स्वागत है दोस्तों आपका आपने वेबसाइट में, आज के आर्टिकल में हम” होली पर निबंध हिंदी में” पर निबंध लेकर आए हैं, आपने अक्सर देखा होगा कि हमारे स्कूल तथा कॉलेज में निबंध प्रतियोगिता या परीक्षा में होली पर निबंध लेखन का प्रश्न आता है, हमारे द्वारा दिए जाने वाले होली पर निबंध के माध्यम से आप आसान और सरल भाषा में आसानी से समझकर निबंध प्रतियोगिता में भाग ले सकते हैं तथा परीक्षा में आए निबंध लेखन के कार्य को भी अच्छे से लिख सकते हैं।
इस आर्टिकल के माध्यम से आप सभी विद्यार्थी होली पर एक अच्छा निबंध तैयार कर सकते हैं, तथा होली के बारे में जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं। होली हमारी पसंदीदा त्यौहार होती हैं, हम सभी को होली के बारे में पता होना चाहिए। जैसे कि होली क्यों मनाया जाता है, होली का क्या महत्व होता है आदि सभी जानकारी हमारे आर्टिकल के माध्यम से आपको सरल और आसान भाषा में मिल जाएगा, तो चलिए शुरू करते हैं-
होली पर निबंध 1
प्रस्तावना:-
होली हिंदुओं का प्रमुख त्यौहार है। यह त्यौहार फाल्गुन मास की शुक्ल पूर्णिमा को मनाया जाता है, होली का त्यौहारसभी लोगों के द्वारा बड़े ही खुशी और उल्लास के साथ मनाया जाता है। इसे सभी वर्ग के लोगों द्वारा मनाया जाता है।
भारत देश में सभीत्यौहारों को खुशी और उल्लास से मनाया जाता है, होली भी उन्हीं त्योहारों में से एक लोकप्रिय त्यौहार होता है जिसे सभी लोगों के द्वारा आनंद और खुशी से मनाया जाता है।
होली त्यौहार के आगमन के पूर्व ही सभी लोग रंग और गुलाल लगाना प्रारंभ कर देते हैं। होली के दिन सभी के घरों में विभिन्न प्रकार के पकवान और मिठाइयां बनाई जाती हैं।
होली एक रंगबिरंगा त्यौहार होता है जिसे हिंदुओं के साथ अन्य धर्म के लोग भी बड़े धूमधाम से रंगों के साथ और हर्ष उल्लास के साथ मनाते हैं। होली के त्यौहार के अवसर में सभी लोग एक दूसरे के घर जाकर रंग लगाते हैं और नाचते गाते हैं, प्यार भरे रंगों से सजा यह पर्व भाईचारे का संदेश देता है।
होली मनाने का कारण:-
इस त्यौहार का नाम होली रखने के पीछे एक पौराणिक कथा है, हिरण्यकश्यप नाम के एक राजा थे, वे ईश्वर को नहीं मानते थे परंतु उनका पुत्र प्रहलाद ईश्वर का परम भक्त था। होलिका प्रहलाद की बुआ थी, होलिका के पास आग में ना जलने का वरदान प्राप्त था,
होलिका प्रहलाद को मारने के लिए उसे लेकर आग में बैठ गई, परंतु प्रहलाद को कुछ भी नहीं हुआ और होलिका खुद ही जल गई, तभी से हम होली का त्यौहार मनाते आ रहे हैं।
यह त्यौहार फाल्गुन महीने की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है, परंतु इसका प्रारंभ माघ पूर्णिमा से हो जाता है और 1 महीने तक का होता है, संपूर्ण माह में होली के गीतों का आयोजन होता रहता है। होली के त्यौहार को भी बसंत ऋतु का त्यौहार माना जाता है क्योंकि इस त्यौहार की समय ना तो अधिक गर्मी पड़ती है और ना ही अधिक सर्दी, यह त्यौहार सभी के जीवन में खुशियां लेकर आता है।
होली मनाने का समय:-
होली रंगों का त्यौहार होता है, जो हिंदुओं के सबसे बड़े त्यौहारों में से एक होता है। होली का त्यौहार प्रत्येक वर्ष मार्च के महीने में मनाया जाता है, हिंदू कैलेंडर के अनुसार इस त्यौहार को फाल्गुन महीने की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। होली का त्यौहार प्रमुख रूप से 2 दिनों का होता है जिसमें पहले दिन होलिका दहन किया जाता है, और होली के दूसरे दिन को धूलंडी कहा जाता है 20 दिन सभी लोग एक दूसरे को रंग बिरंगे रंग लगाते हैं और बधाई देते हैं तथा विभिन्न प्रकार के पकवान बनाते हैं।
होली का महत्व:-
अन्य त्योहारों की तरह होली त्यौहार का भी हमारे लिए बहुत महत्व होता है, माना जाता है कि होली के दिन उबटन लगाने से व्यक्ति के सभी रोग दूर हो जाते हैं व गांव के सभी घरों में एक एक लकड़ी होलिका में जलाने के लिए दी जाती है। आग में लकड़ी जलाने के साथ लोगों के सभी विकार भी जलकर नष्ट हो जाते हैं।
होली प्रत्येक वर्ष फागुन के महीने में पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है, होली त्यौहार के अवसर पर सभी निजी व सरकारी कार्यालयों में अवकाश रहता है, होली का त्योहार बच्चे व सभी वर्ग के लोग खुशियों के साथ मनाते हैं, होली के दिन सभी लोग बिना भेदभाव के सभी हिन भावनाओं को भुलाकर एक दूसरे को रंग लगाकर बधाइयां देते हैं। यह त्यौहार हमारे भारत देश के अलावा भी कई देशों में मनाया जाता है।
होली की सावधानियां :-
- होली में केमिकल व कांच वाले रंगों का प्रयोग नहीं करना चाहिए, इससे त्वचा को नुकसान और बहुत से लोगों को एलर्जी की समस्या हो सकती है।
- होली खेलते समय आप अपने आंखों का विशेष ध्यान रखें इसके लिए होली खेलते समय चश्मे का प्रयोग करें।।
- होली में किसी भी व्यक्ति को जबरजस्ती रंग ना लगाएं, तथा रोड पर चल रहे व्यक्तियों पर पानी से भरे गुब्बारे ना मारे, क्योंकि इससे दुर्घटना भी हो सकती है।
- होली खेलने के लिए ज्यादा से ज्यादा सुखी प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल करना चाहिए, अर्थात केमिकल रहित गुलाल का इस्तेमाल करें।
उपसंहार:-
होली के दिन सभी लोग अपने पुराने गिले-शिकवे भूलकर गले मिलते हैं, हमें होली का त्यौहार मिलजुलकर प्रेम भाव से मनाना चाहिए, होली का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक माना जाता है। होली के त्यौहार से सीख लेकर हमें भी बुराइयों को छोड़ते हुए अच्छाई को अपनाना चाहिए। यह एक ऐसा त्यौहार है जिसे सभी धर्म, संप्रदाय, जाति के लोग भाईचारे के भाव से मनाते हैं।
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होली पर निबंध 2
प्रस्तावना:-
होली को रंगो के त्यौहार के रूप में जाना जाता है। होली भारत के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, यह त्यौहार फागुन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। होली का त्यौहार ना केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में मनाया जाता है, यह त्यौहार 2 दिनों तक मनाई जाती हैं, पहले दिन होलिका दहन और दूसरे दिन सभी लोग एक दूसरे को गुलाल लगाकर होली का त्यौहार उत्साह और उमंग के साथ मनाते हैं।
इस त्यौहार पर विशेष रुप से गुजिया बनाया जाता है, इसके अलावा भी विभिन्न प्रकार की मिठाइयां और पकवान बनाए जाते हैं तथा ठंडाई और भांग भी लोगों के द्वारा दिया जाता है।
होली का त्यौहार समाज में चल रही कुरीतियों को समाप्त करने का पर्व होता है, इसे प्रेम भाव और भाई चारे के साथ उत्साह से मनाया जाता है, होली के दिन एक दूसरे को रंग लगाकर हीन भावना को समाप्त किया जाता है। होलीबुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक होता है, होली भारत का प्रसिद्ध त्यौहार है यह प्रमुख रूप से भारत तथा नेपाल में मनाया जाता है।
होली का त्योहार हिंदुओं का लोकप्रिय त्यौहार होता है, इसे आनंद, उत्साह और मस्ती के साथ मनाया जाता है, यह त्यौहार बसंत ऋतु के आगमन का संदेशवाहक होता है।
होलिका दहन:-
होली का त्यौहार 2 दिन तक मनाया जाने वाला प्रमुख त्यौहार होता है, जिसमें पहले दिन होलिका जलाई जाती है और दूसरे दिन रंगों की होली खेली जाती है, होलिका हिरण्यकश्यप की बहन थी उसे आग में ना जलने का वरदान प्राप्त था। होलिका प्रहलाद को मारने के लिए उसे अपनी गोद में लेकर होलिका में बैठ जाती है, परंतु होलिका में प्रहलाद को कुछ भी नहीं होता है और होली का खुद ही जलकर भस्म हो जाती है, तभी से होलिका जलाई जाती है और इसी खुशी में होली का त्यौहार मनाया जाता है।
होली कब मनाई जाती है:-
होली का त्यौहार बसंत ऋतु के आगमन पर फागुन माह की पूर्णिमा को आनंद और हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है। होली के त्यौहार में सभी लोग एक दूसरे की सारी गलतियां माफ करके बिना किसी भेदभाव के प्यार से एक दूसरे को रंग और गुलाल लगाते हैं, तथा मौज मस्ती और नाच गान करते हुए इस त्यौहार को खुशियों के साथ मनाते हैं। इस त्यौहार के अवसर पर सभी के घरों में विशेष रुप से पकवान और मिठाइयां बनाई जाती है और सभी लोग एक दूसरे को बधाइयां देते हैं।
होली का महत्व:-
होली हमारे भारत देश की प्राचीन और प्रमुख त्यौहार है, होली को हंसी खुशी तथा रंगों का त्योहार भी कहा जाता है भारत में होली का उत्सव अलग-अलग प्रदेशों में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है। इस त्यौहार पर बच्चे ,जवान तथा बूढ़े सभी बिना भेदभाव के एक दूसरे को गुलाल लगाकर बधाइयां देते हैं।
होली का त्योहार हमें प्रेम भाव और भाईचारा का संदेश देता है। हमारे जीवन में त्यौहारों का विशेष महत्व होता है, होली का त्यौहार भी हम सभी भारत वासियों के लिए लोकप्रिय त्यौहार होता है, जिसे सभी लोगों के द्वारा धूमधाम से मनाया जाता है।
होली के दिन सभी लोग अपनी बैर भाव को बुलाकर भाईचारे की भावना के साथ होली का त्यौहार मनाते हैं, और एक दूसरे को गले तथा रंग लगाकर बधाइयां देते हैं, इस त्यौहार को हर धर्म के लोग पूरे उत्साह और खुशी के साथ मनाते हैं, इसे रंगो का उत्सव भी कहा जाता है।
रंगो के त्यौहार का विशेष महत्व है, होली को सद्भाव और प्रेम का त्यौहार माना जाता है, सभी लोग अपने आपसी द्वेष को बुलाकर एक दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं और अबीर गुलाल लगाकर होली के त्यौहार को मनाते हैं।
होली के रंगों का महत्व:-
होली के दिन लाल रंग बहुत ही ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है, यह रंग ऊर्जा, प्रेम, सद्भाव, उत्साह और विजय का प्रतीक होता है। कृष्ण कन्हैया लाल का स्वरूप नीलांबर है ऐसे में इस रंग का अति विशेष महत्व होता है, यह रंग प्रेम, विश्वास और शक्ति का प्रतीक है आसमान का रंग भी नीला होता है।
हरा रंग शीतलता और प्रसंता का प्रतीक होता है इस रंग को बुद्धि और विवेक का प्रतीक माना जाता है, तथा पीले रंग का भी भारतीय संस्कृति में खास महत्व होता है क्योंकि हर शुभ कार्य पीले रंग से किया जाता है इसके साथ ही यह रंग शांति, ऐश्वर्य और आरोग्य का प्रतीक होता है।
केसर रंग को त्याग और बलिदान का प्रतीक माना जाता है, यह भारतीय संस्कृति, और सभ्यता का भी प्रतीक होता है, तथा गुलाबी रंग शांति और सभ्यता को दर्शाता है यह रंग दया, मित्रता और दूसरों का ख्याल रखने का प्रतीक होता है, इस रंग का होली के दिन बहुत ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है।
सफेद रंग शांति और शुद्धता का प्रतीक है जय हो अशांत मन को शांति प्रदान करता है, विद्या प्राप्ति में सहायता करता है और जीवन में सकारात्मकता का संचार मन और मस्तिष्क में सार्थकता प्रदान कर शुद्ध करता है, इसके साथ ही कई अन्य रंगों का भी होली के दिन उपयोग किया जाता है, जैसे बैगनी, सिल्वर सफेद आदि है।
सावधानियां:-
होली के त्यौहार में हमें केमिकल वाले रंगों का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए, रासायनिक पदार्थों का इस्तेमाल होने से त्वचा को नुकसान पहुंचता है, इससे हमें बचना चाहिए, हमें प्राकृतिक रंगों का उपयोग करना चाहिए।
उपसंहार:-
हम सभी का कर्तव्य है कि हमें त्यौहारों का वास्तविक उद्देश्य समझ कर आपस में प्रेम भावनाओं के साथ त्यौहार मनाना चाहिए। द्वेष भाव को त्याग कर त्योहारों को उचित सम्मान देना चाहिए तथा सामाजिकता का आदर्श स्थापित करना चाहिए। होली रंगो का त्यौहार होता है, यह त्यौहार हमें आपस में मिल जुल कर रहने का संदेश देता है, तथा बुराइयों को जलाकर समाप्त करने की प्रेरणा देता है।
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अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
होली मनाने का सही समय क्या होता है?
फाल्गुन पूर्णिमा के दिन होलिका दहन के अगले दिन होली मनाना उचित है। फाल्गुन पूर्णिमा के दूसरे दिन रंगोत्सव धुलैंडी और रंग गुलल खेल कर होली के इस पर्व को मनाया जाता है।
होली को किस अन्य नाम से भी जाना जाता है?
प्राचीन काल में होली को होली या होलिका के रूप में मनाया जाता था लेकिन जैसे-जैसे नई पीढ़ी आई, होली को नए नामों से जाना जाने लगा, जैसे कि रंगों का त्योहार, रंग पंचमी और बसंत का त्योहार।
होली का त्योहार किस हिंदू महीने में मनाया जाता है?
होली का त्योहार फाल्गुन हिंदू महीने में मनाया जाता है, या अंग्रेजी भाषा में मार्च के महीने में मनाया जाता है।

हेल्लो दोस्तों मेरा नाम प्रवीन कुमार है . और में इस ब्लॉग का Owner हूँ. मुझे हिंदी में लेख लिखना पसंद है. और में आपके लिए सरल भाषा में लेख लिखता हूँ.