बसंत पंचमी पर भाषण | Speech on Basant Panchami in Hindi

आज के आर्टिकल में मैं बसंत पंचमी पर भाषण लेकर आई हूं, इस आर्टिकल को पढ़कर आपको मां सरस्वती पूजा अर्थात बसंत पंचमी के पर्व पर भाषण देने में सहायता मिलेगी।

Speech on Basant Panchami in Hindi

बसंत पंचमी पर भाषण 1

आदरणीय मुख्य अतिथि, प्रधानाचार्य, शिक्षक गण और मेरे प्यारे सहपाठियों आप सभी को मेरा नमस्कार! मैं प्रतिभा कक्षा….. की छात्रा आप सबके समक्ष एक भाषण लेकर प्रस्तुत हुई हूं। आप सभी को बसंत पंचमी की बहुत बहुत शुभकामनाएं!

बसंत पंचमी हिंदुओं का प्रमुख त्यौहार है ,जो बसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है। सरस्वती मां विद्या की देवी मानी जाती है, इन्हें विद्या दायिनी, वीणा वादिनी व हंस वाहिनी भी कहा जाता है।

संगीत की जन्मदात्री होने के कारण मां सरस्वती को संगीत की देवी माना जाता है, पीले फूलों से मां सरस्वती की पूजा की जाती है, बसंत पंचमी माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है।

बसंत पंचमी के दिन ज्ञान और वाणी की देवी मां सरस्वती की पूजा की जाती है, मां सरस्वती ब्रह्मा जी के मुख से प्रकट हुई थी, इस दिन आराधना करने से सरस्वती मां जल्दी प्रसन्न हो जाती हैं।

बसंत पंचमी के दिन लोग पीले रंग का वस्त्र पहनते हैं क्योंकि पीला रंग हिंदुओं का शुभ रंग होता है तथा समृद्धि प्रकाश और पूजा का प्रतीक होता है, बसंत पंचमी का दिन शिक्षा प्रारंभ करने, कला, संगीत आदि सीखने के लिए श्रेष्ठ माना जाता है।

बसंत पंचमी को सरस्वती पूजा भी कहते हैं, इस दिन लोग सरस्वती मां की पूजा करने के लिए मंदिर जाते हैं, बसंत पंचमी का त्यौहार भारत, बांग्लादेश, नेपाल और कई राष्ट्रों में बड़े उल्लास के साथ मनाया जाता है।

इस दिन किसी भी कार्य को शुरू करने का सबसे शुभ मुहूर्त माना जाता है, मां सरस्वती के चार हाथ होते हैं, एक हाथ में वीणा तथा दूसरा हाथ आशीर्वाद देने की मुद्रा में रहता है, अन्य दो हाथों में पुस्तक और माला होती है, ब्रह्मा जी के अनुरोध पर जब देवी सरस्वती ने वीणा बजाया तभी से सारे संसार को वाणी की प्राप्ति हुई।

इसी कारण ब्रह्मा जी ने देवी सरस्वती को वाणी की देवी कहां है, विद्या की देवी सरस्वती मां से ही हमें बुद्धि और ज्ञान की प्राप्ति होती है, संगीत की उत्पत्ति करने वाली देवी सरस्वती को संगीत की देवी भी कहा जाता है।

बसंत पंचमी सर्दियों के मौसम के अंत का और बसंत के आगमन का प्रतीक है, हमारे देश में बसंत पंचमी का पर्व बड़ी धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। बसंत पंचमी का यह त्यौहार विशेष रूप से शिक्षा संस्थानों में मनाया जाता है क्योंकि सरस्वती मां विद्या की देवी है, स्कूल ,कॉलेज में विद्यार्थी मां सरस्वती की पूजा करके उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

यह त्यौहार एक बहुत ही लोकप्रिय हिंदू त्यौहार है, बसंत पंचमी के दिन ज्ञान की देवी सरस्वती मां का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन सरस्वती मां की पूजा अर्चना की जाती है।

हिंदू कैलेंडर के अनुसार यह त्यौहार माघ महीने के पांचवे दिन को प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है, बसंत पंचमी पर ज्यादातर फसलें तैयार हो जाती है इसलिए इसकी खुशी में सभी भारतीय बसंत पंचमी का त्यौहार मनाते हैं, बसंत ऋतु को ऋतुओं का राजा कहा जाता है, इसके आने से मनुष्य के अलावा सभी जीव जंतु ,पेड़ पौधे उत्साहित रहते हैं, इस तरह से बसंत पंचमी का त्यौहार आनंद के साथ मनाया जाता है।

धन्यवाद!

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बसंत पंचमी पर भाषण 2

आदरणीय प्राचार्य महोदय, शिक्षक/शिक्षिका, एवं मेरे प्रिय मित्रों मैंबसंत पंचमी के उपलक्ष में भाषण प्रस्तुत कर रही हूं! आप सभी को बसंत पंचमी की ढेर सारी शुभकामनाएं!

बसंत पंचमी एक बहुत ही लोकप्रिय हिंदू पर्व है, जो बसंत ऋतु के आगमन पर मनाया जाता है। बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन मां सरस्वती की पूजा अर्चना की जाती है।

बसंत पंचमी का त्यौहार प्रत्येक वर्ष माघ मास की पंचमी तिथि को मनाया जाता है, बसंत पंचमी को सरस्वती पूजन और श्री पंचमी भी कहा जाता है।

मां सरस्वती विद्या की देवी है, बसंत पंचमी के दिन सभी विद्यालयों में मां सरस्वती की पूजा अर्चना की जाती है, यह पर्व भारत के सभी राज्यों में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है, बसंत पंचमी ज्ञान, संगीत और कला की देवी सरस्वती मां का पर्व है, यह पूरे भारत में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।

बसंत पंचमी पर सरस्वती पूजा का विशेष महत्व है, बसंत पंचमी के दिन जगह-जगह पंडाल लगाकर मां सरस्वती की मूर्ति स्थापित की जाती है और भक्ति भाव से पूजा अर्चना की जाती है।

पूरे भारत में बसंत पंचमी के अवसर पर सभी शिक्षण संस्थानों में पूरे रीति रिवाज के साथ मां सरस्वती की पूजा अर्चना की जाती है, मां सरस्वती ज्ञान की देवी है, विद्यार्थियों के द्वारा मां सरस्वती का पूजा भक्ति भाव और हर्षोल्लास के साथ किया जाता है।

बसंत पंचमी का त्यौहार हर साल बसंत ऋतु के आगमन पर मनाया जाता है, यह त्यौहार ज्ञान तथा विद्या की देवी मां सरस्वती जी के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है, इस दिन मां सरस्वती का पूजा किया जाता है और उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है।

बसंत पंचमी का दिन अपने साथ आशा का किरण लेकर आता है, शास्त्रों में बसंत पंचमी को ऋषि पंचमी से उल्लेखित किया गया है, विशेष रूप से भारत में बसंत ऋतु का स्वागत करने के लिए माघ महीने के पांचवे दिन एक बड़ा उत्सव मनाया जाता है, जिसमें विष्णु और कामदेव की पूजा की जाती है इस दिन को भगवती शारदा अर्थात मां सरस्वती के जन्म उत्सव के रूप में भी मनाया जाता है।

क्योंकि इसी दिन मनुष्यों को वाणी, विद्या, और बुद्धि का वरदान देने वाली मां सरस्वती का विश्व रचयिता भगवान ब्रह्मा द्वारा प्राकट्य हुआ था, सभी विद्यार्थी बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती का पूजा करके उनसे और अधिक विद्यवान होने की आशीर्वाद लेते हैं।

सरस्वती मंत्र- ओम हीम क्लीम महासरस्वती देव्यै नमः!

धन्यवाद!

सम्बंदित भाषण : –

निष्कर्ष – आज का यह आर्टिकल बसंत पंचमी पर भाषण आपको जरुर अच्छा लगा होगा और मैं आशा करती हूँ की आप और भी भाषण जरुर पढना चाहेंगे तो उसके लिए आप हमारे ब्लॉग को अवश्य फॉलो करें ताकि और अधिक भाषण तथा निबंध के बारे में ज्ञान प्राप्त कर सके ।

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