बेटा बेटी एक समान पर निबंध | Essay on Son Daughter Equal in Hindi

नमस्कार दोस्तों! आप‌ सभी का स्वागत है हमारे लेख में, हम इस निबंध लेख के माध्यम से बेटा बेटी एक समान के बारे में चर्चा करेंगे बेटा बेटी एक समान पर निबंध लेख परीक्षा की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है।

यह लेख सभी कक्षा के विद्यार्थियों के लिए उपयोगी है, इस लेख के माध्यम से आप सभी विद्यार्थी आसानी निबंध लिख सकेंगे, सभी विद्यार्थियों इस टाॅपिक पर निबंध लिखने को दिया जाता है तथा प्रोजेक्ट वर्क के लिए भी इस विषय में लिखने को दिया जा सकता है।

यदि आप सभी बेटा बेटी एक समान पर निबंध लेख या भाषण देना चाहते हैं तो यह लेख आप सभी के लिए बहुत मददगार है इसके जरिए आप आसानी से समझ कर अपना निबंध लेखन कार्य कर सकते हैं तथा भाषण की भी तैयारी कर सकते हैं।

बेटा बेटी एक समान पर निबंध 1

प्रस्तावना

हम सभी को अपने समाज और देश में बेटा बेटी को एक समान अधिकार देना चाहिए, तथा प्रत्येक क्षेत्र में बेटियों को भी बेटे के समान अधिकार मिलने चाहिए। आज के आधुनिक युग में लड़का और लड़की में कोई भी अंतर नहीं है। यदि आज भी लोग यह सोचते हैं कि लड़की कुछ भी नहीं कर सकती तो यह बिल्कुल भी गलत है क्योंकि लड़कियां प्रत्येक क्षेत्र में लड़कों से भी आगे बढ़ रही हैं।

वर्तमान में लड़कियां लड़कों के समान कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रही हैं, लड़कियां वह सभी कार्य कर रहे हैं जो लड़के करते हैं तथा आजकल की लड़कियां लड़कों से भी अधिक साहसी होती है। पिछले कुछ वर्षों पहले कई बेटियों ने कई बड़ा बड़ा मुकाम हासिल किया है आप सभी अक्सर देखते होंगे लड़कियां खेल तथा राजनीति और इनके अलावा भी विभिन्न क्षेत्रों में आगे बढ़ रही हैं।

जिस प्रकार हमारे समाज में लड़कों की जरूरत होती है उसी प्रकार लड़कियों की भी आवश्यकता होती है हम सभी को बेटे और बेटियों में कोई फर्क नहीं समझना चाहिए क्योंकि बेटा और बेटी एक समान होते हैं, परंतु आज भी कई समाज और परिवार के लोगों के द्वारा बेटियों को बेटों के बराबर नहीं समझा जाता है तथा बेटियों को शिक्षा के क्षेत्र से भी वंचित कर दिया जाता है।

आज का योग ऐसा युग है जहां लड़कियां बड़े से बड़े कार्य को संभाल रही हैं, पुराने जमाने में लड़कियों को केवल घर के कामों के लिए योग्य समझा जाता था परंतु वर्तमान में लड़कियां सभी क्षेत्र में लड़कों से भी आगे बढ़ रहे हैं और अपने माता-पिता तथा देश का नाम रोशन कर रही है।

उपसंहार

हम सभी को अपने परिवार और समाज के बेटियों को बेटों के समान अधिकार देना चाहिए, जिस प्रकार बेटों को पढ़ने के लिए कहीं भी भेज दिया जाता है उसी प्रकार बेटियों को भी छूट प्रदान करना चाहिए ताकि बेटियां भी अपने पैर पर खड़ी हो सके और उन्हें किसी पर आत्मनिर्भर ना रहना पड़े।

हमारे देश के विकास में जितना बेटे अपना योगदान देते हैं उससे कहीं ज्यादा बेटियां योगदान देती हैं, बेटियां पढ़ने के क्षेत्र में भी बेटों से आगे होते हैं और मन लगाकर पढ़ाई करके अपने स्कूल तथा महाविद्यालय का नाम रोशन करते हैं इसके साथ ही स्थान समाज और अपने माता-पिता का नाम भी रोशन करती हैं।

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बेटा बेटी एक समान पर निबंध 2

प्रस्तावना

वर्तमान में सरकार के द्वारा समाज में बेटा और बेटियों को बराबरी का दर्जा दिया गया है, अर्थात जो कार्य बेटा कर सकता है वह कार्य बेटी भी कर सकती है और बेटी प्रत्येक क्षेत्र में कार्य करके रोजगार प्राप्त कर सकती हैं। सरकार के द्वारा बेटे और बेटियों को समान दर्जा दिया गया है ताकि बेटियां भी लड़कों के समान तरक्की कर सकें, और वर्तमान में कई बेटियां तरक्की की राह में निरंतर बढ़ती जा रही हैं।

पुराने समय से ही बेटियों ने देश के लिए महत्वपूर्ण कार्य किया है, आप सभी को कल्पना चावला, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, सानिया मिर्जा आदि महिलाओं का नाम आप सभी ने सुना ही होगा, उन्होंने हमारे देश के लिए महत्वपूर्ण कार्य करके साबित कर दिया है कि बेटियां किसी भी क्षेत्र में बेटों से कम नहीं है।

आज बेटियां अपने दम पर डॉक्टर, खिलाड़ी, इंजीनियर, वकील, अध्यापिका, कलेक्टर, पुलिस, पायलट आदि सभी क्षेत्रों में कार्य कर रही है और देश का नाम रोशन कर रही है, हम सभी को बेटियों को बेटों से कम नहीं समझना चाहिए और बेटियों को बेटों के समान प्रत्येक क्षेत्र में अधिकार देना चाहिए ताकि बेटियां भी आत्मनिर्भर होकर देश का नाम रोशन करें।

बेटियों का स्थान

आज के युग में हमारे समाज और देश में बेटियों का स्थान महत्वपूर्ण है क्योंकि बेटियां सभी क्षेत्र में प्रगति कर रही है, और अपने माता-पिता के साथ साथ समाज तथा देश का नाम भी रोशन कर रही हैं। पुराने समय में केवल लड़कों के द्वारा ही क्रिकेट खेला जाता था परंतु वर्तमान में लड़कियों के द्वारा भी क्रिकेट खेला जाता है जो हमारे देश की बेटियों के लिए बहुत सम्मानजनक बात है।

बेटियों ने किसी भी क्षेत्र को नहीं छोड़ा है जिससे साबित होता है कि बेटियां किसी भी क्षेत्र में कार्य कर सकती हैं, कई लोगों के द्वारा केवल बेटों को ही योग्य समझा जाता है बेटियों को किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए अधिकार नहीं दिया जाता है।

आज का युग विज्ञान और तकनीक का युग है, आज भी हमारे समाज में कुछ ऐसे वर्ग के लोग हैं जो बेटियों को प्रताड़ित करते हैं और इसका प्रमुख कारण शिक्षा का अभाव होना है, लड़कियां शिक्षित नहीं होती जिसके कारण उन्हें प्रताड़ित होना पड़ता है, हम सभी को लड़कियों की शिक्षा के स्तर पर जोर देना चाहिए।

उपसंहार ‌

आज के वर्तमान समय में लड़के और लड़कियों को एक समान अधिकार प्राप्त है, और लड़कों के साथ साथ लड़कियां भी प्रत्येक क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं परंतु आज भी कुछ ऐसे क्षेत्र है जहां लड़कियों को नहीं पढ़ाया जाता है और उनकी कम उम्र में ही शादी कर दी जाती है।

बेटे और बेटियों दोनों को शिक्षा, सुरक्षा और अन्य सभी अधिकार समान रूप से प्राप्त है, आजादी के बाद भी हमारे संविधान में कई जाति और धर्म के लोगों के द्वारा आज भी बेटे और बेटियों में भेदभाव किया जाता है, जो बेटियों के आगे बढ़ने में बाधक होता है।

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बेटा बेटी एक समान पर निबंध 3

प्रस्तावना

बेटे और बेटियों को जब एक समान अधिकार दिया जाएगा लोगों के द्वारा बेटे और बेटियों को समान रूप से माना जाएगा तभी हमारे देश का विकास हो सकता है, समाज और देश के विकास में लड़के तथा लड़कियों दोनों का सामान योगदान होता है। हम सभी को समाज में बेटियों की शिक्षा के लिए लोगों में जागरूकता लाना चाहिए और सभी माता-पिता को बेटियों को बेटों के समान अधिकार चाहिए।

बेटियों के द्वारा ही परिवार का निर्माण होता है यदि हमारे समाज में बेटियां ही नहीं बची तो हमारे देश के सभी लोग धीरे-धीरे खत्म होते जाएंगे, आज बेटियां प्रत्येक क्षेत्र में सफलता की एक नई कहानी लिख रहे हैं और अपने कार्य के द्वारा देश का नाम रोशन कर रहे हैं सभी परिवारों को इन बेटियों से प्रेरित होना चाहिए और अपनी बेटियों को भी आगे बढ़ने का अवसर देना चाहिए।

आज के तकनीकी और विज्ञान के युग में भी समाज में लोगों के द्वारा बेटा और बेटी में फर्क किया जाता है, तथा बेटियों को प्रत्येक क्षेत्र में जाने से बाधा डाला जाता है जिसके कारण बेटियां आगे नहीं बढ़ पाती हैं। समाज में रहने वाले लोगों को समझना चाहिए कि जिस प्रकार बेटों को अधिकार दिया जाता है उस प्रकार बेटियों को भी दिया जाए ताकि बेटियां देश और समाज के विकास के लिए महत्वपूर्ण कार्य कर सकें।

बेटियों की शिक्षा स्तर

पुराने समय की अपेक्षा वर्तमान में बेटियों की शिक्षा स्तर में काफी सुधार आई है, हमारी सरकार के द्वारा विभिन्न प्रकार की शिक्षा नीति चलाई जा रही है जिसके माध्यम से बेटियों की शिक्षा में काफी सुधार हुई है। आज शिक्षा का महत्व काफी बढ़ चुका है लोग बेटों को शिक्षित करने के लिए अपना सभी धन जायजाद बेच देते हैं,

परंतु बेटियों के लिए ऐसा कुछ भी नहीं किया जाता है, समाज को अपनी सोच में बदलाव लाना चाहिए क्योंकि बेटों के शिक्षित होने से केवल एक घर बढ़ता है परंतु बेटियों के शिक्षित होने से दो घर शिक्षित होते हैं और परिवार के सभी सदस्य भी शिक्षित होते हैं।

बेटियां यदि शिक्षित है तो हमारे समाज का इज्जत बढ़ता है और बेटियों के द्वारा किए जा रहे कार्य से देश का नाम भी रोशन होता है इसलिए बेटियों को पढ़ने और आगे बढ़ने का समान अवसर दान करना चाहिए बिना शिक्षा के समाज के निर्माण की परिकल्पना नहीं की जा सकती है।

उपसंहार

हमारे देश में बहुत सी ऐसी महिलाएं हैं जिन्होंने अपने देश का नाम ऊंचा किया है तथा यह साबित किया है कि अगर महिलाएं या बेटियां चाहे तो दुनिया में कुछ भी कर सकती हैं और अपने पूरे देश का नाम रोशन कर सकती हैं।

हम सभी को बेटियों को बोझ नहीं समझना चाहिए और बेटों के समान बेटियों को भी खुद के फैसले लेने का अधिकार देना चाहिए तभी हमारे समाज और देश में बेटियां आगे बढ़ सकती हैं।

आज हमारे समाज में बहुत से जगहों में महिलाओं और बेटियों के साथ घरेलू हिंसा किया जाता है, हम सभी को मिलकर बेटियों को समाज में उचित स्थान दिलाना चाहिए तभी हमारे देश का विकास संभव है।

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निष्कर्ष

उम्मीद करती हूं दोस्तों आप सभी को हमारा यह लेख पसंद आएगा, तथा आप के ज्ञानवर्धक भी साबित होगा,यह लेख सभी विद्यार्थियों के लिए उपयोगी है।

अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

बेटे और बेटियों को एक समान अधिकार क्यों प्राप्त होने चाहिए?

बेटे और बेटियों को एक समान अधिकार प्राप्त होने चाहिए ताकि बेटियां भी बेटों के समान प्रत्येक क्षेत्र में आगे बढ़ कर आत्मनिर्भर हो सकें और देश के विकास में अपना योगदान दे सकें।

देश का विकास कब हो सकता है ?

एक देश का विकास तभी हो सकता है जब उस देश में बेटे और बेटियों को प्रत्येक क्षेत्र में समान रूप से अधिकार मिलता है। जहां कभी भी किसी भी क्षेत्र में बेटियों और बेटों के बीच लिंग भेदभाव ना किया जाए।

लैंगिक समानता का अर्थ

लैंगिक समानता का अर्थ -जिसमें बेटे और बेटियों दोनों को राजनीतिक, आर्थिक, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में समान अधिकार मिले, तथा लैंगिक समानता के‌ कारण ही हमारे देश का विकास हो सकता है।

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