स्वागत है दोस्तों आपका अपने वेबसाइट में, आज के आर्टिकल में हम पर्यावरण दिवस पर भाषण लेकर आए हैं, पर्यावरण हम सभी के जीवन का अहम हिस्सा होता है, हम सभी को पर्यावरण के बारे में पता होना चाहिए, हमारे इस आर्टिकल से आप पर्यावरण दिवस के अवसर पर बेहतर स्पीच तैयार कर सकते हैं।
पर्यावरण दिवस पर भाषण 1
माननीय प्रधानाचार्य, माननीय अतिथि गण, एवं सभी शिक्षक शिक्षिका, तथा मेरे प्यारे मित्रों मैं आप सभी के समक्ष पर्यावरण दिवस पर भाषण लेकर प्रस्तुत हुई हूं, मुझे इस अवसर पर भाषण देने का मौका मिला इसके लिए मैं आप सभी का आभार व्यक्त करती हूं। आप सभी को मेरा शुभ प्रभात, एवं पर्यावरण दिवस के अवसर पर हार्दिक शुभकामनाएं !
पर्यावरण दिवस-पर्यावरण के बिना हमारा जीवन संभव नहीं है, मानव समाज को बचाने के लिए तथा पर्यावरण की रक्षा एवं पर्यावरण से जुड़े मुद्दों पर विचार करने तथा पर्यावरण से जुड़ी समस्याओं का हल निकालने के लिए पर्यावरण दिवस मनाया जाता है।
विश्व पर्यावरण दिवस प्रतिवर्ष 5 जून को मनाया जाता है, विश्व पर्यावरण दिवस वर्ष 1972 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा स्थापित किया गया था, विश्व पर्यावरण दिवस हम सभी के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है , पर्यावरण दिवस का उद्देश्य वातावरण को स्वच्छ व शुद्ध रखना है, पर्यावरण दिवस के दिन लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाई जाती है।
पर्यावरण दिवस के अवसर पर सभी स्कूल ,कॉलेज आदि संस्थानों में क्विज प्रतियोगिता, भाषण, स्वच्छता पर रंगोली, पौधारोपण आदि कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, तथा वातावरण की स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जाता है।
हमारा संपूर्ण जीवन पर्यावरण पर निर्भर होता है, हम सभी को हमारे पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए जागरूक होना चाहिए तथा अन्य लोगों को भी जागरूक करना चाहिए, हम सभी का जीवन पर्यावरण पर निर्भर करता है, और पर्यावरण के स्वच्छ होने पर ही हम स्वस्थ हो सकते हैं।
पर्यावरण दिवस एक अभियान है जो प्रत्येक वर्ष 5 जून को विश्व भर में पर्यावरण के नकारात्मक प्रभाव को रोकने के लिए मनाया जाता है, विश्व पर्यावरण दिवस लोगों में पर्यावरण को बचाने के लिए, पर्यावरण को सुरक्षित रखने, पर्यावरण को साफ सुथरा रखने और पर्यावरण के बारे में अपने आसपास के वातावरण के बारे में बताने के लिए,इन सभी उद्देश्यों के साथ पर्यावरण दिवस मनाया जाता है।
पहला विश्व पर्यावरण दिवस 1974 में 5 जून को मनाया गया था तब से लेकर आज तक मनाया जा रहा है, विश्व पर्यावरण दिवस पर्यावरण के संरक्षण को लेकर हमारी भारत सरकार ने 19 नवंबर 1986 में एक पर्यावरण संरक्षण अधिनियम लागू किया था जिसमें जल, वायु, भूमि के संरक्षण के संबंध में नियम जारी किए थे, विश्व पर्यावरण दिवस के दिन लोगों को जागृत करने के लिए सरकार ने इस तिथि को एक पर्यावरण जागृति के लिए कई जगह निबंध प्रतियोगिता कराई जाती है, कई जगह भाषण प्रतियोगिता, कविता प्रतियोगिता आदि के माध्यम से लोगों को पर्यावरण के प्रति जागृत करने के लिए पर्यावरण दिवस का अभियान चलाया जा रहा है।
वर्तमान में पर्यावरण बहुत ज्यादा प्रदूषित हो गया है, प्रदूषित होने का प्रमुख कारण शहरीकरण जिसके कारण वनों की अंधाधुंध कटाई हो रही है, पेड़ों की कटाई के फल स्वरुप हमें शुद्ध वातावरण, शुद्ध वायु नहीं मिल पाएगा, तो हमारा जीवन स्वस्थ नहीं होगा।
हम सभी को अपने वातावरण को सुरक्षित रखने के लिए पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाना चाहिए, पर्यावरण को सुरक्षित रहना हम सभी का कर्तव्य होता है।
धन्यवाद!
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पर्यावरण दिवस पर निबंध 2
आदरणीय प्रधानाचार्य जी, समस्त टीचर्स, और मेरे प्यारे दोस्तों आप सभी को मेरा नमस्कार! आज मैं आप सभी के समक्ष विश्व पर्यावरण दिवस के शुभ अवसर पर भाषण लेकर आई हूं।
हमारे आसपास के चारों ओर के वातावरण को पर्यावरण कहा जाता है, पर्यावरण जलवायु,स्वच्छता, प्रदूषण तथा वृक्ष सभी को मिलाकर बनता है, पर्यावरण से हमारे दैनिक जीवन का सीधा संबंध होता है और यह हमें प्रभावित करता है।
संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा घोषित यह दिवस पर्यावरण के प्रति वैश्विक स्तर पर जागरूकता लाने के लिए मनाया जाता है, इसकी शुरुआत 1972 में 5 जून से 16 जून तक संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा आयोजित विश्व पर्यावरण सम्मेलन से हुई, तथा 5 जून 1973 को पहला विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया।
पर्यावरण के जैविक संघटको में सूक्ष्म जीवाणु से लेकर कीड़े मकोड़े सभी जीव जंतु और पेड़ पौधों के अलावा उनसे जुड़ी सारी जैव क्रियाएं और प्रक्रियाएं भी शामिल होती है, जबकि पर्यावरण के अजैविक संघटकों में निर्जीव तत्व और उनसे जुड़ी प्रक्रियाएं आती हैं, जैसे पर्वत, चट्टाने, नदी और जलवायु के तत्व इत्यादि ।
मानव और पर्यावरण एक दूसरे पर निर्भर होते हैं। पर्यावरण जैसे जल वायु प्रदूषण या वृक्षों का कम होना मानव शरीर और स्वास्थ्य पर सीधा असर डालता है, मानव की अच्छी आदतें जैसे वृक्षों को काटने से रोकना, जल वायु प्रदूषण रोकना, स्वच्छता आदि सभी पर्यावरण को प्रभावित करते हैं।
मानव की बुरी आदतें जैसे पानी दूषित करना, वृक्षों की अत्यधिक मात्रा में कटाई करना, वायु प्रदूषण करना आदि पर्यावरण को बुरी तरह से प्रभावित करते हैं , जिसका दुष्परिणाम मानव को झेलना पड़ता है।
पर्यावरण समस्या जैसे प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन इत्यादि मनुष्य को अपने जीवन शैली के बारे में सोचने की प्रेरणा देती है, हम सभी के लिए पर्यावरण संरक्षण और पर्यावरण प्रबंधन की आवश्यकता महत्वपूर्ण होती है।
आज के युग में पर्यावरण प्रदूषण बहुत तेजी से बढ़ रहा है, बढ़ती जनसंख्या और बड़ी-बड़ी इमारतें जिसके कारण पर्यावरण की प्रकृति नष्ट हो रही है, जगह-जगह घने वृक्षों को काटकर बड़े बिल्डिंगों का निर्माण किया जा रहा है, जिससे पर्यावरण और मानव प्रभावित हो रहे हैं।
हम सभी को सुरक्षित, स्वास्थ्य जीवन के लिए पर्यावरण के संरक्षण को समझना चाहिए, हमारा पर्यावरण हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है यह हमारे जीवन का मुख्य स्रोत है क्योंकि हमें पर्यावरण से ही भोजन, वायु, जल आदि की प्राप्ति होती है।
प्रत्येक व्यक्ति को पर्यावरण की रक्षा को ध्यान में रखना चाहिए, पर्यावरण प्रदूषण को रोकना चाहिए, क्योंकि पर्यावरण स्वच्छ और सुंदर होगा तभी हमाराजीवन स्वस्थ्य होगा, पर्यावरण के संरक्षण में मनुष्य महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं अच्छा और बुरा वातावरण हमारे गतिविधियों पर निर्भर करता है।
पर्यावरण का संरक्षण हम सभी का कर्तव्यहै लेकिन आज पर्यावरण हमारे कार्यों के कारण ही खतरे में है, पर्यावरण प्रदूषण का कारण हम सभी हैं, हमारे द्वारा वनों की कटाई, खनन, बिजली का अनुचित मात्रा में उपयोग, वाहनों का अत्यधिक उपयोग, आदि सभी कारणों के जिम्मेदार हम मानव ही है।
पर्यावरण हमारे लिए बहुत ही आवश्यक होता है जो हमें जीवन के लिए उपयोगी सभी संसाधन उपलब्ध कराता है, मनुष्य, पशु,पक्षीऔर सभी जीव जंतु पर्यावरण पर निर्भर करते हैं। पर्यावरण की सुरक्षा और पर्यावरण प्रदूषण एक वैश्विक समस्या है जिसे हम सबको मिलकर सुलझाना चाहिए, हम सब को ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने चाहिए, खुले में कूड़े कचरे को नहीं फेंकना चाहिए, वाहनों का प्रयोग कम करना चाहिए, प्लास्टिक को इस्तेमाल में नहीं लाना चाहिए।
पर्यावरण के विषय में लोगों को जागरूक करने के लिए प्रत्येक वर्ष पर्यावरण दिवस मनाया जाता है, हम सभी लोगों को इस दिवस को बहुत ही उत्साह के साथ मनाना चाहिए ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसके तरफ आकर्षित हो, और प्रदूषण को रोकने के बारे में सभी को जागरुक करना चाहिए।
पर्यावरण के दूषित होने के कारण हम सभी मानव जाति को विभिन्न प्रकार के रोगों का सामना करना पड़ता है, पर्यावरण को स्वच्छ, स्वस्थ रखने के लिए ही पर्यावरण दिवस मनाया जाता है, इस अभियान का शुरुआत पूरे देश को साफ सुथरा रखने तथा प्रदूषण को कम करने के लिए बनाया गया है ताकि हमारा भारत देश स्वच्छ और स्वस्थ हो, हम सभी को सरकार द्वारा बनाए गए नियमों का पालन करना चाहिए तथा पर्यावरण को प्रदूषित होने से रोकना चाहिए।
स्वच्छ पर्यावरण से ही हम स्वस्थ रह सकते हैं, स्वच्छ पर्यावरण के बिना हम अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं, इन सभी बातों को समझते हुए प्रत्येक व्यक्ति को पर्यावरण के स्वच्छता प्रति जागरूक होना चाहिए तथा दूसरों को भी जागरूक करना चाहिए।
धन्यवाद!
अन्य भाषण लेख :-
अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
पृथ्वी शिखर सम्मेलन कब आयोजित किया गया ?
पृथ्वी शिखर सम्मेलन 1992 में आयोजित किया गया.
विश्व ओजोन दिवस कब मनाया जाता है ?
16 सितंबर को विश्व ओजोन दिवस मनाया जाता है
वन संरक्षण अधिनियम कब बना ?
1980 में वन संरक्षण अधिनियम बना

हेल्लो दोस्तों मेरा नाम प्रवीन कुमार है . और में इस ब्लॉग का Owner हूँ. मुझे हिंदी में लेख लिखना पसंद है. और में आपके लिए सरल भाषा में लेख लिखता हूँ.