नमस्कार दोस्तों! स्वागत है आप सभी का हमारे वेबसाइट में, आज के आर्टिकल में हम आपके लिए कठपुतली पर निबंध लेकर आए हैं, इस विषय के बारे में कुछ लोग जानते होंगे तथा कुछ लोगों को इसके बारे में बिल्कुल भी जानकारी नहीं होगा,
यदि आप सभी कठपुतली के बारे में जानने की इच्छा रखते हैं तो यह लेख आप सभी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, तथा इस विषय पर स्कूल और कॉलेज में भी विद्यार्थियों को निबंध लिखने के लिए दिया जा सकता है इसलिए यह निबंध महत्वपूर्ण भी साबित हो सकता है।
हम आप सभी के समक्ष विभिन्न प्रकार के निबंध शेयर करते हैं जिसके माध्यम से आप सभी आसानी से निबंध लेखन कर सकते हैं और परीक्षाओं में निबंध के प्रश्न में अच्छा अंक प्राप्त कर सकते हैं, तो चलिए हमारे आज के आर्टिकल को शुरू करते हैं –
कठपुतली पर निबंध 1
प्रस्तावना
सभी लोगों ने कठपुतली का खेल देखा होगा क्योंकि हमारे देश में कठपुतली का खेल बहुत प्रसिद्ध है, इस खेल के माध्यम से भी लोगों का मनोरंजन किया जाता है यह खेल भी सर्कस के जैसा मनोरंजन कराने वाला खेल होता है। कठपुतली के खेल में राजाओं तथा जानवरों की मनोरंजक और शिक्षाप्रद कहानियां सुनाई जाती है जिससे विद्यार्थी आसानी से कहानियों के बारे में समझ जाते हैं।
कठपुतली के खेल से लोगों का बहुत मनोरंजन होता है और कठपुतली के खेल से सबसे ज्यादा मनोरंजन बच्चे करते हैं बच्चों को यह खेल बहुत पसंद आता है। कठपुतली को बारीक धागों से बांधकर कठपुतली का खेल दिखाने वाले लोग गीत गाकर उनकी कहानियों के बारे में बताते हैं।
कठपुतली का खेल दिखाने के लिए गांव तथा शहर के कई स्थानों पर इसका आयोजन किया जाता है और भारी मात्रा में लोग एकत्रित होकर कठपुतली के खेल का मनोरंजन करते हैं कठपुतली का खेल प्राचीन समय का सबसे पुराना खेल है जिसे सभी लोगों के द्वारा बहुत पसंद किया जाता है।
कठपुतली का खेल बच्चों के लिए बहुत रोमांचक और प्रसन्नता का खेल होता है, क्योंकि इससे बच्चे सबसे ज्यादा प्रसन्न होते हैं और बच्चों के अलावा इस खेल को अन्य लोगों के द्वारा भी बेहद पसंद किया जाता है यह खेल सबसे ज्यादा लोकप्रिय राजस्थान में है, और इस खेल का जन्म स्थल हम राजस्थान को कहते हैं।
कठपुतली के खेल के माध्यम से विभिन्न प्रकार के कहानियों के बारे में बताया जाता है जिसके माध्यम से हम शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं और कई विषयों पर जागरूक भी हो सकते हैं जैसे कठपुतली के खेल में दहेज प्रथा और कन्या भ्रूण हत्या आदि से संबंधित कहानियों को सुनाकर लोगों को जागरूक किया जाता है।
कठपुतली
कठपुतली कपड़ों के द्वारा बनाई गई एक गुड़िया के समान होती है, कपड़ों के माध्यम से राजा, रानी, हाथी, घोड़ा आदि के आकार का बनाया जाता है और कठपुतली का खेल भाट जाति के लोगों के द्वारा दिखाया जाता है अधिकतर, कठपुतलियों को बनाने के बाद कठपुतली के हाथ पैर को इस प्रकार से माना जाता है कि कठपुतली का खेल दिखाते समय धागों के माध्यम से अच्छे से समझाया जाता है।
कठपुतली का खेल दिखाते समय लोग गीत गाकर राजा रानी या लैला मजनू आदि से संबंधित कहानियों को दिखाया करते हैं। यह खेल बहुत मनोरंजक होता है जो सभी लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है, यह खेल प्राचीन समय का पुराना खेल है इसलिए इसे बुजुर्ग भी देखना पसंद करते हैं।
कठपुतली का जन्म
कठपुतली का जन्म राजस्थान में हुआ है क्योंकि इस खेल का प्रचलन सबसे अधिक राजस्थान में है यदि आज भी आप राजस्थान में जाते हैं तो आपको कठपुतली का खेल देखने को मिल जाएगा, राजस्थान के बाद इस खेल का प्रचलन विदेशों में भी बड़ा है और विदेशों में भी इस खेल को दिखाया जाता है।
वर्तमान समय में लोग गांव-गांव में जाकर कठपुतली के माध्यम से अनेक कहानियों से अवगत कराते हैं और कठपुतली के खेल के माध्यम से बालिका शिक्षा के बारे में भी लोगों को जागरूक किया जाता है यह खेल बहुत अच्छा खेल होता है क्योंकि इस खेल के माध्यम से सबसे ज्यादा लोग जागरूक होते हैं।
कठपुतली दिवस
सबसे पहले फ्रांस में 21 मार्च 2003 को कठपुतली दिवस मनाने की पहल की शुरुआत की गई थी, और फ्रांस के बाद अन्य देशों में भी इसका पहल शुरू किया तथा वर्तमान में संपूर्ण विश्व में 21 मार्च को विश्व कठपुतली दिवस के रुप में मनाया जाता है। कठपुतलियों के खेल को अधिक बढ़ावा देने के लिए लोगों को इसके महत्व के प्रति जागरूक करने के लिए कठपुतली दिवस मनाया जाता है।
कठपुतली दिवस के अवसर पर कठपुतली के माध्यम से विभिन्न प्रकार के कहानियों को जागरूकता के माध्यम से बताया जाता है जिससे सभी लोग कठपुतलियों के खेल को देखना पसंद करते हैं और ऐसे लोगों को शिक्षा की बातें भी सीखने को मिलती है तथा लोग विभिन्न कुप्रथा के बारे में भी जागरूक होते हैं।
उपसंहार
कठपुतली के खेल को भाट जाति के लोगों के द्वारा सभी शहर और गांव के क्षेत्रों में दिखाया जाता है, भाट जाति के लोग गांव गांव में घूम कर विभिन्न प्रकार की कहानियों के माध्यम से कठपुतली का खेल दिखाते हैं और अपना जीवन यापन करते हैं।
प्राचीन समय में भी इस खेल को काफी लोगों के द्वारा पसंद किया जाता था तथा वर्तमान में भी यह खेल बहुत प्रचलित है, इस खेल को जागरूकता के लिए बहुत महत्व दिया जाता है, प्राचीन समय में जब हमारे देश में अंग्रेजों का शासन काल था उस समय अंग्रेजों ने इस कला का प्रचार विदेशों में भी किया था।
आज के वर्तमान समय में भी देश के प्रत्येक क्षेत्र में 21 मार्च को विश्व कठपुतली दिवस के रूप में मनाया जाता है और लोगों को कठपुतली के बारे में जागरूक किया जाता है तथा कठपुतली के खेल के माध्यम से लोगों में विभिन्न प्रकार की कहानियों से जागरूकता लाई जाती हैं।
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कठपुतली पर निबंध 2
प्रस्तावना
कठपुतली का खेल भारत के सभी गांव और शहरों में लोगों को जागरूक करने के लिए किया जाता है, इस खेल के माध्यम से लोगों का मनोरंजन होता है और मनोरंजन के साथ ही लोगों में विभिन्न कहानियों के जरिए जागरूकता लाई जाती है।
कठपुतली के खेल का आयोजन गांव तथा शहरों में भी किया जाता है इस खेल के माध्यम से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, दहेज प्रथा, नशा मुक्ति, राजा रानियों की कहानी और लैला मजनू तथा हीर रांझा आदेश अभी कहानियों के बारे में लोगों को दिखाया जाता है।
कठपुतली के माध्यम से लोगों को किसी भी कहानी के बारे में आसानी से समझाया जा सकता है और लोग इस खेल के माध्यम से आसानी से किसी भी चीज के बारे में समझ पाते हैं, तथा कठपुतली के कहानियों के माध्यम से लोगों को सरकारी योजनाओं की जानकारी भी दी जाती है।
लोगों को किसी भी कहानी के द्वारा विभिन्न विषयों के बारे में जागरूक करने और जानकारी देने के लिए यह खेल बहुत सरल और अच्छा माध्यम है इस खेल से सभी लोग आसानी से प्रभावित हो जाते हैं और इस खेल के द्वारा लोगों में जागरूकता लाने का भी पूरा कोशिश किया जाता है।
कठपुतली के प्रकार
कठपुतलियां पांच प्रकार से बनाई जाती है-
धागे वाली कठपुतली, दस्ताने की कठपुतली, छड़ीवाली कठपुतली, दस्ताने और छड़ी वाली कठपुतली, तथा छाया कठपुतली इन सभी कठपुतलियों के माध्यम से विभिन्न प्रकार के खेल दिखाए जाते हैं।
कठपुतली खेल का मानव जीवन पर प्रभाव
कठपुतली के खेल का मानव जीवन पर बहुत प्रभाव पड़ता है, प्रत्येक मानव कठपुतली के खेल से बहुत प्रभावित होते हैं। जिस प्रकार से कठपुतलियां धागे से बंधी होती हैं उसके बाद भी सभी कार्य को बहुत अच्छे से और आसानी से कर पाती हैं, उसी प्रकार हमारा जीवन भी बंधन से बनने के बाद बहुत परेशान हो जाता है और किसी भी कार्य को करने के लिए हमारे अंदर कोई हिम्मत नहीं होती,
परंतु कठपुतलियों से हमें यह सीख मिलती है कि बंधन से बंधे रहने के बाद भी हर कार्य को आसानी से किया जा सकता है। कठपुतली एक ऐसी कला होती है जिससे मनोरंजन का प्रमुख साधन माना जाता है और हमारे भारत देश में यह कला प्राचीन काल से ही चली आ रही है।
उपसंहार
कठपुतलियों के माध्यम से हमें बहुत अच्छे से किसी भी कहानी के बारे में समझाया जाता है और कठपुतली का खेल भारत का ही नहीं बल्कि पूरे विश्व का प्रसिद्ध खेल बन चुका है, कठपुतली का खेल दिखाने के लिए लोग सभी गांव और शहरों में जाते हैं और अपनी कला की प्रदर्शन करके जीवन चलाते हैं।
हमारे देश में कठपुतली का खेल बहुत ज्यादा प्रसिद्ध है इस खेल के माध्यम से विद्यालय और सरकारी क्षेत्रों तथा सरकारी क्षेत्रों से मिलने वाली योजनाओं के बारे में भी जागरूक किया जाता है और इस खेल में सरकार के द्वारा दी जा रही योजना के बारे में भी दिखाया जाता है ताकि लोग इस खेल को देखकर मनोरंजन के साथ योजनाओं के बारे में भी जान सके।
आज के वर्तमान समय में कठपुतली का खेल हमारे भारत देश के अलावा अन्य देशों में भी बहुत लोकप्रिय खेल बना हुआ है, इस खेल में जो कठपुतली होता है वह गुड़िया के आकार का होता है जो अलग-अलग रंग के कपड़े और लकड़ियों के टुकड़ों से बनाया गया होता है।
कठपुतली का खेल हमारे भारत देश के प्राचीन और लोकप्रिय कल आने से एक है और इस खेल का उपयोग मनोरंजन के लिए तथा लोगों तक महत्वपूर्ण संदेश पहुंचाने के लिए भी किया जाता है।
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निष्कर्ष
उम्मीद करते हैं दोस्तों हमारा यह लेख कठपुतली पर निबंध आप सभी को बहुत पसंद आएगा तथा आप सभी भी अपने जीवन में कठपुतली का खेल देखना पसंद करेंगे, इसके अलावा हमारा यह निबंध लेख सभी विद्यार्थियों के लिए भी बहुत उपयोगी साबित होगा।
अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
कठपुतली के कला का उत्पत्ति कहां हुआ है ?
कठपुतली के कला का उत्पत्ति हमारे भारत देश में हुआ है तथा कठपुतली खेल का जन्म स्थल राजस्थान है राजस्थान में यह खेल सबसे अधिक प्रचलित है।
कठपुतली शिक्षा के क्षेत्र में किस प्रकार से महत्वपूर्ण है?
शिक्षा के क्षेत्र में कठपुतली कला का बहुत विशेष महत्व है, क्योंकि इस खेल के माध्यम से बच्चों में कल्पना शक्ति और रचनात्मकता तथा अवलोकन और कुशलता को विकसित किया जाता है।
कठपुतली कला खत्म होने का कारण क्या है?
कठपुतली को बनाना बहुत कठिन होता है तथा कठपुतली के क्षेत्र बहुत चुनौतीपूर्ण होते हैं जिसमें कला के लिए कोई पुरस्कार नहीं दिए जाते तथा जिस प्रकार से कठपुतली दिखाने वाले लोग दर्शकों से आशा करते हैं वह दर्शकों के द्वारा पूरा नहीं किया जाता है जिसके कारण कठपुतली कला खत्म होते जा रही है।
कठपुतली खेल कहां का प्रसिद्ध खेल है?
कठपुतली खेल राजस्थान का बहुत प्रसिद्ध और लोकप्रिय खेल है, राजस्थान में कठपुतली खेल का आयोजन बहुत अच्छे से किया जाता है तथा इस खेल के माध्यम से लोगों को दहेज प्रथा और कन्या भ्रूण हत्या आदि के बारे में जागरूक किया जाता है।

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम अमृत यादव है और पेशे से मैं एक ब्लॉगर और लेखक हूं, जो लेख आप अभी पढ़ रहे हैं वह मेरे द्वारा लिखा गया है, मैं अभी बीकॉम फाइनल ईयर की पढ़ाई कर रहा हूं।