नमस्कार दोस्तों ! आप सभी का स्वागत है, इस लेख में हमने मथुरा पर्यटन स्थल पर जानकारी दी है, यह जानकारी आप सभी के मथुरा यात्रा करने के लिए सहायक है, यदि आप सभी भी मथुरा घूमने जाने की सोच रहे हैं तो यह लेख आप सभी के लिए बहुत ही उपयोगी साबित होने वाला है।
Mathura : मथुरा पर्यटन स्थल
मथुरा एक ऐसा पर्यटन स्थल है जहां सभी लोग जाना चाहते हैं, तथा एक ऐसा शहर है जिसके बारे में आप सभी ने सुना ही होगा, मथुरा हमारे भारत देश के उत्तर प्रदेश राज्य का एक बेहद सुंदर नगर है।
मथुरा के मंदिर बहुत ही सुंदर है तथा यहां की होली पूरे विश्व भर में प्रसिद्ध है यदि आप सभी भी बेहद खूबसूरत मंदिरों को देखना चाहते हैं तो मथुरा नगरी अवश्य जाएं।
मथुरा धार्मिक नगरी है जहां आप सभी को अपने जीवन में एक बार अवश्य जाना चाहिए, इस लेख में हम मथुरा में घूमने की जगहों के बारे में चर्चा करेंगे जो एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है।
मथुरा का इतिहास (history of Mathura)
मथुरा हमारे भारत देश की बहुत पुरानी नगरी है जिसका इतिहास लगभग 7-8 हजार वर्ष से भी पुराना है। रामायण में मथुरा को मधु नाम और मधुपुर के नाम से संबोधित किया जाता है। हमारे हिंदू धर्म में श्री कृष्ण जी बहुत ही पूजनीय हैं जिनका जन्म मथुरा में ही हुआ था जिसके कारण मथुरा को कृष्ण जन्मभूमि के नाम से भी जाना जाता है।
20वीं तथा 21वीं सदी के खुदाई के बाद से इस नगरी को वैदिक काल से जुड़ा हुआ माना जाता है। मथुरा भारत देश के उत्तर प्रदेश राज्य का एक जिला एवं नगर है जो यमुना नदी के किनारे बसा हुआ है। मथुरा नगरी को भारत के प्राचीन नगरी एवं सांस्कृतिक नगरी के रूप में पूरे विश्व भर में जाना जाता है।
मथुरा श्री कृष्ण और स्वामी दयानंद तथा स्वामी हरिदास और इनके अलावा कई महान पुरुषों और महान राजाओं से जुड़ा हुआ है तथा मथुरा नगरी की जनसंख्या लगभग 6लाख है और मथुरा जिले की जनसंख्या लगभग 30 लाख से भी अधिक होगी।
मथुरा में घूमने के लिए पर्यटन स्थल (Mathura tourist places in Hindi) मथुरा में घूमने के खूबसूरत जगहें ।
कृष्ण जन्मभूमि मंदिर(Krishna janmabhoomi Mandir)
कृष्ण जन्मभूमि मंदिर उस जगह को कहा जाता है जहां कृष्ण जी के मामा कंस ने उनकी माता और पिता को कारागृह में बंदी बनाकर रखा हुआ था, कारागृह में ही माता देवकी ने भगवान कृष्ण जी को जन्म दिया था और इसी जगह पर कृष्ण जी का जन्मभूमि अर्थात कृष्ण जन्मभूमि मंदिर बना हुआ है।
कृष्ण जी का जन्म मथुरा में हुआ था इसी कारण मथुरा को कृष्ण जन्मभूमि के नाम से जाना जाता है, कृष्ण जन्मभूमि मंदिर को कई बार आक्रमणकारियों द्वारा तोड़ने का प्रयास किया गया जिसके बाद कई बार इस मंदिर को तोड़ दिया गया बाद में व्यापारियों और आसपास के लोगों के द्वारा इस मंदिर का पुनः निर्माण किया गया।
यदि आप सभी भी इस भव्य और आकर्षक मंदिर के दर्शन करना चाहते हैं तो आप सभी यहां के मंदिरों में त्यौहारों के समय घूमने के लिए अवश्य जाएं, त्यौहार के अवसर पर यहां जाना बहुत ही रुचिकर होगा क्योंकि त्यौहार के समय मथुरा नगरी को बहुत सुंदर और आकर्षक सजाया जाता है।
मथुरा नगरी में घूमने के लिए जन्माष्टमी, दीपावली, होली, बसंत पंचमी आदि त्यौहारों के अवसर पर जाना चाहिए, क्योंकि इन दिनों मथुरा नगरी के कृष्ण जन्मभूमि मंदिर की रौनक अलग ही होती है।
कंस किला (cons kila )
कंस किला यमुना नदी के किनारे पर बसा हुआ है तथा कंस किला को लाल बलुआ पत्थरों से बनाया गया है और यह किला पूरे विश्व भर में प्रसिद्ध है। कंस किला का नाम भगवान श्री कृष्ण के मामा राजा कंस के नाम पर रखा गया है, इस किले को देखने के लिए दुनिया भर के लोग आते हैं।
इस किले का बनावट हिन्दू मुस्लिम संस्कृति के अनुसार किया गया है, जिसे देखकर सभी पर्यटक मंत्रमुग्ध हो जाते हैं, यह किला बहुत ही प्राचीन है जो सभी लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है अर्थात यह पर्यटकों का आकर्षण का केंद्र है।
यह किला वर्तमान में उतना अच्छा नहीं रह गया है परंतु आज भी देखने योग्य है, इस किले में घूमने के लिए 1 से 2 घंटे का समय लग सकता है तथा यहां जाने के लिए आपको किसी भी प्रकार की शुल्क नहीं देनी पड़ती है।
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द्वारिकाधीश मंदिर (Dwarkadhish temple)
द्वारिकाधीश मंदिर मथुरा का एक बेहतरीन मंदिर है जो घूमने के लिए बहुत खूबसूरत और ऐतिहासिक जानकारियों के दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है, द्वारिकाधीश मंदिर केवल मथुरा में ही नहीं बल्कि पूरे संसार में प्रसिद्ध है।
द्वारिकाधीश मंदिर की वास्तुकला एवं भव्यता द्वारिकाधीश मंदिर को अन्य सभी मंदिरों से अलग बनाती हैं तथा यह एक ऐसा मंदिर है जिसमें कृष्ण जी की मूर्ति के साथ पंख और बांसुरी नहीं होता है। आप सभी ने अक्सर देखा होगा भगवान कृष्ण जी के सर पर मोर का पंख लगा होता है और उनके हाथों में बांसुरी होती हैं परंतु इस मंदिर में यह दोनों नहीं होते हैं।
यहां भगवान श्री कृष्ण की चमकदार पाली संगमरमर की मूर्ति बनाई गई है जो द्वारिका नगरी के राजा और द्वारिका नाथ के रूप में चित्रित किया गया है, द्वारिकाधीश मंदिर के छत पर आपको जीवन के विभिन्न पहलुओं के बारे में शानदार नमूना देखने को मिलता है।
द्वारिकाधीश मंदिर वैष्णव संप्रदाय के अनुयाई लोगों के द्वारा संचालित किया गया है, यहां श्रावण माह में भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति को एक झूले के अंदर रखा जाता है, मथुरा में त्यौहारों के अवसर पर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
विश्राम घाट (vishram Ghat)
इस घाट को मथुरा के महत्वपूर्ण पावन स्थल के रूप में जाना जाता है, यह घाट बहुत प्रसिद्ध है जहां सभी पर्यटक जाते हैं। विश्राम घाट की मान्यता है कि भगवान श्री कृष्ण ने अपने मामा कंस का वध करके इसी घाट पर विश्राम किया था जिसके कारण इस घाट को विश्राम घाट के नाम से जाना जाता है।
मथुरा में आए श्रद्धालु इस घाट की परिक्रमा करते हैं और भगवान से अपने स्वस्थ जीवन और समृद्ध जीवन की कामना करते हैं। इस घाट को भाई दूज के त्यौहार के अवसर पर बेहद खूबसूरत सजाया जाता है जिसे देखने के लिए बहुत दूर दूर से लोग आते हैं, तथा यहां आए हुए श्रद्धालु इस घाट के पानी में डुबकी लगाते हैं।
यह घाट संगमरमर के पत्थरों से निर्मित है और इसके आसपास सुंदर मंदिरों का दृश्य नजर आता है जो लोगों के आकर्षक का केंद्र है। यहां नाव की सवारी का आनंद भी लिया जा सकता है जो सभी बच्चों और बड़ों को पसंद होता है।
गोवर्धन पर्वत(Govardhan parvat)
मथुरा नगरी का यह स्थान भी बहुत पवित्र माना जाता है, गोवर्धन पर्वत मथुरा से 22 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। गोवर्धन पर्वत का उल्लेख प्राचीन ग्रंथों में भी किया गया है तथा ऐसी मान्यता है कि भगवान श्री कृष्ण ने गांव को भयंकर बढ़ती आंधी तूफान से बचाया था, भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी एक उंगली पर उठा लिया था ।
गोवर्धन पर्वत बहुत पवित्र माना जाता है यहां पर गुरु पूर्णिमा के अवसर पर गोवर्धन पूजा की जाती है और श्रद्धालुओं तथा भक्तों के द्वारा इस पर्वत के 23 किलोमीटर पैदल चलकर यात्रा की जाती है।
भगवान श्री कृष्ण ने मथुरा वासियों को भारी वर्षा और आंधी तूफान से बचाने के बाद गोवर्धन पर्वत की पूजा करने के लिए कहा था जिसके कारण आज भी दिवाली के 1 दिन के पश्चात हम सभी अपने घरों में गोवर्धन पूजा करते हैं।
मथुरा संग्रहालय (Mathura Sangrhalay)
मथुरा संग्रहालय मथुरा नगरी में देखे जाने वाली जगहों में से एक है इस संग्रहालय को 1874 में बनाया गया था। मथुरा संग्रहालय शहर के बीच में स्थित है इस संग्रहालय में प्राचीन भारत के विभिन्न पुराने अवशेष रखे गए हैं जो पत्थरों से बना हुए है।
इस संग्रहालय में बहुत सारी ऐतिहासिक और आवश्यक चीजों को रखा गया है तथा भगवान कृष्ण से जुड़ी चीजों के बारे में भी आप यहां जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं यदि आप सभी मथुरा नगरी घूमने जाते हैं तो मथुरा संग्रहालय में भी घूमने के लिए अवश्य जाएं।
मथुरा जाने का सबसे अच्छा समय
किसी भी पर्यटन स्थल में घूमने जाने का एक विशेष समय होता है, जो इन पर्यटन स्थलों को और आकर्षक बना देता है परंतु मथुरा एक ऐसा शहर है जो सर्दी और गर्मी सभी मौसम में अनुकूल रहता है यहां आप सभी कभी भी घूमने के लिए जा सकते हैं।
मथुरा में कई मंदिर और संग्रहालय तथा किले हैं जिनका आप सभी मनोरंजन और दर्शन कर सकते हैं, यदि आप सभी मथुरा में ज्यादा मनोरंजन और आनंद लेना चाहते हैं तो आप मथुरा में कृष्ण जन्माष्टमी और दीपावली के त्यौहारों के अवसर पर अवश्य जाएं।
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निष्कर्ष
मथुरा बहुत पवित्र स्थान है जिसे यात्रा और घूमने के लिए बहुत पवित्र माना जाता है यहां प्रतिवर्ष लोगों की भीड़ रहती है। मथुरा नगरी को हिंदू धर्म के प्रमुख देवता श्री कृष्ण जी का जन्म भूमि के रूप में जाना जाता है जिसके कारण यह स्थान बहुत प्रसिद्ध है।
यदि आप सभी भी मथुरा नगरी जाने के बारे में सोच रहे हैं तो यह लेख आप सभी को बेहद पसंद आएगा और उपयोगी भी होगा।

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम अमृत यादव है और पेशे से मैं एक ब्लॉगर और लेखक हूं, जो लेख आप अभी पढ़ रहे हैं वह मेरे द्वारा लिखा गया है, मैं अभी बीकॉम फाइनल ईयर की पढ़ाई कर रहा हूं।