आज के इस आर्टिकल के माध्यम से आप बेटी बचाओ के लिए भाषण ले कर आई हूँ । आप निचे दिए गये 2 भाषण के जरिये एक अच्छा भाषण दे पाएंगे या आप को भाषण तयार करना है तो आप इससे आप एक अच्छा भाषण तैयार कर सकते हैं।

बेटी बचाओ पर भाषण 1:-
बालिकाओं के सम्मान में आयोजित इस कार्यक्रम में उपस्थित माननीयअतिथि गण, शिक्षक गण एवं प्रिय सहपाठियों आप सभी को सुप्रभात।
आज हमारे देश की बेटियां हर मुकाम पर सफलता प्राप्त कर रही हैं, चाहे वह राजनीति का क्षेत्र हो, खेल हो या फिर अंतरिक्ष ही क्यों ना हो, सभी क्षेत्र में देश की उन्नति और विकास के लिए बेटियां अपना पूर्ण योगदान दे रही हैं,
परंतु आज भी बेटियों को बेटों के समान दर्जा नहीं दिया जाता है, आज भी हमारा समाज बेटे और बेटी में भेदभाव करता है, बेटे के पैदा होने पर खुशियां मनाई जाती है जबकि बेटी के जन्म को परिवार में बोझ समझा जाता है।
बेटे की चाह में लोग कन्या भ्रूण हत्या करने से भी नहीं कतराते हैं, समाज की कुछ पुरानी मान्यताएं जैसे पिता की मृत्यु के बाद पुत्र ही उतराधिकारी कहलाता है, पुत्र प्राप्ति के बिना आत्मा को मोक्ष प्राप्त नहीं होता है, यह सभी मान्यताएं विकृत मानसिकता के सूचक है,
इन सभी के कारण पुरुषों की तुलना में महिलाओं का अनुपात बहुत कम है, इसी कारण आज बेटियों के संरक्षण की आवश्यकता पड़ रही है।
आज के समय में बेटियों के साथ होने वाले अपराध का केवल एक ही कारण है लोगों की गलत मानसिकता, इस गलत मानसिकता को बदलने के लिए बेटियों का शिक्षित होना बहुत आवश्यक है,
बेटियां शिक्षित होंगे तो तभी वे आत्मनिर्भर होंगे तथा अपनी सुरक्षाकरने में स्वयं सक्षम होगी इसलिए बेटियों का शिक्षित होना बहुत आवश्यक है, बेटियों के शिक्षित होने का अर्थ है देश का विकास होना, हमारी भारतीय सरकार ने आज बेटियों के लिए अनेक योजनाएं जारी कर रखी हैं, इन योजनाओं से बेटियों को विभिन्न अवसर प्राप्त हो रहे हैं।
हमें समाज में पुरुष प्रधान प्रकृति को हटाते हुए बेटी बचाओ अभियान में सक्रियता से भाग लेना चाहिए, सभी माता-पिता को बेटियों को बचाने के लिए सोच बदलना चाहिए, उन्हें अपने बच्चों को एक समान मानना चाहिए चाहे वह बेटी हो या बेटा, हमें उन सभी डॉक्टरों के खिलाफ होना चाहिए जो बेटियों का गर्भ में ही हत्या कर देते हैं, आज बेटियां हमारे देश में सभी क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।
हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा कन्या बचाओ अभियान की शुरुआत बालिकाओं के जीवन को बचाने के लिए किया गया है, यह अभियान समाज में कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के साथ ही महिला सशक्तिकरण के बारे में शिक्षा के माध्यम से जागरूकता फैलाने के लिए शुरू किया गया है।
हमारे समाज में लड़कियों को जन्म लेने से पहले ही मार दिया जाता है, हम सभी को इसका विरोध करना चाहिए तभी लड़कियां समाज मेंबेटों के समान अधिकार से रह सकती है, अर्थात बेटी बचाओ अभियान के बारे बताकर सभी लोगों को जागरूक करना चाहिए।
धन्यवाद!
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बेटी बचाओ पर भाषण 2:-
आदरणीय अध्यापक, शिक्षक/शिक्षिका एवं मेरे प्यारे दोस्तों तथा यहां उपस्थित सभी लोगों को मेरा शुभ प्रभात! आज मैं बेटी बचाओ पर भाषण देना चाहती हूं, आप सभी के सामने मुझे अपने विचार रखने का अवसर प्राप्त हुआ इसके लिए मैं आप सभी का आभार व्यक्त करती हूं।
हमारे देश में दिन-प्रतिदिन बेटियों की संख्या कम हो रही है, पुरुषों की तुलना में उनके अनुपात में गिरावट आ रही है, बेटियों के इस घटतें अनुपात को रोकने के लिए बेटी बचाओ अभियान को बढ़ावा देने के लिए हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अभियान की शुरुआत की है।
आजकल महिलाएं सभी क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अपनी जिम्मेदारियों को निभा रही हैं, तब भी समाज में पोषण और शिक्षा सभी में बेटों को बेटियों की तुलना में अधिक महत्व दिया जाता है, बेटियों को उनके इच्छा के विरुद्ध घर के कामों को करने और पूरे परिवार को संतुष्ट करने का काम दिया जाता है,
हमारे देश में बेटियों को सभी तरह से हिंसा का सामना करना पड़ता है, गर्भ में लड़की की मौत केवल यही उनके खिलाफ एकलौता मुद्दा नहीं है, बेटियों को जन्म लेने के बाद भी बहुत कुछ झेलना पड़ता है जैसे दहेज प्रथा, कुपोषण, निम्न स्तर जीवन, यौन शोषण, आदि।
बालिकाओं के जीवन को बचाने के लिए महिलाओं का सशक्तिकरण एक बहुत प्रभावशाली तरीका है, महिलाओं के साक्षरता के बिना बेटी बचाओ योजना को सफल नहीं बनाया जा सकता है, इस योजना को शुरू करने का प्रमुख कारण यह था कि भारतीय जनसंख्या बढ़ रहा था और महिला अनुपात कम हो रहा था । इस योजना का उद्देश्य सभी लड़कियों को शिक्षित करना और आत्मनिर्भर बनाना है।
भारत के अलावा पूरे विश्व में स्त्रियों के साथ भेदभाव किया जाता है, आज भी समाज में कार्य के लिए पुरुषों की तुलना में महिलाओं को कम वेतन दिया जाता है, महिलाओं के काबिल होने पर भी उन्हें पुरुषों की अपेक्षा कम काबिल माना जाता है।
बेटी एक लक्ष्मी होती है, अगर बेटा चाहिए तो भी वह बिना बेटी के नहीं मिल सकता है, जहां रोज अलग-अलग देवियों की पूजा की जाती हैं वहीं समाज में बेटियों से नफरतकिया जाता है, अर्थात बेटियों को अभिशाप माना जाता है,अगर हर इंसान बेटियों को गर्भ में ही मार देतो हमारे देश में बेटियों की कमी आ जाएगी और हमारा देश धीरे-धीरे नष्ट हो जाएगा।
पृथ्वी पर मानव जाति के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए पुरुष और महिला दोनों ही आवश्यक होते है, महिलाओं के बिना इस दुनिया का विस्तारअसंभव है इसलिए बालिकाओं को बचाना आवश्यक है साथ ही हमें महिलाओं का सम्मान करना चाहिए और उन्हें जीवन में आगे बढ़ने के समान अवसर प्रदान किए जाने चाहिए।
हमें देश और विश्व में हो रहे कन्या भ्रूण हत्या को रोकना चाहिए, इसके खिलाफ आवाज उठाना चाहिए , लड़कियां हर क्षेत्र में लड़कों के समान है चाहे वह शिक्षाहो या फिर सेना की लड़ाइयां हो, आज महिलाएं हर क्षेत्र में अपना योगदान दे रही हैं,
बेटियां परिवार, ससुराल, नौकरी, समाज सभी क्षेत्र में अपने कर्तव्य को लड़कों से भी अच्छे तरीके से संभालती हैं, महिला एक मां, पत्नी, बेटी, बहन सभी की भूमिका अपने जीवन में निभाती है।
हमें बेटियों को सम्मान प्रदान करना चाहिए, बेटा और बेटी में भेदभाव नहीं करना चाहिए, लड़कियों को लड़कों के समान अवसर प्रदान करने चाहिए जिससे वे आत्मनिर्भर हो और सभी क्षेत्र में आगे बढ़ सके।
धन्यवाद।
सम्बंदित भाषण : –
निष्कर्ष – आशा करती हूँ की इस भाषण को पढ़कर आपको यह भाषण और भी आसान लगा होगा। आप सभी को मै यह कहना चाहूंगी की बेटा एवं बेटी में भेदभाव बिलकुल न करे ! बेटी बचाओ बेटी पढाओ। धन्यवाद !

हेल्लो दोस्तों मेरा नाम प्रवीन कुमार है . और में इस ब्लॉग का Owner हूँ. मुझे हिंदी में लेख लिखना पसंद है. और में आपके लिए सरल भाषा में लेख लिखता हूँ.