महीला सशक्तिकरण पर निबंध | WOMEN EMPOWERMENT ESSAY IN HINDI

हेलो दोस्तों ! आज के आर्टिकल में हम महिला सशक्तिकरण पर निबंध लेकर आए हैं, इस लेख में हम महिला सशक्तिकरण का अर्थ, भारत में महिला सशक्तिकरण की आवश्यकता, आदि सभी विषयों पर चर्चा करेंगे, इस निबंध लेखन के माध्यम से सभी विद्यार्थी महिला सशक्तिकरण पर निबंध लिख सकते हैं।

महिला सशक्तिकरण के बारे में जानने से पहले हम सभी को सशक्तिकरण को समझना आवश्यक होता है , सशक्तिकरण किसी व्यक्ति की उपयोगिता को कहते हैं जो अपने जीवन से जुड़े सभी निर्णय स्वयं ले सके, महिला सशक्तिकरण के इस निबंध में हम महिलाओं की उस क्षमता के बारे में बात कर रहे हैं, जहां महिलाएं परिवार और समाज के सभी बंधनों से मुक्त होकर अपने निर्णय को खुद लेती हैं।

इस लेख से आपको समाज में महिलाओं की स्थिति और अधिकारों के बारे में जानकारी प्राप्त होगा, तो चलिए शुरू करते हैं।

WOMEN EMPOWERMENT ESSAY IN HINDI

महिला सशक्तिकरण पर निबंध 1

प्रस्तावना:-

पुराने समय से ही हमारे समाज में महिलाओं का विशेष स्थान रहा है, पौराणिक ग्रंथों में नारी को पूजनीय एवं देवी के तुल्य माना जाता है, अर्थात जहां नारी को प्रतिष्ठा व सम्मान दिया जाता है वहां देवता निवास करते हैं, महिलाओं के बिना परिवार, समाज तथा राष्ट्र प्रगति नहीं कर सकता, महिलाओं के प्रति भेदभाव और हीन भावना का त्याग करना चाहिए तथा महिलाओं को सम्मान देना चाहिए।

महिलाओं का स्थान:-

जिस समाज या घर में नारी का स्थान सम्मानजनक होता है, वह समाज या घर उतना ही अधिक प्रगतिशील और विकास करता है, हमारे परिवार और समाज के निर्माण में नारी का महत्वपूर्ण स्थान रहा है, जब समाज सशक्त और विकसित होता है तब ही राष्ट्र मजबूत होता है, इस तरह से एक सशक्त राष्ट्र के निर्माण में नारी का महत्वपूर्णभूमिका होता है, नारी समाज तथा देश की प्रगति में अपना महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

प्राचीन काल में नारी की स्थिति:-

भारतीय समाज में प्राचीन काल से ही नारी का स्थान बहुत ही सम्मानजनक रहा है, किंतु धीरे-धीरे नारी की स्थिति में बदलाव आने लगी और नारियों की स्थिति बहुत खराब हो गई, क्योंकि भारत में अंग्रेजी शासन चलता था जिसके कारण भारत के रीति-रिवाजों, मान्यताओं और समाज सुधार करनापड़ा, ब्रिटिश शासन काल में भारतीय नारियों की स्थिति में कोई विशेष सुधार नहीं आया, प्राचीन काल में महिलाओं को सम्मानजनक एवं पूजनीय माना जाता था।

मध्य काल में नारी की स्थिति:-

देश में हुए अनेकों आक्रमण के पश्चात भारत की नारियों की दशा में काफी परिवर्तन आने लगा, और नारी के विशिष्टता एवं समाज में स्थान हिन होता चला गया, तथा अंग्रेजों के शासन काल आने पर भारतीय नारियों की स्थिति बहुत खराब हो गई, और नारियों को अबला की संज्ञा दी जाने लगी जिसके कारण महिलाओं को अनेक प्रकार के समस्याओं का सामना करना पड़ा, आजादी के बाद सोचा गया था कि महिलाएं स्वतंत्र रूप से सांस ले सकेंगी तथा उत्पीड़न से मुक्त होंगी परंतु आजादी के बाद भी नारी की स्थिति को सुधारने के लिए बहुत प्रयास करना पड़ा, और फिर भी महिलाओं की स्थिति में सुधार नहीं हुआ क्योंकि हमारा भारत देश पुरुष प्रधान है जिसमें पुरुषों को महिलाओं की अपेक्षा अधिक सम्मान दिया जाता है,और वैदिक काल में महिलाओं के सशक्तिकरण की आवश्यकता महसूस हुई।

आजादी के बाद भारत में नारी की स्थिति:-

आजादी के बाद भी महिलाओं को परंपरा एवं रूढ़ियों की बेड़ियों में जकड़ा जाता है, महिलाओं को अबला समझा जाता है। हमारे भारत देश में विशेष रूप से निम्न जातियों की महिलाएं जैसे अनुसूचित जातियां, पिछड़ी जातियां, आदिवासी समुदाय की महिलाएं विशेष रूप से असुरक्षित है, महिलाओं के अशिक्षित होने के कारण ,निर्णय लेने की क्षमता ना होने के कारण महिलाओं को अत्यधिक हिंसा का सामना करना पड़ता है, इसलिए हमारे देश में महिला सशक्तिकरण की आवश्यकता पड़ी।

हमारे देश में महिला सशक्तिकरण विभिन्न पहलुओं पर निर्भर करता है जैसे भौगोलिक, सहरी, ग्रामीण स्तर, शिक्षा, जाति, आयु वर्ग इत्यादि भारत में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए राष्ट्रीय राज्य और स्थानीय स्तर पर बहुत से कानून कार्यक्रम संगठन मौजूद है जो महिलाओं को जागरूक करते हैं तथा उन्हें समाज से लड़ने के काबिल बना रहे हैं ताकि वे अपने और अपने परिवार, समाज तथा देश से जुड़ने के लिए खुद निर्णय ले सके।

महिलाएं अपने अधिकारों के लिए लड़ सके और अपने ऊपर हो रहे हिंसा पर रोक लगा सके।

भारत सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण को बल देने के लिए योजनाएं:-

अबला, जननी सुरक्षा योजना, सुकन्या समृद्धि योजना, लाडली योजना, बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ और तेजस्विनी जैसी कई योजनाओं का संचालन किया गया है। राज्य सरकारों के द्वारा भी महिला सशक्तिकरण के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं।

नारी सशक्तिकरण में होने वाली बाधाएं:-

भारत का समाज ऐसा समाज है जिसमें कई तरह के रीति रिवाज, मान्यताएं परंपराएं आदि शामिल है, कुछ परंपराएं महिला सशक्तिकरण के रास्ते में आने वाली सबसे बड़ी समस्या है, पुराने विचारधारा के कारण महिलाओं को उनके घर से बाहर जाने की इजाजत नहीं होती है, जिसके कारण महिलाओं का व्यापार करना तो दूर की बात है , वे उचित शिक्षाभी प्राप्त नहीं कर सकती हैं और इन सभी विचारधारा के कारण महिलाएं अपने आप को पुरुषों से कम समझती हैं।

नारी का उत्थान:-

वर्तमान युग में महिला सशक्तिकरण के लिए सभी लोगों तक संदेश जाना जरूरी है कि महिला सशक्तिकरणदेश के विकास के लिए एक अनिवार्य आवश्यकता बन चुका है, आज के युग में महिलाओं को सामाजिक, राजनैतिक, शारीरिक, मानसिक एवं आर्थिक क्षेत्र में उनके परिवार ,समुदाय ,समाज एवं राष्ट्र की सांस्कृतिक पृष्ठभूमि में निर्णय लेने की स्वतंत्रता प्रदान करने की आवश्यकता है।

नारी सशक्तिकरण को बढ़ावा:-

महिलाओं को सशक्त बनाए बिना हम मानवता को सशक्त नहीं बना सकते हैं, वात्सल्य, ममता, विनम्रता, सहनशीलता एवं संवेदना आदि नारी के वह गुण है जो मानवता को मजबूत रूप से सशक्त बना सकती है, इसके लिए महिलाओं का सम्मान और हर क्षेत्र में समान भागीदारी होना बहुत ही आवश्यक है।

महिलाओं पर अन्याय:-

महिलाओं को आज के आधुनिक युग में भी पुरुषों के समान अधिकार नहीं मिलता, क्योंकि जब किसी महिला का शादी होता है तो उसे पुरुषों के समान अधिकार नहीं दिया जाता जिसके कारण पुरुष महिला को अपनी संपत्ति मानता है और वह हमेशा उस महिला का अपमान करता है, महिला को मारता पीटता है, इसी प्रकार महिलाओं को रोजगार में भी पुरुषों के मुकाबले कम वेतन दिया जाता है, जिसका प्रमुख कारण है लिंग में भेदभाव करना अर्थात महिला और पुरुष को एक समान अधिकार ना देना।

महिला सशक्तिकरण में क्रांति:-

हम सभी महिलाओं के लिए महिला सशक्तिकरण बहुत ही आवश्यक है, महिला सशक्तिकरण के कारण महिला अपने निर्णय खुद ले सकती हैं और महिला को किसी भी पुरुष पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं पड़ती है, प्राचीन समय में महिलाओं पर बहुत अधिक अत्याचार किया जाता था लेकिन जैसे जैसे समय में परिवर्तन हो रहा है वैसे वैसे महिलाओं के सोच में भी बदलाव होता जा रहा है जिसके कारण महिलाओं को अपने ऊपर हो रहे अन्याय का एहसास होने लगा है, तथा उनके मन में इस अन्याय से स्वतंत्र होने की जागरूकता आ गई है।

भारत में महिला सशक्तिकरण:-

विश्व के सभी विकसित देशों में रहने वाली महिलाएं बहुत आगे बढ़ चुकी है, जहां पहले सिर्फ पुरुष हुआ करते थे वहां आज महिलाएं पुरुषों के समान कार्य कर रही हैं , लेकिन कुछ विकासशील देशों में आज भी महिला सशक्तिकरण की जरूरत है, जिसमें से हमारा भारत देश भी है जहां आज भी महिलाओं को पूर्ण रूप से सुरक्षा नहीं मिलता है और ना ही पूर्ण रूप से अधिकार प्राप्त होता है।

उपसंहार:-

महिला सशक्तिकरण आज के समय में सबसे बड़ा जरूरत है, क्योंकि सभी महिलाओं के लिए सशक्तिकरण की बहुत ही आवश्यकता है, महिलाओं में हो रही प्रगति भी देश के विकास के लिए बहुत आवश्यक है इसलिए देश के सभी क्षेत्रों में महिला सशक्तिकरण के प्रतिहम सभी को जागरूकता फैलाना चाहिए और इसके बारे में सभी महिलाओं को भी जागरूक करना चाहिए।

अगर आप video के मध्यम से निबंध की तयारी करना चाहते है तो निचे दी video को देखे

सम्बंदित निबंध : –

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