स्वागत है दोस्तो आपका अपनेवेबसाइट में, आज के आर्टिकल में हम नारी शिक्षा का महत्व पर निबंध लेकर आए हैं, आशा करती हूं यह आर्टिकल आप सभी के लिए फायदेमंद और सहायक साबित होगा, इस आर्टिकल के माध्यम से आप अपने स्कूल में दिए जाने वाले निबंध लेखन के प्रश्नों को आसानी से सरल भाषा में लिख सकते हैं।
नारी शिक्षाहम सभी के जीवन में सामाजिक एवं आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होता है, हम सभी को नारी शिक्षा के महत्व को जानना चाहिए, यह हम सभी के लिए महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि नारी शिक्षा से ही देश में विकास होता है।
नारी आज हमारे देश में शिक्षा प्रदान करने के क्षेत्र में पुरुषों की तुलना में काफी पीछे हैं, हम सभी को नारी की शिक्षा की ओर महत्व देना चाहिए, ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी के कारण लड़कियों को शिक्षा नहीं मिल पाती है परंतु आजकल हमारे देश में भी शिक्षा के स्तर में काफी सुधार आ चुकी है, नारी शिक्षा सभी के लिए महत्वपूर्ण होती है क्योंकि इससे अच्छे समाज का निर्माण संभव होता है।
यह आर्टिकल आप सभी को नारी शिक्षा के महत्व को बतलाने में सहायक होगा तथा इसके माध्यम से आप नारी शिक्षा पर निबंध लेखन कर सकते हैं और दूसरों को भी नारी शिक्षा के महत्व के बारे में बता सकते हैं।

नारी शिक्षा का महत्व पर निबंध 1
प्रस्तावना:-
देश की तरक्की के लिए नारी शिक्षा का महत्वपूर्ण योगदान होता है, नारी के शिक्षित होने पर वह अपने बच्चे तथा परिवार को शिक्षित बना सकती हैं, एक अच्छे समाज का निर्माण शिक्षा के द्वारा ही संभव होता है, जीवन में शिक्षा का सबसे महत्वपूर्ण स्थान होता है।
शिक्षा हर किसी के जीवन का एक अभिन्न अंग होता है चाहे वह महिला हो या पुरुष, शिक्षा व्यक्ति के हर क्षण में आवश्यक होता है। शिक्षा ग्रहण करने की अधिकार महिला एवं पुरुष दोनों को होती है, प्राचीन युग से हमारे समाज में नारी का विशेष स्थान रहा है पौराणिक ग्रंथों में नारी को पूजनीय एवं देवी के समान माना जाता है।
किसी भी राष्ट्र के निर्माण में शिक्षा का बहुत बड़ा महत्व होता है, जिस देश के लोग शिक्षित नहीं होते हैं वह देश विकास की दृष्टि से कमजोर होता है, शिक्षा के बिना मनुष्य का जीवन अधूरा होता है।
नारी शिक्षा का महत्व:-
नारी शिक्षा समाज तथा राष्ट्र दोनों के विकास के लिए महत्वपूर्ण होता है, नारी के शिक्षा पर सरकार तथा सभी लोगों को विशेष ध्यान देना चाहिए, नारी के शिक्षा से ही देश का विकास होता है, तथा शिक्षा के क्षेत्र में नारी का महत्वपूर्ण स्थान होता है। नारी के शिक्षित होने से परिवार तथा समाज सभी के शिक्षा स्तर में बदलाव आता है।
नारी शिक्षा देश के भावी पीढ़ी को योग्य बनाने के लिए उचित मार्गदर्शन का कार्य करती है, बच्चे सबसे अधिक अपने माता के संपर्क में रहते हैं और माता के संस्कारों तथा व्यवहार का प्रभाव बच्चे पर सबसे अधिक पड़ता है।
शिक्षित माता ही बच्चों के मस्तिष्क में उन सभी संस्कारों का विकास कर सकती है जो आगे चलकर समाज और देश की उन्नति के लिए आवश्यक होता है। देश की उन्नति शिक्षा के बल पर ही संभव हो पाती है,नारी शिक्षित हो जाए तो उसका परिवारिक जीवन सुखमय हो जाता है और वह समाज और राष्ट्र की प्रगति में कंधे से कंधा मिलाकर अपना योगदान देती है।
नारी का कर्तव्य:-
नारी का कर्तव्य बच्चों के पालन पोषण के अतिरिक्त घर ,परिवार की व्यवस्था और संचालन करना भी होता है। एक शिक्षित महिला ही अपने घर की आर्थिक परिस्थिति का ध्यान रखकर परिवार चला सकती है।
नारी शिक्षा का समाज पर प्रभाव:-
एक नारी के शिक्षित होने पर हमारा समाज शिक्षित और समझदार होता है, अर्थात एक शिक्षित नारी अपनी शिक्षा का उपयोग करके समाज और परिवार को शिक्षित बनाती है और उनके हित के लिए उचित कार्य करती हैं। शिक्षित स्त्री के कारण देश की आर्थिक स्थिति और परिवार के उत्पादन में वृद्धि होती हैं, नारी शिक्षा का प्रभाव परिवार, समाज और देश के हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
नारी शिक्षा के महत्व का मुख्य उद्देश्य:-
नारी शिक्षा परिवार में विनम्रता और सहनशीलता प्रदान करती है, तथा देश को सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से मजबूत बनाती हैं, हमारे देश के सरकार को महिलाओं के विकास के लिए उचित और बेहतर विद्यालय तथा महाविद्यालयों का निर्माण करना चाहिए, ताकि नारी शिक्षा को मजबूती मिले और समाज और देश की उन्नति में बढ़ोतरी हो।
उपसंहार:-
देश की उन्नति के लिए नारी का शिक्षित होना बहुत आवश्यक होता है, शिक्षित नारी एक मजबूत परिवार के निर्माण में योगदान देती है, समाज के सभी लोगों को नारी के शिक्षा के प्रति सहानुभूति तथा जागरूकता फैलाना चाहिए, नारी शिक्षा महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाती है।
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नारी शिक्षा का महत्व पर निबंध 2
प्रस्तावना:-
एक नारी के शिक्षित होने से हमारा समाज और परिवार शिक्षित होता है तथा आगे बढ़ता है, पहले महिलाओं को पढ़ाना लोग उचित नहीं समझते थे, महिलाएं पढ़ाई लिखाई से वंचित रहती थी, लड़कियों को पढ़ने लिखने के लिए स्कूल नहीं भेजा जाता था, किन्तु वर्तमान युग में नारी की शिक्षा में काफी सुधार हुआ है, अब केवल लड़कों कोही नहीं बल्कि लड़कियों को भी समान शिक्षा प्राप्त हो रहा है।
नारी के शिक्षा के द्वारा ही एक शिक्षित परिवार का विकास होता है, नारी ही अपने बच्चों और समाज को शिक्षित बनाती है जिससे देश का विकास होता है, एक अशिक्षित महिला ना तो अपने परिवार का विकास कर सकती है और ना ही समाज का, अशिक्षा के कारण नारी को विभिन्न प्रकार के परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
नारी शिक्षा का उद्देश्य:-
नारी शिक्षा का उद्देश्य अनेक प्रकार से है, नारी शिक्षा नारी को आत्मनिर्भर बनाने में सहायक होती हैं, नारी को कई प्रकार के परेशानियों का सामना करना सिखाती हैं, शिक्षित नारी पुरुष के समान अधिकार प्राप्त कर सकती है और उनसे कंधे से कंधा मिलाकर हर कार्य में अपना योगदान दे सकती है, महिला शिक्षा के द्वारा नारी अपनी प्रतिभा का परिचय देती है, नारी शिक्षा के माध्यम से समाज सेविका, चिकित्सक, वकील, अध्यापिका, तथा राजनीति के क्षेत्र में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकती है।
नारी शिक्षा की आवश्यकता:-
महिलाओं को शिक्षित करना समाज में कई प्रकार की बुराइयां जैसे-कन्या भ्रूण हत्या, दहेज प्रथा, आदि विभिन्न प्रकार के बुराइयों को दूर करने के लिएनारी शिक्षा की आवश्यकता होती है। नारी शिक्षा निश्चित तौर पर देश के आर्थिक विकास में भी सहायक होती है, शिक्षा के माध्यम से नारी सभी कार्य में हिस्सा ले सकें इस उद्देश्य से भी नारी शिक्षा की आवश्यकता पड़ी, नारी जितनी शिक्षित होती हैं उनके बच्चे और परिवार को भी उतना ही अच्छा शिक्षा और पोषण प्राप्त होता है।
नारी शिक्षा के मार्ग में बाधाएं:-
हमारा भारत देश पुरुष प्रधान देश है, यहां पुरुष महिलाओं की अपेक्षा अधिक संख्या में पढ़े लिखे होते हैं, महिलाओं को पुरुषों के समान समाजिक दर्जा नहीं दिया जाता है, तथा यहां महिलाओं को घर तक ही सीमित रखा जाता है। हमारा देश तेजी से प्रगति कर रहा है , किंतु महिलाओं को पुरुषों के समान अधिकार ना होने के कारण नारी की शिक्षा में बाधाएं उत्पन्न होती हैं।
नारी शिक्षा:-
नारी शिक्षा नारी और शिक्षा को अनिवार्य रूप से जोड़ने वाली अवधारणा होती है,यहस्त्रियों के लिए बनाई गई विशेष शिक्षा पद्धति होती है, जिसके माध्यम से नारी शिक्षित होती है और अपने परिवार तथा समाज को भी शिक्षित बनाती हैं।
स्वरूप और महत्त्व:-
शिक्षा वयस्क जीवन के प्रति नारियों के विकास के लिए एक आधार के रूप में विशेष रूप से महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, नारी शिक्षा लड़कियों और महिलाओं को योग्य बनाने में सहायक होती है, नारी शिक्षा लड़कियों तथा महिलाओं को अपने प्रति हो रहे अत्याचार को रोकने और बहुत सी समस्याओं का सामना करना सिखाती है, नारी शिक्षा राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विकास में मदद करता है।
उपसंहार:-
देश के विकास के लिए पुरुष के साथ-साथ नारी का शिक्षित होना भी अत्यंत आवश्यक होता है, ग्रामीण तथा शहरी दोनों क्षेत्र के महिलाओं का शिक्षित होना जरूरी है, नारी के शिक्षित होने से ही हमारे समाज और देश का विकास संभव होता है, हम सभी को नारी शिक्षा के महत्व के बारे में सभी लोगों को जागरूक करना चाहिए।
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