नमस्कार दोस्तों ! हमारे इस लेख में दुनिया के सात अजूबों के बारे में जानकारी दी गई है। दुनिया के सात अजूबे सबसे पहले लगभग 2200 साल पहले आए थे तथा प्राचीन दुनिया में सबसे पहले सात अजूबे का विचार हेरोडोटस और कल्लिमचुस को आया था।
हमारे इस लेख में हम इन सात अजूबों के बारे में विस्तार पूर्वक चर्चा करने वाले हैं। यदि आप सभी को दुनिया के सात अजूबों के बारे में जानकारी प्राप्त करना है या जानने का इच्छा है तो आप सभी इस आर्टिकल के माध्यम से दुनिया के सात अजूबों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
प्राचीन समय से दुनिया के सात अजूबे
- हैंगिंग गार्डन ऑफ बेबीलोन
- ग्रेट पिरामिड ऑफ गीजा
- टेंपल आफ आर्टेमिस
- स्टैचू ऑफ जींउस ऑफ ओलंपिया
- माउसोलस का मकबरा
- कोलोसुस ऑफ रोडवेज
- लाइट हाउस ऑफ अलेक्सांदर
इन सातों अजूबों में से 6 अजूबे तो नष्ट हो गए परंतु अभी भी ग्रेट पिरामिड ऑफ गीजा बचा हुआ है। वर्तमान में ग्रेट पिरामिड ऑफ गीजा को सात अजूबों में एक अलग विशेष स्थान दिया गया है।
दुनिया के नए सात अजूबे(seven new wonders of the world)
दुनिया के नए सात अजूबे new7wonders फाउंडेशन के अनुसार इस परियोजना में लगभग 100 मिलियन लोगों ने इंटरनेट एवं मोबाइल फोन के माध्यम से अपना वोट किया जिसमें एक इंसान सात अजूबे चुनकर एक ही बार वोट कर सकता था परंतु मोबाइल फोन के द्वारा एक इंसान कई वोट कर सकता था।
वोटिंग की प्रक्रिया सन 2007 तक चली थी जिसका परिणाम 7 जुलाई 2007 को लिस्बन में सबसे पहले घोषित हुआ था। सात अजूबों को नए तरीके से सामने लाने का शुरुआत सबसे पहले 21वी सदी 1999 में शुरू हुआ था।
सात अजूबों का नाम एवं निर्माण तथा जगह
- चीन की दीवार – चीन की दीवार का निर्माण सातवीं BC शताब्दी में चीन में हुआ था।
- पेट्रा – पेट्रा का निर्माण बीसी में जोर्डन नामक जगह में हुआ था।
- ताजमहल- ताजमहल का निर्माण 1648 में भारत में हुआ था।
- क्राइस्ट रिडीमर – क्राइस्ट रिडीमर का निर्माण 1931 में ब्राजील में हुआ था।
- कोलोसम – कोलोसम का निर्माण AD 80 में इटली नामक जगह में हुआ था।
- माचू पिच्चु -इसका निर्माण AD 1450 में पेरू जगह में हुआ था।
- चीचेन इत्जा – चिचेन इत्जा का निर्माण AD 600 में मैक्सिको में हुआ था।
चीन की दीवार (wall of china)
चीन के दीवार को विश्व में सभी लोग जानते हैं, यह दीवार राज्य की रक्षा के लिए बनाए गए हैं जिसके कई हिस्से हैं और उनके कई हिस्सों को कई शासकों के द्वारा बनाया गया है, तथा इन हिस्सों को धीरे-धीरे जोड़ दिया गया जो वर्तमान में एक किले नुमा आकृति की संरचना में बनाई गई है।
चीन की दीवार का निर्माण सातवीं शताब्दी से 16 वीं शताब्दी तक हुआ तथा इसके महान कलाकृति इतनी मजबूत और विशाल है कि इसे ग्रेट वॉल ऑफ चाइना कहा जाता है। चीन की दीवार बहुत विशाल है जिसे वैज्ञानिकों के द्वारा अंतरिक्ष में भी देखा गया है।
चीन की बनाई गई यह शानदार कलाकृति वाली विशाल दीवार वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष से भी दिखाई पड़ती है। उस दीवार का निर्माण मानव के कलाकृतियों के द्वारा किया गया है तथा इसके निर्माण में मिट्टी, पत्थर, और लकड़ी तथा अन्य पदार्थों को मिलाकर किया गया है।
चीन की दीवार लगभग 6400 किलोमीटर तक फैली हुई है और यह दीवार लगभग 35 फीट ऊंची है तथा इस दीवार को किले के समान आकृति देकर बनाया गया है जिसकी चौड़ाई इतनी है कि इसमें 10-15 लोग आसानी से आ जा सकते हैं।
पेट्रा (petra)
पेट्रा साउथ जॉर्डन में बसा हुआ है, यह एक शहर है जिसके कलाकृति सात अजूबों में शामिल है। यह शहर एक ऐतिहासिक और पुरातात्विक शहर है तथा इस शहर में चट्टानों को काटकर वास्तुकला का निर्माण किया गया है।
इस शहर में पानी की नाली नुमा प्रणाली है जिसके कारण यह शहर बहुत प्रसिद्ध है इस शहर को रोस सिटी के नाम से भी जाना जाता है। यहां के शहर का निर्माण पत्थरों को काटकर कलाकृतियों से बनाया गया है। इस शहर की बनी कलाकृति लाल रंग की है जिसका निर्माण 312 BC के लगभग हुआ था।
यह शहर जॉर्डन का मुख्य आकर्षक केंद्र है यहां की बनी कलाकृति लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। यहां प्रत्येक वर्ष बहुत से पर्यटक आते हैं तथा इस शहर में ऊंचे ऊंचे मंदिर भी है जो पर्यटकों के मुख्य आकर्षण केंद्र हैं।
ऊंचे ऊंचे मंदिरों के अलावा यहां तालाब, नहर है जो बहुत अच्छे से तराश कर बनाई गई हैं जिन्हें देखने दुनिया के लगभग सभी हिस्सों के लोग आते हैं।
ताजमहल (Taj Mahal)
ताजमहल दुनिया का जाना माना एक अद्भुत अजूबा है, यहां बहुत प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है जिससे लगभग सभी लोग जानते हैं और इसके बारे में किताबों में भी दिया गया होता है। ताजमहल भारत की शान है जिसे दुनिया के सात अजूबों में से एक माना जाता है।
ताजमहल अपने खूबसूरत कलाकारी और आकृति के कारण अजूबों की श्रेणी में बोला जाता है जिसका निर्माण 1632 में शाहजहां के द्वारा कराया गया था। ताजमहल सच्चे प्यार की निशानी है जिसे शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज के याद में बनवाया था।
ताजमहल सफेद संगमरमर के पत्थरों से बना हुआ बहुत खूबसूरत मकबरा है और यह मकबरा सफेद रंग का है जिसके चारों ओर सुंदर-सुंदर हरे-भरे पहाड़ और पेड़ पौधे हैं तथा इसके सामने पानी की बावली है। ताजमहल भारत देश के आगरा शहर में स्थित है इसके जैसे सुंदरता वाले कलाकृति दुनिया में और कहीं भी नहीं है।
इस कलाकृति और सुंदरता वाले मकबरे को देखने के लिए दुनिया के सभी हिस्से के लोग आते हैं तथा भारत देश के अलावा विदेशों से भी अत्यधिक लोग इस शानदार मकबरे को देखने आते हैं। ताजमहल जब शाहजहां के द्वारा बनवाया गया तब इसे बनाने में 15 साल का समय लगा था।
ताजमहल में बहुत सुंदर सुंदर शिल्पकारी और कलाकृतियां बनवाई गई थी जो वर्तमान में भी मौजूद है इस शानदार महल को देखने के लिए दुनिया के दूर-दूर के लोग आते हैं।
क्राइस्ट रिडीमर (Christ redeemer)
यह ब्राजील के रियोडी जेनेरियो में स्थित है, जो दुनिया के इकलौते परमेश्वर यीशु मसीह की मूर्ति है 30 मीटर लगभग 130 फीट ऊंची और 28 मीटर चौड़ी प्रतिमा है जिसे दुनिया के सात अजूबों में से एक माना जाता है। इस रिडीमर के जैसा ऊंचाई वाला प्रतिमा आज तक कहीं भी नहीं बन पाया है।
इस मूर्ति का निर्माण 1922 में शुरू किया गया था जो 12 अक्टूबर 1931 को यहां स्थापित किया गया है। इस मूर्ति का निर्माण पत्थरों से किया गया है जिसे ब्राजील के सिल्वा कोस्टा ने डिजाइन किया था। यहां बने हुए मूर्ति का वजन लगभग 650 टन है तथा यह रियो शहर के 700 मीटर ऊंची कोरकोवाडो की पहाड़ी पर स्थित है।
कोलोसम (रोम का कोलोसियम ) Roman Colosseum
रोम का कोलोसियम रोम के इटली में बसा हुआ एक विशाल स्टेडियम है। यह रोम में आए पर्यटकों के देखने का मुख्य आकर्षण का केंद्र है तथा इसका निर्माण 72 AD में हुआ था । यह स्टेडियम ओवल शेप की विशाल आकृति और क्रांकिट तथा रेत से बनाई गई है।
यह बहुत पुरानी वास्तुकला है जो दुनिया के सात अजूबों में से एक मानी जाती है इसकी प्राकृतिक आपदा भूकंप से थोड़ी ध्वस्त हो गई है परंतु आज भी यह विशालता वाली स्टेडियम में लगभग 50हजार से 80 हजार व्यक्ति बैठ सकते हैं।
माचू पिच्चु (Machu Picchu)
माचू पिच्छू दक्षिण अमेरिका में स्थित है यह एक ऊंची और छोटी शहर हुआ करती थी जो समुद्र तल से 2430 मीटर ऊपर 15 वीं शताब्दी में इंका सभ्यता में रहा करती थी। इसकी ऊंचाई पर शहर बस गई जिसके कारण यह सात अजूबों में से एक बन गया।
यहां इंका सभ्यता की कलाकृति को आज भी देखा जा सकता है जो बहुत सुंदर दिखाई देती हैं तथा इनके अलावा यहां और भी कितनी चीजें मौजूद है जो देखने योग्य है। यह स्थान पर्यटकों का मुख्य आकर्षण केंद्र है यहां लोग हमेशा इस सुन्दर जगह को देखने के लिए आते रहते हैं।
इसका निर्माण राजा पंचाकुती ने 1400 साल के आसपास करवाया था, तथा यहां उनके शासक रहा करते थे और इसके 100 साल बाद इस पर इस पर ने विजय प्राप्त कर लिया जिसके बाद इसे ऐसे ही छोड़ कर चले गए।
यहां रहने वाले इंका जाति के लोग चले गए जिसके कारण इसकी देखरेख करने वाला कोई नहीं था और यहां रहने वाली सभ्यता भी नष्ट हो गई परंतु 1911 में अमेरिका के इतिहासकार हीरम बिंघम ने इसकी खोज की और इसे दुनिया के सामने लाया।
चीचेन इत्जा (chichen itja )
चीचेन इत्जा मैक्सिको में बसा हुआ एक पुराना मंदिर है, इसका निर्माण AD 600 में हुआ था। चीचेन इत्जा माया का सबसे बड़ा शहर है और यहां की जनसंख्या भी बहुत अधिक है मैक्सिको में चीचेन इत्जा सबसे पुराना पुरातात्विक स्थलों में से एक है जहां प्रत्येक साल लाखों लोग घूमने आते हैं।
चीचेन इत्जा का माया मंदिर लगभग 500 किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है जो पत्थरों से पिरामिड की आकृति का बना हुआ है। इस मंदिर के ऊपर जाने के लिए चारों दिशाओं में सीढ़ियां बनी हुई है यहां लगभग कुल 365 सीढ़ियां हैं जिसके प्रत्येक दिशा में 91 सीढ़ियां हैं।
निष्कर्ष
आशा करते हैं आप सभी को हमारे द्वारा सात अजूबों के बारे में दी गई जानकारियां पसंद आएगी और आपके लिए उपयोगी होगी। आप सभी इन बताए गए सात अजूबों वाले जगहों पर घूमने तथा इतिहास से जुड़ी जानकारियों को प्राप्त करने के लिए जा सकते हैं।
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अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
क्राइस्ट रिडीमर कहां स्थित है और रिडीमर मूर्ति का निर्माण कब किया गया था?
क्राइस्ट रिडीमर ब्राजील के रियोडी जेनेरियो में स्थित है। रिडीमर मूर्ति का निर्माण 1922 में शुरू किया गया था और 12 अक्टूबर 1931 को पूर्ण रूप से स्थापित किया गया था।
ताजमहल का निर्माण कब किया गया है?
ताजमहल का निर्माण 1632 में शाहजहां के द्वारा कराया गया है। यह महल सच्चे प्यार की निशानी है जिसे बेगम मुमताज की याद में बनाया गया था।
चीन की दीवार कितने किलोमीटर तक फैली हुई है ?
चीन की दीवार लगभग 6400 किलोमीटर तक फैली हुई है और यह दीवार लगभग 35 फीट ऊंची है। इस दीवार को किले के समान आकृति देकर बनाया गया है।

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम अमृत यादव है और पेशे से मैं एक ब्लॉगर और लेखक हूं, जो लेख आप अभी पढ़ रहे हैं वह मेरे द्वारा लिखा गया है, मैं अभी बीकॉम फाइनल ईयर की पढ़ाई कर रहा हूं।