नमस्कार दोस्तों! हमारे आज के लेख में लाल किले के बारे में जानकारी दी गई है, यदि आप सभी लाल किले के बारे में जानना चाहते हैं तो यह लेख आपके लिए ही है। इस लेख के जरिए आपको लाल किले से जुड़ी सारी जानकारियां प्राप्त हो जाएंगी।
लाल किले के बारे में जानकारी (Red fort)
लाल किला दिल्ली में स्थित है यह किला दिल्ली शहर का एक ऐतिहासिक और धार्मिक किला है। लाल किला भारत में आए पर्यटकों के लिए बहुत खास स्थान है जहां भारत देश के अलावा विदेश के लोग भी इसके किलें को देखने के लिए अत्यधिक मात्रा में आते हैं।
यह किला बहुत खूबसूरत प्रतीत होता है इस किले को देखना सभी लोग बहुत पसंद करते हैं। लाल किले पर 1856 तक लगभग 200 वर्षों तक मुगल वंश के सम्राटों का राज था । हमारे भारत देश के अलावा दूसरे देश के लोग भी इसके किलें को देखना पसंद करते हैं।
लाल किला घूमने के लिए बेहतरीन तीर्थ स्थल के समान है तथा यहां इतिहास से जुड़ी कई जानकारियां भी प्राप्त होती हैं अर्थात इतिहास के इच्छुक लोगों के लिए यह स्थान बहुत ही रोमांचक स्थान है। यदि आप भी लाल किला घूमने का सोच रहे हैं तो यह जगह आपके लिए बहुत खास होने वाली है।
यहां घूमने जाने से पहले आपको इसके बारे में सारी जानकारियां होनी बहुत आवश्यक है जो आपको हम इस लेख के माध्यम से बताने जा रहे हैं तो चलिए हम लाल किले से जुड़े सभी जानकारियों के बारे में जानते हैं –
लाल किला को लाल किला क्यों कहा जाता है –
लाल किले को लाल किला कहा जाता है क्योंकि इसका निर्माण लाल बलुआ पत्थर की एक विशाल दीवारों से हुआ है। लाल किले का निर्माण मुगल बादशाह शाहजहां के द्वारा 1639 में दिल्ली में किया गया था। यह किला एक ऐसा परिसर है या हिस्सा है जो शाहजहां और मुगल के रचनात्मक क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने के लिए किया जाता है।
लाल किले का निर्माण –
लाल किले का निर्माण 1639 में मुगल सम्राट शाहजहां के द्वारा कराया गया है, सम्राट शाहजहां ने अपने शासनकाल के दौरान बेहतरीन वास्तु शिल्प बनवाई थी जो पूरे दुनिया भर में मुगल वास्तुकला का सबसे अच्छा उदाहरण है।
यह किला विशेष रूप से बनाया गया है जिसके कारण इसकी दीवारें बहुत सुंदर दिखाई देती है यह दिल्ली में पर्यटन करने आए पर्यटकों लिए बहुत अच्छा स्थान है।
लाल किला की विशेषता –
लाल किला का निर्माण मुगल साम्राज्य के रूप में किया गया है, इस किले को लाल बलुआ पत्थर से बनाया गया है। लाल किला पुरानी दिल्ली में स्थित है जो दिल्ली का मुख्य दर्शनीय स्थल है।
लाल किला सोमवार को बंद रहता है तथा सप्ताह के बाकी 6 दिनों में आम जनता के घूमने के लिए खुला रहता है। इस किले को देखने के लिए दुनिया के सभी क्षेत्र से हजारों की संख्या में पर्यटक आते हैं। लाल किला सुबह 9:30 बजे से शाम 4:30 बजे तक खुला रहता है।
यह पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केंद्र है यहां पुरानी संस्कृति भी देखने को मिलती है। यहां मस्जिद भी है जो बहुत खूबसूरत है,इन मस्जिदों को जनता के लिए सोमवार को बंद करके रखा जाता है तथा लाहौर गेट को हस्तकला के द्वारा सजाया गया है इनके अलावा यहां के संग्रहालय भी बहुत पुराने चीजों से सजाई गई है।
लाल किला में प्रवेश शुल्क
लाल किला में प्रवेश करने के लिए शुल्क देने की आवश्यकता पड़ती है, भारत के पर्यटकों के लिए लाल किले के अंदर जाने के लिए प्रवेश शुल्क ₹35 लगता है और विदेश से आए हुए प्रेरकों के लिए ₹150 का शुल्क लिया जाता है। यदि पाठकों को लाइट और साउंड शो का मनोरंजन करना है तो इसके लिए वयस्कों का ₹60 और बच्चों का ₹20 शुल्क देना पड़ता है।
लाल किले में आकर्षण का केंद्र
लाल किला दिल्ली में स्थित है जो सभी लोगों के आकर्षण का केंद्र भी है। इस किले का निर्माण लाल बलुआ पत्थर से हुआ है जो प्राकृतिक रूप से लाल कलर का है। लाल किले के अंदर कई भवन बनाए गए हैं जिनका निर्माण मार्बल के पत्थरों इस्तेमाल से हुआ है।
लाल किले पर बहुत सुंदर शिल्पकारी की गई है जिसके कारण इसे देखने आए हुए लोग इन सुंदर शिल्पकारी कार्यों को देख कर इसकी ओर बहुत आकर्षित होते हैं। यह किला यमुना नदी के तट पर बना हुआ है इसकी शान पहले कोहिनूर हुआ करता था।
बाद में अंग्रेजो के द्वारा कोहिनूर को चुरा लिया गया तथा लाल किले में उपलब्ध हुई चीजें आज भी आकर्षण का केंद्र है जिनके बारे में हम नीचे जानेंगे।
लाहौरी गेट (Lahori gate)
लाहौरी गेट लाल किले का मुख्य द्वार है इस गेट का नाम मुगल शासन काल में लाहौर के नाम पर रखा गया था, तथा 1947 यानी भारत के आजादी के बाद जवाहरलाल नेहरु जी ने यहीं (दिल्ली) में ही तिरंगा झंडा फहराया था।
तत्पश्चात प्रत्येक साल स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री जी के द्वारा दिल्ली में तिरंगा झंडा फहराया जाता है। लाहौर गेट का आकर्षण बेहद खूबसूरत तथा आश्चर्यजनक है जिसे शाहजहां ने अपने शासनकाल में एक सुंदरी के चेहरे पर घुंघट के समान बताया था।
रंग महल (rang Mahal Red fort)
रंग महल को पहले पैलेस ऑफ कलर्स के नाम से जाना जाता था, शाहजहां ने इस विशेष महल को रानियों के लिए बनवाया था यह महल बहुत खूबसूरत था इसकी खूबसूरती संगमरमर के शिलालेखों से तराशी गई थी।
रंगमहल के बीचो बीच में एक फव्वारा है जिसे कमल के फूल के आकृति के समान बनाया गया है, इस महल में यमुना नदी का पानी नहर के माध्यम से भरा जाता है।
गर्मी के दिनों में रंग महल का तापमान ठंडक होता है, तथा यहां सिर्फ शहंशाह और शहजादों को आने की अनुमति थी।
खास महल (khas Mahal)
खास महल मुगल साम्राज्य के शहंशाहो का व्यक्तिगत आवास हुआ करता था, यह महल सफेद मार्बल से निर्मित किया गया है जिसे फूल की आकृति का आकार दिया गया है। खास महल में तीन अक्षर जिसमें से एक राज्य से शयन कक्ष और दूसरा प्रार्थना कक्ष तथा तीसरा कक्ष मुसम्मन बुर्ज है।
दिल्ली गेट (India gate)
इस गेट का नाम भारत के राजधानी के नाम पर रखा गया है, यह गेट दक्षिण दिशा का सार्वजनिक प्रवेश द्वार है यह गेट भी लाहौरी गेट के समान बनाया गया है तथा इस गेट के आमने-सामने दो हाथी के मूर्ति बनाए गए हैं जो बेहद आकर्षक नजर आते हैं।
लाल किला जाने का सबसे अच्छा समय
लाल किला में साल के किसी भी महीने या दिन में जा सकते हैं अर्थात यहां आप कभी भी जा सकते हैं परंतु यदि आप यहां बिना भीड़ के घूमना चाहते हैं तो स्वतंत्रता दिवस यानी 15 अगस्त या गणतंत्र दिवस अर्थात 26 जनवरी के अवसर पर यहां ना जाए क्योंकि इन दिनों यहां बहुत अधिक भीड़ होती हैं।
दिल्ली में अप्रैल से जून के महीने में बहुत ज्यादा गर्मी पड़ती हैं जिसके कारण इन दिनों दिल्ली में घूमने के लिए उपयुक्त नहीं होता है, यहां घूमने का सबसे अच्छा समय ठंडी का मौसम होता है अर्थात अक्टूबर से फरवरी के बीच का महीना दिल्ली में घूमने के लिए सबसे बेहतर बताया जाता है।
लाल किला के आसपास घूमने की सबसे अच्छी जगहें
लाल किला पुरानी दिल्ली में बसा हुआ है, इसके आसपास घूमने के लिए अच्छा खासा मार्केट है जहां सभी वस्तुएं मिलती हैं, यहां से आप अपनी आवश्यकता की वस्तुएं खरीद सकते हैं। लाल किला के पास में ही चांदनी चौक के नाम से मशहूर है मार्केट जहां घूम कर आप शॉपिंग कर सकते हैं।
चांदनी चौक के नाम से मशहूर मार्केट सस्ती कीमतों के कारण पूरे भारत में प्रसिद्ध है जो लाल किले के नजदीक में ही स्थित है तथा यहां मशहूर जामा मस्जिद भी है जो लाल किले से लगभग 700 मीटर की दूरी पर स्थित है।
लाल किले के पास देखने योग्य जगह आर्केलॉजिकल म्यूजियम, परांठे वाली गली, राजघाट और फतेहपुर मस्जिद आदि घूमने योग्य जगह है जहां दिल्ली जाने पर आप घूमकर आनंद ले सकते हैं।
लाल किला घूमने का समय
यदि आप लाल किला घूमने जाने की सोच रहे हैं तो हम बता देते हैं कि यहां आप सुबह 9:30 बजे से शाम 4:30 बजे तक जा सकते हैं क्योंकि लाल किला सुबह 9:30 बजे से लेकर 4:30 बजे तक खुला रहता है। लाल किला सप्ताह के 6 दिन खुला रहता है तथा सोमवार के दिन बंद रहता है तो आप सभी सोमवार के दिन लाल किला घूमने के लिए ना जाए।
लाल किला घूमने के लिए बहुत प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल है यहां बॉलीवुड के हीरो , हीरोइन भी घूमने के लिए जाते हैं। दिल्ली का लाल किला 15 अप्रैल और 26 जनवरी के दिन भीड़ से तैनात होता है, स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री जी यहां तिरंगे झंडे को फहराते हैं, जिसे देखने के लिए अत्यधिक लोगों की भीड़ रहती है।
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निष्कर्ष –
उम्मीद है दोस्तों हमारे द्वारा लाल किले के बारे में दी गई जानकारी आप सभी के लिए उपयोगी होगी, तथा आप सभी दिल्ली के लाल किले में घूमने जाने की सोच रहे तो यह आपके लिए मददगार भी साबित होगी।
अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
लाल किले का निर्माण किसके द्वारा कराया गया है ?
लाल किले का निर्माण 1639 में मुगल सम्राट शाहजहां के द्वारा कराया गया है। दाल किलें को विशेष रुप से सुंदर कलाकृतियों के द्वारा बनाया गया है।
लाहौरी गेट का नाम मुगल शासन काल किसके नाम पर रखा गया था?
लाहौरी गेट का नाम मुगल शासनकाल में लाहौर के नाम पर रखा गया था, यह गेट लाहौरी गेट का मुख्य द्वार है।
रंग महल को पहले किस नाम से जाना जाता था ?
रंगमहल को पहले पैलेस ऑफ कलर्स के नाम से जाना जाता था, तथा इस महल को शाहजहां ने विशेष रुप से महल की रानियों के लिए बनवाया था।
दिल्ली गेट का नाम किसके नाम पर रखा गया है ?
दिल्ली गेट का नाम भारत के राजधानी के नाम पर रखा गया है और यह गेट दक्षिण दिशा का सार्वजनिक प्रवेश द्वार है।
नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम अमृत यादव है और पेशे से मैं एक ब्लॉगर और लेखक हूं, जो लेख आप अभी पढ़ रहे हैं वह मेरे द्वारा लिखा गया है, मैं अभी बीकॉम फाइनल ईयर की पढ़ाई कर रहा हूं।