शांति तथा सद्भावना भंग हो जाते हैं ।

सरकार के द्वारा कई प्रकार का विधानसभा और लोकसभा में पारित किया जाता है और लोकसभा तथा विधानसभा में विपक्ष दल के नेताओं के द्वारा शांति को भंग करने के लिए पारित किए गए बिल का विरोध किया जाता है इनके अलावा कई बार अन्य लोगों के द्वारा भी शांति भंग किया जाता है।

हमारे देश में लगभग कुछ दिनों से किसान आंदोलन चल रहा है और जब से किसान बिल पास किया गया है तब से कई लोगों के द्वारा इस बिल का विरोध किया जा रहा है तथा कई जगहों पर वर्तमान समय में किसान आंदोलन बिल को लेकर धरना प्रदर्शन भी किया जा रहा है जिससे हमारे समाज और देश की शांति भंग हो रही है।

शांति और सद्भाव

शांति और सद्भाव वह मार्ग है जिसे हम समाज में विकास और समृद्धि लाने के लिए अपनाते हैं, यदि हमारे पास शांति और सद्भाव नहीं होता है तो राजनीतिक ताकत, आर्थिक स्थिरता और सांस्कृतिक विकास हासिल करना असंभव हो जाता है, इसके अलावा हमें हमारे अंदर शांति के भावना को उत्पन्न करना चाहिए हम अपने अंदर शांति को उत्पन्न करके एक सफल नागरिक बन सकते हैं।

शांति और सद्भाव पर प्रभाव डालने वाले कारक

किसी भी देश या राज्य के शांति को भंग करने में सबसे पहले आतंकवादियों का हाथ होता है। आतंकवादियों के द्वारा हमारे देश देश में शांति में दखल दिया जाता है और इसमें कई लोगों की मौत भी हो जाती है जिसके कारण जगह जगह पर विरोध और प्रदर्शन किया जाता है।

कई लोगों के द्वारा किसी धर्म को बदनाम करने का कोशिश किया जाता है जिसके कारण भी हमारे समाज और देश में असंतोष का माहौल बन जाता है और दंगे फसाद होने लगते हैं।

कई राजनीतिक दल ऐसे होते हैं जो अपने आवश्यकताओं की पूर्ति तथा हित के लिए दूसरे पार्टी के लोगों के खिलाफ असभ्य भाषा का प्रयोग करने लगते हैं जिसके कारण समाज के लोगों को गुमराह करने का भी कोशिश किया जाता है, जिससे समाज में अशांति फैल जाती है।

आपने सभी ने अपने समाज और देश में देखा होगा कि कई ऐसे कारण उत्पन्न हो जाते हैं जिसके कारण हमारे देश और समाज के शांति भंग होने लगती हैं, कई बार समाज में लोगों के धर्म और जाति के विषय में असमानताएं आ जाती हैं जिससे समाज में रहने वाले लोगों में ईर्ष्या का भावना आ जाता है और लोग एक दूसरे से बदले की भावना रखने लगते हैं जिससे समाज और देश में शांति भंग होने लगती हैं।

आरक्षण प्रणाली के तहत भी सामान्य वर्ग के लोगों में अशांति उत्पन्न होती है जिसके कारण कई समुदाय के लोग अपने अपने समुदाय के लोगों के लिए आरक्षण की मांग करने लगते हैं और ऐसा परिस्थिति आने पर समुदाय के लोगों के द्वारा समय-समय पर धरना तथा प्रदर्शन किया जाता है।

इनके अलावा हमारे देश और समाज में विभिन्न प्रकार के कारण उत्पन्न होते हैं, बेरोजगारी, मुद्रास्फीति और विभिन्न राज्यों में कई प्रकार के दंगे फसाद आदि किए जाते हैं जिनके कारण देश में शांति और सद्भाव के संभावनाएं नष्ट होने लगते हैं।

शांति और सद्भाव की भावना

हमारे देश के सरकार ने देश में शांति और सद्भाव की भावना को बनाए रखने के लिए कोई नीति और कानून को लागू किया है जिसके आधार पर हम सभी को चलना चाहिए और देश के प्रगति के लिए कार्य करना चाहिए। हमें हमारे भारत देश के महत्व को समझना चाहिए और देश में शांति तथा सद्भाव से रहना चाहिए क्योंकि हम सभी शांति और सद्भाव की भावना से ही आपस में अच्छे से रह सकते हैं।

हम सभी को समाज और देश में सभी धर्म जाति के लोगों के साथ अच्छे से व्यवहार करना चाहिए और मिलजुल कर शांति पूर्वक जीवन व्यतीत करना चाहिए तथा कभी भी एक दूसरे के धर्म और जाति का विरोध नहीं करना चाहिए और ना ही उनका अपमान करना चाहिए हमेशा एक दूसरे के धर्म और जाति का इज्जत करना चाहिए।

हमें कभी भी किसी धर्म या जाति के बारे में गलत शब्द नहीं कहना चाहिए क्योंकि हम सभी को पता है कि यदि कोई व्यक्ति हमारे जाति या धर्म के बारे में गलत शब्द कहता है तो हम उसे सहन नहीं कर पाते हैं इसी तरह दूसरा व्यक्ति भी सहन नहीं कर पाता है जिसके कारण आपस में दरार आने लगती हैं।

हम सभी एक समान होते हैं हमें भगवान ने एक ही रूप और आकार दिया है इसलिए हमें किसी से भी असमानता पूर्वक व्यवहार नहीं करना चाहिए। देश में हमें भाई चारे के साथ एक दूसरे से अच्छा बर्ताव करना चाहिए तभी देश में शांति और सद्भाव बनी रह सकती है।

सरकार को भी हमारे देश और समाज के हित के लिए कार्य करना चाहिए, तभी हमारा देश आगे बढ़ सकता है और हम सभी देश के प्रगति में अपना योगदान दे सकते हैं अर्थात हम सभी को आपस में मिलकर देश में शांति और सद्भाव का भावना लाना चाहिए।

शांति और सद्भाव का महत्व

यदि हम सभी शांति और सद्भाव से एक दूसरे के साथ मिलकर रहेंगे तो आपस में हमारे झगड़े फसाद नहीं होंगे, आप सभी को तो पता होगा ही हमारे देश में प्राचीन समय में हजारों युद्ध हुए जो लगभग सभी क्षेत्र में हुए थे परंतु कुछ लोगों ने लोगों में शांति और सद्भाव का भावना लाने के लिए युटुब समाप्त करने या रोकने का प्रयास किया।

कई लोगों के प्रयास करने पर युद्ध समाप्त हो गए जिससे हमारे देश के शांति व्यवस्था में सुधार आई, जब हमारे देश और समाज में शांति तथा सद्भाव बनी रहेगी तभी हमारे सभी कार्य सुचारु रुप से चल सकते हैं तथा देश का विकास हो सकता है। हम सभी को देश और समाज में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए व्यक्तिगत रूप से शांति बनाए रखना चाहिए।

शांति और सद्भाव बनाए रखने का उपाय

कई ऐसे तरीके है जिनसे हम शांति और सद्भाव को बनाए रख सकते हैं, हम सभी मनुष्यों को आपस में शांति और सद्भाव की भावना को बनाए रखना चाहिए तभी हम सुखी रह सकते हैं। किसी भी राष्ट्र की राजनीतिक व्यवस्था को बनाए रखने के लिए समानता, सुरक्षा और न्याय बनाना आवश्यक होता है, इन सभी से शांति और सद्भाव बनी रहती है।

हमें विज्ञान की उन्नति को बढ़ावा देना चाहिए जिससे सभी मनुष्यों को विभिन्न प्रकार का लाभ मिलता है और यह लोगों के कल्याण के लिए भी आवश्यक होता है तथा हम सभी को मानसिक और आध्यात्मिक विचारधारा को भी अपनाना चाहिए जो सद्भाव फैलाने के लिए एक सहायक दृष्टिकोण का प्रतीक होता है।

मनुष्य को देश और समाज में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए अपने स्तर पर प्रयास करना चाहिए, तथा सरकार को सभी धर्म और जाति के लोगों को समान आरक्षण देना चाहिए जिससे हमारे देश में दंगे फसाद को कम किया जा सकता है और शांति तथा सद्भाव को फैलाया जा सकता है।

उपसंहार

हमारे समाज में कई बुराइयां और कुप्रथाएं हैं जिसके कारण शांति भंग हो जाती है जिसका सभी लोगों और समाज तथा देश पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। हमारे समाज में जो भी बुराइयां उत्पन्न होते हैं उनका मुख्य कारण शांति और सद्भाव में भंग होना होता है इसलिए हमें समाज को नुकसान पहुंचाने वाले बुराइयों को नियंत्रित करना चाहिए।

हम समाज और देश में शांति तथा सद्भाव कोई स्थापित करके आपस में भाईचारे की भावना से रह सकते हैं तथा समाज और देश में होने वाले दंगे फसाद को भी कम कर सकते हैं इसलिए हमें हमेशा शांति और सद्भाव को बनाए रखने का कोशिश करना चाहिए।

जब हमारे देश और समाज में शांति और सद्भाव बना रहेगा तो सारी चीजें बिना किसी देरी के सुचारू रूप से चलती रहेंगी, कथा हमारे देश के विकास में भी बाधा उत्पन्न नहीं होगा , देश का विकास हम सभी के लिए आवश्यक है देश का विकास होगा तभी हम अपना विकास कर सकते हैं।

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निष्कर्ष

उम्मीद करती हूं दोस्तों आपको शांति और सद्भाव पर‌ निबंध पसंद आएगा तथा आपके लिए ज्ञानवर्धक और उपयोगी भी साबित होगा, हमने इसमें शांति और सद्भाव के बारे में संपूर्ण जानकारी देने का कोशिश किया है।

अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

शांति और सद्भाव का महत्व बताइए ?

शांति और सद्भाव वह माध्यम है जो हमें असमानता और हिंसा को रोकने में मदद करता है। मानव जाति के लिए शांति और सद्भाव बहुत आवश्यक होता है इससे हमारे देश का विकास होता है तथा हमारे समाज में शांतिपूर्ण व्यवस्था बनी रहती है।

शांति और सद्भाव की भावना को बनाए रखने के लिए क्या करना चाहिए?

शांति और सद्भाव की भावना को बनाए रखने के लिए हमारे देश के सरकार ने कई कानून और नीतियों को बनाया है जिसके आधार पर हमें चलना चाहिए जिससे हमारे देश का विकास होता है।

शांति और सद्भाव भंग होने के कारण बताइए?

शांति और सद्भाव भंग होने के विभिन्न कारण है जैसे धार्मिक कारण जिसमें कई लोगों के द्वारा अपने धर्म को श्रेष्ठ माना जाता है और दूसरों के धर्म का अपमान किया जाता है तथा सामाजिक कारण भी शांति और सद्भाव भंग करता है जिसमें समाज में फैली हुई कई बुराइयां और कुप्रथाएं शामिल होती हैं।

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