हेलो दोस्तों! इंदिरा गांधी पर भाषण में हम उनके व्यक्तित्व और देश के सर्वोच्च नेता के रूप में उनके द्वारा लिए गए ऐतिहासिक फैसलों के बारे में बताएंगे!
इंदिरा गांधी पर भाषण 1:-
सम्मानीय अतिथि गण, शिक्षक गण, एवं यहां उपस्थित सभी सदस्यों को सुप्रभात!
इंदिरा गांधी का जन्म 19 नवंबर 1917 को इलाहाबाद में हुआ था, उनके पिता पंडित जवाहरलाल नेहरू और माता कमला नेहरू थी। इंदिरा गांधी में बचपन से ही नेतृत्व के गुण थे, उन्होंने अपने प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान देश को आर्थिक, सामाजिक और विज्ञान के स्तर पर मजबूत किया था।
इंदिरा गांधी ने बांग्लादेश की स्वतंत्रता में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया, उन्होंने देश में कृषि और किसानों के विकास के लिए अनेक प्रकार की योजनाएं बनवाई थी।
श्रीमती इंदिरा गांधी अपने समय की सबसे लोकप्रिय और बुद्धिमान महिला थी, उन्होंने काफी समय तक प्रधानमंत्री पद को संभाला, अर्थात उनके पद की गरिमा को बनाए रखा, परंतु दुर्भाग्य से उनके अंगरक्षकों ने ही उन पर गोलियां चला कर उनकी हत्या कर दी ।
इंदिरा गांधी का जीवन विश्व में भारतीय महिला को एक सशक्त महिला के रूप में परिचित कराता है, इंदिरा गांधी का पूरा नाम”इंदिरा प्रियदर्शनी”था, इनके पिता पंडित जवाहरलाल नेहरू शिक्षा के महत्व को काफी अच्छे तरह से समझते थे, यही कारण है कि उन्होंने अपनी पुत्री इंदिरा गांधी को प्राथमिक शिक्षा का ज्ञान घर पर ही दिया था।
बचपन से इंदिरा गांधी को पत्र पत्रिकाएं तथा पुस्तकें पढ़ने में बहुत शौक था, 1942 में इंदिरा गांधी का प्रेम विवाह फिरोज गांधी के साथ हुआ, इंदिरा गांधी भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री बनी, इंदिरा गांधी को विश्व भर में सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों द्वारा डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया था।
श्रीमती इंदिरा गांधी बचपन से ही स्वतंत्रता संग्राम में तत्पर रहीं, इंदिरा गांधी ने इलाहाबाद में कमला नेहरू विद्यालय की स्थापना की थी, उन्होंने अपने जीवन में कई उपलब्धियां प्राप्त की, उन्हें 1972 में भारत रत्न पुरस्कार द्वारा सम्मानित किया गया,
इंदिरा गांधी भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री थीं, जब उनके पिता पंडित जवाहरलाल नेहरु की मृत्यु हो गई तब इंदिरा गांधी भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री बनी, इनकी शिक्षा शांतिनिकेतन और इंग्लैंड में हुई, स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान फिरोज गांधी से परिचित होने पर उन्होंने फिरोज गांधी से विवाह किया, इंदिरा गांधी ने बचपन से ही स्वाधीनता आंदोलन में भाग लिया और जेल भी गई।
माता की मृत्यु के बाद इंदिरा गांधी अपने पिता जवाहरलाल नेहरू के साथ ही उनकी देखभाल के लिए रुकी, जिससे उन्हें देश विदेश में भ्रमरऔर वहां के नेताओं से मिलने का अवसर मिला,
भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी एक ऐसी महिला थी जो ना केवल भारतीय राजनीति पर छाई रही, बल्कि विश्व राजनीति के क्षेत्र पर भी वह विलक्षण प्रभाव छोड़ गई, यही वजह है जिसके कारण उन्हें लौह महिला से संबोधित किया जाता है।
इंदिरा गांधी ने अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के पश्चात शांतिनिकेतन में रविंद्र नाथ टैगोर द्वारा निर्मित विश्व भारती विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया, इसके बाद आगे की शिक्षा ग्रहण करने के लिए वह इंग्लैंड चली गई, सन 1941 में भारत वापस आने के बाद भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हो गयीं।
मार्च 1942 में इनका प्रेम विवाह फिरोज गांधी से हो गया, इंदिरा गांधी 21 वर्ष की आयु में कांग्रेस की सदस्या बनीं, इनको स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने के कारण जेल भी जाना पड़ा, स्वतंत्रता के बाद इंदिरा गांधी दुगुने उत्साह के साथ देश और समाज की सेवा में लग गई।
पंडित नेहरू जी के मृत्यु के बाद श्री लाल बहादुर शास्त्री केमंत्रिमंडल में इंदिरा गांधी सूचना और प्रसारण मंत्री बनीं शास्त्री जी के मृत्यु के बाद सन 1966 में प्रधानमंत्री के रूप में कार्यरत हुई।
सन 1980 में हुए लोकसभा चुनाव में इंदिरा गांधी सर्वसम्मिति से प्रधानमंत्री चुनी गई और देश का संचालन सुचारु रुप से करने लगी, इंदिरा गांधी को आयरन लेडी के नाम से भी संबोधित किया जाता है।
श्रीमती इंदिरा गांधी देश की अखंडता को बनाए रखने के लिए हमेशा क्रियाशील रहीं, ऐसी दृढ़ प्रतिज्ञा वाली प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी को इनके दो सुरक्षा कर्मचारियों ने 31 अक्टूबर 1989 को गोली मारकर हत्या कर दिया , इस तरीके से इंदिरा गांधी ने राष्ट्रीय हित के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया, आज भी उन्हें उनके गुणों और आकर्षक व्यक्तित्व के लिए याद किया जाता है।
धन्यवाद!
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इंदिरा गांधी पर भाषण 2:-
आदरणीय प्रधानाचार्य, अतिथि गण, शिक्षक का, एवं प्रिय दोस्तों आप सभी को सुप्रभात!
भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का जन्म 19 नवंबर सन 1917 को इलाहाबाद में हुआ था, इनके पिता का नाम पंडित जवाहरलाल नेहरू और माता का नाम कमला नेहरू था।
रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा इंदिरा गांधी को प्रियदर्शनी नाम दिया गया था, 1959 में इंदिरा गांधी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष बनी, उन्होंने उत्तर प्रदेश राज्य में रायबरेली सीट से चुनाव लड़ा, इनके पति का नाम फिरोज गांधी था।
इंदिरा गांधी ने अपने पिता से राजनीतिक के पाठ का ज्ञान लिया, तथा गरीबों के लिए बहुत कुछ किया, इन्होंने देश की प्रगति के लिए कार्य किया तथा अपने जीवन में कई मुश्किलों का सामना किया, सन् 1971 में इन्हें भारत रत्न से अलंकृत किया गया था।
इंदिरा गांधी मजबूत इच्छाशक्ति वाली महिला थी, इनके पिता पंडित जवाहरलाल नेहरु जी स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री थे, हमारे देश की प्रथम और एकमात्र महिला प्रधानमंत्री थी, इन्होंने देश के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
इन्होंने राष्ट्र के संबंध में कई ऐसे फैसले लिए जिनका वैश्विक स्तर पर ऐतिहासिक प्रभाव हुआ, और भारत की पहचान एक मजबूत राष्ट्र के रूप में हुई, इन फैसलों के कारण उन्हें भारत की जॉन ऑफ आर्क और लौह महिला भी कहा जाता है, भारत की राजनीति में इंदिरा गांधी को महान नेता के रूप में भी जाना जाता है।
प्रधानमंत्री बनने के बाद इंदिरा गांधी ने सन 1975 में देश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में गरीबी हटाने के लिए 20 सूत्री कार्यक्रम की शुरुआत की थी, इसमें गरीबी हटाओ, रोजगार और शिक्षा के महत्वपूर्ण मुद्दे थे, ये मुद्दे ऐसे मुद्दे थे जिससे ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्र के लोग जूझ रहे थे,
इंदिरा गांधी जो काम ठान लेती थी वह करके रहती थी, इंदिरा गांधी एक साहसी महिला प्रधानमंत्री थी, इन्होंने हमारे देश के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
इंदिरा गांधी का जन्म नेहरू खानदान में हुआ था, भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की इकलौती बेटी थी, आज उन्हें पंडित जवाहरलाल नेहरु की बेटी थी सिर्फ इस वजह से नहीं जाना जाता बल्कि, इंदिरा गांधी अपनी प्रतिभा और राजनीतिक दृढ़ता के लिए विश्व राजनीति के इतिहास में हमेशा जानी जाती रहेंगी, इनका परिवार एक संपन्न परिवार था, इंदिरा गांधी का घरेलू नाम इंदिरा का संक्षिप्त रूप इंदु था।
इंदिरा गांधी के पिता पंडित जवाहरलाल नेहरू और दादा मोतीलाल नेहरू दोनों वकालत के पेशे से संबंधित थे और देश के स्वाधीनता में उनका महत्वपूर्ण योगदान था, इंदिरा गांधी का नाम उनके दादामोतीलाल नेहरू के द्वारा रखा गया था, इंदिरा का अर्थ कांति, कांति ,लक्ष्मी एवं शोभा होता है, इंदिरा गांधी के अत्यंत प्रिय दिखने के कारण पंडित नेहरू उन्हें प्रियदर्शनी के नाम से संबोधित किया करते थे।
इंदिरा को उनका गांधी उपनाम फिरोज गांधी से विवाह के बाद मिला था, इंदिरा गांधी को बचपन में भी एक स्थिर परिवारिक जीवन का अनुभव नहीं मिल पाया था, क्योंकि 1936 में 18 वर्ष की आयु में ही उनकी मां कमला नेहरू का तपेदिक के कारण एक लंबे संघर्ष के बाद निधन हो गया था और पिता पंडित नेहरू जी हमेशा स्वतंत्रता आंदोलन में व्यस्त रहें।
16 वर्ष तक देश की प्रधानमंत्री रहीं इंदिरा गांधी के शासनकाल में कई उतार-चढ़ाव आए, और 1975 में आपातकाल 1984 में सिख दंगा जैसे कई मुद्दों पर इंदिरा गांधी को भारी विरोध प्रदर्शन और तीखी आलोचनाएं भी झेलनी पड़ी थी, इसके बावजूद रूसी क्रांति के साल में पैदा हुई इंदिरा गांधी ने 1971 के युद्ध में विश्व शक्तियों के सामने ना झुकने के नीतिगत और समयानुकूल निर्णय क्षमता से पाकिस्तान को परास्त किया और बांग्लादेश को मुक्ति दिलाकर स्वतंत्र भारत को एक नया गौरवपूर्ण क्षण दिलवाया।
इंदिरा गांधी बचपन से ही आजादी संग्राम में सक्रिय थी, इन्होंने बचपन से ही स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया, इंदिरा गांधी एक महान सामाजिक कार्यकर्ता थी और उन्होंने देश के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू की थी, 31 अक्टूबर 1984 को उनके अंग रक्षकों के द्वारा ही उनकी हत्या कर दी गई।
धन्यवाद।
अन्य भाषण लेख :-
अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष कब बनीं?
1959 में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष बनीं।
इंदिरा गांधी के कितने बच्चे थे?
राजीव गांधी और संजय गांधी, श्रीमती इंदिरा गांधी दो बेटे हैं
इंदिरा गांधी द्वारा भारत में आपातकाल कब लगाया गया था ?
श्रीमती इंदिरा गांधी के समय में 25-26 जून 1975 को भारत में आपातकाल लगाया गया था।

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