नमस्कार दोस्तों! आज हमने अयोध्या में पर्यटन स्थल (tourist places in Ayodhya in Hindi) में अयोध्या में घूमने के लिए कुछ महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों के बारे में जानकारी दी है। यदि आप अयोध्या में पर्यटन स्थल को देखने या घूमने का विचार विमर्श कर रहे हैं तो यह लेख आपके लिए बहुत ही मददगार होने वाला है।
इस लेख में हमने अयोध्या के पर्यटन स्थलों के बारे में जानकारियां दी है जो आपकी अयोध्या में घूमने को सरल बनाएगा, अगर आप सभी अयोध्या के पर्यटक स्थलों के बारे में जानना चाहते हैं तो इस लेख को पढ़ें और अयोध्या के बारे में जानकारियां प्राप्त करें।
अयोध्या
अयोध्या नगरी में भगवान श्री राम के भव्य मंदिरों का निर्माण कार्य किया गया है जो बहुत शानदार और आश्चर्यजनक मंदिर है। अयोध्या नगरी में देश के अत्यधिक लोग प्रतिवर्ष घूमने आते हैं। अयोध्या को भगवान श्री राम का जन्म स्थल माना जाता है।
अयोध्या सरयू नदी के तट पर बसा है, जब से इस अयोध्या नगरी का निर्माण राम मंदिर के रूप में किया गया है तब से अयोध्या नगरी पर्यटन स्थल के लिए बहुत प्रसिद्ध हो गया है। अयोध्या बहुत सुंदर पर्यटन स्थल है यहां की मंदिर शानदार और मनमोहक होती हैं।
यदि आप सभी अयोध्या जाने का सोच रहे हैं तो हम आपको बता दें कि यह जगह आपके घूमने के लिए बहुत खूबसूरत जगह है। आज हम आपको अयोध्या में घूमने के लिए अच्छे जगहों के बारे में बताने वाले हैं जो आपके अयोध्या जाने में सहायक होगा।
अयोध्या में पर्यटन स्थल / अयोध्या में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहें
छोटी छावनी (Chhoti Chhawani)
छोटी छावनी अयोध्या में एक शानदार संरचना वाला भवन है जिसे सफेद संगमरमर से बनवाया गया है और यह सुंदरता से भरपूर भवन है, यह भवन निश्चित रूप से सभी वर्ग के लोगों का पसंदीदा स्थान रहा है।
छोटी छावनी में 34 गुफाएं हैं, और दक्षिण में 12 बौद्ध केंद्र तथा 17 हिंदू केंद्र और 5 जैन केन्द्र है जिसके कारण यह भवन बहुत प्रसिद्ध और उसकी कला भी प्रसिद्ध है। यह भवन बाल्मीकि भवन या मणिराम दास भवन के रूप में जाना जाता है।
तुलसी स्मारक भवन (Tulsi Smarak bhavan)
तुलसी स्मारक भवन 16 वीं सदी में संत कवि गोस्वामी तुलसीदास जी की स्मृति में स्थापित किया गया है यह एक स्मारक भवन है। इस भवन का निर्माण जहां तुलसी जी ने रामचरित की रचना की थी उसी स्थान पर की गई है। अयोध्या में राजगांग क्रॉसिंग पर राष्ट्रीय राजमार्ग के पूर्वी हिस्से में स्थित स्मारक 1969 ईस्वी में बनवाया गया था।
तुलसी स्मारक भवन के निर्माण के समय उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री विश्वनाथ दास जी थे, इस भवन के बारे में आपको पुस्तकों में भी समृद्ध साहित्य का भंडार देखने को मिलता है। यहां एक शोध केंद्र है जिसे अनुसंधान संस्थान के रूप में जाना जाता है।
इस अनुसंधान नामक शोध संस्थान का उपयोग अयोध्या के बारे में सांस्कृतिक और साहित्य तथा आध्यात्मिक जानकारियों के अध्ययन के महत्व को जोड़ने के लिए किया जाता है। अयोध्या केंद्र रामायण कला और शिल्प को भी प्रदर्शित करता है तथा यहां राम कथा का आयोजन भी प्रतिदिन किया जाता है।
जो सभी श्रद्धालुओं और भक्तों के लिए मनोरंजक होता है यह स्थल घूमने जाने के लिए बहुत खूबसूरत जगह है तथा इस मंदिर में राम कथा का आयोजन भी किया जाता है जिससे आप सभी राम कथा का आनंद भी ले सकते हैं।
दंत धावन कुंड (Dant Dhavan Kund Ayodhya)
यह कुंड हनुमानगढ़ी के पास स्थित है इस कुंड को रामदतौन के नाम से भी जाना जाता है। यहां की मान्यता के अनुसार भगवान श्री राम जी ने इसी कुंड के पानी से अपने दांत साफ करते थे,जिसके नाम पर इस कुंड का नाम दंत धावन कुंड रखा गया है।
यदि आप सभी अयोध्या में घूमने का प्लान बना रहे हैं तो यह भी घूमने के लिए खूबसूरत पर्यटन स्थल है जहां आप सभी इस कुंड को देखने जा सकते हैं और इसके सौंदर्य वातावरण का भी अनुभव कर सकते हैं।
सरयू नदी (Saryu River Ayodhya)
सरयू नदी बहुत खूबसूरत नदी है यहां स्नान करने के लिए तथा दर्शन करने के लिए लोग बहुत दूर-दूर से आते हैं तथा माना जाता है कि सरयू नदी में स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं और पाप से मुक्ति मिलती है।
इस नदी की मान्यता है यहां स्नान करने से भगवान श्री राम जी के आशीर्वाद प्राप्त होते हैं, जो आप सभी के जीवन को सुखद बनाता है और आपको किसी भी प्रकार के किए गए पाप से मुक्त कराता है।
गुप्तार घाट (guptaar Ghat Ayodhya )
अयोध्या में घूमने के पर्यटन स्थलों में गुप्तार घाट भी प्रसिद्ध घाट है, यह सरयू नदी के तट पर स्थित है तथा यह तट को घर के नाम से भी जाना जाता है। गुप्तार घाट अयोध्या में फैजाबाद में स्थित है जो अपनी संस्कृति और प्रतिष्ठित स्थल के लिए प्रसिद्ध है।
यह पवित्र नदी की ओर जाने वाली सीढ़ियों के साथ यह घाट भी कभी कंपनी गार्डन का पड़ोसी हुआ करता था जिसे गुप्त घाट वन के नाम से जाना जाता है। इस घाट के पास भगवान श्री राम ध्यान किया करते थे और भगवान श्रीराम ने नदी में जल समाधि ली थी।
भगवान श्रीराम ने इसी घाट के पास ध्यान करके और जल समाधि लेकर बैकुंठ प्राप्त किया था और बैकुंठ प्राप्त करने के बाद वे भगवान विष्णु के अवतार के रूप में स्वर्ग में उतरे थे।
दशरथ महल (Dashrath Mahal)
दशरथ महल अयोध्या शहर के बीचो बीच में स्थित है जो हनुमानगढ़ी से थोड़ी दूरी पर है, दशरथ जी अयोध्या के राजा तथा भगवान श्री राम के पिता थे। दशरथ महल के अंदर एक मंदिर भी बनवाई गई है जहां भगवान श्री राम और लक्ष्मण तथा माता सीता के अलावा भगवान राम के भाई भरत और शत्रुघ्न की मूर्तियां भी स्थापित की गई है।
वर्तमान में दशरथ महल पवित्र पर्यटक स्थल के रूप में परिवर्तित और प्रसिद्ध हो चुका है यहां साल के प्रत्येक समय रामायण का पाठ और गीत संगीत का कार्यक्रम होते रहता है। जहां आप सभी रामायण पाठ और इन मंदिरों को देखने के लिए जा सकते हैं।
इस महल को बड़ा जगह या बड़ा स्थान अथवा बड़ी जगह के नाम से जाना जाता है जो लोगों के आकर्षण का केंद्र है यहां की मूर्तियों और रामायण पाठ को देखने तथा सुनने के लिए लोगों की भीड़ रहती है।
कनक भवन (Kanak bhavan)
कनक भवन को सोने का घर के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इस मंदिर में भगवान श्री राम और माता सीता का प्रतिमा सोने से बनाया गया है जो इस भवन की खूबसूरती को बढ़ाता है। इस भवन में माता सीता और प्रभु राम के प्रतिमाएं सोने से बनी हुई है जिसके कारण लोगों के द्वारा इसे सोने का घर कहा जाता है।
कनक भवन अयोध्या में सबसे सुंदर और अच्छे भवन तथा मंदिर के रूप में प्रसिद्ध है, यह स्थान सबसे प्रसिद्ध स्थलों में से एक है यहां की वास्तुकला अद्भुत है। कनक महल सभी पर्यटक को आकर्षित करती है तथा मान्यता है कि इस मंदिर को भगवान राम की माता ककई ने माता सीता और भगवान राम के विवाह के पश्चात सीता की मुंह दिखाई में दिया था।
कनक महल भगवान राम और माता सीता का निजी महल था जो वर्तमान में खंडहर हो चुका है परंतु आज भी यह देखने योग्य है यहां आपको ऐतिहासिक चीजें भी देखने को मिलती औहैं इसलिए यह आप सभी के लिए एक पवित्र और प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है।
गुलाब बाड़ी (gulab badi )
गुलाब बाड़ी फैजाबाद रेलवे स्टेशन से 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, इसका निर्माण 1750 ईस्वी में अवध के नवाब शुजा उद दौला के मकबरे के रूप में किया गया था। पहले गुलाब बाड़ी विभिन्न प्रकार के फूलों से भरा हुआ था जिसके कारण इसे गुलाब बाड़ी के नाम दिए गए हैं।
वर्तमान में इस गार्डन में यहां गुलाब के फूल पहले की तरह नहीं है जिससे इसका नाम केवल गुलाब बाड़ी रह गया है, यह भी प्रचलित गार्डन हुआ करता था जिसे देखने आप सभी जा सकते हैं।
अयोध्या में घूमने के लिए स्थानीय परिवहन
अयोध्या में घूमने के लिए आपको टैक्सी तथा रिक्शा और बस की सुविधा काफी आसानी से मिल जाएगी जिससे आप सभी इन परिवहनों का मदद लेकर अयोध्या में आसानी से घूम सकते हैं।
अयोध्या में घूमने का सबसे अच्छा समय
अयोध्या में घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से दिसंबर के बीच का महीना रहता है इन दिनों हल्की हल्की ठंड पड़ती है जो आपकी यात्रा को और अच्छा बनाती है। ठंडी के अलावा अन्य मौसम में अयोध्या नगरी में काफी गर्मी पड़ती है और मौसम शुष्क रहता है अर्थात आप सभी के लिए अयोध्या में घूमने का सबसे अच्छा समय ठंडी का मौसम होता है।
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निष्कर्ष –
हमने इस लेख में अयोध्या में घूमने के लिए अयोध्या के पर्यटन स्थलों के बारे में जानकारियां दी है और अयोध्या में घूमने के लिए अच्छे जगहों के बारे में बताया है ताकि आप सभी इस लेख के माध्यम से आसानी से अयोध्या नगरी में घूमने जा सके।
आशा करते हैं यह लेख आप सभी को पसंद आएगी तथा आपके अयोध्या यात्रा के लिए उपयोगी होगी।
अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
कनक भवन को और किस नाम से जाना जाता है?
कनक भवन को सोने का घर के नाम से भी जाना जाता है, कनक भवन को सोने का घर के नाम से इसलिए जाना जाता है क्योंकि इस मंदिर में भगवान श्री राम और माता सीता का प्रतिमा सोने से बनाया गया है।
कनक महल किसका निजी महल था ?
कनक महल भगवान श्री राम और माता सीता का निजी महल था जो वर्तमान में खंडार हो चुका है परंतु इसे आज भी देखा जा सकता है।
गुप्तार घाट कहां पर स्थित है और यह क्यों प्रसिद्ध है?
गुप्तार अयोध्या में फैजाबाद में स्थित है तथा यह घाट अयोध्या में घूमने के पर्यटन स्थल में प्रसिद्ध है। यह घाट अपनी संस्कृति के लिए प्रतिष्ठित स्थल के नाम से बहुत प्रसिद्ध है।
भगवान श्रीराम ने किस घाट पर ध्यान किया था?
भगवान श्रीराम ने गुप्तार घाट पर ध्यान करके जल समाधि लेकर बैकुंठ प्राप्त किया था।
तुलसी स्मारक भवन में तुलसीदास जी को कब स्थापित किया गया था?
तुलसी स्मारक भवन में 16 वीं सदी में संत कवि गोस्वामी तुलसीदास जी को स्थापित किया गया था।
अयोध्या कहां स्थित है?
अयोध्या सरयू नदी के तट पर बसा हुआ है तथा अयोध्या का निर्माण राम मंदिर के रूप में किया गया है।

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम अमृत यादव है और पेशे से मैं एक ब्लॉगर और लेखक हूं, जो लेख आप अभी पढ़ रहे हैं वह मेरे द्वारा लिखा गया है, मैं अभी बीकॉम फाइनल ईयर की पढ़ाई कर रहा हूं।