नमस्कार दोस्तों! इस आर्टिकल के माध्यम से हम सामाजिक समस्या पर निबंध पर चर्चा करेंगे, भारत एक विशाल देश है और इस देश में विभिन्न प्रकार के धर्म जाति के लोग रहते हैं.
यह निबंध लेख सभी स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इस विषय पर निबंध लिखने को बच्चों को दिया जाता है तथा प्रोजेक्ट वर्क के लिए भी दिया जाता है।
आज सामाजिक समस्याओं के बारे में जानेंगे तो चलिए शुरू करते हैं-
सामाजिक समस्या पर निबंध
प्रस्तावना
हमारे देश में व्याप्त अशिक्षा और निर्धनता हमारे प्रगति के मार्ग की सबसे बड़ी रुकावट होती है। और शिक्षा और निर्धनता के कारण मनुष्य का संपूर्ण बौद्धिक एवं शारीरिक रूप से विकास नहीं हो पाता, हमारे समाज में जब तक लोगों में अशिक्षा और निर्धनता है तब तक हमारे देश का वास्तविक रूप से विकास नहीं हो सकता है।
भ्रष्टाचार भी हमारे देश में जटिल समस्या का रूप ले चुका है, सामान्य कर्मचारी से लेकर ऊंचे ऊंचे पदों पर रहने वाले अधिकारी भी भ्रष्टाचारी होते हैं, और भ्रष्टाचार के कारण देश में महंगाई तथा कालाबाजारी की समस्याएं उत्पन्न हो जाती है।
भारत में विभिन्न प्रकार के लोगों के सामाजिक कुरीतियों का घर है, हमारे देश के आजाद हो जाने पर भी हमारी सामाजिक विषमताएं उसी प्रकार से बात है जिस प्रकार से प्राचीन समय में हुआ करती थी।
सांप्रदायिकता की समस्या
हमारे भारत देश में अनेक प्रकार की जाति, धर्म के लोग निवास करते हैं। हिंदू, सिख, मुस्लिम, ईसाई ,जैन, पारसी, सभी लोग अपने अपने धर्म को मानते हैं। प्रत्येक क्षेत्र में एक अलग भाषा बोली जाती है तथा सभी का खानपान भी अलग होता है और रहन-सहन भी अलग होता है।
सभी धर्म के लोगों में विभिन्न विविधताएं होती है, भारत में रहने वाले अनेक जाति धर्म के लोगों का विचारधारा भी अलग अलग होता है, पहले लोग दूसरे धर्म का सम्मान करते थे परंतु वर्तमान में जो किसी धर्म का सम्मान नहीं करते हैं अर्थात लोग धर्मार्थ हो चुके हैं।
प्रत्येक क्षेत्र में सांप्रदायिकता है, मराठी के चाहते हैं कि वहां केवल मराठी भाषा का ही उपयोग करें लोग, ऐसे में यदि दूसरे राज्य के लोग आते हैं तो उनको बहुत परेशानी होने लगती है क्योंकि उनका स्थानीय भाषा अलग होता है। छोटी-छोटी बातों पर विभिन्न प्रकार के सांप्रदायिक दंगे होने लगते हैं जिससे हमारे देश में कभी-कभी जान भी चली जाती है और विभिन्न क्षेत्रों में क्षति होता है।
नारी समानता की समस्या
हिंदू समाज के सबसे बड़ी समस्या नारी संबंधित होती है क्योंकि हमारे भारतीय समाज में स्त्रियों को पुरुषों के समान अधिकार दिया गया है। भारतीय संविधान में नारियों का अधिकार तो समान है परंतु यह केवल कहने के लिए है कहा गया है आज भी महिला को पुरुषों के समान अधिकार नहीं दिया जाता है।
वर्तमान में लड़कियों का शादी पिता और भाई के पसंद से किया जाता है लड़की को आज भी अपना जीवनसाथी चुनने का भी अधिकार नहीं दिया जाता है, नारी पर विभिन्न प्रकार से जुल्म किया जाता है और नारी के द्वारा आवाज उठाने पर उसे मार दिया जाता है या आत्महत्या करने के लिए विवश कर दिया जाता है।
विवाह संबंधी समस्याएं
भारतीय समाज में 21वीं शताब्दी में बाल विवाह, मेल विवाह, दहेज प्रथा, विधवा विवाह जैसी कई कुरीतियां सर्व व्याप्त है। कई परिवार में दहेज की समस्या के कारण लड़कियों को बोझ समझा जाता है और मां के गर्भ में ही हत्या करवा दिया जाता है।
कई लड़कियों का बेमेल शादी करवा दिया जाता है, सरकार के द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने के बाद भी दहेज प्रथा आज भी विद्यमान है कई लोगों के द्वारा विवाह में दहेज की मांग की जाती है और दहेज प्रथा अमीर लोगों के कारण बढ़ता जा रहा है क्योंकि अमीर व्यक्ति अपने बेटियों की शादियों में बहुत ज्यादा दहेज देते हैं या अमीर व्यक्ति के द्वारा उच्च वर्ग में अपनी बेटी की शादी कराते समय उच्च वर्ग के परिवार के द्वारा माता पिता को दहेज के लिए विवश कर दिया जाता है।
जात-पात की समस्या
जात पात का भेदभाव आज भी विद्यमान है, जात पात का भेदभाव एक विषम समस्या बन चुका है, आज भी निचली धर्म के जाति के लोगों के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है। ना ही परिजनों को मंदिर तक जाने की अनुमति होती है और ना ही समाज में परस्पर प्रेम भावना होती है।
समाज में रहने वाले लोगों में सहानुभूति की भावना भी नहीं होती है, लोग एक दूसरे से झगड़ते रहते हैं और एक दूसरे के प्रति ईर्ष्या की भावना रखते हैं। प्रत्येक धर्म और जाति के द्वारा केवल अपने जाति और धर्म के बारे में सोचा जाता है तथा उद्धार के लिए कार्य किया जाता है आज के नेताओं के द्वारा भी जाति और धर्म के लोगों के लिए ही कार्य किया जाता है।
भ्रष्टाचार की समस्या
वर्तमान में प्रत्येक क्षेत्र में भ्रष्टाचार दिखाई देता है, वस्तुओं की महंगाई, मुद्रा स्पीति, काला बाजार और काला धन आदि सभी समस्याएं भ्रष्टाचार के कारण ही उत्पन्न होती हैं। सभी सरकारी और निजी कर्मचारी अपने फायदे के लिए भ्रष्टाचार करते रहते हैं और अपने स्वार्थ के लिए ही सोचते हैं।
कोई भी व्यक्ति जनता के भलाई के बारे में नहीं सोचता और नेताओं के द्वारा भी केवल अपनी भलाई के बारे में सोचा जाता है, प्रत्येक व्यक्ति ऊंचे पदों पर होते हुए भी अधिक से अधिक धन कमाना चाहते हैं और सभी क्षेत्रों में आज भ्रष्टाचार व्याप्त है।
विद्यार्थियों तथा युवाओं की समस्या
आजकल के विद्यार्थियों में अनुशासनहीनता की समस्या बढ़ती जा रही है, और यह समस्या बहुत भयंकर हो गई है। आज के युवाओं में निष्ठा, संयम, त्याग, परिश्रम और अनुशासन आदि का गुण समाप्त हो चुका है। आज के युवाओं के द्वारा माता पिता तथा गुरु आदि का आदर सम्मान नहीं किया जाता और ना ही अपने भाई बहन के बारे में सोचा जाता है।
लोगों में निरक्षरता, अज्ञान, बेरोजगारी, निर्धनता, और छुआछूत आदि की समस्याएं हमारे देश को खोखली कर दी जा रही है अर्थात हमारा देश विकास नहीं कर पाता इन सभी कारणों की वजह से, वर्तमान समय में विद्यालयों में रैगिंग और परीक्षा में नकल तथा शिक्षण संस्थानों के साथ विद्यार्थियों के द्वारा दादागिरी की जाती हैं।
इन सभी कारणों से विभिन्न प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं तथा इन सभी से हमारे राष्ट्रीय पतन की ओर जा रहे हैं और देश का विकास भी नहीं हो पा रहा है हमारे देश के युवाओं को सही दिशा में जाना बहुत आवश्यक होता है।
युवा ही देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं, युवाओं के द्वारा किए गए कार्य के द्वारा ही देश की विकास संभव शक्ति है अन्यथा देश का विकास रुक जाएगा।
महिलाओं की अशिक्षा
आज के वर्तमान युग में महिलाओं ने लगभग प्रत्येक क्षेत्र में सफलता हासिल की है तथा पुरुषों के समान प्रत्येक क्षेत्र में कार्य कर रही हैं, परंतु इसके बाद भी कुछ ऐसे क्षेत्र आज भी हैं जहां महिलाओं को पुरुषों के बराबरी का दर्जा नहीं दिया जाता है।
आज भी हमारे देश में लड़कियों को स्कूल नहीं भेजा जाता उन्हें केवल घरेलू काम के लिए योग्य माना जाता है, माता पिता के द्वारा बेटों को स्कूल भेजा जाता है और लड़कियों से घर का काम करवाया जाता है, तथा लड़कियों का कम उम्र में ही विवाह कर दिया जाता है जिसके कारण लड़कियों को विभिन्न प्रकार के समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
दलित महिलाओं की स्थिति
महिलाओं के अशिक्षा के कारण महिलाओं को सही गलत का पता नहीं चल पाता, और महिलाओं की और अधिक दुर्दशा हो जाती है। अनेक दलित महिलाओं को केवल पानी लेने के लिए बहुत दूर जाना पड़ता है, क्योंकि दलित महिलाओं को अछूत माना जाता है जिसके कारण कुएं के पानी को भी नहीं ले जाने दिया जाता है।
उपसंहार
हमारे समाज में विभिन्न प्रकार की समस्याएं हैं परंतु उन सभी का समाधान भी निकाला जा सकता है इसके लिए हम सभी को मिलकर प्रयत्न करना होगा। हम सभी को इन सभी समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए बहुत अधिक प्रयत्न करना होगा जिससे कि समाज का विकास हो सके।
हमारा भारत देश दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र देश है, और दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाला देश भी है यहां के लोगों की संस्कृति अत्यंत विविधता पुणे और समृद्ध है परंतु यहां विभिन्न प्रकार की प्रचलित सामाजिक बुराइयां समाज में आज भी देश के विकास में अभिशाप बनी हुई है।
अन्य निबंध लेख :-
निष्कर्ष
उम्मीद है दोस्तों हमारा यह लेख सामाजिक समस्या पर निबंध आप सभी को पसंद आएगा तथा आपके लिए ज्ञानवर्धक और उपयोगी होगा।
अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
प्रगति के मार्ग में सबसे बड़ी रुकावट क्या होती है ?
देश में अशिक्षा और निर्धनता हमारी प्रगति के मार्ग की सबसे बड़ी रुकावट होती है। इन दोनों कारणों से मनुष्य का संपूर्ण बौद्धिक और शारीरिक विकास रुक जाता है।
समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर करने के लिए क्या करना चाहिए ?
हमारे देश और समाज में उत्पन्न बुराइयों का हम सभी को मिलकर विरोध करना चाहिए तथा इसे रोकने का संभव प्रयास करना चाहिए।
अस्पृश्यता को गैरकानूनी कब बनाया गया है तथा किसके द्वारा बनाया गया है ?
हमारे संविधान तथा the untouchability act, 1965 के द्वारा अस्पृश्यता को गैरकानूनी बना दिया गया है।
किन कारणों से समाज और देश के विकास में रुकावट आ रही है?
विद्यार्थियों का अनुशासनहीन होना, अशिक्षा, निरक्षरता और भ्रष्टाचार समाज तथा देश के विकास में रुकावट डालता है।

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम अमृत यादव है और पेशे से मैं एक ब्लॉगर और लेखक हूं, जो लेख आप अभी पढ़ रहे हैं वह मेरे द्वारा लिखा गया है, मैं अभी बीकॉम फाइनल ईयर की पढ़ाई कर रहा हूं।