नारी शिक्षा पर निबंध | Essay on Women Education in Hindi

स्वागत है दोस्तों आपका अपने वेबसाइट में, आज के आर्टिकल में हम नारी शिक्षा पर निबंध लेकर आए हैं, इस निबंध लेखन के माध्यम से परीक्षा में पूछे जाने वाले निबंध के प्रश्न सभी विद्यार्थी सरल भाषा में लिख सकते हैं, हमारा निबंध सरल भाषा में लिखा होता है जिससे सभी विद्यार्थी आसानी से समझ कर लिख सकते हैं।

आज के युग में नारी शिक्षा का बहुत महत्व है, कुछ समय पहले नारी शिक्षा को बहुत कम महत्व दिया जाता था जिसके परिणाम आज महिलाओं की साक्षरतापुरुषों के मुकाबले काफी कम है,

आज के युग में भी आपने अक्सर देखा होगा ग्रामीण इलाके के लड़कियों को स्कूल नहीं भेजा जाता है, उन्हें घर के कामों तक सीमित रखा जाता है और थोड़े बड़े होने पर उनकी शादी कर दी जाती है।

Essay on Women Education in Hindi

नारी शिक्षा पर निबंध 1

प्रस्तावना:-

आज के वर्तमान युग में प्रत्येक मनुष्य के लिए शिक्षा बेहद जरूरी है, चाहे पुरुष हो या महिला, प्रत्येक व्यक्ति को शिक्षित होना बहुत आवश्यक है। आज का युग शिक्षा के प्रचार प्रसार से पूर्ण विज्ञान तथा तकनीकी का युग है,

शिक्षा हर किसी के जीवन का एक अभिन्न अंग होता है, शिक्षा व्यक्ति के हर पहलू में आवश्यक होता है , शिक्षा पर महिलाओं तथा पुरुषों दोनों का समान अधिकार होता है।

किसी भी राष्ट्र के निर्माण में शिक्षा का बहुत बड़ा महत्व होता है, जिस देश के लोग शिक्षित नहीं होते हैं वहां आर्थिक और सामाजिक विकास नहीं हो सकता, हमारा भारत देश पुरुष प्रधान देश है इसी कारण यहां पुरुष ज्यादा पढ़े लिखे हैं, किसी भी राष्ट्र की तरक्की हेतु उस राष्ट्र की महिलाओं का शिक्षित होना बहुत आवश्यक होता है।

आज शिक्षा मानव जीवन की एक अभिन्न अंग बन गई है शिक्षा के बिना मनुष्य का व्यक्तित्व अधूरा रहता है, आज के वर्तमान और प्रगतिशील समाज में पुरुषों के साथ ही महिलाओं का शिक्षित होना भी बहुत आवश्यक है।

नारी शिक्षा का महत्व:-

नारी की शिक्षा का उद्देश्य केवल रोजगार प्राप्ति ही नहीं बल्कि शिक्षित नारी अपने घर का संचालन सही तरीके से कर सकती है, बच्चे पिता की अपेक्षा मां के साथ ज्यादा रहते हैं मां शिक्षित होगी तभी बच्चों की शिक्षा पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा,

नारी शिक्षित होगी तो वह सही ,गलत का चुनाव कर सकेगी और अपने जीवन यापन के लिए रोजगार भी प्राप्त कर सकती हैं।

हमारे दैनिक जीवन में भी नारी की शिक्षा का बहुत महत्व है, घर में क्या खरीदारी करना है, कौन सी चीज महत्वपूर्ण है यह सभी अपने बजट के अनुसार कैसे संतुलित रखना है यह सभी कार्य एक शिक्षित नारी अच्छे से कर सकती हैं।

नारी शिक्षा का स्वरूप:-

नारी को घर और बाहर दोनों की समन्वय स्थापित करने की आवश्यकता होती है, सामाजिक कर्तव्य के साथ-साथ उसे घर के प्रति भी अपनी भूमिका का निर्वाह करना पड़ता है, नारी को गृह विज्ञान की भी शिक्षा देनी चाहिए,

तथा नारी अध्यापन के क्षेत्र में भी सफल भूमिका का निर्वाह कर सकती है, शिक्षा के साथ-साथ नारी को शिक्षा के क्षेत्र में भी योगदान देना चाहिए, क्योंकि शिक्षित माताएं ही देश को अधिक योग्य और आदर्श बना पाती हैं।

उपसंहार:-

पहले की अपेक्षा वर्तमान में नारियों को भी अच्छी शिक्षा मिल रही है, नारियों के शिक्षा के लिए सरकार के द्वारा भी अनेक प्रयास किए जा रहे हैं.

इसके साथ ही हम सब का कर्तव्य है नारी की शिक्षा को बढ़ावा देना, नारियों के शिक्षा के प्रचार और प्रसार की आवश्यकता है, अतः हम सभी को नारियों को शिक्षा के प्रति जागरूक करना चाहिए।

सम्बंदित निबंध :-

नारी शिक्षा पर निबंध 2

प्रस्तावना:-

भारतीय समाज में नारियों का विशेष स्थान है, वर्तमान समय में समाज और देश के विकास के लिए पुरुषों के साथ स्त्रियों की शिक्षा भी महत्वपूर्ण है, नारियों के शिक्षा के बिना कुशल समाज की कल्पना नहीं की जा सकती है।

भारतीय समाज में स्त्री का विशेष स्थान है, हमारे संस्कृति मेंस्त्रियों को विशेष महत्व दिया जाता है, शिक्षा पर प्रत्येक पुरुष और महिला का समान अधिकार होता है।

नारी शिक्षा की आवश्यकता:-

हमारे समाज का निर्माण महिला और पुरुष दोनों के द्वारा होता है, अर्थात समाज की विकास के लिए महिला और पुरुष दोनों का शिक्षित होना जरूरी है, शिक्षा की आवश्यकता प्रत्येक व्यक्ति के लिए आवश्यक होती है, शिक्षा के द्वारा नारी अपनी आत्मरक्षा और सही गलत का पहचान कर सकती हैं,

नारी को शिक्षित होना बहुत आवश्यक होता है क्योंकि नारी परिवार के साथ बच्चों को संभालने के साथ सामाजिक स्तर पर भी कार्य करती हैं। आज के युग में नारियों की शिक्षा भी बेहद आवश्यक है, अर्थात जब हमारे देश के नागरिक शिक्षित होंगे तभी देश का विकास संभव हो पाएगा।

नारी का भविष्य:-

शिक्षा के माध्यम से स्त्रियों की दशा में बहुत सुधार हुआ है, परंतु आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में स्त्री शिक्षा की बहुत कमी है, हम सभी को ग्रामीण इलाकों के नारियों को शिक्षा के लिए जागरूक करना चाहिए क्योंकि शिक्षा के अभाव में देश का प्रगति अधूरा होता है। वर्तमान युग में नारी दफ्तर, प्रयोगशाला तथा सेना में पुरुषों के समान कार्य करते हुई नजर आती हैं।

नारी शिक्षा का महत्व:-

समाज या राष्ट्र की प्रगति के लिए महिला शिक्षा का विशेष महत्व है, नारी शिक्षा से ही, नारी पुरुष के समान आदर और सम्मान का पात्र बन सकती हैं, प्राचीन काल में नारी शिक्षित नहीं होती थी उन्हें केवल घर के कामों तक सीमित रखा जाता था,

आज के विज्ञान युग में नारी की शिक्षा की महत्वपूर्ण आवश्यकता है, शिक्षा के द्वारा हम किसी भी क्षेत्र में रोजगार प्राप्त कर सकते हैं उसी तरह नारी शिक्षा के द्वारा जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में अपनी योग्यता व प्रतिभा के बल पर रोजगार एवं सम्मान प्राप्त कर सकती हैं।

शिक्षा के लिए सरकार की योजनाएं:-

नारी शिक्षा को देश के सभी जगहों तक पहुंचाने के लिए और शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने अनेक योजनाएं बनाई हैं-

  1. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम.
  2. किशोरियों के सशक्तिकरण के लिए राजीव गांधी योजना.
  3. कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय योजना.
  4. प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना.

आदि विभिन्न प्रकार के योजनाएं सरकार द्वारा चलाई गई है, जिसका उद्देश्य देश के प्रत्येक नारियों के शिक्षा को बढ़ावा देना तथा नारी शिक्षा के प्रति जागरूक करना है।

नारी शिक्षा से नारी में आत्मनिर्भरता का गुण उत्पन्न होता है और वह स्वावलंबन के गुणों से युक्त होकर पुरुष को चुनौती दे सकती हैं, शिक्षित होने के फलस्वरूप ही नारी समाज में सुरक्षित है.

और समाज में नारियों पर अत्याचार कम हुआ है, भारत में महिला साक्षरता पहले की अपेक्षा काफी बेहतर हुई है लेकिन भारत में साक्षरता के मामले में पुरुष महिलाओं से काफी आगे है जहां पुरुषों की साक्षरता दर 82.14% है वहीं महिलाओं की साक्षरता दर 65.46% है।

समाज में नारी की भूमिका:-

भारत दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जो अपनी संस्कृति में महिलाओं को विशेष महत्व देता है, नारी को देवी का दर्जा दिया जाता है, महिलाएं शक्तिशाली, शुद्धता, सहिष्णुता, क्षमा और सार्वभौमिकता की अधिकारी है,

भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अनेक महिलाओं ने अपना योगदान दिया है जैसे कमला नेहरू, रानी लक्ष्मीबाई, विजय लक्ष्मी पंडित, सरोजिनी नायडू इन सभी का देश के प्रति विशेष योगदान रहा है।

उपसंहार:-

हम सभी को नारी शिक्षा पर विशेष बल देना चाहिए, नारी शिक्षित होंगी तभी देश का विकास होगा, स्त्री के बिना समाज का विकास अधूरा है, नारी पराधीनता से मुक्त होकर अपनी प्रतिष्ठा और गरिमा को प्राप्त कर रही है, नारी के विकास एवं कल्याण की कामना करना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है.

हम सभी को नारी की शिक्षा के प्रति जागरूक होना चाहिए तथा महिलाओं को भी पुरुषों के समान शिक्षा प्राप्त होना चाहिए। आज के वर्तमान युग में नारी पुरुषों के समान प्रत्येक क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य कर रही है और अपने प्रतिभा का परिचय दे रही हैं।

सम्बंदित निबन्ध : –

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